जयपुरबीएड-एमएड की फीस 150 फीसदी बढ़ी
अध्यापक बनने का सपना संजोए अभ्यर्थियों को 150 प्रतिशत राशि ज्यादा खर्च करनी होगी। कुछ समय पहले राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षण परिषद और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बीएड, बीपीएड, शिक्षा शास्त्री, एमएड और शिक्षाचार्य पाठ्यक्रम की अवधि एक वर्ष से बढ़ा कर दो साल की है। वहीं अब राज्य सरकार ने इन पाठ्यक्रमों का शुल्क बढ़ा दिया है।
इजाफा इसी सत्र से
सोमवार को शासन सचिवालय में फीस निर्धारण समिति की बैठक में शिक्षक पाठ्यक्रमों की फीस करीब 150 फीसदी तक बढ़ाने पर सहमति बनी। वृद्धि सिर्फ सत्र 2015-16 के लिए ही होगी। आगे शुल्क वृद्धि नए सिरे से तय की जाएगी। वर्ष 2007 के बाद यह बढ़ोतरी हुई है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने शिक्षण कॉलेजों से फीस निर्धारण के लिए ऑडिटेड बैंलेस शीट मंगाई थी।
पर कुछ ही कॉलेजों ने यह भेजी। लिहाजा राज्य सरकार ने और इंतजार करने के बजाय शैक्षणिक सत्र 2015-16 के लिए यह वृद्धि कर दी है। प्रवेश के लिए हुई पीटीईटी और पीएसएसटी समेत अन्य परीक्षाओं के परिणाम आए, एक महीने से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन सरकार की ओर से फीस निर्धारण नहीं होने के कारण अभी तक काउंसलिंग का काम अटका हुआ है। प्रदेश के करीब 1000 शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में इस कारण नया सत्र शुरू नहीं हो पाया है।
ऐसे समझें हिसाब
एक वर्षीय बीएड की फीस 22400 रुपए थी। शत प्रतिशत वृद्धि तो दो वर्षीय पाठ्यक्रम होते ही हो गई। फिर सरकार ने 20 फीसदी वृद्धि और कर दी। अत: अब अभ्यर्थियों को 54000 रुपए देने होंगे। तुलनात्मक आधार पर इसमें 140 प्रतिशत वृद्धि आंकी गई है। पहले परीक्षा शुल्क 8000 था। अब 16 हजार हो गया। इस तरह कुल फीस करीब 150 फीसदी बढ़ेगी।