सांसद पटेल ने लोकसभा में उठाया सौर पंपों का मुद्दा
सौर उपकरणों का विनिर्माण किया जायें- सांसद पटेल
सांसद देवजी पटेल ने शुक्रवार को संसद सत्र के दौरान देश में सौर पंपों के उपयोग को बढ़ावा देने एवं सौर उपकरणों का विनिर्माण का मुद्दा उठाया।
सांसद पटेल ने विद्युत, कोयला, नवीन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं खान राज्य मंत्री पीयूष गोयल से प्रश्न करते हुए कहा कि देश में दो करोड़ दस लाख सिंचाई पंपों में से 90 लाख पंप डीजल से चलते है तथ शेष ग्रिड की विद्युत आपूर्ति से चलते हैं जो कि देश में कुल विद्युत खपत का 10 प्रतिशत हैं। बागवानी एवं पेयजल आपूर्ति के साथ-साथ गांवों में कृषि हेतु सिंचाई के लिए डीजल एवं विद्युत पंपों की जगह सौर पंपों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने राज्य मंत्री गोयल से मेक-इन-इंडिया अभियान के तहत देश में सौर कुकरों, लालटेनों, सौर स्ट्रीट लाइटों, सौर गीजरों, सौर वाहनों और सौर पंपों के विनिर्माण को सुविधाजनक बनाने की मांग करते हुए बताया कि इन उपकरणों में उपयोग किए जा रहे बैटरी सहित अन्य उपकरणों के आयात की क्या स्थिति हैं।
सांसद पटेल के प्रश्न का उŸार देते हुए राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि मंत्रालय द्वारा देश में सिंचाई, पेयजल और अन्य संबद्ध गतिविधियों हेतु सौर पंपों के प्रयोग के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करता हैं। नवीन और नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय विŸाीय सहायता प्रदान कर विभिन्न सौर अनुप्रयोगों जैसे- लाइटिंग प्रणालियों, सौर लालटेनों, सौर कुकरों, सौर गीजरों और सौर पंपों को आॅफ ग्रिड एवं विकेन्द्रित सौर अनुप्रयोगों कार्यक्रम के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमे उपर्युक्त उत्पादों का देश में ही विनिर्माण किए जाने को सुगम बनाने में भी सहयता मिली हैं। लेड एसिड बैटरियाँ का निर्माण देश में किया जाता हैं जो सौर ऊर्जा में भंडारण के प्रमुख स्त्रोत हैं। ली-आयोन आधारित बैटरियाँ, जिसका उपयोग सौर सहित विभिन्न अनुप्रयासेगों में किया जा रही है, जिसका आयात किया जा रहा हैं। एमएनआरई द्वारा कई सौर प्रकाश वोल्टीज प्रणालियों को सहायता प्रदान की गई हैं, जिससे देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलता है।