दुष्कर्म के आरोप में दो भाइयों सहित तीन को बीस-बीस वर्ष कारावास
श्रीगंगानगर विवाहिता से दुराचार के जुर्म में तीन जनों को अदालत ने बीस-बीस साल कठोर कारावास और बीस-बीस हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। यह निर्णय गुरुवार को कार्यवाहक विशेष अपर न्यायाधीश (महिला उत्पीडऩ एवं दहेज प्रकरण) राम सुरेश प्रसाद ने सुनाया।
विशिष्ट लोक अभियोजक परमजीत कौर गुजराल ने बताया कि पदमपुर पुलिस ने डेलवां 4 डीडी गांव निवासी ओंकार सिंह उर्फ बगलू पुत्र दर्शन सिंह, उसके सगे भाई सतपाल उर्फ सती और निन्द्र सिंह पुत्र बंतासिंह को एक विवाहिता से दुराचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। पदमपुर क्षेत्र भट्टे पर काम करने वाली एक महिला ने 5 जनवरी 2014 को मामला दर्ज कराया था। इसमें बतया गया कि उसके ननदोई 3 जनवरी 2014 को पदमपुर हॉस्पिटल में भर्ती थे, उनकी देखभाल के लिए पति हॉस्पिटल चले गए। पीछे उसके भाई के अलावा ननद घर पर थी। रात करीब साढ़े आठ बजे उनके रिश्तेदारी में लगने वाला भाई आेंकार सिंह अपनी कार पर घर आया और बोला कि पति ने हॉस्पिीटल में बुलाया है। उसकी बातों में आकर वह कार में बैठकर रवाना हो गई। लेकिन डेलवां गांव के पास रास्ते में कार रुकी तो वहां सतपाल और निन्द्रसिंह भी कार में सवार हो गए। पदमपुर आने से पहले तीनों में से किसी ने उसे नशीली दवाई सुंघा दी, जिससे वह बेहोश हो गई। चार जनवरी की सुबह करीब छह बजे जब उसे होश आया तो वह सरसों के खेत में नग्न अवस्था में थी और पास में ओंकार सिंह बैठा हुआ था। इन तीनों ने दिनभर उससे दुराचार किया। शाम को किसी तरह उसने घर लौट पति को आपबीती सुनाई।
अदालत के बाहर फफक पड़ेे
अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए भादंसं की धारा 376 डी में बीस-बीस साल कठोर कारावास व बीस-बीस हजार रुपए जुर्माना, धारा 366 में दस-दस साल कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इस निर्णय के बाद गुरुवार शाम पांच बजे जैसे ही तीनों दोषी बाहर आए तो वहां उनके परिजन खड़े मिले। परिजनों से मिलकर तीनों फफक पड़े। लेकिन पुलिस कर्मियों ने उसी समय तीनों दोषियों को जेल में पहुंचा दिया।
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