शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

संघर्ष समिति ने सोनिया गांधी को लिखा ख़त, कहा- चिंतन शिविर में राजस्थानी हो प्रमुख मुद्दा, सरकार का वक्तव्य दिलाया याद

राजस्थानी को मिले मान्यता
संघर्ष समिति ने सोनिया गांधी को लिखा ख़त, कहा- चिंतन शिविर में राजस्थानी हो प्रमुख मुद्दा, सरकार का वक्तव्य दिलाया याद


जयपुर. अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के माध्यम से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम पत्र भेजकर राजस्थानी भाषा को शीघ्र संवैधानिक मान्यता देने की मांग की है।
समिति के प्रदेश अध्यक्ष के.सी. मालू व महामंत्री डॉ. राजेन्द्र बारहठ ने सरकार को राज्य विधानसभा के 25 अगस्त 2003 के सर्व सम्मत संकल्प के साथ-साथ लोकसभा में 17 दिसंबर 2006 को तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का वह वक्तव्य भी याद दिलाया है जिसमें सांसद गिरधारीलाल भार्गव, रासासिंह रावत व डॉ. कर्णसिंह यादव के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि बजट सत्र 2007 में राजस्थानी एवं भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता हेतु सरकार कृत संकल्प है।
समिति ने चिंतन शिविर में राजस्थानी के सवाल को राज्य का प्रमुख मुद्दा बनाने की मांग करते हुए कहा है कि राजस्थान के बालकों को अपनी मातृभाषा में पढऩे का अधिकार, राज्य के युवाओं को देश के अन्य प्रदेशों यथा यूपी, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र आदि की भांति आईएएस, रेलवे, केन्द्रीय सेवा, टेट, राज्य प्रशासनिक सेवाओं, एडीजे व अन्य राज्य सेवाओं में अपनी मातृभाषा के प्रश्र पत्र व माध्यम का अधिकार, राज्य के प्रतिनिधियों को संसद व राज्य विधानसभा में अपनी मातृभाषा राजस्थानी में शपथ लेने व भाषण देने का अधिकार, राजस्थान वासियों को अपनी भाषा में राज करने व सरकारी योजनाओं की जानकारी हासिल करने के अधिकार तथा राजस्थानी लोक कलाकारों, फिल्मकारों, साहित्यकारों आदि को संरक्षण दिए जाने से ही जयपुर में चिंतन शिविर करने की सार्थकता सिद्ध होगी।
प्रेषक- डॉ. सत्यनारायण सोनी, प्रदेश मंत्री, अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति

युवक की मौत पर फूटा आक्रोश

युवक की मौत पर फूटा आक्रोश

जैसलमेर। जैसलमेर जिले मे एक युवक की संदिग्ध मौत के मामले ने बुधवार को तूल पकड़ लिया। गुस्साए लोगो ने सड़क पर पत्थर लगाकर युवक का शव लेकर आ रही एंबुलेस "108" का रास्ता रोक दिया और एंबुलेस से शव लेने से इनकार कर दिया। लोगो ने आरोप लगाया कि युवक की मौत एक सुनियोजित हत्या का मामला है, लेकिन उसे हादसा बताने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ ही देर मे एंबुलेस के पास भीड़ जमा हो गई और गुस्साए लोगों ने शहर कोतवाली के समक्ष जमकर प्रदर्शन किया। लोगों ने रास्ता भी जाम किया और दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही नहीं होने दी गई। इस दौरान सड़क के दोनो ओर वाहनो की कतार लग गई।

ऎहतियात के तौर पर कोतवाली के आगे पुलिस जाब्ता मंगाया गया। मौके पर पुलिस उपाधीक्षक शायरसिंह व शहर कोतवाल वीरेन्द्रसिंह जोधा भी मौजूद थे। उन्होने समझाइश की कि इस संबंध मे रिपोर्ट पेश करें, कार्रवाई जरूर होगी। इससे पूर्व बइया क्षेत्र के युवक सुन्दरराम को गंभीर हालत मे जैसलमेर के जवाहर अस्पताल लाया गया, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए एंबुलेंस 108 से जोधपुर रैफर किया गया, लेकिन मार्ग मे ही उसकी मौत हो गई।

पीडित पक्ष के लोगो का आरोप है कि संुदराराम की सोची-समझी साजिश के तहत हत्या की गई है, लेकिन कहानी यह बनाई जा रही है कि वह शिकार के लिए कुछ लोगो के साथ गाड़ी मे गया और वहां दुर्भाग्यवश बंदूक का ट्रेगर दबने से उसे गोली लग गई। उन्होने आरोप लगाया कि यह सब कहानी मामले से ध्यान हटाने के लिए बनाई जा रही है। उन्होने मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की।

हत्या का मामला दर्ज
मामले को लेकर मचे बवाल के बाद सम पुलिस थाना मे हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार गैनाराम पुत्र रामराम राणा राजपूत निवासी खुहड़ी ने रिपोर्ट पेश कर आरोप लगाया कि मंगलवार रात्रि करीब साढ़े बारह बजे सम हल्का के चानणे की बस्ती के पास उसका भानजा सुन्दरराम पुत्र रूपाराम निवासी बईया स्कार्पियो वाहन में जा रहा था। गाड़ी में सवार सोभारे खां, दिलबर खां, नवाब खां, अल्ले खां, शौकत खां निवासी सगरों की बस्ती ने गोली मार दी।

जानकारी मिलने पर जब वह जैसलमेर पहुंचा तो रात्रि में करीब 2 बजे जवाहर अस्पताल में भांजे को बेहोशी हालत में देखा। उसके बांये कंधे के पास गोली लगने से उसकी हालत नाजुक होने से उसे जैसलमेर से जोधपुर रैफर किया गया। बालेसर के पास उसके भांजे सुन्दरराम की मृत्यु हो गई। रिपोर्ट पर पुलिस थाना सम में हत्या का मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच खुहड़ी थानाधिकारी किशोरसिंह को सुपुर्द की गई है।