सोमवार, 27 जुलाई 2015

बांसवाड़ा.सोते परिवार पर गिरी दीवार, दो बच्चों की मौत



बांसवाड़ा.सोते परिवार पर गिरी दीवार, दो बच्चों की मौत



जिले में बारिश का कहर दिखलाई देने लगा है। भूंगड़ा थाना क्षेत्र में रविवार मध्य रात्रि घर में सोए एक परिवार पर कच्ची दीवार भरभराकर गिर गई। हादसे में मलबे तले दबने से एक बच्ची की मौके पर मौत हो गई, जबकि दूसरे बालक ने रात एक बजे महात्मा गांधी चिकित्सालय में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

हादसे में घायल पिता का उपचार जारी है। पुलिस के अनुसार हादसा रविवार रात करीब 12 बजे हु़आ, जब माही डेम के करीब बस्ती में मूसलाधार बारिश के दौरान रियाजुद्दीन खान पुत्र मकबूल तथा उसकी पत्नी व तीन वर्षीय पुत्र अयान खान व पांच साल की पुत्री अश्विरा खाना खाने के बाद सो गए।

इसी बीच, तेज बारिश के चलते कमजोर हो चुकी कच्चे मकान की मिट्टी की दीवार गिर गई। इससे चारों मलबे में दब गए। बच्चे और मकबूल अचेत होने से निकल ही नहीं पाए, जबकि उसकी पत्नी जैसे-तैसे निकली और दरवाजा खोलकर चिल्लाना शुरू किया। इस पर एकत्रित हुए ग्रामीणों ने परिवार को बाहर निकाला और बांसवाड़ा के एमजी चिकित्सालय लेकर आए।

बच्ची को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि अयान का उपचार शुरू किया गया। उसने भी देर रात दम तोड़ दिया। घटना पर भूंगड़ा थाना पुलिस ने सोमवार सुबह कार्रवाई की और पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपे।

रेल ट्रैक बंद ,तालाब में दो लड़के डूब गए

रेल ट्रैक बंद ,तालाब में दो लड़के डूब गए

माउंट आबू के ग्रामीण क्षेत्र ओरिया गांव के तालाब में दो लड़के डूब गए। इस सम्बन्ध में पता चलने ओरिया ग्रामीणों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दोनों को बचाया। इनमें से एक लड़के के हाथ की हड्डी टूट गई, जबकि दूसरे के सिर पर चोट लगी है। दोनों को माउंट आबू के ग्लोबल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।माउंट आबू में दो दिनों निरन्तर हो रही तेज बारिश से नक्की झील लबालब हो गई है और सोमवार को नक्की झील की चादर चल रही है। माउंट आबू शहर के अपर व लोअर कोदरा बांध में पानी की आवक शुरू हो गई है। पहाड़ी झरने व नाले उफान पर है और पर्यटक वेग से बहते झरनों का आंनद ले रहे हैं। रतनपुर व मालवाड़ा के पास रेल पटरी के निचे से रेती खिसकने से रेल ट्रैक बंद।

बाड़मेर के गुडामालानी सिणधरी में 11 इंच बारिश,बारिश जारी

बाड़मेर के गुडामालानी सिणधरी में 11 इंच बारिश,बारिश जारी 



बाड़मेर,बाड़मेर जिले में बारिश आफत बन गई है। कई गांव जलमग्न होने से बाढ़ जैसे हालात है तो कई गांवों कां संपर्क कट गया है। पिछले चौबीस घंटों में गुडामालानी सिणधरी में 11-11 इंच बारिश दर्ज की गई। सिणधरी में पानी के तेज बहाव में दो बालिकाओं के बह जाने से मौत हो गई, वहीं कई कच्चे मकान ढह गए। इधर गडरारोड के पास रेलवे लाइन के नीचे से मिट्टी निकल जाने से थार एक्सप्रेस भी देरी से चली है। सिणधरी गुडामालानी में नदी-नालों के साथ ही कई सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से गांवों का संपर्क टूट गया। पिछले 24 घंटों में कई गांव अंधेरे में है। बिजली के साथ ही गांवों में संचार व्यवस्था लड़खड़ा गई है। बारिश से पूरे जिले में जनजीवन अस्तव्यस्त हो चुका है।

ब्रेकिंग बाड़मेर पश्चिमी सरहद पर हाई अलर्ट सुरक्षा बल को सतर्क रहने को कहा

ब्रेकिंग बाड़मेर पश्चिमी सरहद पर हाई अलर्ट सुरक्षा बल को सतर्क रहने को कहा 



बाड़मेर गुरदासपुर में आंतकी हमले और पठानकोट में मिले  बाद गृह मंत्रालय ने राजस्थान की पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सरहद पर हाई अलर्ट घोषित कर सीमा सुरक्षा बल को सतर्क रहने के निर्देश दिए। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान जारी कर आंतकी हमलो के मद्दे नज़र पश्चिमी राजस्थान की पाकिस्तान से सटी सरहद पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए,इधर पाकिस्तान ने भी भारत पर गोलोबारी कर एक नागरिक की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया हैं 

900 लोगों को मारने वाले कुख्यात किलर की खौफनाक कहानी

900 लोगों को मारने वाले कुख्यात किलर की खौफनाक कहानी


 

मानवीय इतिहास में सीरियल किलिंग की घटनाएं काफी पुरानी हैं. 'सीरियल किलर' ठग बहराम से लेकर निठारी के 'नर पिशाच' सुरेंद्र कोली तक अनेकों नाम हमारे सामने हैं.   सीरियल किलिंग की घटनाओं पर एक सीरिज पेश कर रहा है. पहली कड़ी में हमने आपको बताया था कि सीरियल किलर कौन होता है? आज पढिए इतिहास के सबसे कुख्यात सीरियल किलर ठग बहराम के बारे में.




सीरियल किलर के रूप में ठग बहराम पूरी दुनिया में कुख्यात है. उसका जन्म 1765 में हुआ था. 50 वर्षों के समय में ठग उसने रुमाल के जरिए गला घोंटकर 900 से अधिक लोगों की हत्या की थी. उसको 75 वर्ष की उम्र में पकड़ लिया गया. 1840 में उसको फांसी की सजा दी गई.




तत्कालीन सरकार में ठगों और डकैतों पर काम करने वाले जेम्स पैटोन ने लिखा है कि बहराम ठग ने वाकई में 931 लोगों को मौत के घाट उतारा था. उसने उनके सामने ही इन हत्याओं के बारें में स्वीकार भी किया है.




उस समय के ठग आज के ठगों से अलग थे. वर्तमान में धोखाधड़ी करने वालों को ठग कहा जाता है, लेकिन उस समय ठग बहुत ही खूंखार प्रवृत्ति के होते थे. उनका एक गिरोह होता था, जो काफिलों में वेष बदलकर साथ लग जाता था. मौका देख कर लोगों की हत्या करके लूट लेता था.




पीले रुमाल से 900 लोगों का कत्ल

बताते हैं कि बहराम एक बार जिस रास्ते से गुजरता था, वहां लाशों की ढेर लग जाती थी. वह पीले रुमाल से लोगों की हत्या करता था. दिल्ली से लेकर ग्वालियर और जबलपुर तक उसका इस कदर खौफ हो गया था कि व्यापारियों ने रास्ता चलना बंद कर दिया था.