रविवार, 11 नवंबर 2018

*मानवेन्द्र सिंह भँवर जितेंद्र सिंह की राजनीतिक मन्त्रणा,टिकटों को लेकर

*मानवेन्द्र सिंह भँवर जितेंद्र सिंह की राजनीतिक मन्त्रणा,टिकटों को लेकर*

*दिल्ली स्थित मानवेन्द्र सिंह के आवास पर आक कांग्रेस के दिग्गज भँवर जितेंद्र सिंह पहुंचे।।मानवेन्द्र सिंह के साथ लम्बी राजनीति मन्त्रणा हुई जिसमें पश्चिमी राजस्थान को टिकटो पर भी व्यापक चर्चा हुई।।किसान नेता  केसर सिंह राठौड़,हुकम अजित सिंह, भी मौजूद थे।।इस मन्त्रणा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।।भँवर जितेंद्र सिंह राहुल गांधी के सबसे विश्वसनीय है।।*

बाड़मेर जेसलमेर बगावत से सहमे दोनो दलों में कई नामो पर पेचीदगियां,अंतिम समय मे करेंगे घोषित*




*बाड़मेर जेसलमेर बगावत से  सहमे दोनो दलों में कई नामो पर पेचीदगियां,अंतिम समय मे करेंगे घोषित*

*भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनो दल बगावत की आशंका से सहमे हुए है।इसी डर से बाड़मेर जेसलमेर की सीट पर प्रत्यासियो को लेकर अंतिम निर्णय नही हो रहा।।बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा क्षेत्र में अमीन खान और शम्मा खान में दावेदारी को लेकर कांटे की टक्कर है।।इनमें से किसी एक को मिलनी है टिकट।।दूसरे दावेदार से कांग्रेस को बगावत का खतरा।।शिव में हनुमान बेनिवल की पार्टी से उदाराम मेघवाल मैदान में है जो कांग्रेस के परंपरागत जाट दलित वोट का ध्रुवीकरण करेंगे।।बाड़मेर विधानसभा में कहने को वर्तमान विधायक मेवाराम जैन को टिकट के संकेत मिल गए।।इस बार यहां युथ आइकॉन आज़ाद सिंह राठौड़ प्रबल दावेदार है उनकी दावेदारी की जबरदस्त चर्चा दिल्ली मीटिंग में हुई।।कांग्रेस को नया चेहरा उतारना चाहिए।।मेवाराम जैन दो बार भाजपा की मेहरबानी से जीते।।इस बार भाजपा के वोटों पर सख्ती होगी।।भाजपा के लिए डॉ प्रियंका चौधरी और कर्नल सोनाराम के बीच टिकट युद्ध है।कर्नल सोनाराम ने इतना दबाव बना लिया कि पार्टी को टिकट देनी पड़ेगी।ऐसे में प्रियंका चौधरी कितना सहयोग करेगी देखने की बात होगी।।पचपदरा गुड़ामालानी में भाजपा अगर मंत्री पुत्र को उतरती है तो मुकाबले से पहले  हथियार डालने वाली बात होगी।।शिव में भाजपा के पास उम्मीदवारों की लंबी सूची है।।धन सिंह मौसेरी,खुमान सिंह,स्वरूप सिंह लाइन में है।।जजेसलमेर में सबसे बुरी फंसी है कांग्रेस ।।गत चुनाव में सामान्य सीट पर रूपाराम धनदे को टिकट देकर भँवर जाल में फंस गई।।इस सीट पर पांच राजपूत  विधायक कांग्रेस से जीत कर गए है राजपूत अपनी सीट पुरजोर तरीके से मांग रहे।।सुनीता भाटी पूरा जोर लगा रही है।तो रूपाराम धनदे आश्वसत नजर आ रहे ।।दोनो के बीच राजपरिवार की महारानी राशेश्वरी राज्य लक्ष्मी खामोशी से अपने काम मे जुटी है।।यहां रूपाराम धनदे और सुनीता भाटी दोनो फ़क़ीर परिवार की पसन्द नही है।।जो भी टिकट लाएगा उसको बगावत का खतरा होगा।।सिवाणा में कांग्रेस कलबी या राजपुरोहित को टिकट देगी तो भाजपा भी राजपुरोहित मैदान में ला सकती है ऐसे में राजपूत निर्दलीय ताल ठोक सकते है। दोनो दलों में एक एक टिकट सही वितरण नही की तो उसका प्रभाव साथ वाली सीटों पर होगा।।इसी से  सहमे दोनो दल बार बार उम्मीदवारों पर चर्चा कर रहे है।।अंतिम दौर में प्रत्यासी कुछ सीटों पर घोषिक्त होंगे जिसमे पचपदरा,शिव,सिवाणा, जेसलमेर सीट है।।पोकरण में स्वामी प्रतापपुरी और गजेंद्र सिंह शेखावत में से कोई एक उम्मीदवार होगा तो कांग्रेस के ओएस दूसरा विकल्प नही होने से फ़क़ीर परिवार के खाते में सीट जानी तय है।पोकरण में चुनाव साम्प्रदायिक रंग में रंगे होने की आशंका से इनकार नही किया जा सकता।।बहरहाल 48 घण्टे का इंतज़ार और करना होगा।।

पोकरण स्वामी प्रतापपुरी की संभावित उम्मीदवारी का भाजपा का विरोध शुरू,बाहरी प्रत्यासी मंजूर नही

पोकरण स्वामी प्रतापपुरी की संभावित उम्मीदवारी का 

भाजपा का विरोध शुरू,बाहरी प्रत्यासी मंजूर नही

*पोकरण समाचार डेस्क*
सोशल मीडिया के जरिये चर्चा में आये पोकरण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के संभावित उम्मीदवार  प्रताप पूरी जी महाराज का भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
--- क्या भाजपा को पोकरण विधानसभा क्षेत्र से निष्ठावान कार्यकर्ता नजर नही आया जो बाहरी को उतारने को मजबूर है
---संत को संत ही रहना ठीक रहता है यही उनकी मर्यादा है
---भाजपा युवा शक्ति खुलकर करेगी बाहरी प्रत्याशी का विरोध

अभी अभी बाड़मेर कुड़ी पटाऊ में प्रेमी युगल ने फंदा लगाया ,पुलिस मौके पे

अभी अभी बाड़मेर कुड़ी पटाऊ  में प्रेमी युगल ने फंदा लगाया ,पुलिस मौके पे 


बाड़मेर जिले के बालोतरा उपखण्ड के जोधपुर हाई वे स्थित कुड़ी पतौ गांव में एक प्रेमी युगल के आत्महत्या की खबर आ रही हैं,

सूत्रानुसार पतौ गांव के हाई वे रोड पर एक पेड़ पर प्रेमी प्रेमिका  पेड़ पर लटके दिखने से हड़कंप मच गया ,ग्रामीणों ने पचपदरा पुलिस को सुचना दी गयी,मृतकों की शिनाख्त नहीं हुई अभी ,

भारतीय इतिहास के सबसे 'मूर्ख' राजा को, जिसके नाम पर बना चर्चित मुहावरा

भारतीय इतिहास के सबसे 'मूर्ख' राजा को, जिसके नाम पर बना चर्चित मुहावरा

साभार [नलिन चौहान]। 
जानें- भारतीय इतिहास के सबसे 'मूर्ख' राजा को, जिसके नाम पर बना चर्चित मुहावरा
मध्यकालीन बादशाह मोहम्मद बिन तुगलक (1324-51) अपने अनेक प्रयोगधर्मी निर्णयों के कारण चर्चित रहा। उसके व्यक्तित्व की जल्दबाजी और बेसब्री की प्रवृत्ति के कारण उसे ‘बुद्धिमान मूर्ख राजा’ कहा जाता था। अंग्रेज इतिहासकार एम एम्फिस्टन के अनुसार तुगलक में पागलपन का कुछ अंश था, जबकि आशीर्वाद लाल श्रीवास्तव के अनुसार उसमें ‘विरोधी तत्वों का मिश्रण’ था।
...तो अकाल में मनुष्यों ने एक-दूसरे को खाया


उल्लेखनीय है कि तुगलक के समय दिल्ली में (सन् 1344) भयंकर अकाल पड़ा था। 1912 के ‘दिल्ली डिस्ट्रिक्ट गजेटियर’ के अनुसार, दिल्ली में अकाल का इतिहास मोहम्मद तुगलक के समय तक पहुंचता है। जिसकी फिजूलखर्ची के कारण 1344 ईस्वी का अकाल पड़ा। कहा जाता है कि मनुष्यों ने एक-दूसरे को खाया।

...इसलिए बिकने लगा छह दीनार में बिकने लगा था एक मन गेहूं
इब्नबतूता की भारत यात्रा या चौहदवीं शताब्दी का भारत पुस्तक के अनुसार, भारत वर्ष और सिंधु प्रांत में दुर्भिश पड़ने के कारण जब एक मन गेहूं छह दीनार में बिकने लगे। फरिश्ता तथा बदाऊंनी के अनुसार हिजरी सन् 742 में सैयद अहमदशाह गवर्नर (माअवर-कनार्टक) का विद्रोह शांत करने के लिए, बादशाह के दक्षिण ओर कुछ एक पड़ाव पर पहुंचते ही यह दुर्भिश प्रारंभ हो गया था।

तुगलक के दरबार में रहा था इब्नबतूता
बादशाह के दक्षिण से लौटते समय तक जनता इस कराल-अकाल के चंगुल में जकड़ी हुई थी। उल्लेखनीय है कि उत्तरी अफ्रीका का निवासी इब्नबतूता चौहदवीं सदी में भारत आया और आठ वर्षों तक मोहम्मद तुगलक के दरबार में रहा। तुगलक ने उसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया और अपना दूत बनाकर चीन भेजा।





खुशफहमी में उपहार देने की आदत

दुर्भाग्य से इन्हीं दिनों अकाल पड़ा और चारों ओर विद्रोह की अग्नि भड़क उठी। शाही सेनाओं ने विद्रोहियों को कठोर दंड दिए। इस पर लोग खेती छोड़कर जंगलों में भाग गए। खेत वीरान हो गए और गांवों में सन्नाटा छा गया। शाही सेना ने लोगों को जंगलों से पकड़कर उन्हें कठोर यातनाएं दीं। इन यातनाओं से बहुत से लोग मर गए। यह मोहम्मद की अंतिम असफल योजना थी। तुगलक के बारे में इब्नबतूता ने लिखा कि उसके दो प्रिय शौक थे, खुशफहमी में उपहार देना और क्रोध में खून बहाना।



जॉन डाउसन की पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ इंडिया बॉएं इट्स ओन हिस्टोरियंस’ के अनुसार, माना जाता है कि कम या अधिक समूचा हिंदुस्तान (1344-45 का भारत) अकाल की चपेट में था, खासकर दक्कन में उसकी मार ज्यादा तकलीफदेह थी।

‘मध्यकालीन भारत’ पुस्तक के लेखक व इतिहासकार सतीशचन्द्र के अनुसार, एक भयानक अकाल ने, जिसने इस क्षेत्र को छह वर्षों तक तबाह रखा, स्थिति को और बिगाड़ा। दिल्ली में इतने लोग मरे कि हवा भी महामारक हो उठी। यहां तक कि सुल्तान दिल्ली छोड़कर करीब 1337-40 तक स्वर्गद्वारी नामक शिविर में रहा जो दिल्ली से 100 मील दूर कन्नौज के पास गंगा के किनारे स्थित था।



प्रजा रही कष्ट में
तुगलक के शासनकाल के आरंभ में ही गंगा के दोआब में एक गंभीर किसान विद्रोह हो चुका था। किसान गांवों से भाग खड़े हुए थे तथा तुगलक ने उनको पकड़कर सजा देने के लिए कठोर कदम उठाए थे। गौरतलब है कि दिल्ली के तख्त पर बैठने के कुछ दिन बाद तुगलक ने दोआब क्षेत्र में भू राजस्व कर में वृद्धि की। इतिहासकार बरनी के अनुसार बढ़ा हुआ कर, प्रचलित करों का दस तथा बीस गुना था। किसानों की भूमि कर के अतिरिक्त घरी, अर्थात गृहकर तथा चरही अर्थात चरागाह कर भी लगाया गया। प्रजा को इन करों से बड़ा कष्ट हुआ।

यह भी जानें

सत्ता पर काबिज होते ही ‘मुहम्मद बिन तुगलक’ ने अपने साम्राज्य को अपने हिसाब से बदलना शुरु कर दिया. इसके लिए उसने कई परिवर्तन किए। उसने 1329 में दिल्ली की जगह देवगिरी को अपनी राजधानी बना दिया, जिसे दौलताबाद के नाम से जाना गया। दिलचस्प बात तो यह थी कि इस फैसले के तहत सिर्फ राजधानी को नहीं बदला गया था, बल्कि दिल्ली की आबादी को भी दौलताबाद में स्थानांतरित होने का आदेश दिया था।

तुगलक अपने एक दूसरे सख्त फैसले के लिए वह जाना जाता है। इसके तहत उसने रातों-रात चांदी के सिक्कों की जगह तांबे के सिक्कों को चलन में लाने का आदेश दे दिया था, जबकि उसने तांबे के जो सिक्के जारी किए थे, वे अच्छे नहीं थे। आसानी से उनकी नकल की जा सकती थी।



हुआ भी यही लोगों ने नकली सिक्के अपने घर में ही बनाने लगे, इससे राजस्व की भारी क्षति हुई और फिर उस क्षति को पूरा करने के लिए उसने करों में भारी वृद्धि भी की, जिस कारण लोग उससे नाराज रहने लगे।

30 लाख सैनिक फिर भी था कमजोर...

तुगलक भारत में अपना विस्तार चाहता था, इसीलिए 1329 तक उसने करीब 30 लाख सैनिक इकट्ठा कर लिए। इस दौरान उसकी सेना में कुछ ऐसे भी लोग भी भर्ती थे जो सैनिक थे ही नहीं। वह लड़ना ही नहीं जानते थे, सिर्फ संख्या बल बढ़ाने के लिए सैनिक बनाए गए थे। तुगलक ने इन सैनिकों को साल भर तक भुगतान करने का जिम्मा ले रखा था, इसलिए इस तरह उसके राजस्व पर इसका गहरा असर पड़ा।

(लेखक दिल्ली के अनजाने इतिहास के खोजी हैं)

 दैनिक जागरण 

लोहार्गल सूर्य मंदिर जहां किया पाण्‍डवों ने प्रायश्‍चित

लोहार्गल सूर्य मंदिर जहां किया पाण्‍डवों ने प्रायश्‍चित



लोहार्गल राजस्थान के शेखावाटी इलाके में झुन्झुनू जिले से 70 किलोमीटर दूर आड़ावल पर्वत की घाटी में बसे उदयपुरवाटी कस्बे के पास स्‍थित है। लोहार्गल का अर्थ होता है वह स्थान जहां लोहा भी गल जाए। इस मंदिर का नाम इसी तथ्‍य पर आधारित है और पुराणों में भी इस स्थान का जिक्र मिलता है। नवलगढ़ तहसील में स्थित इस तीर्थ लोहार्गल जी को स्थानीय अपभ्रंश भाषा में लुहागरजी भी कहा जाता है। इस मंदिर के साथ पाण्‍डवों के प्रायश्‍चित की कथा के साथ परशुराम से संबंधित एक कथा भी प्रचलित है।

पांडवों ने यहां किया था प्रायश्‍चित
इस स्‍थान के बारे में सबसे प्रचलित कथा है कि महाभारत युद्ध समाप्ति के बाद पाण्डव जब आपने भाई बंधुओं और अन्य स्वजनों की हत्या करने के पाप से अत्यंत दुःखी थे, तब भगवान श्रीकृष्ण की सलाह पर वे पाप मुक्ति के लिए विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के लिए गए। श्रीकृष्ण ने उन्हें बताया था कि जिस तीर्थ में तुम्हारे हथियार पानी में गल जाए वहीं तुम्हारा पाप मुक्ति का मनोरथ पूर्ण होगा। घूमते-घूमते पाण्डव लोहार्गल आ पहुंचे तथा जैसे ही उन्होंने यहां के सूर्यकुण्ड में स्नान किया, उनके सारे हथियार गल गये। तब उन्होंने इस स्थान की महिमा को समझ इसे तीर्थ राज की उपाधि प्रदान की। लोहार्गल से जुड़ी परशुराम जी की कथा इस प्रकार है। माना जाता है कि इस जगह पर उन्‍होंने भी पश्चाताप के लिए यज्ञ किया तथा पाप मुक्ति पाई थी। उन्‍होंने ये प्रायश्‍चित क्रोध में क्षत्रियों का संहार करने के बाद शान्त होने पर अपनी गलती का अहसास होने पर किया था।

विशाल बावड़ी
यहां एक विशाल बावड़ी भी है जिसका निर्माण महात्मा चेतनदास जी ने करवाया था। यह राजस्थान की बड़ी बावड़ियों में से एक है। पास ही पहाड़ी पर एक प्राचीन सूर्य मन्दिर बना हुआ है। इसके साथ ही वनखण्डी जी का मन्दिर है। कुण्ड के पास ही प्राचीन शिव मन्दिर, हनुमान मन्दिर तथा पाण्डव गुफा स्थित है। इनके अलावा चार सौ सीढ़ियां चढने पर मालकेतु जी के दर्शन किए जा सकते हैं।

सूर्यकुंड और सूर्य मंदिर की कहानी
यहां प्राचीन काल से निर्मित इस सूर्य मंदिर के पीछे भी एक अनोखी कथा प्रचलित है। प्राचीन काल में काशी में सूर्यभान नामक राजा हुए थे, जिन्हें वृद्धावस्था में अपंग लड़की के रूप में एक संतान हुई। राजा ने पंडितों को बुलाकर उसके पिछले जन्म के बारे में पूछा। तब विद्वानों ने बताया कि पूर्व के जन्म में वह मर्कटी अर्थात बंदरिया थी, जो शिकारी के हाथों मारी गई थी। शिकारी उस मृत बंदरिया को एक बरगद के पेड़ पर लटका कर चला गया, क्योंकि बंदरिया का मांस अभक्ष्य होता है। हवा और धूप के कारण वह सूख कर लोहार्गल धाम के जलकुंड में गिर गई किंतु उसका एक हाथ पेड़ पर रह गया। बाकी शरीर पवित्र जल में गिरने से वह कन्या के रूप में आपके यहां उत्पन्न हुई है। विद्वानों ने राजा से कहा, आप वहां पर जाकर उस हाथ को भी पवित्र जल में डाल दें तो इस बच्ची का अंपगत्व समाप्त हो जाएगा। राजा तुरंत लोहार्गल आए तथा उस बरगद की शाखा से बंदरिया के हाथ को जलकुंड में डाल दिया। जिससे उनकी पुत्री का हाथ स्वतः ही ठीक हो गया। राजा इस चमत्कार से अति प्रसन्न हुए। विद्वानों ने राजा को बताया कि यह क्षेत्र भगवान सूर्यदेव का स्थान है। उनकी सलाह पर ही राजा ने हजारों वर्ष पूर्व यहां पर सूर्य मंदिर व सूर्यकुंड का निर्माण करवा कर इस तीर्थ को भव्य रूप दिया। एक यह भी मान्यता है, भगवान विष्णु के चमत्कार से प्राचीन काल में पहाड़ों से एक जल धारा निकली थी जिसका पानी अनवरत बह कर सूर्यकुंड में जाता रहता है।




भगवान महावीर का मोक्ष स्थल पावापुरी ,पवित्र शहर

भगवान महावीर का मोक्ष स्थल पावापुरी ,पवित्र शहर 

राजगीर और बोधगया के समीप पावापुरी भारत के बिहार प्रान्त के नालंदा जिले मे स्थित एक शहर है। यह जैन धर्म के मतावलंबियो के लिये एक अत्यंत पवित्र शहर है क्यूंकि माना जाता है कि ,भगवान महावीर को यहीं मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। यहाँ के जलमंदिर की शोभा देखते ही बनती है। संपूर्ण शहर कैमूर की पहाड़ी पर बसा हुआ है।पावापुरी वह स्थल है जहाँ जैनियो के 24वें तीर्थकर भगवान महावीर ने निर्वाण यानि ज्न्म मरण के चक्र से 527 ई०पु० मे परचम मुक्ति पाई थी| पावापुरी के पाँच मुख्य मंदिरों मे से एक है जल मंदिर जिसमे ची. “चरण पाड़ुका” को दर्शाते हैं| यह उस स्थान को चिन्हित करता है जहाँ भगवान महावीर के पार्थिव अवशेष हैं|

लगभग 2600 वर्ष पूर्व प्राचीन काल मे पावापुरी मगध साम्राज्य का हिस्सा था जिसे मध्यम “वापा” या “अपापपुरी” कहा जाता था| राजा श्रेनिक (बिम्बिसार) का पुत्र आजातशत्रु जो एक महान जैन अनुयायी था भगवान महावीर का समकालीन मगध भासक था| आजातशत्रु के भससंकाल मे राजकिए औषधालया पावापुरी मे स्थित था| जब भलगवान महावीर पावापुरी आए थे तो वी राजकीय औषधलया पावापुरी मे था| जब भगवान महावीर पावापुरी आए थे तो वे राजकिय औषधलया “समाशरण” भी वहाँ स्थित है



13वीं शती ई॰ में जिनप्रभसूरी ने अपने ग्रंथ विविध तीर्थ कल्प रूप में इसका प्राचीन नाम अपापा बताया है। पावापुरी का अभिज्ञान बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन (बिहार) से 9 मील पर स्थित पावा नामक स्थान से किया गया है। यह स्थान राजगृह से दस मील दूर है। महावीर के निर्वाण का सूचक एक स्तूप अभी तक यहाँ खंडहर के रूप में स्थित है। स्तूप से प्राप्त ईटें राजगृह के खंडहरों की ईंटों से मिलती-जुलती हैं। जिससे दोनों स्थानों की समकालीनता सिद्ध होती है। कनिंघम के मत में जिसका आधार शायद बुद्धचरित में कुशीनगर के ठीक पूर्व की ओर पावापुरी की स्थिति का उल्लेख है, कसिया जो प्राचीन कुशीनगर के नाम से विख्यात है, से 12 मील दूर पदरौना नामक स्थान ही पावा है। जहाँ गौतम बुद्ध के समय मल्ल-क्षत्रियों की राजधानी थी।

महावीर की मृत्यु 72 वर्ष की आयु में अपापा के राजा हस्तिपाल के लेखकों के कार्यालय में हुई थी। उस दिन कार्तिक की अमावस्या थी। पालीग्रंथ संगीतिसुत्तंत में पावा के मल्लों के उब्भटक नामक सभागृह का उल्लेख है। जीवन के अंतिम समय में तथागत ने पावापुरी में ठहरकर चुंड का सूकर-माद्दव नाम का भोजन स्वीकार किया था। जिसके कारण अतिसार हो जाने से उनकी मृत्यु कुशीनगर पहुँचने पर हो गई थी।




जल मंदिर – जल मंदिर यह नाम ही दर्शाता है की मंदिर खिले कमलों मे भरे जलाषये के मध्य मे स्थित होगा| यह मंदिर एक प्रमुख जैन तीर्थस्तल है| इस ख़ूबसूरत मंदिर का मुख्य पूजा स्थल भगवान महावीर की एक प्राचीन “चरण पदुका” है| यह उस स्थान को दर्शाता है जहाँ भगवान महावीर के पार्थव अवशेषों को दफ़नाया गया था| यह विश्वास किया जाता है की इस मंदिर का निर्माण भगवान महावीर के बड़े भाई राजा नंदिवधन के द्वारा करवाया गया था|
जात मंदिर का निर्माण “विमान” के आकार मे किया गया है और जलाशय के किनारों से मंदिर तक लगभग 600 फुट लम्बा पत्थर का पुल बनाया गया है| अनुश्रतिओ के अनुसार भगवान महावीर के अंतिम संस्कार मे भाग लेनेवाले लोगों के द्वारा बड़ी गढ़ा बन गया जो वर्तमान जलशय मे तब्दील हो गया| इस मंदिर का अदभुत सौन्द्र्य मीया अप्रतिम भाँति पयर्टकों की आँखों को सुकून प्रदान करती है|
समोशरण – यह सफेद संगमरमर से निर्मित एक गोलाकार मंदिर है जिसमें मधुमक्खी के छ्त्ते के आकार का पवित्र स्थल है जिसके भिर्श पर भगवान महावीर के चरणचिन्ह खुदे हैं| यह वही स्थान है जहाँ भगवान महावीर ने अपने धर्म का अंतिम उपदेश दिया था| कनिंघम ने पावा का अभिज्ञान कसिया के दक्षिण पूर्व में 10 मील पर स्थित फ़ाज़िलपुर नामक ग्राम से किया है। जैन ग्रंथ कल्पसूत्र के अनुसार महावीर ने पावा में एक वर्ष बिताया था। यहीं उन्होंने अपना प्रथम धर्म-प्रवचन किया था, इसी कारण इस नगरी को जैन संम्प्रदाय का सारनाथ माना जाता है। महावीर स्वामी द्वारा जैन संघ की स्थापना पावापुरी में ही की गई थी।




परिवहन: –

वायूमार्ग – सबसे निकटतम हवाई अड्डा पटना (100 की० मी०) में स्थित है| इंडियन ऐरलयंस पटना को कालकत्ता, मुम्बई, दिल्ली, राँची और लखनऊ से जोड़ता है|

रेलमार्ग – वैसे राजगीर स्वय भी रेलवे स्टेशन है लेकिन सबसे सुविधा युक्त निकटतम रेलवे स्टेशन पटना (90 कि०मी०) में है|

सड़क मार्ग- टैक्सी, बस, द्वारा पटना, राजगीर, गया या बिहार, के अन्य प्रमुख भहरों से पावापुरी की यात्रा की रा सकती है|

शनिवार, 10 नवंबर 2018

बाड़मेर बालोतरा में प्रेमी युगल ट्रेन के आगे कूदे,प्रेमी की मौत प्रेमिका घायल

बाड़मेर बालोतरा में प्रेमी युगल ट्रेन के आगे कूदे,प्रेमी की मौत प्रेमिका घायल 


बाड़मेर हादसे में युवक की मौके पर मौत,गम्भीर घायल युवती को लाया नाहटा अस्पताल,
बालोतरा कस्बे के तीसरी रेलवे क्रॉसिंग की घटना, बालोतरा पुलिस व जीआरपी पहुंची मौके पर मौके पर पर लोगो की भीड़ हुई जमा, बाड़मेर दिल्ली एक्सप्रेस के आगे कूदे प्रेमी युगल।

राजसमन्द सघन जांच गतिविधियां जारी, बड़ी रकम ले जाने पर विशेष चौकसी,

विधानसभा आम चुनाव - 2018

जिला निर्वाचन अधिकारी गुर्जर ने दिए निर्देश,

राजसमन्द सघन जांच गतिविधियां जारी, बड़ी रकम ले जाने पर विशेष चौकसी,

       राजसमन्द, 10 नवम्बर/विधानसभा आम चुनाव-2018 के मद्देनज़र सर्वत्र व्यापक चौकसी रखी जा रही है। इसके लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार क्षेत्र भर में चल रही सघन जाँच में एसएसटी/फ्लाईंग स्क्वाड़ द्वारा विशेष सतर्कता बरती जा रही है। ऎसे में यदि किसी वाहन में या व्यक्ति के पास 50 हजार से अधिक की धनराशि, शस्त्र, उपहार, बेनर,पोस्टर, वोटर स्लिप, मदिरा, ड्रग्स आदि पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाकर आपराधिक मामला बनाया जाएगा और वाहन को सीज कर दिया जाएगा।

       जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर श्यामलाल गुर्जर ने यह जानकारी देते हुए जिले के नागरिकों से अपील की है कि यदि 50 हजार से अधिक की राशि साथ ले जाएं तो इसके बारे में अपने पास राशि के बारे में पुख्ता प्रमाण रखें। यह स्पष्ट  निर्देशित किया गया है कि इस समय चुनाव प्रक्रिया का दौर जारी है और ऎसे में कोई भी व्यक्ति बड़ी धनराशि अपने साथ नहीं ले जा सकता।

       जिला निर्वाचन अधिकारी ने जिले में विधानसभा चुनाव के लिए फ्लाईंग स्क्वाड़ में तैनात सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों से कहा है कि वे इस बारे में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।

जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने शहीद पुनम सिंह स्मार्क दर्शन कर किया जनसम्पर्क।*

जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने शहीद पुनम सिंह स्मार्क दर्शन कर किया जनसम्पर्क।*

जैसलमेर युवराज चैतन्यराज सिंह ने शहीद पूनमसिंह स्मार्क पूनमनगर में दर्शन के विभिन्न गांवों में जनसम्पर्क कर आगामी विधानसभा चुनावों में राजपरिवार के समर्थन के लिए अपील की। युवराज जैसलमेर ने मूलसागर, बागे की ढाणी, पूनमनगर, मोकला, सेरावा, हेमा, नेतसी, मियो की ढाणी, नवल सिंह की ढाणी, जोगा, सोनू गाँवो का किया दौरा। युवराज जैसलमेर के साथ सुल्तान सिंह, पदम सिंह, जितेन्द्र सिंह, मेघराज सिंह बारू ने भी सभी गाँवो का दौरा कर राजपरिवार के समर्थन के लिए जनसम्पर्क किया। ग्रामीण क्षेत्रों में राजपरिवार के आगामी विधानसभा चुनाव में आने पर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। जगह जगह पर युवराज जैसलमेर का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया और पूर्ण समर्थन देने का भरोसा दिलाया।
युवराज जैसलमेर ने पर्यावरण का संदेश देते हुए हर जगह एक एक पौधा लगाया और सबको पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया।

जोधपुर। *लम्बे समय से फरार हार्डकोर बदमाश कैलाश मांजू गिरफ्तार*

जोधपुर। *लम्बे समय से फरार हार्डकोर बदमाश कैलाश मांजू गिरफ्तार*



- रंगदारी के लिए चिकित्सक के मकान व ट्रैवल्स मालिक के ऑफिस पर फायरिंग में था वांछित
- पिता के निधन पर अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचा था पैतृक गांव बालेसर के निकटवर्ती भाटेलाई पुरोहितान
- सूचना मिलने पर वृत्ताधिकारी (बालेसर) अजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने घेराबंदी की
- खुद को घिरा देख हार्डकोर ने शाम को किया समर्पण
- कड़ी सुरक्षा में आरोपी को बालेसर थाने ले गई पुलिस
- बालेसर थाने में भी रिश्तेदार पर हमला व वाहन जलाने में है वांछित

नोटबंदी-GST तरक्की में अड़चन, हर फैसले में PMO का दखल भी बड़ी समस्या: राजन

नोटबंदी-GST तरक्की में अड़चन, हर फैसले में PMO का दखल भी बड़ी समस्या: राजन
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन. फोटो- रॉयटर्स
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार फिर मोदी सरकार की नीतियों पर निशाना साधा है. राजन ने भारत की आर्थिर रफ्तार पर ब्रेक के लिए नोटबंदी और जीएसटी को बड़ी वजह बताने के साथ-साथ मौजूदा विकास दर को नाकाफी बताया. राजन ने पीएमओ की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में बहुत सारे निर्णयों में पीएमओ का दखल भी तमाम दिक्कतों में से एक है.

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को देश की आर्थिक वृद्धि की राह में आने वाली ऐसी दो बड़ी अड़चन बताया जिसने पिछले साल वृद्धि की रफ्तार को प्रभावित किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सात प्रतिशत की मौजूदा वृद्धि दर देश की जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है.

लगातार दो झटकों ने विकार की रफ्तार रोकी


भाषा के मुताबिक राजन ने बर्कले में शुक्रवार को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कहा कि नोटबंदी और जीएसटी इन दो मुद्दों से प्रभावित होने से पहले 2012 से 2016 के बीच चार साल के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि काफी तेज रही. भारत के भविष्य पर आयोजित द्वितीय भट्टाचार्य व्याख्यान में राजन ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के दो लगातार झटकों ने देश की आर्थिक वृद्धि पर गंभीर असर डाला. देश की वृद्धि दर ऐसे समय में गिरने लग गई जब वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर गति पकड़ रही थी.




मौजूदा विकास रफ्तार नाकाफी

राजन ने कहा कि 25 साल तक सात प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर बेहद मजबूत वृद्धि है लेकिन कुछ मायनों में यह भारत के लिये वृद्धि की नई सामान्य दर बन चुकी है जो कि पहले साढ़े तीन प्रतिशत हुआ करती थी. उन्होंने कहा कि सच यह है कि जिस तरह के लोग श्रम बाजार से जुड़ रहे हैं, उनके लिये सात प्रतिशत पर्याप्त नहीं है. हमें अधिक रोजगार सृजित करने की जरूरत है. हम इस स्तर पर संतुष्ट नहीं हो सकते हैं.


दो झटकों के चलते 2017 में कम थी विकास की रफ्तार

राजन ने वैश्विक वृद्धि के प्रति भारत के संवेदनशील होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि भारत अब काफी खुली अर्थव्यवस्था है. यदि विश्व वृद्धि करता है तो भारत भी वृद्धि करता है. उन्होंने कहा कि 2017 में यह हुआ कि विश्व की वृद्धि के गति पकड़ने के बाद भी भारत की रफ्तार सुस्त पड़ी. इससे पता चलता है कि इन झटकों (नोटबंदी और जीएसटी) वास्तव में गहरे झटके थे. इन झटकों के कारण हमें ठिठकना पड़ा.




कच्चे तेल की बढ़ती कीमत ने से भी थोड़ी मुश्किल हुई




राजन ने पुन: रफ्तार पकड़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की चुनौती के बाबत ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिये तेल आयात पर देश की निर्भरता का जिक्र किया. पूर्व गवर्नर ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से घरेलू अर्थव्यवस्था के समक्ष परिस्थितियां थोड़ी मुश्किल होंगी, भले ही देश नोटबंदी और जीएसटी की रुकावटों से उबरने लगा हो. बढ़ते एनपीए के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति को साफ सुथरी बनाना ही बेहतर होगा. राजन ने कहा कि यह जरूरी है कि बुरी चीजों से निपटा जाए, ताकि बैलेंस शीट साफ हो और बैंक वापस पटरी पर लौट सकें. भारत को बैंकों को साफ करने में लंबा वक्त लगा है इसका आंशिक कारण है कि प्रणाली के पास बुरे ऋण से निपटने के साधन नहीं थे.




हर महीने 10 लाख रोजगार की जरूरत




राजन ने कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता बैंकों के खातों को साफ सुथरा बनाने में अकेले सक्षम नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि यह इस तरह की सफाई की बड़ी योजना का एक तत्व भर है. देश में एनपीए की चुनौती से निपटने के लिये बहुस्तरीय रुख अपनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यदि हम सात प्रतिशत से कम दर से वृद्धि करते हैं तो निश्चित तौर पर कुछ गड़बड़ियां हैं. उन्होंने कहा कि भारत को इस आधार पर कम से कम अगले 10-15 साल तक वृद्धि करनी होगी. उन्होंने कहा कि भारत को श्रम बल से जुड़ रहे नये लोगों के लिये प्रति माह 10 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने की जरूरत है.




भारत के सामने ये तीन बड़ी दिक्कतें




राजन ने कहा कि देश के सामने अभी तीन दिक्कतें हैं. पहली दिक्कत उबड़-खाबड़ बुनियादी संरचना है. उन्होंने कहा कि निर्माण वह उद्योग है जो अर्थव्यवस्था को शुरुआती चरण में चलाता है. उसके बाद बुनियादी संरचना से वृद्धि का सृजन होता है. उन्होंने कहा कि दूसरा अल्पकालिक लक्ष्य बिजली क्षेत्र की स्थिति को बेहतर बनाना हो सकता है. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि सालाना उत्पन्न बिजली उनके पास पहुंचे जिन्हें इसकी जरूरत है. तीसरा मुद्दा बैंकों के कर्ज खातों को साफ सुथरा बनाना है.




पीएमओ पर भी साधा निशाना




राजन ने कहा कि भारत में समस्या का एक हिस्सा यह है कि वहां राजनीतिक निर्णय लेने की व्यवस्था हद से अधिक केन्द्रीकृत है. राजन ने कहा कि भारत केंद्र से काम नहीं कर सकता है. भारत तब काम करता है जब कई लोग बोझ उठा रहे हों. आज के समय में केंद्र सरकार बेहद केंद्रीकृत है. उन्होंने कहा, इसका एक उदाहरण है कि बहुत सारे निर्णय के लिये प्रधानमंत्री कार्यालय की सहमति आवश्यक है. इस संबंध में राजन ने सरदार पटेल की मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का जिक्र करते हुए बड़ी परियोजनाओं में प्रधानमंत्री कार्यालय की सहमति की जरूरत की ओर ध्यान दिलाया.

बाडमेंर, 10/11/2018 कांग्रेस की चुनाव घोषणा समिति की बैठक में आए महत्पवूपर्ण सुझाव :-



बाडमेंर, 10/11/2018  कांग्रेस की चुनाव घोषणा समिति की बैठक में आए महत्पवूपर्ण सुझाव :-



आज दिनंाक 10/11/2018 को जिला कांग्रेस कमेटी बाड़मेर की बैठक जिलाध्यक्ष फतेह खान की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यालय में आयोजित हुई, इस बैठक में राजस्थान विधानसभा चुनाव घोषणापत्र समिति सदस्य मेवाराम जैन विधायक एंव पूर्व श्रम सलाहकार बोर्ड अध्यक्ष गफूर अहमद बतौर अतिथि उपस्थित रहे।

बैठक में आगामी विधानसभा आम चुनाव के मध्यनजर कांग्रेस के जन घोषणा पत्र संबध में पार्टी पदाधिकारीयों कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों, सहित विभिन्न वर्गो से सुझाव आमंत्रित किए गए।

जिला प्रवक्ता एडवोकेट मुकेश जैन ने बताया कि बैठक में उपस्थित पदाधिकारीयों ने अपने-अपने सकारात्मक सुझााव समिति सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किये।

बैठक को सबोधित करते हुए बाड़मेर विधायक एंव चुनाव घोषणापत्र समिति के सदस्य मेवाराम जैन ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का जन घोषणा पत्र होगा, जिसमें सभी वर्गो के हितो का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाएगा। समाज के सभी वर्गो के कल्याण एंव विकास के लिए प्रयास किए जाएगें और राजस्थान में लोक कल्याणकारी सरकार का गठन होगा, जो लोकतंात्रिक मूल्यों पर आधारित होगी।

जिलाध्य़क्ष फतेह खान ने कहा कि आज की बैठक में जो भी सुझाव और मार्गदर्शन प्राप्त हुए है, उन सभी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजस्थान चुनाव घोषणा कमेटी अध्यक्ष को प्रेषित कर दी जाएगी, उन्होने कहा कि कांग्रेस का आगामी घोषणा पत्र ऐतिहासिक होगा।

बैठक को संबोधित करते हुए गफूर अहमद ने कहा कि आगामी चुनावों के मध्यनजर पार्टी कार्यकर्ता संगठित एंव एकजुट होकर पार्टी के प्रति समर्पित भाव से कार्य कर चुनावों में पार्टी को विजयी बनावें।

आज की बैठक में उपजिलाप्रमुख सोहनलाल चैधरी ने अपने सुझाव रखते हुए कहा कि बाड़मेर जिले के पेट्रोलियम उत्पादों से मिलने वाली राॅयल्टी से सूखा बन्दरगाह विकसित किया जावे ताकि बेरोजगारी की समस्या से काफी हद तक समाधान हो सकता है साथ ही किसानों की उन्नति के लिए सहकारिता समिति की प्रभावी भूमि का एंव क्रियान्वयन पर जोर दिया।

जिला उपाध्यक्ष यज्ञदत्त जोशी ने थार विकास बोर्ड का गठन बाखासर क्षैत्र में नमक उद्योग, नहर योजनाओं से सिंचाई पानी की उपलब्धता सीमान्त क्षैत्र में पर्यटन को बढावा जैसे महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

गडरारोड प्रधान तेजाराम मेघवाल ने इंदिरा गांधी एंव नमर्दा नहर को आपस में जोडने, सम्बल ग्राम योजना की पुनः स्वीकृति फैमिन कोड में 90 दिन से 180 दिन करने, डी.एन.पी. में आधारभूत सुविधांए विकसित करने सहित कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

जिला प्रवक्ता मुकेश जैन ने गाय को राज्य एंव राष्ट्रीय पशु घोषित करने, थार महोत्सव पुनः आरंभ करने, मेवाराम सोनी ने कृषि विश्वविघालय खोलने तनसिंह महाबार ने स्थानीय लोगो को रिफायनरी में अधिकाधिक भागीदारी, दमाराम परमार ने चैहटन रोड पर अन्डर ब्रीज बनाने का सुझाव दिया।

आज की बैठक में जिलाध्यक्ष फतेह खान, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, गफूर अहमद, उपजिलाप्रमुख सोहनलाल चैधरी, उपाध्यक्ष यज्ञदत्त जोशी, प्रवक्ता मुकेश जैन, मेवाराम सोनी, ब्लाॅक अध्यक्ष मूलाराम मेघवाल, तनसिंह महाबार, किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष रूपाराम सारण, गंगादेवी, जगन्नाथ राठी, चैनसिंह भाटी, डाॅ. मूलचन्द चैधरी, दीपक परमार, रमेश आचार्य, ओ.बी.सी. जिलाध्यक्ष कमलाराम सोलंकी, मगराज सैन, भंवरलाल शर्मा, महादानसिंह, विरेन्द्र जैन, कुटलाराम मेघवाल, मूलाराम पूनड, नीम्बसिंह उण्डखा, प्रवीण सेठिया, नवाब मेहर, श्रवण चन्देल, नवल लीलावत, गोविन्द भील, गोकलराम मेघवाल सहित वडी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी एंव कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

बैठक में ओ.बी.सी. प्रकोष्ठ के नव नियुक्त जिलाध्यक्ष कमलाराम सोंलकी का माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालय जिला प्रवक्ता मुकेश जैन ने किया।

चूरू 70 किलो 350 ग्राम अवैध डोडा पोस्त जब्त, मुल्जिम गिरफतारी

 चूरू 70 किलो 350 ग्राम अवैध डोडा पोस्त जब्त, मुल्जिम गिरफतारी


 चूरू थानाधिकारी पुलिस थाना भानीपुरा श्री राजीव राॅयल उनि. मय श्री सुभाषचन्द्र हैड कानि0 श्री रणजीत ंिसह हैड कानि0 श्री मनोज कुमार कानि0 श्री सुभाषचन्द्र कानि0 श्री रामचन्द्र कानि0 श्री पुष्पेन्द्र सिंह कानि0 द्वारा मेगा हाईवे रोही हरदेसर मे दोराने नाकाबन्दी मुताबिक मुखबीर ईत्तला पर मुल्जिम बलदेव सिंह पुत्र सुरजाराम जाति कुम्हार उम्र 52 साल निवासी सादेवाला पुलिस थाना राणीया जिला सिरसा हरियाणा के कब्जा से अवैध 70 किलो 350 ग्राम डोडा पोस्त छिलका मय स्वीफट कार न0 एच आर 24 एन 2882 जप्त कर मुल्जिम गिरफतार किया गया। जब्तशुदा छिलका डोडा पोस्त की कीमत अनुमानित 250000 रूपये है। उक्त कार्यवाही मे श्री रणजीत सिंह हैड कानि0 श्री रामचन्द्र कानि0 श्री सुभाष कानि0 श्री मनोज कुमार कानि0 व श्री पुष्पेन्द्र डी आर का विशेष योगदान रहा है।

बाड़मेर रिटर्निग अधिकारी परस्पर समन्वय से चुनाव कार्य संपादित कराएं- नकाते



बाड़मेर रिटर्निग अधिकारी परस्पर समन्वय से चुनाव कार्य संपादित कराएं- नकाते

जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने चुनाव कार्य संपादित करने के संबंध में दिए आवश्यक निर्देश

बाड़मेर, 10 नवंबर। समस्त विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी विभागीय अधिकारियों तथा गठित विभिन्न दलों से बेहतर तालमेल रखते हुए विधानसभा चुनाव सम्बन्धित कार्य संपादित करें।

जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने शनिवार को जिला मुख्यालय पर कलक्ट्रेट कॉफ्रेंस हॉल में रिटर्निंग अधिकारियों एवं सतकर्ता दलों प्रभारियों के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए यह बात कही।

जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि फ्लाईग स्क्वायर्ड अवैध रूप से कैश, डोडा पोस्त एवं शराब के परिवहन पर कड़ी निगरानी रखें। उन्होनें कहा कि रिटर्निंग अधिकारी नियमित रूप से फ्लाईंग स्क्वायर्ड, स्टेटिक सर्विलांस टीम और सेक्टर मजिस्ट्रेट्स की समय-समय पर बैठक लेकर फीडबैक लें ताकि वे ज्यादा सक्रियता से बेहतर कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि रिटर्निग अधिकारी आयोग के निर्देशानुसार नामांकन संबंधी कार्यवाही की आवश्यक रूप से वीडियोग्राफी कराएं। उन्होंने कहा कि चुनाव कार्य में किसी तरह की कौताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि फ्लाईग स्क्वायर्ड कार्यवाही करते समय किसी प्रकार की असमंजस की स्थिति होने पर संबंधित रिटर्निग अधिकारी को अवगत करवाएं। उन्होने पेड न्यूज की प्रभावी मॉनिटरिंग करने के साथ आदर्श आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में उन्होने अधिकारियों को सभी प्रकार की शंकाओं का समाधान कर लेने के निर्देश दिए ताकि चुनाव कार्य सम्पादित करने में किसी प्रकार की समस्या न रहें।

उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि रिटर्निग अधिकारी अपने दायित्वों का प्रभावी रूप से निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि फ्लाईग स्क्वायर्ड कार्यवाही करते समय आवश्यक रूप से विडियोग्राफी करवाएं। समस्त सतर्कता दलों को विधानसभा चुनाव को लेकर दिए गए निर्देशो की पालना सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रिटर्निग अधिकारी चुनाव आयोग के निर्देशों एवं आदर्श आचार संहिता के बारे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आवश्यक रूप से जानकारी दें। उन्होंने फ्लाईग स्क्वायर्ड के उत्तरदायित्वों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

जिला कोषाधिकारी दिनेश बारहठ ने फ्लाईग स्क्वायर्ड की ओर से संपादित किए जाने वाले कार्यों एवं संधारित किए जाने वाले रजिस्टरों एवं प्रपत्रों के बारे में बताया। उन्होंने जब्ती की कार्यवाही के दौरान की जाने वाली वीडियोग्राफी की प्रक्रिया से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राशि जब्त करने की कार्यवाही के उपरांत संबंधित व्यक्ति को दिए जाने वाले कागजात में अपील अधिकारी का उल्लेख किया जाए।

बैठक के दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कालूराम, रिटर्निग अधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारी, विभिन्न सतर्कता दलों के प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहे।

-0-