मंगलवार, 1 जनवरी 2013

तीन बच्चों की हत्या के आरोप में युवक गिरफ्तार

रायगढ़।। समाज में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के लिए कुछ लोग अक्सर आधुनिकता और पश्चिमी सोच को जिम्मेदार बताने लगते हैं मगर एक युवक ने धार्मिकता के चक्कर में तीन मासूस बच्चों को गला घोंटकर मार डाला। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की पुलिस ने तीन बच्चों की हत्या के आरोप में युवक को गिरफ्तार किया है। युवक के मुताबिक, देवी के कहने पर उसने तीनों बच्चों की हत्या की है।MURDER
रायगढ़ जिले के एसपी आनंद छाबड़ा ने बताया कि रायगढ़ के लैलुंगा क्षेत्र के गहना झरिया गांव में तीन बच्चों मोहित यादव(04), दीपक यादव(04)और निर्मल यादव(05) की हत्या के आरोप में पड़ोस के ही युवक जयपाल यादव(22) को गिरफ्तार किया गया है।

छाबड़ा ने बताया कि दिसंबर महीने की 17, 18 और 25 तारीख को गहना झरिया गांव से तीन बच्चे मोहित, दीपक और निर्मल गायब हो गए थे। जिसकी सूचना बच्चों के परिजनों ने पुलिस को दी थी। पुलिस जब बच्चों की खोजबीन कर रही थी तब 29 दिसंबर को गांव के करीब के जंगल में दीपक का शव बरामद किया गया था।
उन्होंने बताया कि बच्ची का शव मिलने के बाद पुलिस ने हत्यारे की तलाश तेज कर दी थी। मंगलवार को जब गांव का ही जयपाल यादव गांव की बच्ची भारती(03) को अगवा कर अपने साथ लेकर जा रहा था तब ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने भारती को छुड़ाकर जब जयपाल से पूछताछ शुरू की तब उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। जयपाल की निशानदेही पर पुलिस ने खेत से मोहित का शव बरामद कर लिया है।

जयपाल ने पुलिस को बताया कि उसे देवी ने सपने में बच्चों की हत्या का आदेश दिया था। इसके बाद उसने बच्चों की गला दबाकर हत्या कर दी थी और शवों को छिपा दिया था।

जयपाल ने निर्मला का शव कहां छिपाया है इस बारे में जानकारी नहीं मिली है। छाबड़ा ने बताया कि पुलिस लगातार जयपाल से पूछताछ कर रही है। हत्यारे के जवाब से लग रहा है कि वह मानसिक रोगी है और यही वजह है कि उसने बच्चों की हत्या कर दी है। पुलिस ने जयपाल को बच्चों को अगवा कर उनकी हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।

"नाम उजागर करने में हर्ज क्या"

"नाम उजागर करने में हर्ज क्या"
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। ताजा विवाद उनके दिल्ली गैंगरेप पीडिता के नाम को उजागर किए जाने संबंधी विचार और उसके परिवार को लेकर किए गए टि्वट से पैदा हुआ है। थरूर का कहना है कि लड़की एक इंसान थीं कोई सांकेतिक चिह्न भर नहीं।

थरूर ने सोशल नेटवकिंüग साइट टि्वटर के जरिए कहा है कि बलात्कार पीडिता का नाम छिपाए रखने से आखिर क्या हासिल हो रहा है। टि्वटर पर गाहे बगाहे अपनी राय रखने वाले थरूर ने अपने पहले टि्वट में कहा कि "आखिर दिल्ली बलात्कार पीडित की पहचान छिपाए रखकर क्या हासिल होगा। क्यों न उसका नाम बताकर उनका एक वास्तविक व्यक्ति की तरह सम्मान किया जाए,जिसकी अपनी पहचान है। इस टि्वट पर विवाद की आशंका के कुछ देर बाद ही थरूर ने अगले टि्वट में उसके परिवार का उल्लेख किया। टि्वट में कहा कि अगर उनके माता-पिता को आपत्ति नहीं करते हैं तो उस लड़की का सम्मान किया जाना चाहिए। इसके अलावा बलात्कार के कानून में जो बदलाव होने हैं उसके बाद नए कानून का नाम उसी के नाम पर रखा जाना चाहिए।

मालूम हो कि बलात्कार के मामले में भारतीय कानून के मुताबिक किसी भी तरह से पीडिता का नाम उजागर करने पर प्रतिबंध है। ऎसा करना अपराध की श्रेणी में माना गया है। इसके बावजूद सोशल नेटवर्किंग साइट्स और कई अन्य साधनों के जरिए पीडिता कि वास्तविक पहचान उजागर करने की कोशिशें जारी हैं। मीडिया में पीडिता को "दामिनी" और "निर्भया" जैसे काल्पनिक नाम दिए जा रहे हैं।