रविवार, 12 जुलाई 2015

कुचेरा 34 घण्टे रखा हिरासत में!



कुचेरा 34 घण्टे रखा हिरासत में!


एक तरफ पुलिस आमजन में विश्वास और अपराधियों में डर का नारा लगा रही है। वहीं दूसरी तरफ कुचेरा पुलिस का दूसरा ही रुप सामने आया है। कस्बे की एक मेडिकल स्टोर पर बुधवार रात्रि में हुई चोरी के बाद ताले खुले होने की जानकारी देना एक युवक को इस कदर भारी पड़ा कि पुलिस ने उसे थाने ले जाकर बेरहमी से पीटा ओर 34 घण्टे तक हिरासत में रखा। बेरहमी से पिटाई के कारण युवक की जांघों पर नीले निशान पड़ गए। गौरतलब है कि इस दुकान में 8 जुलाई की रात्रि डेढ लाख की चोरी हुई थी।

कस्बे के निवासी नवीन पुत्र चम्पालाल दर्जी ने आरोप लगाया कि कि उसका भाई विनोद गत 8 जुलाई की रात्रि में बस स्टैंड पर उसे बुलाने के लिए घर से आ रहा था। रास्ते में उसनेे कमल जैन की मेडिकल की दुकान का ताला टूटा हुआ देखा। इस पर उसने इसकी सूचना दुकान मालिक को फोन पर दी। सूचना पर थोड़ी देर में दुकान मालिक व पुलिस मौके पर पहुंच गई।

पुलिस ने विनोद को ही शक के आधार पर पकड़कर थाने ले गई और वहां उसके साथ बेरहमी से पिटाई की। पीडि़त विनोद ने आरोप लगाया कि थाने ले जाने के बाद उसके पैरों में कमीज से लकड़ी बांधकर जांघ, पिछवाड़े व हाथों पैरों पर बेल्ट व डण्डों से पिटाई की गई। उसके द्वारा बार-बार बेकसूर होने की मिन्नतें करने के बावजूद उसके साथ बेरहमी से पिटाई होती रही, जिससे हाथ पैर सूज गए व जांघों व पिछवाड़े पर निशान बन गए।

शुक्रवार दोपहर बाद हिरासत से छोड़ा

पूर्व पार्षद बाबूलाल रिणवां ने बताया कि वह एवं विनोद के परिजन उसे छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे तो एक बार थानाधिकारी ने उसे चोर बताते हुए छोडऩे से मना कर दिया, मगर दोपहर बाद उसे छोड़ दिया गया। तब वह हाथ पैर सूजे होने से वह चलने में असमर्थ था।

मेडिकल के लिए टरकाया

शनिवार को उसे मेडिकल के लिए कुचेरा के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, मगर वहां भी चिकित्सक ने थानेदार को पूछने के बाद मेडिकल करने की बात कहकर उन्हें टरका दिया। मेडिकल करवाने पहुंचे विनोद के साथ कस्बे से दुकानदार व वैन चालक भी चिकित्सालय पहुंच गए और मेडिकल की मांग की।

पीडि़त रह चुका है मुनीम

विनोद ने बताया कि वह पिछले कई सालों से इसी दुकान पर मुनीम रह चुका है और तीन चार दिन पहले ही दुकान छोड़ी है। ताले खुले देखे तो उसने अपना कर्तव्य मानते हुए दुकानदार को फोन कर जानकारी दी, जिस पर उसने उसे वहीं रुकने की बात कही।

तो कौन देगा सूचना

चोरी की सूचना देने वाले युवक की केवल शक के आधार पर बेरहमी से पिटाई करने वाली पुलिस को कोई घटना या वारदात होने पर कौन सूचना देगा, जबकि पुलिस को पुख्ता भी नहीं था कि विनोद ने चोरी की है।

नहीं थाने में ऐसा कुछ नहीं हुआ

थाने में इस तरह की कोई बात नहीं हुई है। युवक को किसने पीटा, उन्हें सूचना नहीं है। पुलिस को मेडिकल दुकान के मालिक ने चोरी की सूचना दी थी। हमने किसी को हिरासत में नहीं रखा।

मनोज माचरा, थानाधिकारी, कुचेरा

पेरोल से फरार बंदी को गिरफ्तार कर जेल भेजा

पेरोल से फरार बंदी को गिरफ्तार कर जेल भेजा

बीकानेर केन्द्रीय कारागृह से बीस दिन की पेरोल पर गए बंदी सुरेन्द्र उर्फ सुन्दर जाट को बीछवाल पुलिस ने गिरफ्तार कर वापस जेल भिजवाया है।

एसएचओ महेन्द्र दत्त शर्मा ने बताया कि सुरेन्द्र को जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर पांच से 24 मई तक बीस दिन के पेरोल पर एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत लेकर छोड़ा गया था।

वह नोखा में झाड़ेली गांव का है। आदेश के अनुसार उसे 25 मई को हाजिर होना था लेकिन न आने पर जेल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी।

पुलिस ने रोजनामचे में रपट डाल कर अदालत से वारंट जारी कराए।

शुक्रवार को उसे गांव से गिरफ्तार किया और शनिवार को वापस जेल में भिजवाया। सुरेन्द्र दस साल के कारावास की सजा भुगत रहा है।

कुछ करने की लगन ने दिलाया गोल्ड मेडल दृष्टिहीन छात्र अक्षय सुराणा

कुछ करने की लगन ने दिलाया गोल्ड मेडल  दृष्टिहीन छात्र अक्षय सुराणा


कुछ कर गुजरने की चाहत हो, तो तमाम बाधाएं छोटी पड़ जाती हैं, मजबूरियां भी नतमस्तक हो जाती हैं। कुछ एेसा ही उदाहरण पेश किया है शास्त्री नगर निवासी दृष्टिहीन छात्र अक्षय सुराणा ने। इन्होंने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से एमए की परीक्षा में टॉप किया है। अक्षय को विवि की ओर से गोल्ड मेडल दिया जाएगा। संस्कृत विषय से एमए करने वाले अक्षय को फाइनल परीक्षा में 79.11 प्रतिशत अंक मिले।

जन्म के कुछ दिन बाद सामने आई समस्या

अक्षय के पिता दिलीप ने बताया कि अक्षय के जन्म के कुछ दिन बाद ही एक आंख में दिक्कत आ गई थी, जो ठीक नहीं हो सकती थी। दूसरी आंख भी जन्म के 6 महीने बाद खराब हो गई और वे देख पाने में पूरी तरह असमर्थ हो गए। दिलीप कहते हैं कि इस असमर्थता के बाद भी उसने नेत्रहीन विकास संस्थान में पढ़ते हुए 10वीं में 80 और 12वीं में 78 फीसदी अंक प्राप्त किए।

एेसे की तैयारी

पत्रिका से बातचीत में अक्षय ने बताया कि उन्होंने पूरे कोर्स को अपने मित्रों की सहायता से ऑडियो टेप में रिकॉर्ड करवाया था। जेएनवीयू के उनके कुछ सीनियर्स ने भी उन्हें ऑडियो नोट्स उपलब्ध करवाए थे, जिसे सुनकर परीक्षा की तैयारी की। अक्षय कहते हैं कि नियमित अध्ययन की वजह से ही उन्हें इतना अच्छा परिणाम मिला।

माता-पिता व गुरुजन का मिला पूरा सहयोग

अपनी सफलता का श्रेय अक्षय अपने माता-पिता और गुरुजन को देते हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने हमेशा मेरा साथ दिया और मनोबल बढ़ाया। उन्हीं के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से मैं यह मुकाम हासिल कर पाया हूं।

पढ़ाई के लिए ली छुट्टी

पेशे से सैकंड ग्रेड शिक्षक अक्षय ने एमए की पढ़ाई के लिए छुट्टी लेकर क्लासेज ली। दिसम्बर 2014 में हुई राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में भी उन्होंने सफलता हासिल की है। अब वे पीएचडी करने की तैयारी कर रहे हैं। अपनी सफलता से लोगों के लिए प्रेरणा बने अक्षय ने शहर के विद्यार्थियों को कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन का संदेश दिया।

डूंगरपुर पत्नी की गला दबाकर हत्या



डूंगरपुर पत्नी की गला दबाकर हत्या


सदर थाना क्षेत्र के सरकण कोपचा गांव में शुक्रवार देर रात आपसी विवाद एवं तकरार के दौरान एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की गला दबा उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपित पति को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के अनुसार सरकण कोपचा निवासी नाथू पुत्र नाना रोत तथा पत्नी शारदा (40) के बीच शुक्रवार रात करीब दस बजे पारिवारिक कारणों को लेकर विवाद एवं तकरार शुरू हुई। नाथू ने शारदा से मारपीट शुरू कर दी। पुत्र राकेश, पुत्री ममता, समूड़ी, राणीसा तथा मुन्ना ने बीच-बचाव किया, लेकिन नाथू ने शारदा का गला दबा दिया। इससे वह अचेत होकर गिर पड़ी एवं उसकी मौत हो गई।

बच्चों के चिल्लाने पर गांव के हक्सी रोत, कांति रोत व अन्य लोग वहां पहुंचे तथा उन्होंने शारदा को अचेत पड़ा देखा। वे रात करीब दो बजे पूर्व सरपंच रामलाल रोत के घर पहुंचे और घटनाक्रम से अवगत कराया। रामलाल उनके साथ नाथू के घर पहुंचा। वहां शारदा मृत पड़ी थी। उसके गले पर रगड़ व खरोंच के निशान थे। उन्होंने बच्चों से घटना की जानकारी ली।

रामलाल ने तड़के करीब चार बजे सदर पुलिस को सूचना दी। इस पर उप निरीक्षक लक्ष्मण कुमार, हैड कांस्टेबल बालकृष्ण पाटीदार, कांस्टेबल हजारीलाल व रमणलाल मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मौका मुआयना किया। शव को सामान्य चिकित्सालय के मुर्दाघर पहुंचाया। मृतका के पीहर पक्ष धनकावाड़ा, केसरियाजी सूचना दी गई। शनिवार सुबह पीहर पक्ष के लोग सदर थाने पर पहुंचे तथा घटना की जानकारी ली। मृतका को पति की ओर से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया।

दोनों पक्ष एकत्र

सुबह करीब नौ बजे मुर्दाघर पर मृतका के ससुराल व पीहर पक्ष के लोग एकत्र हो गए। पीहर पक्ष की महिलाएं मृतका को याद कर विलाप कर रही थी। पुलिस उपाधीक्षक माधोसिंह सोढ़ा, सदर थाना प्रभारी विनोद कुमार ने मृतका के पीहर पक्ष के लोगों को आश्वस्त किया कि इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आरोपित पति को हिरासत में ले लिया है।

मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम

सदर पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंपा। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया मृतका की मौत गला दबा देने तथा तिल्ली फटने से होना सामने आया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद पूरी तरह से वस्तुस्थिति सामने आ पाएगी।

बच्चे हुए अनाथ

इस घटना में जहां बच्चों से उनकी मां छिन गई, वहीं हत्या के आरोप में पिता भी गिरफ्तार हो गया। उनके सिर से माता -पिता का हाथ उठ गया। दंपती के एक पुत्र व छह पुत्रियां हैं। एक पुत्री महज एक वर्ष की है। ग्रामीणों में इसी बात की चिंता थी कि बच्चों को कौन संभालेगा तथा परवरिश कैसे होगी।

विष्णु जी ने शिव को क्यों अर्पित कर दिया था अपना नेत्र?





भगवान की कृपा का दूसरा नाम ही वरदान है। जिस पर उनकी कृपा होती है उसके जीवन में आने वाले शूल भी फूल बन जाते हैं। पुराणों में भगवान के वरदान से संबंधित अनेक कथाएं हैं जो एक भक्त का अपने भगवान पर भरोसा और मजबूत करती हैं।
shiva
सभी देवों में शिवजी सबसे शीघ्र प्रसन्न होने वाले, दयालु और वरदानी हैं। एक बार भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए विष्णुजी ने भी तपस्या की और उन्हें अपना नेत्र तक शिव को भेंट करना पड़ा।बहुत प्राचीन काल की बात है। सृष्टि में दैत्यों का आतंक बहुत बढ़ गया था। तब सभी देवताओं ने उनकी दुष्ट प्रवृत्तियों का अंत करने के लिए विष्णुजी से प्रार्थना की। विष्णुजी देवताओं की करुण पुकार सुनकर कैलाश पर्वत गए। वहां वे शिवजी को यह समस्या बताना चाहते थे।
shiva
शिव की प्रसन्नता के लिए विष्णुजी ने हजार नामों से उनकी स्तुति प्रारंभ की। वे हर नाम पर एक कमल शिव को प्रस्तुत करते रहे। इस बीच शिवजी ने विष्णुजी की परीक्षा के लिए एक पुष्प छिपा दिया। जब अंतिम नाम पर विष्णुजी ने पुष्प चढ़ाना चाहा तो उन्हें वह नहीं मिला। जो सत्य, न्याय, धर्म और जगत के कल्याण के लिए महान त्याग करता है, भगवान भोलेनाथ उस पर कृपा जरूर करते हैं।