शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2015

एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान, दूसरी तरफ बाड़मेर शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था

एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान, दूसरी तरफ बाड़मेर शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था



बाड़मेर। पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की बाड़मेर शहर की ऑफीसर्स कॉलोनी में धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं | पूरे मामले में नगर परिषद की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है |


दरअसल, शहर की बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर वर्ष 2012 में पारसमल नामक एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी |इसके बाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर जिला कलेक्टर को बदहाल सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे | इस पर जिला कलेक्टर मधुसूदन शर्मा ने शहर का दौरा कर नगर परिषद सहित प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक ली थी और तीन आरएएस अधिकारियों को इस मुहिम में लगाया था |



लेकिन उसके बावजूद भी सफाई व्यवस्था नहीं सुधर रही हैं करीब पंद्रह दिन से एडीएम और तहसीलदार के बंगलों के पीछे गंदे नाले का पानी बह रहा है इसको लेकर यहां के वांशिदों ने नगर परिषद आयुक्त को अवगत भी करवाया लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई|

शादी के एक दिन बाद ही ट्रेन के आगे कूदा गया दूल्हा

शादी के एक दिन बाद ही ट्रेन के आगे कूदा गया दूल्हा


बाड़मेर। बाड़मेर शहर के शास्त्री नगर मे एक युवक ने अपनी दुल्हन को बारात के साथ अपने घर पहुंचाया और कुछ ही घंटो बाद युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी इहलीला समाप्त कर दी जिससे सुहागिन बनाकर दुल्हन को युवक ने विधवा बना दिया। 

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जानकारी के मुताबिक शास्त्री नगर निवासी गेनाराम देशातंरी की एक दिन पूर्व ही शादी हुई थी और बुधवार को बारात दुल्हन को लेकर वापस बाड़मेर लौटी और उसके कुछ ही घंटो बाद दुल्हन के परिवार वालो ने धार्मिक मान्यताओ के हिसाब से दुल्हन को वापस पीहर जोधपुर ले जाने लगे तो दुल्हे ने मना किया मगर दुल्हन के परिजन नही माने और उसको पीहर लेकर रवाना हो गये। इस पर दुल्हा गेनाराम नाराज हो गया और रेल शटिंग के दौरान नाराज दुल्हे ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। घटना के बाद जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी मे रखवाया।

ब्रेन डेड घोषित बेटे के लीवर व किडनी मां बाप ने कर दिए दान

ब्रेन डेड घोषित बेटे के लीवर व किडनी मां बाप ने कर दिए दान


अलवर। अलवर शहर से 68 किमी दूर टहला क्षेत्र के तिलवाड़ गांव में रहने वाले कल्याण सहाय शर्मा का आठ साल का बेटा मोहित 30 जनवरी की शाम चारा काटने वाली मशीन के इंजन के पहिए की चपेट में गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद बचाया नहीं जा सका। छह फरवरी को डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डैड घोषित कर दिया था। इसके बाद डाक्टरों ने परिजनों की सहमति के बाद मोहित के शरीर से लिवर और किडनी शरीर से निकाल लिए थे। जिन्हे दूसरे मरीजों को ट्रांसप्लांट कर दिया गया है ! 

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जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के डॉक्टर्स ने इस कार्य को अंजाम दिया ! परिजनों ने कहा था की बच्चे हार्ट भी किसी के काम आ सके तो अच्छा रहता लेकिन डाक्टरों बताया की जयपुर में तो हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए कोई मरीज नही था और ही ऐसे स्पेशलिस्ट जयपुर में मौजूद है ऐसे में मोहित का दिल नहीं लिया गया। मोहित के पिता ने बताया की अस्पताल में बेटे के इलाज के दौरान जब दूसरे गंभीर मरीजों को देखा तो मन विचलित हो गया। बेटे की मौत के बाद फैसला किया-अगर किसी का भला मेरे बेटे के मृत शरीर से हो सकता है, तो इससे अच्छा क्या होगा। हालांकि, रिश्तेदारों ने विरोध किया। बाद में सभी इस अहसास पर माने कि चलो मोहित कहीं किसी के शरीर में तो जिंदा रहेगा। महात्मा गांधी अस्पताल में अतिरिक्त निदेशक मिशन एन एचएम नीरज के पवन ने मोहित के इलाज पर खर्च हुए 70 हजार रुपए लौटाने की पेशकश भी परिजनों को की, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। अस्पताल के डॉ. टी.सी.सदासुखी ने मोहित परिजनों को बताया था की मोहित की उम्र कम होने की वजह से उसकी दोनों किडनियां एक ही शख्स को लगाई गईं। यह इस तरह का देश में 23वां मामला है। मोहित की मां ने बताया की बेटे की मौत के बाद मैंने डॉक्टरों से कहा था-मेरा बेटा जितनों के काम आए जायेगा उतना अच्छा रहेगा !अबगांव तिलवाड़ के लोग भी अंगदान को तैयार हैं। गांव निवासी कल्याण सहाय के आठ वर्षीय पुत्र मोहित के अंगदान के निर्णय से सभी प्रभावित हैं। गांव के लोगों का कहना है कि मोहित की भले ही मौत हो गई। पर वह आज भी जिंदा है। वह एक नहीं दो शरीरों में नजर आएगा। ग्रामीणो ने दो दिन पूर्व मोहित को श्रद्धांजलि देकर नमन किया बैठक आयोजित कर देहदान करने सहमति जताई गई !। उसे गांव का गौरव बताते हुए कई गांव के ही बुद्धा लाल मीणा ने बताया कि गांव के लोग अंगदान के लिए सहमत है। सभी की इस संबंध में बात हो चुकी है। मोहित के अंगदान के बाद जीवन का महत्व समझ आया है। साथ ही अंगदान की सोच जागृत हुई है। अंगदान के लिए सहमत लोगों की सूची जल्द प्रशासन को भिजवाई जाएगी। गांव के लोग चाहते हैं कि अंगदान के लिए इस गांव की खास पहचान बन सके । गांव के लोगों ने प्रशासन से मोहित के नाम से गांव में सरकारी स्कूल या कोई सरकारी भवन करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि मोहित के परिजनों का प्रशासन की ओर से भी सम्मान किया जाना चाहिए।

पेड़ों की रक्षा के लिए गांव गोद देगा वन विभाग

पेड़ों की रक्षा के लिए गांव गोद देगा वन विभाग


— भामाशाहों, दानदाताओं, अफसरों और प्रतिष्ठित लोगों को गोद दिए जाएंगे गांव
— उस गांव में नए पेड़ लगाने से लेकर पेड़ों की देखरेख का जिम्मा दिया जाएगा
— वन मंत्री राजकुमार रिणवां ने वन विभाग के अफसरों को दिए निर्देश
— रिणवा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ​डीएफओ के साथ की समीक्षा

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जयपुर। वन विभाग अब प्रदेश भर में नए पेड़ लगाने और पेड़ों की देखभाल के लिए गांव गोद देगा। गांव में जहां भी नए पेड़ लगाने हैं और पहले से जहां पेड़ लगे हुए हैं, उन पूरे गांवों को भामाशाह, दानदाता और समाज के प्रतिष्ठित लोगों को गोद दिया जाएगा। वन मंत्री राजकुमार रिणवां ने गुरुवार को सभी जिला वन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विभाग के कामकाज की समीक्षा की। वीसी में अफसरों को हर जिले में मॉडल काम करने के भी दिर्नेश दिए गए। इसके अलावा लोहार्गल, शाकंभरी, मंसा माता जैसे धार्मिक स्थलों के वन क्षेत्रों में आम, जामुन जैसे फलदार और औषधीय पेड़ पौधे लगाने को कहा है।

पुजारी ने किया महिला से बलात्कार

पुजारी ने किया महिला से बलात्कार

भोपाल| मध्य प्रदेश के भोपाल के निशातपुरा थाने में पुजारी द्वारा महिला से बलात्कार करने का मामला सामने आया है| मंदिर के पुजारी ने पहले महिला के पति को भूत भगाने के बहाने से कही दूर भेज दिया और उसके बाद महिला को अकेला पाकर महिला के साथ बलात्कार किया|



34 वर्षीय पीड़ित महिला कई सालों से मंदिर में दर्शन के लिए जाया करती थी| इसी दौरान वो मंदिर के पुजारी के संपर्क में आई और कई बार पुजारी से अपनी परेशानियां भी साझा की| परेशानियों के बारे में जानने के बाद पुजारी ने इसकी वजह बुरी आत्माओं को बताया और बुरी आत्माओं को दूर करने के लिए एक विशेष पूजा करके के लिए कहा|

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पूजा के लिए पुजारी महिला के घर पहुंचा और महिला के पति को घर के बहार भेज दिया| पति के घर से बाहर जाने के बाद पुजारी ने महिला को बेहोश कर उसके साथ बलात्कार किया और होश में आने के बाद किसी को ना बताने की धमकी दी| पति के घर आने पर महिला ने साडी बात पति को बताई बताई| जिसके बाद महिला ने निशातपुरा थाने में पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है| फ़िलहाल आरोपी पुजारी पुलिस की गिरफ्त से दूर है|

रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ क्रिकेट महाकुंभ का भव्‍य आगाज, प्रतियोगी देशों की संस्कृति दिखी



मेलबर्न : विश्वकप क्रिकेट का आगाज होने में अब मात्र दो दिन शेष हैं. आज क्रिकेट के इस महाकुंभ का भव्‍य उद्घाटन किया गया. 2015 के इस महा आयोजन के मेजबान संयुक्त रूप से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं. भारतीय समयानुसार दोपहर दो बजे ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न और न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में उद्घाटन किया गया. उद्धाटन के साथ ही क्रिकेट महाकुंभ का आज से भव्‍य आगाज हो गया. उद्घाटन समारोह में क्रिकेट के कई दिग्गज शामिल शामिल किये.



इस दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने क्रिकेट विश्व कप ट्रॉफी का अनावरण किया. न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच शनिवार को विश्व कप के पहले मैच की मेजबानी करने वाले हेग्ले ओवल ने 1867 में प्रथम श्रेणी मैच की मेजबानी की थी लेकिन लेंकेस्टर पार्क के भूकंप से ध्वस्त होने के बाद यह शहर का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्थल बन गया है और इसमें काफी सुधार किया गया है.




आज के समारोह के साथ क्रिकेट के प्यार और प्रतिस्पर्धी देशों की संस्कृति के जश्न के अलावा क्राइस्टचर्च के जज्बे का जश्न भी शुरु होगा जो मुश्किल हालात से उबरकर क्रिकेट के इस महाकुंभ के उद्घाटन समारोह और उद्घाटन मैच के लिए तैयार हुआ.




समारोह के दौरान जाने माने खिलाडियों के साथ 80 बच्चे मौजूद थे और चार बडे अंडाकार हिस्सों पर क्रिकेट खेला गया जिन्हें 14 मैदानों में बांटा गया था जो टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे 14 देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. इन सभी चार हिस्सों के सामने मंच बना था जिस पर श्रीलंका और भारत के सांस्कृतिक कलाकारों के अलावा वेस्टइंडीज के स्टील बैंड्स, स्काटलैंड और आयरलैंड के नर्तकों तथा स्वदेशी माओरी हाका समूहों ने प्रस्तुति दी. कुल मिलाकर 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने दर्शकों का मनोरंजन किया. साथ ही न्यूजीलैंड में मौजूद टीमों के कप्तानों को दर्शकों के सामने पेश किया गया.




दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एबी डिविलियर्स ने कहा कि उनकी टीम ने कभी विश्व कप नहीं जीता है लेकिन, हम अपनी सर्वश्रेष्ठ तैयारी के साथ आए हैं और ट्रॉफी स्वदेश ले जाने को लेकर उत्सुक हैं. रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप में अपना पहला मुकाबला खेलने वाले जिंबाब्वे के कप्तान हैमिल्टन मसाकाद्जा ने कहा कि उनकी टीम प्रबल दावेदार नहीं है लेकिन इस टूर्नामेंट की सबसे अच्छी बात यह है कि जो टीम किसी भी दिन सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलेगी वह जीत सकती है.




क्राइस्टचर्च में रहने वाले न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रैंडन मैकुलम ने कहा, क्राइस्टचर्च जिस दौर से गुजरा उसके बाद यहां विश्व कप के पहले मैच का आयोजन शानदार है. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इस विश्व कप को कोई भी जीत सकता है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में आपको अच्छे विकेट दिखेंगे जिसमें मैच विनर अहम भूमिका निभा सकते हैं. प्रत्येक टीम में मैच विजेता हैं और वह 10 से 15 ओवर में मैच का पासा पलट सकते हैं.




साथ ही एक सरप्राइज भी है, जिसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गयी है. वर्ष 2011 के विश्वकप की मेजबानी भारत-श्रीलंका और बांग्लादेश ने मिलकर की थी, जिसका फाइनल भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था और भारत श्रीलंका को हराकर विश्व चैंपियन बना था. इस बार विश्वकप में 14 देश भाग ले रहे हैं और भारत के सामने अपना खिताब बचाने की चुनौती है.




एक महीने से ज्यादा चलेगी विश्वकप प्रतियोगिता




विश्वकप का पहला मैच 14 जनवरी को खेला जायेगा और फाइनल मुकाबला 29 मार्च को खेला जायेगा. शुरुआती मुकाबलों के लिए लाखों टिकट बिक चुके हैं और पहले राउंड में 15 फरवरी को खेला जाने वाला भारत-पाकिस्तान का मुकाबला सबसे दिलचस्प होगा, इस मैच का इंतजार लाखों क्रिकेट प्रेमी कर रहे हैं.



विश्व कप में भाग लेने वाली टीमें

विश्व में भाग लेने वाली टीमों को दो वर्ग में बांटकर रखा गया है. पूल ए और पूल बी. दोनों ही ग्रुप में सात-सात टीमें हैं.



पूल ए : अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश,इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, स्कॉटलैंड और श्रीलंका.




पूल बी : भारत, आयरलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात, जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज.

बेंगलुरु से एर्नाकुलम जा रही एक एक्सप्रेस ट्रेन की बोगियां पटरी से उतरीं, कई लोग घायल



बेंगलुरू से एर्नाकुलम जा रही एक एक्सप्रेस ट्रेन की तीन-चार बोगियां आज होसुर के समीप पटरी से उतर गई, जिसमें कई लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। रेलवे के सूत्रों ने बताया कि यह हादसा आज तड़के मुलागोंदापल्ली और चंद्रपुरम के समीप, अनेकल के पास हुआ।



उन्होंने बताया कि कर्नाटक और तमिलनाडु से एंबुलेन्स मौके पर पहुंच गई हैं और अधिकारी बचाव अभियान में समन्वय कर रहे हैं।




विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।

पाकिस्तान रिहा करेगा 173 भारतीय कैदी



अमृतसर  : कैदियों की अदला-बदली को लेकर हुए समझौते के तहत अब पाकिस्तान सरकार की तरफ से 173 भारतीय कैदियों को रिहा किया जा रहा है।
पाकिस्तान रिहा करेगा 173 भारतीय कैदी


जानकारी के अनुसार पाकिस्तान सरकार ने इस संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भी कैदियों की लिस्ट भेज दी है और 13 फरवरी के दिन कैदियों को रिहा कर दिया जाएगा। इस समय पाकिस्तान की जेलों में 526 भारतीय कैदी हैं।

लुधियाना महानगर में कॉलगर्ल बांट रही हैं मौत



लुधियाना : मेरा हंसता-खेलता परिवार पति की मौत के बाद जैसे बिखर कर तिनका-तिनका हो गया है। मैं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पल-पल मर रही हूं।
महानगर में कॉलगर्ल बांट रही हैं मौत


हमारे लिए जैसे जीने के मायने ही खत्म हो चुके हैं। यह भयानक समय मेरे परिवार पर महानगर की सड़कों पर सैक्स के नाम पर मौत बांट रही उन कालगल्र्स की देन है जो मात्र चंद रुपयों के लालच में अंधी होकर शहर वासियों को एड्स बांट रही हैं।




इन रहस्यमयी बातों से पर्दा उठाते हुए जालंधर बाईपास के नजदीक रहने वाली महिला राज रानी (काल्पनिक नाम) ने बताया कि उसका पति बीते दिनों एच.आई.वी. की चपेट में आने के कारण मर गया। महिला के अनुसार इस समय शहर के जालंधर बाईपास चौक, दाना मंडी, काराबारा चौक, पुरानी सब्जी मंडी, रेलवे स्टेशन, लोकल अड्डा, भारत नगर चौक व बस स्टैंड आदि कई स्थानों पर युवतियों के ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो युवाओं को फंसा कर हमबिस्तर होने के नाम पर एड्स बांट रहे हैं।




यह युवतियां सुबह ही ग्राहकों की तलाश में लग जाती हैं। इनकी उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच है। इनमें से कुछ युवतियों को कथित तौर पर एड्स ने अपनी चपेट में लिया है। महिला के अनुसार इन लड़कियों का सबसे सॉफ्ट टारगेट कार सवार लोग होते हैं जिनसे मोल भाव करने के बाद यह उन्हें किसी सुनसान जगह पर ले जाकर बिना किसी प्रोकॉशन (सेफ्टी) के सैक्स करती हैं। युवक भी बिना किसी सोच-विचार के इनके साथ हमबिस्तर हो जाते हैं। ऐसे में एच.आई.वी. ग्रस्त लड़कियां इन युवकों को अपनी चपेट में ले लेती हैं। यह बीमारी फिर बाद में विवाहित लोगों द्वारा उनकी पत्नियों तक भी पहुंच जाती है।




राज रानी ने कहा कि जिस तरह मेरे बच्चों के सिर से उनके पिता का साया उठ गया है, मैं नहीं चाहती कि किसी अन्य परिवार की हंसती-खेलती जिंदगी में यह दिन कभी आएं। इसलिए लोगों को इस मामले में सचेत होना होगा।










ला-इलाज है यह बीमारी




इस संबंध में बातचीत करते हुए सैक्स रोगों के माहिर एक डाक्टर ने कहा कि एड्स जैसी घातक बीमारी से पीड़ित किसी भी महिला या पुरुष के साथ किसी को भी शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिएं क्योंकि यह बीमारी बहुत जल्द एक से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश कर जाती है। यह बीमारी ला-इलाज है। इसके चलते कई परिवार तबाह व बर्बाद हो चुके हैं।










हम छेड़ेंगे अभियान: डी.सी.पी.




इस संबंध में डी.सी.पी. नवीन सिंगला से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यह बहुत चिंताजनक बात है कि शहर में ऐसी कालगल्र्स ने अपना जाल फैला रखा है, जो शहरवासियों को एच.आई.वी. जैसी घातक बीमारियां बांट रही हैं।




उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी पुलिस स्टेशनों के प्रमुख अधिकारियों को अभियान चलाने का निर्देश जारी करूंगा ताकि शहरवासियों में मौत बांट रही इन युवतियों पर नकेल कसी जा सके और लोगों को इस बीमारी की चपेट में आने से बचाया जा सके।

पाकिस्तान भारतीय हिन्दू इस मंदिर में नहीं जा सकते



कटासराज सहित पाकिस्तान के पौराणिक महत्व वाले प्रमुख धार्मिक स्थानों के जीर्णोद्धार के लिए 11 करोड़ 90 लाख रुपए की राशि पुरातत्व विभाग के हवाले करने के बाद अब नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने सिंध प्रांत में स्थित 11 मंदिरों की दशा सुधारने के प्रथम प्रयास में 55 लाख रुपए की राशि जारी कर दी है।

भारतीय हिन्दू इस मंदिर में नहीं जा सकते

देश विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह गए मंदिरों के विकास के लिए प्रयत्नशील डा. मुनव्वर चंद को वक्फ बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया गया था। वह पाकिस्तान हिन्दू वैल्फेयर बोर्ड, पाकिस्तान माइनोरिटी वैल्फेयर कौंसिल, पाकिस्तान एंग्लो एशियन फ्रैंडशिप सोसायटी के प्रधान एवं अल्पसंख्यक राष्ट्रीय शांति परिषद के उपाध्यक्ष हैं।




श्री कृष्ण मंदिर, रावी रोड, लाहौर की प्रबंध समिति के महासचिव के नाते उन्होंने मार्च के प्रथम सप्ताह में भारतीय तीर्थ यात्रियों की उपस्थिति में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया। काफी संघर्ष के बाद इस प्राचीन मंदिर में मूर्ति स्थापना 2007 में हुई। वहां नियमित सेवाएं दे रहे पुजारी काशी राम शर्मा को सरकार ने पांच मरला आवासीय भूखंड आबंटित किया है।




हिन्दुओं की प्रमुख समस्या का समाधान करते हुए लाहौर में अब 27 कनाल भूमि श्मशानघाट के लिए आबंटित कर दी गई है।

अपनी धर्मपत्नी सुनीता सहित भारतीय यात्रियों की सेवा में दिन-रात एक कर देने वाले डा. मुनव्वर चंद ने बताया कि श्री कृष्ण मंदिर को नई आभा प्रदान करने के अलावा लाहौर स्थित सर गंगाराम की समाधि को भी नया रूप दिया गया है। अग्रवाल धर्मशाला में नि:शुल्क औषधालय स्थापित कर दिया गया है। लगभग 100 कमरों की मुरम्मत का काम चल रहा है जिनमें 5 वी.आई.पी. रूम हैं।




डा. चंद बताते हैं कि सुविख्यात साधु बेला आश्रम (सक्खर) के जीर्णोद्वार के लिए 35 लाख रुपए जारी किए गए। जिन मंदिरों पर अब पांच-पांच लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं, उनमें कराची स्थित स्वामी नारायण मंदिर भी शामिल है जहां से प्रतिवर्ष हिंगलाज शक्ति पीठ के लिए तीर्थ यात्री रवाना होते हैं। चूंकि यह मंदिर ब्लूचिस्तान की दुर्गम पहाडिय़ों पर स्थित है इसलिए भारतीय हिन्दुओं को वहां जाने की अनुमति अभी नहीं मिली।







मानवाधिकारों व सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने पर पाकिस्तान सरकार डा. मुनव्वर चंद को कई बार सम्मानित कर चुकी है। चालीस वर्ष से एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में प्रैक्टिस कर रहे डाक्टर साहब को परमात्मा ने सुरीला स्वर भी दिया है। पुराने फिल्मी गीत व भजन गाते हुए वह श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।




इंगलैंड स्थित एंग्लो एशियन फ्रैंडशिप सोसायटी वहीं बसे हुए बाबा देवेंद्र कुमार के मार्गदर्शन में प्रतिवर्ष पाकिस्तान में दीपावली पर परिवार मिलन का आयोजन करने लगी है। भूकंप पीड़ितों की सहायता व नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा शिविरों का आयोजन डा. चंद के नेतृत्व में इस संस्था ने पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में करने व सामूहिक विवाहोत्सव के आयोजन की जिम्मेदारी भी संभाल रखी है। होली उत्सव का आयोजन भी संस्था की गतिविधियों में शामिल है। डा. चंद प्रत्येक सभा में पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों को यह संदेश देते हैं। अपने धर्म को छोड़ो मत, दूसरे धर्म को छेड़ो मत।

ग्यारह बार अपना शीश स्वयं धड़ से अलग कर मां को चढ़ाया



मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में बहुत से मंदिर स्थापित हैं मगर उन सभी में से मां हरसिद्धि मंदिर को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। स्कंदपुराण में भी इस मंदिर का वृतांत आता है। मां हरसिद्धि सम्राट विक्रमादित्य की कुलदेवी थी। माता हरसिद्धि सभी सिद्धियों की दाता हैं। नवरात्रि में यहां विशेष रूप से तंत्र साधनाएं की जाती हैं।



मान्यता है कि माता हरसिद्धि को राजा विक्रमादित्य गुजरात के हरसद गांव स्थित हरसिद्धि मंदिर से लेकर आए थे। मां सुबह के समय हरसिद्धि मंदिर जाती हैं और सांझ ढले आराम करने के लिए उज्जैन में अवस्थित मंदिर में आती हैं इसलिए यहां पर संध्योपासना की महत्ता है।




कहा जाता है की दक्ष यज्ञ में जब सती ने अपना शरीर त्याग दिया तब भगवान शिव उनके पार्थिव शरीर को लेकर ब्रह्मांड में भटकने लगे तब श्री हरि ने भगवान शिव का मोह भंग करने के लिए सुदर्शन चक्र से उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और वो टुकड़े सारी पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों पर जाकर गिरे और वहीं पर शक्तिपीठ स्थापित हो गए।




मां हरसिद्धि मंदिर में देवी सती की कोहनी गिरी थी इसलिए यह मंदिर सिद्धपीठ कहलाता है। इसी मंदिर में राजा विक्रमादित्य ने तप के उपरांत ग्यारह बार अपना शीश स्वयं धड़ से अलग कर मां को चढ़ाया। मां की कृपा से ग्यारह बार सिर फिर से जुड़ गया।