रविवार, 4 जून 2017

गुजरात में गो हत्या पर उम्रकैद, 5 लाख जुर्माना, देश में सबसे पहले कठोर कानून

गुजरात में गो हत्या पर उम्रकैद, 5 लाख जुर्माना, देश में सबसे पहले कठोर कानून




अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने राज्य में गोवंश हत्या तथा पशुओं के गैरकानूनी कत्ल पर रोक लगाने के लिए पारित किए गए कानून को लेकर नियम जारी किया। प्रदेश के गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा के मुताबिक, गोवंश के दोषियों को उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। गोवंश की हत्या या गैरकानूनी तस्करी में उपयोग में लिए गए वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। गोवंश की हत्या करने या कराने के लिए दोषी ठहराए जाने पर अधिकतम सजा उम्रकैद की होगी। वहीं पांच लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान भी है। इससे पहले इस अपराध के लिए 3 से 7 वर्ष की कैद तथा 50 हजार रुपए तक का प्रावधान था।मंत्री के अनुसार गोवंश के गैर -कानूनी हेराफेरी व गोमांस या गोमांस से बने उत्पादों की बिक्री, रखने, संग्रह करने या तस्करी करने या प्रदर्शित करने के खिलाफ भी सजा का प्रावधान है। ऐसे लोगों के दोषी ठहराए जाने पर न्यूनतम सात वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष कैद की सजा तथा एक लाख से पांच लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस कानून के तहत सभी अपराध जो जमानत योग्य थे, अब सभी को पुलिस अधिकार व गैर जमानती किया गया है।पशु मेलों में वध के लिए मवेशियों की बिक्री पर रोक को लेकर चल रही सियासी तकरार के बीच राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष गैरूल हसन रिजवी ने कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए। रिजवी ने कहा कि गाय इस देश के बहुसंख्यक समुदाय के लोगों से जुड़ी है और इसका सम्मान करते हुए उसे राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए।

गजनेर।वेश्यावृति का भड़ाफोड़, दो महिलाओं सहित चार गिरफ्तार



गजनेर।वेश्यावृति का भड़ाफोड़, दो महिलाओं सहित चार गिरफ्तार

वेश्यावृति का भड़ाफोड़, दो महिलाओं सहित चार गिरफ्तार
पुलिस शनिवार सुबह टेचरी फांटा के पास वैश्यावृति करने के आरोप में दो महिलाओं सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर पीटा एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। जिन्हे बाद में कोलायत न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें केन्द्रीय कारागृह भेज दिया गया।




थानाधिकारी कन्हैयालाल ने बताया कि शनिवार देर रात्रि टेचरी फांटा के पास वेश्यावृति की सूचना कोलायत सीओ नियाज अहमद को दी गई। इस पर वह गजनेर थाना पहुंचे, वहां से एक कांस्टेबल को बोगस ग्राहक बनाकर भेजा गया। टेचरी के पास एक ट्रक सड़क किनारे खडा था। जिसमें दो महिलाएं बैठी थी, वही दो व्यक्ति ट्रक के पास खड़े थे। बोगस ग्राहक बनाकर भेजे गए कांस्टेबल ने जब सौदा तय किया तो उसके इशारे पर टीम पहुंची और चारों जनों को गिरफ्तार कर लिया।




पकड़े गए एक व्यक्ति ने अपना नाम जगतार सिंह, निवासी नाल कोटे, जिला मोगा पंजाब तथा दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम कश्मीर सिंह बताया। पकड़ी गई महिलाओं की पहचान पंजाब के भठिण्डा निवासी सरबजीत और शीला के रूप में हुई। दोनों महिलाओं से बोगस ग्राहक द्वारा दिए गए रुपए भी जब्त कर लिए गए।




पुलिस ने संबंधित ट्रक को भी जब्त किया है। चारों जनों के खिलाफ पीटा एक्ट में मामला दर्ज किया गया है। इन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। कार्रवाई में सीओ नियाज अहमद, थाना अधिकारी कन्हैया लाल, हैड कांस्टेबल राकेश, कांस्टेबल सुमन, मुकेश शामिल रहे।

शनिवार, 3 जून 2017

बाड़मेर ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं जयदेव


बाड़मेर  ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं जयदेव

बाड़मेर 03 जून

किसान बोर्डिग हाउस संस्थान में चल रहे निःषुल्क समर षिविर के 28 वें दिन मोटिनेषन के रूप में आर पी एस जयदेव सियाग के कहा कि वर्तमान समय ग्रामीण प्रतिमाओं की कोई कमी नहीं है।े सबसे ज्यादा सिविल सेवा व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन हो रहा है ग्रामीण परिवेष के प्रतियोगी अनुषासित कठिन परिश्रमी होते है। जिस छात्र- छात्रा में अनुषासन होता है उसको सफल हाने से कोई रोक नहीं सकता एक सफल व्यक्ति से सीख ले आगे बठे।

संस्थान अध्यक्ष बलवन्तसिंह चैधरी ने कहा कठिन परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है। सिदिल सेवा मं चयनित अधिकतर अधिकारी नौकरी करते तथा कठिन परिश्रम करते है।

छात्र- छात्राओं को सम्बोधित करते हुए प्रो. कानराज पूनिया ने बताया कि हम उस ग्रामीण से आये है। वहां दूर- दूर तक आज भी बिजली, सड़के नहीं है लेकिन हम मेहनत में विष्वास करते है।

तिलोक जी सियाग ने कहा कि आज सबसे ज्यादा मेहनत किसान पुत्र ही करता है उसे अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा है।

प्रो. आदर्ष किषोर ने कहा - हमें इन संघर्षछील प्रतिमाओं से सीख लेनी चाहिए बड़े सपने देखे। पागल होकर- मेेहनत करो कि हम किसी से कम नहीं है।

प्राचार्य जोगेन्द्र कुमार ने कहा - कि बाड़मेर से भारतीय प्रषासनिक सेवा में एक साथ 7 प्रतिमाओं का चयन होना हमारे लिए आदर्ष है इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं जिस व्यक्ति के घर बिजली नहीं वो भारतीय प्रषासनिक सेवा में चयनित होता है।

इस समय मंच संचालन - हुकमाराम पोटलिया ने किया तथा धन्यवाद वीरमाराम गोदारा ने सने ज्ञापित किया इस समय- सैकड़ो छात्र- छात्राएं, प्रतियोगी - भूराराम भाखर उपस्थित रहे।

पुलिस लाईन बाड़मेर मे आयोजित 12 बोर पम्प एक्षन गन प्रषिक्षण का समापन



पुलिस लाईन बाड़मेर मे आयोजित 12 बोर पम्प एक्षन गन प्रषिक्षण का समापन
बाड़मेर पुलिस मुख्यालय राजस्थान जयपुर के निर्देशानुसार दिनंाक 29.05.17 से 03.06.17 तक रिर्जव पुलिस लाईन बाड़मेर मे छः दिवसीय 12 बोर पम्प एक्शन गन का एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आरर्मोर वर्कशोप द्वारा आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक   नरेन्द्रसिंह हैड कानि. आरर्मोर, तखतसिंह व जोगेन्द्र धार सहायक आरर्मोर द्वारा उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिला बाड़मेर के सभी थानो से कुल 25 मुलाजमानो को उक्त गन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण समाप्ति दिनांक 03.06.17 पर श्री रामेश्वर लाल मेघवाल अति. पुलिस अधीक्षक बाड़मेर ,   विकास कुमार, संचित निरीक्षक पुलिस लाईन बाड़मर व श्रीमति अनिता रानी उप निरीक्षक की मौजुदगी मे रिर्जव पुलिस लाईन मे उक्त प्रशिक्षित मुलाजमानो द्वारा प्रशिक्षण के संबंध मे 12 बोर पम्प एक्शन गन से फायरिंग करवाई जाकर उक्त कोर्स का समापन किया गया।

बाड़मेर भारी मात्रा मे 1180 कार्टून किमतन 45 लाख रूपये की अवैध अंग्रेजी शराब से भरा ट्रक जब्त, एक गिरफतार



बाड़मेर भारी मात्रा मे 1180 कार्टून किमतन 45 लाख रूपये की अवैध अंग्रेजी शराब से भरा ट्रक जब्त, एक गिरफतार
बाड़मेर डाॅ. गगनदीप सिंगला पुलिस अधीक्षक बाडमेर द्वारा अवैध षराब तस्करी रोकथाम हेतु चलाये जा रहे विषेश अभियान के अन्तर्गत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा व वृताधिकारी वृत बालोतरा के निर्देषन में जयकिषन सोनी उपनिरीक्षक थानाधिकारी पचपदरा मय पुलिस पार्टी द्वारा दिनांक 3.6.17 को दोपहर के वक्त मुखबीर की सूचना पर थाना पचपदरा के आगे मेगा हाईवे पर नाकाबन्दी की गई दौराने नाकाबन्दी एक ट्रक नम्बर भ्त्. 39।. 9549 को रूकवाकर चालक दारासिंह पुत्र श्री अमरीक सिंह जाति सोनी उम्र 40 साल पैषा ड्राईविंग निवासी हनुमानगढ जंक्शान 7/41 हाउसिंह बोर्ड हनुमानगढ (राज.) को दस्तयाब कर ट्रक की तलाषी ली गई तो अन्दर 460 कार्टून चण्डीगढ निर्मित व 720 कार्टून अरूणाचलप्रदेष निर्मित कुल 1180 कार्टुन अवैध अंग्रेजी शराब बरामद करने में महत्वपुर्ण सफलता अर्जित की गई। वाहन व षराब को जब्त कर मुलजिम दारासिंह को गिरफ्तार किया गया। मुलजिम दारासिंह ने प्रथम पूछताछ में उक्त षराब सांचोर तक ले जाना बताया है मुलजिम से गहन पूछताछ जारी है, जिससे और कई षराब तस्करी मे लिप्त तस्करो के बारे मे खुलासा होने की संभावना है। बरामद षराब की अनुमानित किमत 45 लाख रूपये आंकी गई है। इस सम्बध मे पुलिस थाना पचपदरा पर मुकदमा नम्बर 87 दिनांक 3.6.17 धारा 19/ 54, 14/57, 54 ए आबकारी अधिनियम में दर्ज किया गया।

बाड़मेर अतिरिक्त जिला कलक्टर बिश्नोई ने लिया सरहदी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्थाओं का जायजा



बाड़मेर अतिरिक्त जिला कलक्टर बिश्नोई ने लिया

सरहदी क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्थाओं का जायजा

बाड़मेर, 3 जून। अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. बिश्नोई ने शनिवार को सरहदी क्षेत्रों का भ्रमण कर पेयजल व्यवस्थाओं का जायजा लिया। भ्रमण के दौरान जलदाय विभाग के अधिशाषी अभियन्ता हजारीराम सहित विभागीय अधिकारी भी साथ थे।

अतिरिक्त जिला कलक्टर बिश्नोई ने सर्व प्रथम सरहदी क्षेत्र गडरारोड एवं रामसर क्षेत्र में पेयजल व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होने जल स्त्रोत पर पहुंच मौके के हालात जाने। उन्होने रामसर खुडाणी हैड वर्क्स का निरीक्षण किया तथा व्यवस्थाएं देखी। इस दौरान उन्होने टैंकरों के माध्यम से किये जा रहे पेयजल परिवहन का लोगों से फीड बैक लिया। इसके पश्चात् उन्होने गिराब हैड वर्क्स का जायजा लिया। यहां 5 टयुबवेल चालू तथा 2 टयुब वेल खराब पाए गए। उन्होने खराब 2 टयुब वेलों को अविलम्ब चालू करने के निर्देश दिए ताकि क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति सुचारू हो सकें।

इसके पश्चात् अतिरिक्त जिला कलक्टर ने खलीफे की बावडी हैड वर्क्स तथा पम्पिंग स्टेशन का निरीक्षण किया। उन्होने डिस्कॉम के अधिशाषी अभियन्ता को खलीफे की बावडी में जीएसएस को अविलम्ब चालू करने के निर्देश दिए ताकि हैड वर्क्स पर सुचारू विद्युत आपूर्ति हो सकें। उन्होने गडरारोड हैड वर्क्स एवं पम्पिंग स्टेशन का जायजा लिया तथा क्षेत्र में टैंकरों द्वारा किये जा रहे पेयजल परिवहन का भौतिक निरीक्षण किया। उन्होने सज्जन का पार में विद्युत आपूर्ति सुचारू नहीं पाए जाने पर डिस्कॉम के अधिशाषी अभियन्ता को जल स्त्रोत पर विद्युत आपूर्ति दुरूस्त करने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त जिला कलक्टर ने गागरिया, रामसर मे पेयजल आपूर्ति व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा लोगों से पेयजल आपूर्ति के संबंध में जानकारी हासिल की। उन्होने क्षेत्र में पानी की उपलब्धता की भी जानकारी ली। भ्रमण के दौरान उन्होने सरहदी क्षेत्रों में बीएसएफ चौकियों तथा आर्मी पोस्ट पर जवानों से संवाद किया तथा जलदाय विभाग के अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। भ्रमण के दौरान उन्होन खुडाणी, गिराब, खलीफे की बावडी, सज्जन का पार सहित विभिन्न स्थानों पर आर.ओ. प्लान्ट का भौतिक सत्यापन भी किया।

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शादी के 6 महीने बाद बात न मानने पर पत्नी ने पति को दी खौफनाक सजा

शादी के 6 महीने बाद बात न मानने पर पत्नी ने पति को दी खौफनाक सजा

शादी के 6 महीने बाद बात न मानने पर पत्नी ने पति को दी खौफनाक सजा
अलीगढ़: उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़ में एक सनसनीखेज घटना देखने को मिली जहां मॉडर्न लाइफस्टाइल के चक्कर में एक पत्नी ने पति के दाढ़ी न बनवाने को लेकर शुरू हुई कहासुनी ने हिंसा का रूप ले लिया। जिसके बाद पत्नी ने खौलता हुआ पानी पति के चेहरे पर डाल दिया।




छह महीने पहले हुई थी शादी

मामला थाना क्वार्सी के जमालपुर कालोनी का है जहां पीड़ित सलमान का निकाह छह महीने पहले नगमा से हुआ था। सलमान का आरोप है कि उसकी पत्नी हमेशा से उसे दाढ़ी बनाने के लिए कहती रहती थी। बार बार मना करने के बाद वह गुस्सा हो जाती थी और उसे जान से मारने की धमकी देती थी। सलमान का कहना था कि मैं अपनी धार्मिक परंपराओं से बहुत प्यार करता हूं इसलिए मैं ये दाढ़ी नहीं कटवा सकता। इतना ही नहीं नगमा उस पर कुर्ते-पायजामे की जगह पैंट-शर्ट पहनने की बात भी कहती थी, लेकिन सलमान ने उसकी यह बात भी नहीं मानी। जिस दिन इस वारदात को अंजाम दिया गया उस दिन भी दोनों के बीच इस बात को लेकर काफी झगड़ा हुआ था। इसके बाद सलमान सोने चला गया और उसके सोने के बाद नगमा ने गुस्से में आकर सलमान के ऊपर खौलता हुआ पानी डाल दिया। जिससे उसका चेहरा 20 फीसद तक और हाथ जल गया। सलमान के चीखने की आवाज पर वहां परिजन और पड़ोसी आ गए और उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल ले गए।

बाड़मेर कोई भी पात्र व्यक्ति राशन सामग्री से वंचित नहीं रहेःठाकूर



बाड़मेर  विशेष योग्यजन शिविर संबंधित वीडियो कांफ्रेसिंग सोमवार को
बाड़मेर, 03 जून। विशेष योग्यजन शिविरांे के संबंध मंे सोमवार को प्रातः 10 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जिला मुख्यालय एवं ब्लाक स्तर पर अटल सेवा केन्द्रांे मंे आमुखीकरण प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमंे जन प्रतिनिधियांे के साथ विभागीय अधिकारियांे को उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक सुरेन्द्रसिंह पूनिया ने बताया कि केन्द्र सरकार ने दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत निःशक्तता की श्रेणियों बढाकर 21 कर दिया है। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार सम्पूर्ण राज्य में विशेष योग्यजनो के सशक्तिकरण एवं कल्याण के लिए उनको चिन्हित करने का विशेष अभियान चलाकर उन्हे लाभान्वित किया जाना है। इसके लिए विशेष योग्यजन शिविर आयोजित किये जाने है। उन्हांेने बताया कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन शिविर तीन चरणों मंे चिन्हीकरण, पंजीयन एवं प्रमाणीकरण एवं अंग, उपकरण वितरण में संपादित होंगे। प्रथम चरण चिन्हीकरण एवं पंजीयन 01 जून से प्रारंभ हो चुका है। इसके तहत 24 सितंबर 2017 तक ई-मित्रांे एवं अटल सेवा केन्द्र के माध्यम से विशेष योग्यजनोें का पंजीयन किया जाएगा। सहायक निदेशक पूनिया ने बताया कि 5 जून 2017 को प्रातः 10 बजे से 1ः30 तक वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जिला मुख्यालय एवं ब्लॉक स्तर पर अटल सेवा केन्द्र में आमुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमंे जिले के विभागीय अधिकारियांे के साथ जन प्रतिनिधियांे जिला प्रमुख, विधायक, प्रधान, जिला परिषद सदस्य,पंचायत समिति सदस्यांे से संबंधित अटल सेवा केन्द्र मंे वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान उपस्थित होने का अनुरोध किया गया है।

कोई भी पात्र व्यक्ति राशन सामग्री से वंचित नहीं रहेःठाकूर
-लगातार तीन माह तक राषन नहीं लेने वाले उपभोक्ताआंे के नाम खाद्य सूची से हटंेगे

बाड़मेर, 03 जून। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव एवं बाड़मेर जिले के प्रभारी सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अन्तर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र या गरीब परिवार, उपभोक्ता राशन सामग्री लेने से वंचित नहीं रहे। शासन सचिव राजीव सिंह ठाकुर सचिवालय के एन.आई.सी. कक्ष में जिला रसद अधिकारियों एवं प्रबंधकों से वीडियो कांन्फ्रेंस के माध्यम से विभागीय योजनाओं की विस्तार से जानकारी ले रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी अधिकारी पारदर्शिता के साथ विभागीय मापदण्डों के अनुसार अपने कार्य को भलीभांति अंजाम देते हुए मुख्यालय से दिए गए निर्देशों की गम्भीरतापूर्वक पालना सुनिश्चित करे।




ठाकुर ने कहा कि जिला रसद अधिकारी एवं प्रबंधक, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम प्रत्येक माह राशन डीलर्स, गैस एजेंसी संचालक एवं पेट्रोल पम्प संचालकों के साथ नियमित बैठक आयोजित कर स्थानीय स्तर पर ही उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान कर उनको राहत दे। जहां कहीं अनियमितता की शिकायत मिले तो जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि राशन की दुकानों का अटेचमेंट उचित रूप से नियमानुसार ही किया जाये एवं नई दुकानों का आवंटन का निर्णय जिला स्तर पर ही किया जाये। यदि बची हुई दुकानों के आवंटन के लिये साक्षात्कार शेष रहता है तो इसी माह में जिला स्तर पर ही कर लिया जाए। शासन सचिव ने वीडियो कान्फ्रेंस में पोस मशीन से ट्रांजेक्शन एवं जिलेवार उचित मूल्य दुकानों के समानीकरण के मुद्दे पर कहा कि प्रदेश में चल रहे ’’न्याय आपके द्वार’’ शिविरों में समुचित प्रक्रिया अपनाकर खाद्य सूची में पात्र व्यक्ति का नाम जोड़ने एवं अपात्र का नाम सूची से हटाये। उन्होंने निर्देश दिये कि इन शिविरों में विभाग से संबंधित अन्य सभी समस्याओं का समय पर निस्तारण करें। उन्होंने अन्नपूर्णा भण्डार योजना को प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजना बताते हुए अन्नपूर्णा भण्डारों पर उत्पादों की दर सूची चस्पा करने, वितरण केन्द्र से सामान की समय पर आपूर्ति, रि-आर्डर एवं बकाया भुगतान पर विस्तार से चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये। अतिरिक्त खाद्य आयुक्त, निदेशक उपभोक्ता मामले एवं नियंत्रक, विधिक माप विज्ञान पी.रमेश ने कहा है कि प्रदेश के हर जिले में बाट-माप के सत्यापन शिविरों का 2017-18 का प्लान बनाकर भिजवाये तथा पेट्रोल पम्पों पर अनाधिकृत रूप से चिप के उपयोग पर सतर्क रहकर कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि सभी जिला रसद अधिकारी एवं प्रबंधक सतत् रूप से संबंधित जिला कलक्टर से समन्वय स्थापित कर उनके द्वारा की जा रही कार्यवाही की प्रगति से अवगत करायें। श्री पी.रमेश ने कहा कि राज्य उपभोक्ता हैल्पलाईन 1800-180-6030 पर दर्ज शिकायतों के त्वरित निस्तारण की सीधी-सीधी जिम्मेदारी जिला रसद अधिकारी की है कि वे शिकायतों के निस्तारण की कार्यवाही निश्चित समयावधि में कर उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करें। उपायुक्त एवं संयुक्त शासन सचिव आकाश तोमर ने राष्ट्रीय खाद्य योजना (एनएफएसए-वाई) की सिडिंग को सभी जिलों में अच्छी स्थिति बताते हुए कहा कि यदि तीन माह तक लगातार उपभोक्ता राशन सामग्री नहीं लेता है तो ’’न्याय आपके द्वार’’ शिविरों में ‘मजमे आम’ में सूची पढकर सुनाई जाये और तय प्रक्रिया अपनाकर ऐसे लोगों का नाम खाद्य सूची से हटा दिया जाये। उन्होंने प्रबन्धक, नागरिक आपूर्ति द्वारा किये गये परिवहन के टेण्डर्स की अद्यतन स्थिति, गेहूं, चीनी एवं केरासीन के समय पर उठाव एवं वितरण पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

शहर में आज निकलेगी भगवान महेश की शोभायात्रा

बाड़मेर। निकली भगवान महेश की शोभायात्रा

@छगनसिंह चौहान / बाड़मेर 

बाड़मेर। भगवान महेश जयंती के अवसर पर बाड़मेर मे भगवान महेश के जीवन को चरितार्थ करते हुए शहर के प्रमुख मार्गों से शोभायात्रा निकाली गई । शोभायात्रा मे विभिन्न प्रकार की झांकिया सजाई गई । शोभायात्रा का अलग अलग जगहो पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया । इस दौरान माहेश्वरी समाज के सेकड़ो की संख्या मे लोगों मौजूद रहे ।
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परिक्रमा पर्यटन मणिकर्ण अद्भुत स्थल। शेषनाग की हुंकार से आजतक उबलता है यहाँ का पानी

परिक्रमा पर्यटन मणिकर्ण अद्भुत  स्थल। शेषनाग की हुंकार से आजतक उबलता है यहाँ का पानी















यूं ताे हिमाचल प्रदेश कुल्लू मनाली घूमने-फिरने वालों की पसंदीदा जगह है। परिवार के साथ मणिकर्ण का भ्रमण अद्भुत अहसास था ,कुल्लू के सुभाष गौतम उर्फ़ रैम्बो के साथ इस पर्यटन स्थन को देखना सकूं भरा रहा ,वहां की वादियां, नजारे किसी काे भी मोह लेते हैं। लेकिन कुल्लू  में एक धार्मिक जगह ऐसी है, जहां बर्फीली ठण्‍ड में भी पानी उबलता रहता है। मान्‍यता है कि शेषनाग के गुस्‍से के कारण यह पानी उबल रहा है।


इस जगह का नाम है मणिकर्ण। कहा जाता है कि शेषनाग ने भगवान शिव के क्रोध से बचने के लिए यहां एक दुर्लभ मणि फेंकी थी। इस वजह से यह चमत्कार हुआ और यह आज भी जारी है

मणिकर्ण में शेषनाग ने भगवान शिव के क्रोध से बचने के लिये यह मणि क्यों फेंकी, इसके पीछे की कहानी भी अनोखी है। मान्यताओं के अनुसार मणिकर्ण ऐसा सुंदर स्‍थान है, जहां भगवान शिव और माता पार्वती ने करीब 11 हजार वर्षों तक तपस्या की थी।

मां पार्वती जब जल-क्रीड़ा कर रही थीं, तब उनके कानों में लगे आभूषणों की एक दुर्लभ मणि पानी में गिर गई थी। भगवान शिव ने अपने गणों को इस मणि को ढूंढने को कहा लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी मणि नहीं मिली। इससे भगवान शिव बेहद नाराज हो गए। यह देख देवता भी कांप उठे। शिव का क्रोध ऐसा बढ़ा कि उन्‍होंने अपना तीसरा नेत्र खोल लिया, जिससे एक शक्ति पैदा हुई। इसका नाम नैनादेवी पड़ा।

नैना देवी ने बताया कि दुर्लभ मणि पाताल लोक में शेषनाग के पास है। सभी देवता शेषनाग के पास गए और मणि मांगने लगे। देवताओं की प्रार्थना पर शेषनाग ने दूसरी मणियों के साथ इस विशेष मणि को भी वापस कर दिया। हांलाकि वह इस घटनाक्रम से काफी नाराज भी हुए। शेषनाग ने जोर की फुंकार भरी, जिससे इस जगह पर गर्म जल की धारा फूट पड़ी।

मणि वापस पाने के बाद पार्वती और शंकर जी प्रसन्‍न हो गए। तब से इस जगह का नाम मणिकर्ण पड़ गया।
मणिकर्ण भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में कुल्लू जिले के भुंतर से उत्तर पश्चिम में पार्वती घाटी में व्यास और पार्वती नदियों के मध्य बसा है, जो हिन्दुओं और सिक्खों का एक तीर्थस्थल है। यह समुद्र तल से १७६० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और कुल्लू से इसकी दूरी लगभग ४५ किमी है। भुंतर में छोटे विमानों के लिए हवाई अड्डा भी है। भुंतर-मणिकर्ण सडक एकल मार्गीय (सिंगल रूट) है, पर है हरा-भरा व बहुत सुंदर। सर्पीले रास्ते में तिब्बती बस्तियां हैं। इसी रास्ते पर शॉट नाम का गांव भी है, जहां कई बरस पहले बादल फटा था और पानी ने गांव को नाले में बदल दिया था।

मणिकर्ण अपने गर्म पानी के चश्मों के लिए भी प्रसिद्ध है। देश-विदेश के लाखों प्रकृति प्रेमी पर्यटक यहाँ बार-बार आते है, विशेष रूप से ऐसे पर्यटक जो चर्म रोग या गठिया जैसे रोगों से परेशान हों यहां आकर स्वास्थ्य सुख पाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां उपलब्ध गंधकयुक्त गर्म पानी में कुछ दिन स्नान करने से ये बीमारियां ठीक हो जाती हैं। खौलते पानी के चश्मे मणिकर्ण का सबसे अचरज भरा और विशिष्ट आकर्षण हैं। प्रति वर्ष अनेक युवा स्कूटरों व मोटरसाइकिलों पर ही मणिकर्ण की यात्रा का रोमांचक अनुभव लेते हैं।



मणिकर्ण का शाब्दिक अर्थ है, कान की बाली
समुद्र तल से छह हजार फुट की ऊँचाई पर बसे मणिकर्ण का शाब्दिक अर्थ है, कान की बाली। यहां मंदिर व गुरुद्वारे के विशाल भवनों से लगती हुई बहती है पार्वती नदी, जिसका वेग रोमांचित करने वाला होता है। नदी का पानी बर्फ के समान ठंडा है। नदी की दाहिनी ओर गर्म जल के उबलते स्रोत नदी से उलझते दिखते हैं। इस ठंडे-उबलते प्राकृतिक संतुलन ने वैज्ञानिकों को लंबे समय से चकित कर रखा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यहाँ के पानी में रेडियम है।

मणिकर्ण में बर्फ खूब पड़ती है, मगर ठंड के मौसम में भी गुरुद्वारा परिसर के अंदर बनाए विशाल स्नानास्थल में गर्म पानी में आराम से नहाया जा सकता है, जितनी देर चाहें, मगर ध्यान रहे, अधिक देर तक नहाने से चक्कर भी आ सकते हैं। पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग-अलग प्रबंध है। दिलचस्प है कि मणिकर्ण के तंग बाजार में भी गर्म पानी की आपुर्ति की जाती है, जिसके लिए विशेष रूप से पाइप भी बिछाए गए हैं। अनेक रेस्त्राओं और होटलों में यही गर्म पानी उपलब्ध है। बाजार में तिब्बती व्यवसायी छाए हुए हैं, जो तिब्बती कला व संस्कृति से जुडा़ सामान और विदेशी वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं। साथ-साथ विदेशी स्नैक्स व भोजन भी।

इन्हीं गर्म चश्मों में गुरुद्वारे के लंगर के लिए बडे-बडे गोल बर्तनों में चाय बनती है, दाल व चावल पकते हैं। पर्यटकों के लिए सफेद कपड़े की पोटलियों में चावल डालकर धागे से बांधकर बेचे जाते हैं। विशेषकर नवदंपती इकट्ठे धागा पकडकर चावल उबालते देखे जा सकते हैं, उन्हें लगता हैं कि यह उनकी जीवन का पहला खुला रसोईघर है और सचमुच रोमांचक भी। यहां पानी इतना खौलता है कि भूमि पर पांव नहीं टिकते। यहां के गर्म गंधक जल का तापमान हर मौसम में एक सामान ९४ डिग्री सेल्सियस रहता है। कहते हैं कि इस पानी की चाय बनाई जाए तो आम पानी की चाय से आधी चीनी डालकर भी दो गुना मीठी हो जाती है। गुरुद्वारे के विशालकाय किलेनुमा भवन में ठहरने के लिए पर्याप्त स्थान है। छोटे-बड़े होटल व कई निजी अतिथि गृह भी हैं। ठहरने के लिए तीन किलोमीटर पहले कसोल भी एक शानदार विकल्प है।

धार्मिक महत्व 

मणिकर्ण का प्रमुख गुरुद्वारा

मणिकर्ण में बहुत से मंदिर और एक गुरुद्वारा है। सिखों के धार्मिक स्थलों में यह स्थल विशेष स्थान रखता है। गुरुद्वारा मणिकर्ण साहिब गुरु नानकदेव की यहां की यात्रा की स्मृति में बना था। जनम सखी और ज्ञानी ज्ञान सिंह द्वारा लिखी तवारीख गुरु खालसा में इस बात का उल्लेख है कि गुरु नानक ने भाई मरदाना और पंच प्यारों के साथ यहां की यात्रा की थी। इसीलिए पंजाब से बडी़ संख्या में लोग यहां आते हैं। पूरे वर्ष यहां दोनों समय लंगर चलता रहता है।

यहाँ पर भगवान राम, भगवान कृष्ण, भगवान विष्णु और भगवान शिव के मंदिर हैं। हिंदू मान्यताओं में यहां का नाम इस घाटी में शिव के साथ विहार के दौरान पार्वती के कान (कर्ण) की बाली (मणि) खो जाने के कारण पडा़। एक मान्यता यह भी है कि मनु ने यहीं महाप्रलय के विनाश के बाद मानव की रचना की थी। यहां रघुनाथ मंदिर है। कहा जाता है कि कुल्लू के राजा ने अयोध्या से भगवान राम की मू्र्ति लाकर यहां स्थापित की थी। यहां शिवजी का भी एक पुराना मंदिर है। इस स्थान की विशेषता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुल्लू घाटी के अधिकतर देवता समय-समय पर अपनी सवारी के साथ यहां आते रहते हैं।

पर्वतारोहियों और पर्यटकों का स्वर्ग
मणिकर्ण अन्य कई मनलुभावन पर्यटक स्थलों का आधार स्थल भी है। यहां से आधा किमी दूर ब्रह्म गंगा है जहां पार्वती नदी व ब्रह्म गंगा मिलती हैं। यहां थोडी़ देर रुकना प्रकृति से जी भर मिलना है। डेढ़ किमी दूर नारायणपुरी है, ५ किमी दूर राकसट है, जहां रूप गंगा बहती हैं। यहां रूप का आशय चांदी से है। पार्वती पदी के बांई ओर १६ किलोमीटर दूर और १६०० मीटर की कठिन चढा़ई के बाद आने वाला सुंदर स्थल पुलगा जीवन अनुभवों में शानदार बढोतरी करता है। इसी प्रकार २२ किमी दूर रुद्रनाथ लगभग ८००० फुट की ऊंचाई पर बसा है और पवित्र स्थल माना जाता रहा है। यहां खुल कर बहता पानी हर पर्यटक को नया अनुभव देता है। मणिकर्ण से लगभग २५ किमी दूर, दस हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित खीरगंगा भी गर्म जल सोतों के लिए जानी जाती हैं। यहां के पानी में भी औषधीय तत्व हैं। एक स्थल पांडव पुल ४५ किमी दूर है। गर्मी में मणिकर्ण आने वाले रोमांचप्रेमी लगभग ११५ किमी दूर मानतलाई तक जा पहुंचते हैं। मानतलाई के लिए मणिकर्ण से तीन-चार दिन लग जाते हैं। सुनसान रास्ते के कारण खाने-पीने का सामान, दवाएं इत्यादि साथ ले जाना नितांत आवश्यक है। इस दुर्गम रास्ते पर मार्ग की पूरी जानकारी रखने वाले एक सही व्यक्ति को साथ होना बहुत आवश्यक है। संसार से विरला, अपने प्रकार के अनूठे संस्कृति व लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था रखने वाला अद्भुत ग्राम मलाणा का मार्ग भी मणिकर्ण से लगभग १५ किमी पीछे जरी नामक स्थल से होकर जाता है। मलाणा के लिए नग्गर से होकर भी लगभग १५ किलोमीटर पैदल रास्ता है। इस प्रकार यह समूची पार्वती घाटी पर्वतारोहिण के शौकीनों के लिए स्वर्ग के समान है।

कितने ही पर्यटकों से छूट जाता है कसोल, जो कि मणिकर्ण से तीन किमी पहले आता है। यहां पार्वती नदी के किनारे, पेडों के बीच बसे खुलेपन में पसरी सफेद रेत, जो कि पानी को हरी घास से विलग करती है, यहां की दृश्यावली को विशेष बना देती है। यहां ठहरने के लिए हिमाचल पर्यटन के हट्स भी हैं।

मणिकर्ण की घुम्मकडी के दौरान आकर्षक पेड पौधों के साथ-साथ अनेक रंगों की मिट्टी के मेल से रची लुभावनी पर्वत श्रृंखलाओं के दृश्य मन में बस जाते हैं। प्रकृति के यहां और भी कई अनूठे रंग हैं। कहीं सुंदर पत्थर, पारदर्शी क्रिस्टल जो देखने में टोपाज जैसे होते है, मिल जाते हैं। तो कहीं चट्टानें अपना अलग ही आकार ले लेती हैं जैसे कि बीच सडक पर टकी ईगल्स नोज जो दूर से बिल्कुल किसी बाज के सिर जैसी लगती है। प्रकृति प्रेमी पर्यटकों को सुंदर ड्रिफ्टवुडस या फिर जंगली फूल-पत्ते मिल जाते हैं, जो उनके अतिथि कक्ष का स्मरणीय अंग बन जाते हैं और मणिकर्ण की रोमांचक स्मृतियों के स्थायी साक्ष्य बने रहते हैं।




मणिकर्ण से संबधित कुछ तथ्य  
समुद्र तल से १७६० मीटर की ऊंचाई पर स्थित मणिकर्ण कुल्लू से ४५ किलोमीटर दूर है। भुंतर तक राष्ट्रीय राजमार्ग है जो आगे संकरे पहाडी़ रास्ते में परिवर्तित हो जाता है।
१९०५ में आए विनाशकारी भूकंप के बाद इस क्षेत्र का भूगोल बहुत-कुछ बदल गया था।
पठानकोट (२८५ किमी) और चंडीगढ़ (२५८ किमी) सबसे निकट के रेल स्टेशन हैं। दिल्ली से भुंतर के लिए प्रतिदिन उडा़न भी है।
मणिकर्ण किसी भी मौसम में जाया जा सकता हैं। लेकिन जनवरी में यहां बर्फ गिर सकती है। तब ठंड कडा़के की रहती है। मार्च के बाद से मौसम थोड़ा अनुकूल होने लगता है। बारिश में इस क्षेत्र की यात्रा खतरनाक हो सकती है। जाने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।
पार्वती नदी में नहाने का खतरा ना उठाएं। न केवल इस नदी का पानी बहुत ठंडा है, बल्कि वेग इतना तेज़ होता है कि कुशल से कुशल तैराक भी अपना संतुलन नहीं बना पाते। बहुत लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं क्योंकि एक पल की भी असावधानी, बचा पाने के किसी भी प्रयास को विफल कर देती है।

खीरगंगा

मणिकर्ण से लगभग 25 किमी दूर, दस हजार फुट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित खीरगंगा भी गर्म जल सोतों के लिए जानी जाती हैं। यहां के पानी में भी औषधीय तत्व हैं। एक स्थल पांडव पुल 45 किमी. दूर है। गर्मी में मणिकर्ण आने वाले रोमांचप्रेमी लगभग 115 किमी. दूर मानतलाई तक जा पहुंचते हैं। मानतलाई के लिए मणिकर्ण से तीन-चार दिन लग जाते हैं। सुनसान रास्ते के कारण खाने-पीने का सामान, दवाएं वगैरह साथ ले जाना बेहद जरूरी है। इस दुर्गम रास्ते पर मार्ग की पूरी जानकारी रखने वाले एक सही व्यक्ति को साथ होना बेहद जरूरी है। संसार की विरली, अपने किस्म की अनूठी संस्कृति व लोक तांत्रिक शासन व्यवस्था रखने वाले अद्भुत गांव मलाणा का मार्ग भी मणिकर्ण से लगभग 15 किमी. पीछे जरी नामक स्थल से होकर जाता है मलाणा के लिए नग्गर से होकर भी लगभग 15 किमी. पैदल रास्ता है। इस तरह यह समूची पार्वती घाटी ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए स्वर्ग के समान है।

कसोल

कितने ही पर्यटकों से छूट जाता है कसोल जो कि मणिकर्ण से तीन किमी. पहले आता है। यहां पार्वती नदी के किनारे, दरख्तों के बीच बसे खुलेपन में पसरी सफेद रेत, जो कि पानी को हरी घास से जुदा करती है,यहां के नजारों को खास अलग बना देती है। यहां ठहरने के लिए हिमाचल टूरिज्म की हट्स भी हैं।

मणिकर्ण की घुम्मकड़ी के दौरान आकर्षक पेड़ पौधों के साथ-साथ अनेक रंगों की मिट्टी के मेल से रची लुभावनी पर्वत श्रृंखलाओं के दृश्य मन में बस जाते हैं। प्रकृति के यहां और भी कई अनूठे रंग हैं। कहीं खूबसूरत पत्थर, पारदर्शी क्रिस्टल जिनका लुक टोपाज जैसा होता है, मिल जाते हैं तो कहीं चट्टानें अपना अलग ही आकार ले लेती हैं जैसे कि बीच सड़क पर टंकी ईगल्स नोज जो दूर से हू-ब-हू किसी बाज के सिर जैसी लगती है।  प्रकृति पे्रमी पर्यटकों को सुंदर ड्रिफ्टवुडस या फिर जंगली फूल-पत्ते मिल जाते हैं, जो उनके अतिथि कक्ष का यादगार हिस्सा बन जाते हैं और मणिकर्ण की रोमांचक यादों के स्थायी गवाह बने रहते हैं।

बाडमेर। संच्चियाय माता पैदल यात्रा संघ 7 को

बाडमेर। संच्चियाय माता पैदल यात्रा संघ 7 को


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बाडमेर।मां संच्चियाय भक्त मण्डल के तत्वाधान में बाडमेर से कुर्जा संच्चियाय माता पैदल यात्रा संघ ज्येष्ठ सुदी तेरस 7जून बुधवार को प्रातः5.30 बजे माणक होस्पीटल से रवाना होगा। मां संच्चियाय भक्त मण्डल के प्रकाश मालू व कपिल मालू ने बताया कि मालू भाईपा समाज द्वारा नवनिर्मित मालू गौत्रीय कुलदेवी मां संच्चियाय माता मन्दिर कुर्जा में मां संच्चियाय भक्त मण्डल द्वारा हर माह की चांदनी तेरस को मेले आयोजन किया जाता है।मालू ने बताया कि मा संच्चियाय भक्त मण्डल द्वारा कल्पेश मालू व विक्रम मेहता के नेतृत्व में 7 जून ज्येष्ठ सुदी तेरस बुधवार को प्रातः 5.30 बजे माणक हास्पीटल से बाडमेर से कुर्जा पैदल यात्रा संघ का आयोजन किया जा रहा है जो संघ माणक हासपीटल से रवाना होकर कल्याणपुरा,प्रताप जी पोल,करमु जी की गली,चैहटन चैराहा होते हुए संच्चियाय माता मन्दिर कुर्जा पहुचेगे जहां पहुच कर दर्शन,पूजा के बाद आरती का आयोजन होगा उसके पश्चात प्रसादी का आयोजन किया जायेगा। मालू ने बताया कि पैदल संघ में जाने वाले भाई-बहन माणक हास्पीटल पर अपना लिखावे।

चोहटन। आदर्श गांव बनाने के लिए मिलकर काम करने पर जोर

चोहटन। आदर्श गांव बनाने के लिए मिलकर काम करने पर जोर

चोहटन। गौहड़का तला ग्राम पंचायत मुख्यालय पर आदर्श ग्राम पंचायत योजना को लेकर ग्राम सभा एवं प्रस्तावित कार्य योजना की बैठक विधायक तरूणराय कागा के आतिथ्य में आयोजित हुई। राउमा विद्यालय के प्रांगण में आयोजित बैठक में 7 करोड़ 60 लाख के गांव के विकास के लिए प्रस्तावित कार्य योजना बनाई। बैठक में कागा ने कहा कि हमारी सरकार की मंशा प्रत्येक गांव काे आधारभूत सुविधा से युक्त करना है। हमारा गांव आदर्श कैसे बने इसके लिए हम सब को मिलजुल कर एक जाजम पर बैठ कार्ययोजना बनाते हैं ताकि गांव का विकास कर सके। ग्राम सभा की अध्यक्षता करते हुए एसडीएम भागीरथराम चौधरी ने कहा कि अपने काश्त की भूमि का हमेशा रजानमी से बंटवारा करना चाहिए। बंटवारे में वाद विवाद में कभी नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, गांव को आदर्श बनाने के लिए पॉलीथिन का उपयोग नहीं करें और कचरा निर्धारित स्थल पर ही डालें। बीडीओ राजेन्द्र कुमार ने मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना की प्रस्तावित कार्ययोजना की जानकारी दी।
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बाड़मेर। मासूम सीख रहे कबाड़ से सुनहरे जुगाड़

बाड़मेर। मासूम सीख रहे कबाड़ से सुनहरे जुगाड़
बाड़मेर। गर्मियों की छुट्टियों में इन दिनों जिले के बालिका हाई सैकंडरी स्कूल में शिक्षक कबाड़ से जुगाड़ बनाने का तरीका सीखा रहे हैं, ताकि बच्चों को भी घर में रखे बेकार सामनों का सदुपयोग करना सीखा सके। बच्चो में भी कबाड़ से जुगाड़ के नव अभिनवो को लेकर काफी उत्साह नजर आ रहा है। स्ट्रा पाइप, बोतल, रबर, बैलून, खराब इंजेक्शन, टूथ पिक, स्पोक, आईस्क्रीम स्टिक, कांच की बाल्टी, पेन, पेन्सिल, तार, चुम्बक, डीसी मोटर जैसे कबाड़ से कई सारे उपकरण बनाने के तरीको से मासूम इन दिनों रूबरू होते नजर आ रहे है। स्थानीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रहे भारत स्काउट गाइड के ग्रीष्मकालीन अभिरुचि प्रशिक्षण शिविर में आर्ट एंड क्राफ्ट फेकल्टी में बच्चो का हुनर कबाड़ के आधार पर सिर चढ़कर बोलता नजर आ रहा है। बच्चे भी गर्मियों की छुट्टियों में इस तरह के नव प्रशिक्षणों से काफी खुश नजर आ रहे है। हमारे घरों व आस-पास कई ऐसे कबाड़ हैं जिसको हम फेंक देते हैं उसका उपयोग भी नहीं करते, पर इन कबाड़ों से भी कई सारे उपकरण बनाए जा सकते हैं। कबाड़ से खेल-खेल में भी विज्ञान को समझ सकते हैं। कबाड़ से घरेलू साज-सज्जा के समान को तैयार करने का जोश और जनून यहाँ हर बच्चे के हाथों से निखरता नजर आता है। स्थानीय गल्र्स स्कूल में 15 बच्चों के साथ अनुपयोगी वस्तुओं से साज-सज्जा का सामान बनाने का शुरू हुआ सिलसिला अब 50 से अधिक विधार्थियों तक पहुच चुका है। बेकार चीजों से साज-सज्जा का सामान बनाना सिखाने वाली शिक्षिका सविता के मुताबित स्थानीय बच्चों के साथ ही जिले से बाहर पढ़ने वाले बच्चे भी यहां पहुंचकर समय का सदुपयोग कर रहे हैं। सविता के मुताबित आज बच्चे जिस काम का अवकाश के दिन कर रहे हैं वह रोजगार का जरिया भी बनाया जा सकता है। मेहनत से हुनर में निखार होता है लेकिन यह हुनर कबाड़ पर चले तो इसके मायने ही बदल जाते है, ऐसे ही बदलते मायने इन दिनों स्थानीय गल्र्स सीनियर सैकेंडरी स्कूल में मासूमों के हाथों से बनते और निखरते नजर आ रहे हैं। वहीं इस शिविर में खगेन्द्र, अरूणा सोलंकी, गायत्री चैधरी, कमला, जागृति सोलंकी, आशा डांगरा, भावना व्यास, दीपिका व्यास, विजेन्द्र गोदारा, मदनलाल माली, शेराराम, धर्मवीर सहित कई दक्ष प्रशिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


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सीबीएसई दसवीं का परिणाम घोषित, अजमेर व अन्य रीजन के परिणाम के लिए Students को करना होगा इंतजार

अजेमर.सीबीएसई दसवीं का परिणाम घोषित, अजमेर व अन्य रीजन के परिणाम के लिए Students को करना होगा इंतजार
 सीबीएसई दसवीं का परिणाम घोषित, अजमेर व अन्य रीजन के परिणाम के लिए students को  करना होगा इंतजार
सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं के परिणाम जारी कर दिए हैं। हाल फिलहाल बोर्ड ने इलाहबाद, चेन्नई, दिल्ली, तिरूवंतपुरम और देहरादून रीजन के रिजल्ट घोषित किए हैं। अजमेर व अन्य रीजन के परिणाम घोषित करने में बोर्ड को थोड़ा समय लग रहा है।


सीसीई के तहत किसी विद्यार्थी को फेल नहीं किया गया। अब अगले साल से बोर्ड की दसवीं के सभी विद्यार्थियों की परीक्षा लेगा। विद्यार्थियों को स्कूल और बोर्ड पैटर्न से परीक्षा देने के सुविधा नहीं मिलेगी। अजमेर रीजन में राजस्थान, गुजरात,मध्य प्रदेश और दादर नागर हवेली के स्कूल शामिल है।

नई दिल्ली।CBI ने सेना में चल रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट का किया भंडाफोड़, ले. कर्नल और एक बिचौलिया गिरफ्तार



नई दिल्ली।CBI ने सेना में चल रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट का किया भंडाफोड़, ले. कर्नल और एक बिचौलिया गिरफ्तारCBI ने सेना में चल रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट का किया भंडाफोड़, ले. कर्नल और एक बिचौलिया गिरफ्तार


सीबीआई ने सेना के दो अधिकारियों पर केस दर्ज किया है। दोनों अधिकारियों पर ट्रांसफर और पोस्टिंग रैकेट चलाने का आरोप लगा है। एजेंसी द्वारा लेफ्टिनेंट कर्नल रंगनाथन, सेना अधिकारी पुरषोत्तम, गौरव कोहली समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।


वहीं इस मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल रंगनाथन और बिचौलिए गौरव को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही इन सभी पर आपराधिक षडयंत्र की धारा भी लगाई गई है। इन पर लगे आरोप के मुताबिक, इन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते ना केवल भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए, बल्कि ट्रांफसर और पोस्टिंग भी करवाई। और इस एवज में लेफ्टीनेंट कर्नल रंगनाथन और गौरव कोहली ने मोटी रकम वसूली।


सीबीआई की जांच में पता चला है कि पुरषोत्तम सेना के उन अधिकारियों से संपर्क करता था जिनका ट्रांसफर हो जाया करता था। फिर वह उन्हें मनचाही पोस्टिंग का लालच देता था। इसके बाद गौरव कोहली का काम शुरु होता था। उसने आर्मी के आला अधिकारियों के बीच मजबूत पकड़ बना रखी थी। इस पूरे रैकेट में लेफ्टिनेंट कर्नल रंगनाथन की भूमिका केंद्र में है।


सीबीआई फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि इनका रैकेट कितने बड़े पैमाने पर फैला हुआ था और किन-किन लोगों से रुपए लेकर इन्होंने ट्रांसफर और पोस्टिंग का काम करवाया गया है। गौरतलब है कि इस मामले में शुक्रवार को सीबीआई ने सेना मुख्यालय में चल रहे बड़े तबदला रैकेट का उजागर किया था। जहां कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्ता की आशंका जताई जा रही है।