नई दिल्ली। पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी द्वारा अपने नौकरों को पीटे जाने और एक नौकरानी की हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान मामले में एक गवाह ने सोमवार को यहां अदालत में बताया कि जागृति दरवाजे के ताले, लोहे की छड़ों और लातों से मारती थी। उसने बताया कि वह उनके शरीर को लोहे की गर्म छड़ों से भी दागती थीं।
नौकरानी को यातना के मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में गवाही देते हुए 19 वर्षीय रामपाल ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित बंसल को बताया कि धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह को जल्दी गुस्सा आ जाता था। उसने बताया कि वह छोटी-छोटी बातों पर उसे और अन्य दो घरेलू नौकरों को बुरी तरह से पीटती थीं।
उसने बताया कि उनके घर पर काम करते समय उसे किसी भी प्रकार का मेहनताना नहीं दिया जाता था। अदालत बहुजन समाज पार्टी के नेता के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई कर रही थी। उनके ऊपर अपनी नौकरानी को प्रताडि़त करने और उसकी हत्या के मामले में सबूत मिटाने का मामला चल रहा है। उनकी पत्नी जागृति सिंह पर नौकरानी की हत्या का मामला चल रहा है।
रामपाल ने बताया कि उसने सांसद के दक्षिणी दिल्ली स्थित घर में दिसंबर 2012 से काम करना शुरू किया था और उसे इसके लिए मेहनताने के रूप में एक रुपया भी नहीं दिया गया। उसने बताया कि उसी घर में मीना नाम की एक घरेलू सहायिका भी काम करती थी। वहीं राखी उसके काम पर जाने के तीन-चार महीने बाद काम पर आई थी।
गवाह ने अदालत को बताया कि एक अप्रेल 2013 को राखी को खाना बनाने में देरी हो गई थी, जिसके बाद जागृति ने उसकी पिटाई की और उसके बाल काट दिए। उसी दिन जागृति ने उसके (रामपाल) गुप्तांगों में मुक्का और लात मारी।
उसने बताया कि उस दिन के बाद से वह हम तीनों नौकरों को छोटी-छोटी बातों पर हिरण के सींग, लकड़ी की छड़ों से मारा करती थीं और नाखूनों से हमारे चेहरों पर नोचा करती थीं। वह हमारा गला भी दबा दिया करती थीं और यहां तक कि वे हमारे मुंह में ताला डाल दिया करती थीं, जिसके कारण मेरे होठों में चोट आ गई।
रामपाल ने अदालत को बताया कि जब खून निकलने लगा तो, जागृति ने कहा कि खून देखकर दया नहीं आती है, जाओ खून साफ करके आओ। उसने बताया कि जागृति ने एक बार लोहे की छड़ से उसके सिर पर वार किया था। नौकरानी की मौत से 15-20 दिन पहले जागृित से उसे पेट में लोहे की छड़ से दागा था।
रामपाल ने हालांकि अदालत में बताया कि धनंजय सिंह ने उसे नहीं पीटा। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई तक टाल दी है। धनंजय सिंह के खिलाफ केवल सबूतों को मिटाने के आरोप चल रहा है। अन्य सभी आरोपों से अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है।
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