चार जिलों में कैमरे लगाने का काम
बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर सीमा पर भारतीय सीमा चौकियों के ठीक सामने कैमरे लगाए जाने का काम जोरों पर है। कैमरे लगाने के लिए पाक ने 15-15 फीट ऊंचे पोल भी लगाए हैं। वहीँ कुछ कैमरे झाड़ियों में लगाए हैं।
चीनी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर सीमा पर भारतीय सीमा चौकियों के ठीक सामने कैमरे लगाए जाने का काम जोरों पर है। कैमरे लगाने के लिए पाक ने 15-15 फीट ऊंचे पोल भी लगाए हैं। वहीँ कुछ कैमरे झाड़ियों में लगाए हैं।
चीनी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
बॉर्डर पर जो कैमरे लगाए गए हैं, उनमें चीनी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। पोल पर सोलर पैनल भी साथ लगे हैं, इससे इन्हें बिजली की सप्लाई हो जाती है। कैमरे की रेंज करीब एक किमी से ज्यादा बताई जा रही है। ज्यादातर कैमरे पॉकेट्स में लगाए गए हैं।
पहले यूएवी और अब कैमरे
पहले यूएवी और अब कैमरे
सीमा पर घुसपैठ पाकिस्तान की ओर से ही होती है। फिर भी पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कैमरे लगाए हैं। इससे पहले अप्रैल में पाक सेना ने यूएवी (मानव रहित विमान) से रात में रैकी की थी। यूएवी को जीरो लाइन के पास 300 से 500 मी. की ऊंचाई पर उड़ाया गया था।
ये हैं नियम : नियमानुसार सीमा के दोनों तरफ 500-500 मीटर तक कैमरे या अन्य ऐसे उपकरण इस्तेमाल नहीं किए जा सकते।
ये हैं नियम : नियमानुसार सीमा के दोनों तरफ 500-500 मीटर तक कैमरे या अन्य ऐसे उपकरण इस्तेमाल नहीं किए जा सकते।
पश्चिमी सीमा पर कई स्थानों पर इंटरनेशनल बॉर्डर के पास पाकिस्तान ने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। भारत की ओर से बीएसएफ ने इस पर कड़ा एतराज जताया है। अब बड़े स्तर पर ये मामला उठाया जाएगा। -रवि गांधी, प्रवक्ता व डीआईजी, बीएसएफ राजस्थान सीमांत