रविवार, 12 जुलाई 2015

कुछ करने की लगन ने दिलाया गोल्ड मेडल दृष्टिहीन छात्र अक्षय सुराणा

कुछ करने की लगन ने दिलाया गोल्ड मेडल  दृष्टिहीन छात्र अक्षय सुराणा


कुछ कर गुजरने की चाहत हो, तो तमाम बाधाएं छोटी पड़ जाती हैं, मजबूरियां भी नतमस्तक हो जाती हैं। कुछ एेसा ही उदाहरण पेश किया है शास्त्री नगर निवासी दृष्टिहीन छात्र अक्षय सुराणा ने। इन्होंने जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से एमए की परीक्षा में टॉप किया है। अक्षय को विवि की ओर से गोल्ड मेडल दिया जाएगा। संस्कृत विषय से एमए करने वाले अक्षय को फाइनल परीक्षा में 79.11 प्रतिशत अंक मिले।

जन्म के कुछ दिन बाद सामने आई समस्या

अक्षय के पिता दिलीप ने बताया कि अक्षय के जन्म के कुछ दिन बाद ही एक आंख में दिक्कत आ गई थी, जो ठीक नहीं हो सकती थी। दूसरी आंख भी जन्म के 6 महीने बाद खराब हो गई और वे देख पाने में पूरी तरह असमर्थ हो गए। दिलीप कहते हैं कि इस असमर्थता के बाद भी उसने नेत्रहीन विकास संस्थान में पढ़ते हुए 10वीं में 80 और 12वीं में 78 फीसदी अंक प्राप्त किए।

एेसे की तैयारी

पत्रिका से बातचीत में अक्षय ने बताया कि उन्होंने पूरे कोर्स को अपने मित्रों की सहायता से ऑडियो टेप में रिकॉर्ड करवाया था। जेएनवीयू के उनके कुछ सीनियर्स ने भी उन्हें ऑडियो नोट्स उपलब्ध करवाए थे, जिसे सुनकर परीक्षा की तैयारी की। अक्षय कहते हैं कि नियमित अध्ययन की वजह से ही उन्हें इतना अच्छा परिणाम मिला।

माता-पिता व गुरुजन का मिला पूरा सहयोग

अपनी सफलता का श्रेय अक्षय अपने माता-पिता और गुरुजन को देते हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने हमेशा मेरा साथ दिया और मनोबल बढ़ाया। उन्हीं के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से मैं यह मुकाम हासिल कर पाया हूं।

पढ़ाई के लिए ली छुट्टी

पेशे से सैकंड ग्रेड शिक्षक अक्षय ने एमए की पढ़ाई के लिए छुट्टी लेकर क्लासेज ली। दिसम्बर 2014 में हुई राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में भी उन्होंने सफलता हासिल की है। अब वे पीएचडी करने की तैयारी कर रहे हैं। अपनी सफलता से लोगों के लिए प्रेरणा बने अक्षय ने शहर के विद्यार्थियों को कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन का संदेश दिया।

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