शनिवार, 11 जुलाई 2015

हमारी जासूसी कर रहा है पाकिस्तान, राजस्थान बॉर्डर पर लगाए कैमरे




इंटरनेशनल रूल्स को तोड़ते हुए पाकिस्तान भारतीय सीमा की जासूसी करने के लिए पश्चिमी बॉर्डर पर सीसीटीवी कैमरे लगा रहा है। विरोध के बावजूद पाक ने इंटरनेशनल बॉर्डर से 200-300 मी. की दूरी पर ही कैमरे लगा दिए हैं। बीएसएफ ने पाक रेंजर्स से इसका कड़ा विरोध जताया है। आने वाले दिनों में डीआईजी या आईजी स्तर की बैठक में यह मामला उठाया जाएगा।
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर झाड़ियों के बीच लगे इस कैमरे से जासूसी करता है पाकिस्तान
चार जिलों में कैमरे लगाने का काम
बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर सीमा पर भारतीय सीमा चौकियों के ठीक सामने कैमरे लगाए जाने का काम जोरों पर है। कैमरे लगाने के लिए पाक ने 15-15 फीट ऊंचे पोल भी लगाए हैं। वहीँ कुछ कैमरे झाड़ियों में लगाए हैं।
चीनी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

पाकिस्तान ने रैकी के लिए पोल पर कैमरे लगाए(लाल घेरे में कैमरे)

बॉर्डर पर जो कैमरे लगाए गए हैं, उनमें चीनी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। पोल पर सोलर पैनल भी साथ लगे हैं, इससे इन्हें बिजली की सप्लाई हो जाती है। कैमरे की रेंज करीब एक किमी से ज्यादा बताई जा रही है। ज्यादातर कैमरे पॉकेट्स में लगाए गए हैं।
पहले यूएवी और अब कैमरे
पाकिस्तान ने पोल पर कैमरे लगा रखे हैं, जो सोलर पैनल के जरिए चलते हैं.

सीमा पर घुसपैठ पाकिस्तान की ओर से ही होती है। फिर भी पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कैमरे लगाए हैं। इससे पहले अप्रैल में पाक सेना ने यूएवी (मानव रहित विमान) से रात में रैकी की थी। यूएवी को जीरो लाइन के पास 300 से 500 मी. की ऊंचाई पर उड़ाया गया था।
ये हैं नियम : नियमानुसार सीमा के दोनों तरफ 500-500 मीटर तक कैमरे या अन्य ऐसे उपकरण इस्तेमाल नहीं किए जा सकते।
झाड़ियों के बीच लगा कैमरा (लाल घेरे में)
पश्चिमी सीमा पर कई स्थानों पर इंटरनेशनल बॉर्डर के पास पाकिस्तान ने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। भारत की ओर से बीएसएफ ने इस पर कड़ा एतराज जताया है। अब बड़े स्तर पर ये मामला उठाया जाएगा। -रवि गांधी, प्रवक्ता व डीआईजी, बीएसएफ राजस्थान सीमांत

लखनऊ।आसाराम मामले के मुख्य गवाह को मारी गोली, अस्पताल में भर्ती



लखनऊ।आसाराम मामले के मुख्य गवाह को मारी गोली, अस्पताल में भर्ती


यौन उत्पीडऩ के आरोप मेें जेल में बंद आसाराम बापू मामले के मुख्य गवाह कृपाल सिंह पर जानलेवा हमला हुआ है। कृपाल सिंह को शाहजहांपुर के पुवाया रोड स्थित पेट्रेाल पंप के पास अज्ञात बदमाशों ने शक्रवार रात गोली मार दी।

गंभीर हालत में उसे बरेली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वारदात के पीछे आसाराम के गुर्गों का हाथ होने का अंदेशा जताया जा रहा है। शाहजहांपुर के सदर बाजार क्षेत्र के गदियाना निवासी कृपाल आसाराम प्रकरण के मुख्य गवाह हैं।

शुक्रवार रात करीब आठ बजे बाइक से कुछ सामान खरीदने बाजार गए थे। पुवायां रोड पर बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कृपाल सिंह को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया,जहां से उन्हें बरेली रेफर कर दिया गया।

बताया जाता है कि रीढ़ की हड्डी पर गोली लगने से कृपाल के दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया है। वहीं स्थानीय पुलिस को अंदेशा है कि ये काम आसाराम के गुर्गों का है। लिहाजा पुलिस ने आरोपियों की धर-पकड़ के लिए टीमें गठित की हैं।

गौरतलब है कि आसाराम और उनके पुत्र नारायण साईं के मामलों से जुड़े नौ लोगों पर जानलेवा हमले हो चुके हैं। इनमें दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।

बताया जा रहा है कि जानलेवा हमले के शिकार हुए मुख्य गवाह कृपाल सिंह ने करीब 14 साल पहले पीडि़त किशोरी के पिता के साथ ही दीक्षा ली थी।

जब दुष्कर्म का मामला सामने आया तो उन्होंने अपने परिवार समेत आसाराम का बहिष्कार कर दिया। इससे पहले भी कृपाल सिंह को गवाही से मुकरने के लिए पहले रुपयों का प्रलोभन दिया गया। जब उन्होंने मना कर दिया तो उन्हे कई बार फोन पर जान से मारने की धमकियां दी गईं।

जयपुर 21 आरएएस सेवानिवृत्ति बाद बने आईएएस



जयपुर 21 आरएएस सेवानिवृत्ति बाद बने आईएएस


राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के 21 अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में पदोन्नति दी गई है। इस पदोन्नति से इन अधिकारियों को पेंशन व अन्य लाभ आईएएस के अनुसार ही मिलेंगे।

केन्द्र सरकार की ओर से 31 दिसम्बर 2012 को जारी अधिसूचना के अनुसार वर्ष 1996-97 से वष्ाü 2011 तक की अवधि के 75 आरएएस में से 47 को आईएएस में पदोन्नति कर नियुक्ति दी गई थी। इनमें से 28 अधिकारियों के सेवानिवृत्त हो जाने के कारण नियुक्ति आदेश नहीं दिए गए थे।

केन्द्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट के आदेश के बाद केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय और राज्य के कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेशों के अनुसार 21 सेवानिवृत्त आरएएस को वर्ष 1996-97 से वष्ाü 2001 की अवधि में नोशनल नियुक्ति दी है। सूत्रों के मुताबिक इस नियुक्ति आदेश से वर्ष 2002 से वर्ष 2011 तक की अवधि में आईएएस बोर्ड आने की बाधाएं समाप्त हो गई है।

कार्मिक विभाग के मुताबिक 21 में से दो अधिकारियों की मृत्यु हो चुकी है। शेष 19 में मदन लाल जैन, सी.बी. शर्मा, डी.के. विजय, रामनिवास मीणा, भंवर सिंह चारण, निर्मल कुमार जैन, नरेन्द्र नाथ चतुर्वेदी, अमर चन्द शर्मा, एच.पी. बरबड़, मोतीलाल गुप्ता, केवल कुमार गुप्ता, मनमथ कुमार जुगल किशोर बंसल, गजेन्द्र सिंह, बद्रीलाल मीणा, आर.बी. परमार, सी.आर. चौधरी, किशन गोपाल अग्रवाल और सी.एम. खत्री शामिल हैं।

88 लाख का सोना लाते दबोचे गए छह गुजराती

88 लाख का सोना लाते दबोचे गए छह गुजराती

मुंबई। मुंबई एयरपोर्ट पर दुबई से तस्करी का सोने लाने वाले छह जनों को गुरुवार को कस्टम अधिकारियों ने धरदबोचा। इनके पास से कस्टम विभाग ने करीब 88 लाख 35 हजार कीमत का सोना जब्त किया। बताया जा रहा है कि यह सभी सूरत के निवासी हैं।

सूत्रों के अनुसार मुंबई एयरपोर्ट के कस्टम अधिकारियों ने पूर्व सूचना के आधार पर दुबई से मुंबई आने वाली इन्डिगो फ्लाइट पर नजर रखी। फ्लाइट पहुंचते ही कस्टम अधिकारियों ने कुछ शंकास्पद लोगों की जांच की।

जांच में जिग्नेश शाह, हेमा जिग्नेश शाह, पद्मा बेन शाह, अश्वीन गोंडलिया, अलका गोंडलिया, अस्मिता थेसिया के पास से तस्करी का सोना मिला। इन्होंने अंत:वस्त्रों में विशेष तौर पर बनाए गए पॉकेट के अंदर सोना छुपा रखा था।

विभाग ने इनसे 300 ग्राम वाली दो सोने की बिस्किट सहित करीब 88 लाख 35 हजार कीमत का 3600 ग्राम सोना जब्त किया। पूरे मामले में अस्वस्थ बताई जा रही 70 वर्षीय पद्मा बेन शाह ने व्हील चेयर में भी बड़ी होशियारी से सोना छुपा रखा था।

शदमान से भी करीब 66 लाख का सोना मिला

ऐसे ही अन्य मामले में मुंबई कस्टम अधिकारियों ने दुबई से वाया मस्कत होकर मुंबई आने वाले शदमान महेबूब शेख नामक शख्स की जांच की। उसके पास से करीब 65 लाख 80 हजार का सोना मिलने पर गिरफ्तार कर लिया गया।

दुष्कर्म के आरोप में दो भाइयों सहित तीन को बीस-बीस वर्ष कारावास

दुष्कर्म के आरोप में दो भाइयों सहित तीन को बीस-बीस वर्ष कारावास

श्रीगंगानगर विवाहिता से दुराचार के जुर्म में तीन जनों को अदालत ने बीस-बीस साल कठोर कारावास और बीस-बीस हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। यह निर्णय गुरुवार को कार्यवाहक विशेष अपर न्यायाधीश (महिला उत्पीडऩ एवं दहेज प्रकरण) राम सुरेश प्रसाद ने सुनाया।

विशिष्ट लोक अभियोजक परमजीत कौर गुजराल ने बताया कि पदमपुर पुलिस ने डेलवां 4 डीडी गांव निवासी ओंकार सिंह उर्फ बगलू पुत्र दर्शन सिंह, उसके सगे भाई सतपाल उर्फ सती और निन्द्र सिंह पुत्र बंतासिंह को एक विवाहिता से दुराचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। पदमपुर क्षेत्र भट्टे पर काम करने वाली एक महिला ने 5 जनवरी 2014 को मामला दर्ज कराया था। इसमें बतया गया कि उसके ननदोई 3 जनवरी 2014 को पदमपुर हॉस्पिटल में भर्ती थे, उनकी देखभाल के लिए पति हॉस्पिटल चले गए। पीछे उसके भाई के अलावा ननद घर पर थी। रात करीब साढ़े आठ बजे उनके रिश्तेदारी में लगने वाला भाई आेंकार सिंह अपनी कार पर घर आया और बोला कि पति ने हॉस्पिीटल में बुलाया है। उसकी बातों में आकर वह कार में बैठकर रवाना हो गई। लेकिन डेलवां गांव के पास रास्ते में कार रुकी तो वहां सतपाल और निन्द्रसिंह भी कार में सवार हो गए। पदमपुर आने से पहले तीनों में से किसी ने उसे नशीली दवाई सुंघा दी, जिससे वह बेहोश हो गई। चार जनवरी की सुबह करीब छह बजे जब उसे होश आया तो वह सरसों के खेत में नग्न अवस्था में थी और पास में ओंकार सिंह बैठा हुआ था। इन तीनों ने दिनभर उससे दुराचार किया। शाम को किसी तरह उसने घर लौट पति को आपबीती सुनाई।

अदालत के बाहर फफक पड़ेे

अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए भादंसं की धारा 376 डी में बीस-बीस साल कठोर कारावास व बीस-बीस हजार रुपए जुर्माना, धारा 366 में दस-दस साल कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इस निर्णय के बाद गुरुवार शाम पांच बजे जैसे ही तीनों दोषी बाहर आए तो वहां उनके परिजन खड़े मिले। परिजनों से मिलकर तीनों फफक पड़े। लेकिन पुलिस कर्मियों ने उसी समय तीनों दोषियों को जेल में पहुंचा दिया।