बाड़मेर: भारत के कड़े विरोध के बाद पाकिस्तान ने मंगलवार देर शाम बाड़मेर से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से भी कैमरे हटा लिए है। इससे पहले गत गुरूवार को सीमा सुरक्षा बल के विरोध के बाद पाकिस्तान ने जैसलमेर से लगी अंतरराष्ट्रीय के पास से कैमरे हटाने का काम शुरू कर दिया था।
सीमा सुरक्षा बल के बाड़मेर सेक्टर के उपमहानिरीक्षक प्रत्युल गौतम ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा बाड़मेर से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 150 से 500 मीटर के दायरे में 15 से 20 फुट की ऊंचाई पर करीब दस कैमरे 15 दिन पहले लगाए गए थे। सीमा सुरक्षा बल द्वारा इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पाकिस्तानी रेंजरों को विरोध पत्र सौंपा था।
गौतम ने बताया कि भारत के कड़े विरोध के बाद पाकिस्तान ने मंगलवार देर शाम बाड़मेर से लगती अंर्तराश्ट्रीय सीमा के पास से भी सभी कैमरों को हटा लिया है। गौरतलब है कि बीते सप्ताह भारत-पाकिस्तान के बीच संबध बहाली के प्रयासों के बीच राजस्थान की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा नियमों का उल्लंघन कर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का मामला सामने आया था।
सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान ने राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर से अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक दर्जनों कैमरे स्थापित किए थे, जबकि ऐसा करना नियमों का उल्लंघन है। नियमों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों और 500 मीटर के दायरे में ऐसी कोई भी गतिविधि प्रतिबंधित है।
माना जा रहा है कि उच्च तकनीक के इन कैमरों की मदद से पाकिस्तान भारतीय इलाके में सुरक्षा बलों की गतिविधियों और सुरक्षा प्रबंधों की जानकारी जुटाने में करता। सीमा सुरक्षा के उच्च आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह कैमरे एक से दो किलामीटर दूरी तक की जानकारी जुटा सकते थे। साथ ही इन कैमरों में सौर ऊर्जा आधारित बैटरी भी लगायी गयी है। यह पहला मौका नहीं था जब पाकिस्तान ने सीमा पर अंतरराष्ट्रीय सीमा नियमों का उल्लंघन किया हो। इससे पहले भी दोनों देशों के बीच थार एक्सप्रेस के रूप में रेल सेवा की शुरूआत के कुछ समय बाद ही अंतरराष्ट्रीय सीमा नियमों को धत्ता बताते हुए पाकिस्तान ने सीमा से महज कुछ मीटर की दूरी पर प्लेटफार्म का निर्माण किया था।
सूत्रों के अनुसार करीब दो माह पहले अप्रैल में पाकिस्तान द्वारा जैसलमेर जिले से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के 200 से 300 दूरी पर ‘यूएवी’ (मानव रहित विमान) की मदद से भारतीय सीमा की जासूसी करने का प्रयास किया गया था, जिस पर भी सीमा सुरक्षा बल ने कड़ा एतराज जताया था।
हुनर प्राप्त व्यक्ति भूखा नहीं रह सकता- जिला कलक्टर
युवा सरकारी नौकरियो के पीछे न भागेबाडमेर 15 जुलाई। डिग्री प्राप्त करते ही हर युवा की ईच्छा होती है कि उसे सरकारी नौकरी प्राप्त हो जाये लेकिन आज के प्रतिस्पर्घा के युग में सभी युवाओ को सरकारी नौकरी मिल पाना संभव नहीं है । इसलिये युवाओ को अपनी मानसिकता बदल कर अपनी रूचि के अनुसार व्यवसाय में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी कौशल क्षमता को बढाकर हाथ में हुनर लेकर रोजगार प्राप्त करे। यह उद्गार नेहरू युवा केन्द्र व आई0एल0एफ0एस के संयुक्त तत्वाधान में टाउन हाल में आयोजित विश्व युवा कौशल दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए जिला कलक्टर मधुसुदन शर्मा ने युवाओ के समक्ष प्रकट किये।जिला कलक्टर ने कहा कि हुनर प्राप्त व्यक्ति कभी भी भूखा नहीं रह सकता है। वह अपने कौशल के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर ही लेता है । उन्होने कहा कि युवाओ के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है जब कि उन्हें सरकार कौशल देने के लिए स्वर्णिम अवसर प्रदान कर रही है इसलिये जिले के युवा अधिक से अधिक कौशल देने वाली संस्थाओ जुड़कर अपने व देश के विकास में भागीदार बने।कार्यक्रम में बोलते हुए केयर्न के ए0पी0गौड ने युवाओ को देश की जानी मानी कई हस्तियो के बारे में बताते हुए कहा कि इनके पास डिग्री नहीं थी लेकिन उन्होने कौशल से समाज में अपनी अग्रणी भूमिका अदा की है। उन्होने युवाओ से कहा कि वे चाहते है कि भविष्य में आप कौशल ले कर मंच पर बैठे तथा अन्य लोग आप से प्रेरित होकर कार्य करे। उन्होने कहा कि बाड़मेर जिले के भी कई युवाओ ने कौशल प्राप्त कर अपना मुकाम हासिल किया है। प्रारंभ में अतिथियो को स्वागत करते हुए नेहरू युवा केन्द्र के जिला युवा समन्वयक ओमप्रकाश जोशी ने कहा कि आज का दिन युवाओ का दिन है तथा अब युवाओ के हाथ में हुनर होगा और हु नर उन्हे रोजगार दिलायेगा। उन्होने कहा किनेहरू युवा केन्द्र संगठन विश्व का सबसे बड़ा युवा संगठन है यह ग्राम ग्राम तक इस योजना के प्रचार प्रसार में अपनी अग्रणी भूमिका अदा कर युवाओ को कौशल केन्द्र से जोड़ने का कार्य करेगा।प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में आई0एल0एफ0एस के राजस्थान प्रभारी वेदप्रकाश गोयल ने युवाओ को विस्तार से जानकारी देते हुए इस योजना के तहत आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमो के बारे में भी बताया साथ ही उन्होने युवाओ को फिल्म प्रदर्शन के माध्यम से भी जानकारी दी। इसी कड़ी में आई0एल0एफ0एस0 की बाड़मेर प्रभारी शंपा ने अपने विचार व्यक्त किये।राजस्थान कौेशल एवं आजीविका विकास निगम के प्रबन्धक मुकेश राठौड़ ने स्लाईडस के माध्यम से युवाओ को प्रशिक्षण कार्यक्रमो के बारे में जानकारी दी।कार्यक्रम का संचालनकरते हुए राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्रोफेसर मुकेश पंचोरी ने युवाओ को सलाह दी कि वे सीनीयर करने से पूर्व ही यह तय कर ले कि उन्हे किस क्षेत्र में जाना है और वे युवा उसी क्षेत्र में कौशल प्रापत कर ले ताकि समय रहते अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। जिला प्रशासन , नगरपरिषद सहित सहयोगियो का जिन्होने आयोजन को सफल बनाने में मदद की उन सभी का नेहरू युवा केन्द्र की ओर से राजेन्द्र पुरोहित ने आभार व्यक्त किया। प्रारंभ में अतिथियो द्वारा युवाओ के प्रेरणा स्त्रौत स्वामी विवेकाद के समक्ष दीप प्रजवल्लन व माल्यापर्ण कर कार्यक्रम का आगाज किया। कार्यक्रम में 500 से भी अधिक युवाओ ने भाग लिया जिसमें नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े विभिन्न ग्रामीण युवा मंडलो के सदस्यो ने भी शिरकत की। युवाओ ने कौशल प्राप्त करने के भरे आवेदन और लिया परामर्शइस अवसर पर 500 से अधिक युवाओ जिनमें नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े ग्रामीण युवा मंडलो के सदस्य भी थे ने अपनी रूचि अनुसार व्यवसायो में प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु आवेदन भरकर प्रस्तुत किये तथा इन युवाओ ने रूरल रिसोर्च ,आर0सेठी,आर0एस0एल0डी0सी0,केयर्न,क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय बाड़मेर आदि संस्थाओ के विषय विशेषज्ञ उमा बिहारी, संध्या ठाकुर, ललित लोढा, भवानी ंिसंह,नानक, शान्तनु,मुकेश जैन, मदन, भटराज ने युवाओ को परामर्श दिया वही नेहरू युवा केन्द्र के राष्ट्रीय युवा कोर समूह के स्वंय सेवक तगाराम, भरतकुमार, सवाईराम, नरेन्द्र ंिसह, जुझारंिसह, कमलेश, शंेरसिंह, मनोज, कुमारी चनणी, सुरेश कुमार, सुमन, जैती, पार्वती ने युवाओ को आवेदन पत्र तैयार कराने में सहयोग किया।टाउन हाल में बैठकर युवाओ ने देखा विज्ञान भवन का कार्यक्रम- आयोजको द्वारा टाउन हाल में सेट अप बाक्स लगा कर युवाओ को 3.50 से विज्ञान भवन में शुरू हुए कार्यक्रम से युवाओ को सीधा जोड़ा गया युवाओ ने टाउन हाल में बैठकर प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ किये गये कौशल मिशन के कार्यक्रम सीधे देखा और ध्यानपूर्वक एकाग्रचित होकर उनका उद्बोधन सुना
धोरीमन्ना डॉक्टरों एव सुविधाओ की कमी से मरीज परेशान सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए तरह-तरह के प्रयास किये जाते हैं, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से यह सुविधा मरीजों को नहीं मिल पाती है. यही वजह है कि आये दिन अस्पतालों से छोटी-छोटी बीमारियों व दुर्घटनाओं मे मरीजों को तुरंत रेफर कर दिया जाता है. इतना ही नहीं अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं मे भी कटौती की जाती है. जिसे देखने वाला कोई नहीं होता। धोरीमन्ना। उपखंड क्षेत्र का बड़ा अस्पताल होने के बावजूद भी हालात बद से बदतर होते आ रहे हैं।धोरीमन्ना का राजकीय चिकित्सालय वर्तमान में वंचित खोखला बना हुआ है। जो सुविधा एक उपखंड स्तर के अस्पताल में होनी चाहिए ऐसी सुविधाए न तो अस्पताल को पा रही हैं एवं ना ही मरीजों को। लेकिन जब को इस अस्पताल के में भ्रमण करेंगे तो यहां मरीजों के फटे व गंदे बेड नजर आएंगे. जब किसी प्रशासनिक अधिकारी के औचक निरीक्षण की बात आती है, तो पूरा परिसर चकाचक रहता है, लेकिन आम दिनों में यहां आने वाला मरीज स्वस्थ्य होने के वजाय बीमार पड़ सकता है. मानें तो इतनी अस्पताल की हालत गंदी होती है कि मरीज स्वयं बैठना नहीं चाहता बड़ी बात यह की टेबलो के पास कचरा पेटी पर मच्छरों की फौज भर्मण करते नजर आती हैं। अपना खाया हुआ पान तम्बाकू थूकने में काम लेते हैं। दुर्गध आती है। साफ सफाई का नामो निशान ही नहीं हैं। उपखण्ड में सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भी ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि इलाज के लिए आज भी 70 फीसद मरीज सरकारी अस्पताल के बजाय निजी नर्सिग होम जाना पसंद करते हैं। वजह दवा, जांच व एक्सरे की सुविधा नहीं मिलना, गंदगी समेत अन्य कई कारण हैं। डॉक्टरों की कमी धोरीमन्ना तहसील के अंतगर्त करीबन 28 ग्राम पंचायते आती है। आसपास के गांवो की मरीज सुविधायों के लिए एवं अपनी हालात में सुधार के लिए स्थानीय अस्पताल में आते हैं। लकिन डॉक्टरों की कमी के कारण पूर्ण दिशा निर्देश नहीं मिल पाते एवं निराश होकर उन्हें पुनः घर का रुख करना पड़ता हैं। डॉक्टरों की कमी पिछले कई वर्षो से जस की तस बनी हुई है। उपखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल होने पर कम से कम पांच डॉक्टरों की नियुक्ति आवश्यक है। परन्तु एक चिकित्सक के हवाले पूरा चिकित्सालय किया गया हैं। बड़ी दुर्घटनाओँ में कोई नहीं सहाराआसपास के क्षेत्र में सड़क दुर्घटना घटित होने पर घायलों को सीधा राजकीय चिकित्सालय में लाया जाता है। परन्तु सुविधाओ के अभाव में उसको बिना उपचार किए ही आगे रेफर कर दिया जाता है। कई बार ऐसा भी हो चूका की घटना होने पर यहाँ लाया भी नहीं जाता हैं क्योकि सुविधांए नहीं है। पिछले वर्षो में ऐसी घटनाए घटित हो गई है जिसमे चिकित्सक या तो अनुपस्थित होते हैं या उनको जानकारी देने के पश्चात् भी देरी से पंहुचते हैं।। पर्याप्त सुविधाओं से वंचित राजकीय चिकित्सालय में साख सुविधाओं का नहीं मिल पाना सबसे बड़ी गंभीर समस्या है। क्षेत्र के बड़े बड़े हॉस्पिटल के नाम से जाना जाने वाला यह अस्पताल उन सुविधाओँ से वंचित है जो प्रत्येक छोटे हॉस्पिटल में होना जरुरी है। एक्स-रे मशीन, सोनोग्राफी मशीन जैसी सुविधा नही है। वही लेबोरेटरी तो है परन्तु वह ना होने जैसी स्थिति मे है। उपखण्ड क्षेत्र पर आये अस्पताल मे ब्लड बैंक की भी सुविधा नही है। वही 108 एम्बुलेंस का सही स्थिति मे नही पाया जाना शर्मनाक बात है। राज्य सरकार द्वारा मुफ्त की दवाईयॉ मिलने के बावजूद बाहरी मेडिकलो की दवाईयॉ पर्ची पर लिखी जाती है। क्षेत्र की गरीब जनता को मेडिकलो की दवाईयॉ लेने पर आर्थिक रूप से मार झेलनी पडती है। मरीजो द्वारा मेडिकल से दवाई लेने के बारे मे पूछा भी जाता है। पार्किग की अनुपलब्धताहॉस्पीटल मे पार्किग की सुविधा नही होने के कारण दुपहिया एवं बडे वाहन अस्त-व्यस्त तरीके से खडे कर दिये जाते है जिसके कारण मरीजो को आने जाने मे असुविधा रहती है। कभी बडी दुर्घटना होने पर मरीज को अस्पताल के अंदर तक ले जाना बहुत बडी दुविधा बन जाती है। छोटी दुर्घटनाए समय रहते बन जाती है भयावहक्षेत्र की छोटी घटनाए भी समय पर उपचार प्राप्त नही होने पर बडी बन जाती है जिससे घायलो को अपनी जान खोनी पडती है। प्राथमिक उपचार भी समय पर प्राप्त नही होने से घायल की हालात मे समय रहते सुधार नही आ पाता वही आगे रैफर करने मे देरी होने से व्यक्ति अपनी जान गवां देता है। किसी का आम मे झुलस जाना, जहर का खा लेना, पानी मे डुब जाना, सडक दुर्घटना का होना इत्यादि जैसे मामलो मे शीघ्र उपचार नही मिलने से खतरा बना रहता है। एम्बुलेन्स से पूर्व पहुचते है समाजसेवीसर्वप्रथम तो हॉस्पीटल की 108 एम्बुलेन्स कभी भी ठीक नही मिलती। या तो डीजल नही होता या फिर खराब ही पडी मिलती है। वही सडक दुर्घटना घटित होने पर मौके स्थल पर एम्बुलेन्स से पहले समाजसेवी अपनी गाड़िया लेकर पहुंचते है। समाजसेवी अपनी बिना परवाह किए स्वयं के वाहनो मे घालयो को लेकर अस्पताल पहुचते है। उसके भी घंटो बाद एम्बुलेन्स मौके पर आती है तब तक पूरा कार्य समाजसेवियो द्वारा हो जाता है। ग्रामीणो की मांगधोरीमन्ना क्षेत्र के ग्रामीणो की मांग को देखा जाए तो यहॉ कम से कम 5 चिकित्सक लगाना आवश्यक है जिसमे एक स्त्री चिकित्सक होनी चाहिये। कभी एक-दो डॉक्टर के अनुपस्थित रहने के कारण अन्य डॉक्टर स्थिति के संभाले लेवे। अगर समय रहते चिकित्सकों की नियुक्ति की जाती हैं तो क्षेत्र के लोगों के लिए इस समस्या जैसी स्थिति साबित हो सकेगी। अस्पताल के प्रबंधक और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा भी इस दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं करने से अस्पताल की स्थिति दिनप्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। इनका कहना। सूचना का अधिकार 2005 के तहत राजकीय चिकित्सालयो का करना होगा कायाकल्प। सरकार द्वारा राजकीय चिकत्सालयों में आमजन को प्रदत्त मूलभूत सुविधाओं को अविलंब व् सुचारू रूप से उपयोग करने के लिए इसकी वर्तमान की अवांशित भ्रान्तियों से पीछा छूडाना होगा जो सूचना के अधिकार से सम्भव है। तथापि हम सब को आगे आना होगा सूचना के अधिकार का उपयोग होने लगे तो कई समस्याओं का स्वत: ही समाधान हो सकता है। "अभिनव राजस्थान" बानने के लिए आमजन को अपने क्षेत्र में इस समस्या को हल करने के लिए आगे आयें ताकि हम उन समस्याओं को हल कर सकें जो सार्थक हैं। आरटीआई कार्यकर्ता प्रकाशचंद बिश्नोई (धोरीमन्ना)
जैसलमेर अधिकारी ग्रामीणों की समस्या का निस्तारण त्वरित गति से करें- उषा सुरेन्द्रसिंह पंचायत समिति सम सभागार में आयोजित साधारण सभा की बैठक प्रधान श्रीमती उषा सुरेन्द्रसिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में विकास अधिकारी लादूराम विष्नोई द्वारा गत बैठक की कार्यवाही का पठन कर उपस्थित जनप्रतिनियों से अनुमोदन चाहा गया जिसे सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया। प्रधान उषा सुरेन्द्रसिंह ने उपस्थित विभागों के अधिकारियों केा ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों से प्राप्त होने वाली समस्याओं का निस्तारण त्वरित गति से करने एवं जहाॅ तक संभव हो यथा समय निस्तारण करने के निर्देष दिये। श्रीमती उषा सुरेन्द्रसिंह ने चिकित्सा विभाग द्वारा एएनएम की प्रतिनियुक्ति पर नाराजगी जताई एवं सम ब्लाॅक में की गई एएनएम की प्रतिनियुक्तियां तत्काल निरस्त कर मूल पदस्थापन स्थान पर उपस्थिति देने , एएनएम के पद रिक्त होने पर वैकल्पिक व्यवस्था एवं जहाॅ पर निःषुल्क दवाईयां उपलब्ध नहीं है, शीघ्र भिजवाने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी केा निर्देष दिये। साधारण सभा में पंचायत समिति सदस्य रामचन्द्रसिंह ने जन स्वास्थ्य अभियंात्रिकी विभाग के अधिकारियों को स्वीकृत नलकूपों को शीघ्र पूर्ण करनें एवं पेयजल आपूर्ति सुचारू करनें का कहा गया। बैठक में पंचायत समिति सदस्य निहालखां, मालमसिंह, धनष्याम, नेमाराम, हलकी, श्रीमती किषनकंवर, श्रीमती सुआदेवी, भवानीषंकर के अतिरिक्त सरपंच आईदानराम नरसिंगों की ढाणी, खीमाराम तेजमालता, गोविन्द भार्गव रामगढ, चतुर्भुज कनोई, मोहनदान रामा, गोरधनसिंह कुण्डा, बलवंतसिंह मूलाना, भैरूलाल देवडा, रेवंतसिंह म्याजलार, श्रीमती राजबाला पूनमनगर ने पानी, बिजली, चिकित्सा, सडक एवं अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी सदन को करवाई एवं उनके निस्तारण की मांग रखी। जिला प्रमुख श्रीमती अंजना मेघवाल एवं प्रधान श्रीमती उषा सुरेन्द्रसिंह ने पेयजल की समस्या का स्थाई निवारण करने हेतु जलदाय विभाग केा प्रस्ताव तेैयार कर राज्य सरकार को भिजवाने हेतु कहा गया। श्रीमती उषा सुरेन्द्रसिंह ने जलदाय विभाग केा विद्यालय में निर्मित पानी के टांकों में पेयजल उपलब्ध करवाने एवं जो टांके पाईप लाइन से नहीं जुडंे है उन्हें जल्द जोडने की कार्यवाही कर स्थायी निवारण करने का कहा गया। बैठक में अनुपस्थित रहे विभाग के अधिकारी यथा भू-जल, उपनिवेषन, परिवहन, उद्योग, रसद इत्यादि पर नाराजगी जताई एवं जिला कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार केा लिखे जाने का कहा गया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलदेवसिंह उज्ज्वल ने विभिन्न योजनाओं केा महानरेगा से कन्वर्जेन्स की जानकारी एवं दिनांक 23.08.2015 को जिला मुख्यालय पर आयोजित निःषक्तजन हेतु षिविर में उपस्थिति जनप्रतिनिधियों से ग्रामीण क्षेत्र से निःषक्तजनों केा सरकारी योजनाओं लाभ लेने हेतु आवष्यक सहयोग करने एवं उक्त षिविर की जानकारी ग्रामीण क्षेत्र में करने हेतु अनुरोध किया गया। उनके द्वारा जलग्रहण परियोजनाओं की अवषेष रही उपसमितियों के गठन की जानकारी ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक स्तर पर करवाकर ग्राम सभा का आयोजन करने के निर्देष विकास अधिकारी एवं अधि0 अभि0 आईडब्ल्यूएमपी केा दिये। साधारण सभा में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ पंचायत समिति सम क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
जैसलमेर डायरी कचहरी परिसर से आज के सरकारी समाचार हाई रिस्क प्रेगनेंसी पर कुशल मंगल कार्यक्रम के जरिए माॅनीटरिंग जैसलमेर, 15 जुलाई। राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए कुशल मंगल कार्यक्रम के जरिए संभावित हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली प्रसूताओ के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखते हुए समुचित उपचार किया जाएगा। सीएचएचओ डाॅ एनआर नायक ने बताया कि मातृ मृत्यु दर को कम करने व सुरक्षित मातृत्व की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से कुशल मंगल कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। कार्यक्रम के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं में होने वाली जटिलता का समय पर चिन्हीकरण, समय पर रैफरल, टेªकिंग एवं फाॅलोअप कर उपयुक्त चिन्हित चिकित्सा संस्थान पर संस्थागत प्रसव करवाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। इससे उनकी गर्भावस्था व प्रसव काल को सुरक्षित बनाया जा सकेगा। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर हाई रिस्क प्रेगनेन्सी (एचआरपी) के चिन्हीकरण, उपचार एवं फाॅलोअप के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। एएनएम द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीयन 12 सप्ताह के भीतर किये जाने के प्रयास किए जाएंगे। एएनएम अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं का समय पर पंजीयन कर प्रसव पूर्व जांच कर प्रसव की जटिलताओं की जांच करेगी। प्रसव पूर्व जांच के दौरान जटिलता पाए जाने के समय से लेकर प्रसव के 42 घंटे पश्चात् तक चिन्हित गर्भवती महिला के रिकाॅर्ड का संधारण हाॅईरिस्क प्रेगनेन्सी रजिस्टर में इन्द्राज कर लाईन लिस्टिंग की जाएगी। डाॅ नायक ने बताया कि कुशल मंगल कार्यक्रम के सफल एवं सुचारू संचालन के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी जिला प्रजनन एवं षिषु स्वास्थ्य अधिकारी को एवं ब्लाॅक स्तर पर खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। डाॅ नायक ने बताया कि चिन्हित हाई रिस्क गर्भवती महिला की सभी आवश्यक प्रसव पूर्व जांचें, उपचार तथा नियमित फाॅलोअप किया जायेगा। चिन्हित हाॅई रिस्क गर्भवती महिला को प्रसव होने तक एवं प्रसव पश्चात् चिकित्सक द्वारा दी गई सलाह अनुसार जांच, उपचार करवाने एवं माह में एक बार आयोजित होने वाले सुरक्षित मातृत्व दिवस पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से विशेष जांचें एवं उपचार प्राप्त करने के लिए एएनएम द्वारा प्रेरित करते हुए फाॅलोअप किया जाऐगा। चिन्हित हाॅई रिस्क गर्भवती महिला का चिकित्सा संस्थान में संस्थागत प्रसव करवाने के लिए संबंधित क्षेत्र की 104 जननी एक्सप्रेस अथवा 108 एम्बुलेस उपलब्ध करवाई जाएगी। चिन्हित हाॅई रिस्क गर्भवती महिला के प्रसव उपरान्त प्रसूता एवं नवजात शिषु को आशा द्वारा एचबीपीएनसी सेवाओं के साथ एएनएम द्वारा भी 7, 28 एवं 42 दिवस पर विशेष फाॅलोअप किया जायेगा जिसकी माॅनिटरिंग संबंधित चिकित्सा संस्थान के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी द्वारा व्यक्तिशः की जावेगी। फाॅलोअप के दौरान किसी भी तरह के खतरे व लक्षण मिलने पर उपयुक्त चिकित्सा संस्थान पर उपचार एवं प्रबन्धन के लिए तुरन्त रैफर किया जाएगा। ---बैठक 20 जुलाई को जैसलमेर, 15 जुलाई। सडकों पर बिजली, पानी, टेलीफोन की लाईनों को लगाने एवं हटाने की स्वीकृति के लिए गठित समिति की बैठक 20 जुलाई को सवेरे 11 बजे होगी। एडीएम भागीरथ शर्मा ने बताया कि कलक्टर विश्वमोहन शर्मा की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। ---जन्म-मृत्यु पंजीकरण संबंधी बैठक 20 को जैसलमेर, 15 जुलाई। जन्म-मृत्यु पंजीकरण संबंधी कार्यों के समन्वय के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक 20 जुलाई को शाम पांच बजे जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित होगी। जिला रजिस्ट्रार डाॅ बृजलाल मीना ने बताया कि बैठक में पंजीकरण गतिविधियों की समीक्षा सहित विभिन्न मसलों पर चर्चा की जाएगी। --सीईओ रहेंगे नोडल अधिकारीजैसलमेर, 15 जुलाई। जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने जिले में 23 अगस्त को होने वाली बुनियादी साक्षरता मूल्यांकन परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। --