शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

चल पड़ी राज्य की पहली "डेमू ट्रेन"

 
चल पड़ी राज्य की पहली "डेमू ट्रेन"
 

चित्तौड़गढ़। मुम्बई की लोकल ट्रेन की तर्ज पर राजस्थान में डीजल से चलने वाली पहली डेमू ट्रेन शुक्रवार को चितौड़गढ़ से रतलाम के लिए रवाना हुई। क्षेत्रीय सांसद एवं राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ.गिरिजा व्यास ने ट्रेन को हरीझंडी दिखाई। डीजल इलेक्ट्रीसिटी मल्टीपल युनिट ट्रेन को सुबह साढे पांच बजे डॉ.व्यास ने रेलवे अधिकारियों के साथ इस ट्रेन में बैठकर निम्बाहेडा तक सफर भी किया। निम्बाहेडा में भी इस ट्रेन का स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नागरिकों के साथ ढोल नगाडों से स्वागत किया।

आम नागरिकों तथा रेलवे कर्मचारियों की आवाजाही के लिए यह बहुप्रतीक्षित ट्रेन तड़के साढे पांच बजे चित्तौडगढ़ से रवाना होकर साढे दस बजे पहुंचेगी तथा वहां से वापस शाम 6.30 बजे रवाना होकर रात 10.55 बजे चित्तौड़गढ़ पहुंचेगी। इस ट्रेन के शुभारंभ अवसर पर पश्चिम रेलवे के रतलाम मण्डल प्रबंधक लोकेश नारायण एवं रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्य सुरेन्द्र सिंह जाडावत सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

ससुर से 'गलती से' चली गोली, बहू की मौत

गाजियाबाद।। गाजियाबाद के निवाड़ी कस्बे में एक ससुर से 'गलती से' गोली चल गई, जिससे उसकी नवविवाहित बहू की मौत हो गई।

पुलिस ने आज बताया कि प्रीति (20) के ससुर से अपनी बंदूक की सफाई करते समय दुर्घटनावश गोली चल गई जो प्रीति को जा लगी। प्रीति को तुरंत एक स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि प्रीति के माता-पिता ने इस घटना में ससुरालवालों पर उनकी बेटी की हत्या करने की आशंका जाहिर की है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस को इसकी रिपोर्ट का इंतजार है ताकि आगे की जांच की जा सके।

सांचौर थाना प्रभारी नारायणलाल को गुरूवार को लाइन हाजिर किया गया

सांचौर थाना प्रभारी लाइन हाजिर
 

जालोर। सांचौर थाना प्रभारी नारायणलाल को गुरूवार को लाइन हाजिर किया गया है। उनके स्थान पर उप निरीक्षक गोपसिंह देवड़ा को लगाया गया है। पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया कि क्षेत्र में बढ़ती तस्करी पर अंकुश नहीं लगाने और शिकायतों के आधार पर नारायणलाल को पुलिस लाइन बुलाया गया है।

अभियुक्त सास को सात साल का कारावास

अभियुक्त सास को सात साल का कारावास
 

भीनमाल (जालोर)। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ओमकुमार व्यास ने गुरूवार को दहेज हत्या के मामले में अभियुक्त सास को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

प्रकरण के अनुसार नवम्बर 09 को बाड़मेर जिले के गणेशणियों की ढाणी धोरीमन्ना निवासी लक्ष्मणराम मेघवाल की पुत्री जमना की उसके ससुराल में मौत हो गई थी। लक्ष्मणराम ने सांचौर थाने में जमना के पति, हरियाली सांचौर निवासी सास सूकी देवी, फूलाराम के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया। न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए अभियुक्त सास सूकी देवी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। सरकार की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक हुकमसिंह गहलोत ने की।

चार आरोपियो को तीन वर्ष के कारावास की सजा

चार आरोपियो को तीन वर्ष के कारावास की सजा
 

बालोतरा। जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुखपाल बुंदेल ने हमला कर मारपीट करने व अजा जजा एक्ट के एक मामले में चार आरोपियो को तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास की सजा व जुर्माने से दंडित करने के आदेश दिए हैं। प्रकरण के अनुसार 13 जुलाई 08 को परिवादी तेजाराम ने पुलिस थाना सिवाना में लिखित रिपोर्ट पेश कर बताया था कि शाम करीब साढ़े चार बजे वह और उसका भाई रसाराम घर में बैठे थे।

इसी दौरान अमरसिंह पुत्र कल्याणसिंह, जसवंतसिंह पुत्र रामसिंह, भैरूसिंह पुत्र पर्वतसिंह, शैतानसिंह पुत्र दौलतसिंह, पप्पुसिंह पुत्र गुमानसिंह व पर्वतसिंह पुत्र मंगलसिंह निवासी गूंगरोट एकराय होकर हाथों मे धारिये व लाठियां लेकर हमले की नीयत से उनके घर आए। गाली गलोच कर जातिगत शब्दों से अपमानित किया।

अमरसिंह व शैतानसिंह ने लाठी से मारपीट की। रसाराम ने बीच बचाव किया तो सभी ने मिलकर उसे कॉलर से पकड़ा और बाहर ले गए। धारिए व लाठियों से उस पर वार कर दिए। खेत से आ रहे लच्छूराम व हस्ताराम ने रसाराम को छुड़वाया। मारपीट मे रसाराम की पसलियों व पीठ में चोटें आई तथा बाएं हाथ की कोहनी के नीचे धारिए की चोट लगी। रिपोर्ट के आधार पर सिवाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की।

केस डायरी का अवलोकन करने तथा दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश बुंदेल ने आरोपी अमरसिंह, भैरूसिंह, जसवंतसिंह व पप्पूसिंह को भादंसं की धारा 452 के आरोप में दो-दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा व एक-एक हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने के आदेश दिए। प्रत्येक आरोपी को भादंसं की धारा 323/34 के आरोप मे छह-छह माह के साधारण कारावास व सौ सौ रूपए के जुर्माने से दंडित किया।

भादंसं की धारा 325/34 के आरोप में प्रत्येक अभियुक्त को तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास की सजा व दो-दो हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने के आदेश दिए। आरोपी पप्पूसिंह को भादंसं की धारा 324 के आरोप में एक वर्ष के साधारण कारावास व पांच सौ रूपए जुर्माने से दंडित किया। आरोपियों को अजा-जजा अत्याचार निवारण अधिनियम के आरोप में दो-दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा व एक-एक हजार रूपए के जुर्माने से तथा धारा 3(1)(10) अजा-जजा अत्याचार निवारण अधिनियम के आरोप मे प्रत्येक आरोपी को दो-दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा व एक-एक हजार रूपए के जुर्माने से दंडित करने के आदेश दिए हैं।

पत्रकारिता ना जाने क्यों अपनी असली ताकत, हेसियत को भुलाने पर आमादा हैं

"रोम जलता रहा, नीरो बांसुरी बजाता रहा"  
पत्रकारिता ना जाने क्यों अपनी असली ताकत, हेसियत को भुलाने पर आमादा हैं | क्या कारण हैं की जनता की समस्याओं से ज्यादा नेताओ और दूसरी ताकतों को सज़दा करने का भूत दिल्ली के बड़े मिडिया हाउस से लगा कर मेरे जिले बाड़मेर तक के पत्रकारो को चढ़ा हुआ हैं | बड़ी कोफ़्त महसूस होती हैं जब कुछ पत्रकार अपने निजी स्वार्थो की पूर्ती के लिए सांसद से विधायक तक के प्रवक्ता बन बैठ जाते हैं | थोड़े दिन पहले भड़ास फॉर मिडिया नामक एक न्यूज़ पोर्टल पर ही एक आर्टिकल पढ़ा था 'मिडिया मंडी,ख़बरें रंडी ' तब दूसरे लोगो की तरह मैंने भी सोचा था की ये क्या हेडिंग हुआ | लेकिन हालत ऐसे बने की मुझे खुद पर ही तरस आने लगा की क्यों उस भले पत्रकार को अपनी बात इस तरह से लिखनी पड़ी होगी | चलो बात मुद्दे की करता हूँ , क्यूंकि आजकल पाठक भी ज्यादा भूमिकाये देखना और पढना नहीं चाहते खैर मैं बाड़मेर का रहने वाला हूँ जहाँ पर रेत का समन्दर हैं , जो यहाँ की कई बातें खासकर पत्रकारों की असलियतो को अपने स्वभाव की तरह समेटता और उड़ाता हैं | राजस्थान के अंतिम छोर पर भारत और पाकिस्तान के 'बोर्डर' पर मैं भी पिछले करीब एक दशक से पत्रकारिता के महान पेशे से सम्बन्ध रखता हूँ यहाँ के हालत इन दिनों कुछ पत्रकारों की एकाएक बढ़ी स्वार्थ की नीतियों के कारण खराब हो गए हैं | दरअसल यहाँ पर पांच-छह बरस पहले तेल खोज कंपनी ने अपना डेरा डाला और तभी से प्रेस कांफ्रेस में मिलने वाले मोटे तगड़े उपहारों और कंपनी के द्वारा पांचवी पास पत्रकारों को अपने तेल क्षेत्र दिखने के लिए किंगफिशर एयर वेज , पांच सितारा होटलों के मजे और कंपनी के 'पर्सनल' हेलिकोप्टर से सुवाली (गुजरात का समुद्री रिफायनरी क्षेत्र) तक का सफ़र कुछ पत्रकारों को पागल किये हुए हैं  ! हालाँकि कुछ लोग जो अच्छे मिडिया ग्रुप प्रतिनिधि थे वे तो अभी भी अपनी पुरानी पत्रकारिता पर कायम हैं लेकिन कुछ पत्रकार अब भी मृगमरीचिका को मन में पाले हुए हैं  , उदाहरण भी देख लीजिये क्युकि अब उस कंपनी के कारण भले ही सरकार किसानो की लाखो बीघा जमीने बल पूर्वक छीन लें , बाड़मेर के पत्रकार ख़बर नहीं मानेंगे| इन्हें इंतज़ार हैं वापस कंपनी के उस पैकेज का जो सात सितारा भी बनेगा | यहाँ पर जो कुछ हो रहा हैं वो किसी बड़ी विध्वंसता से कम नहीं आँका जा सकता यहाँ पर कुछ साल पहले पत्रकार आमजनता के मुद्दों को लेकर इतना जोखीम उठा लेते थे की उनको नेताओ,प्रशासन की दुश्मनी का सामना भी करना पड़ता था लेकिन अब वो दिन नहीं रहे ! क्यूंकि रोम जलता रहे और नीरो बांसुरी बजता रहे की विचारधारा पत्रकारों के ज़ेहन में समा चुकी हैं | अब छोटी मोटी पत्रकार वार्ताएं बाड़मेर के पत्रकारों को नहीं भाती, जहाँ लज़ीज़ पांच सितारा होटलों का खाना हो वो पत्रकार वार्ताएं विथ फोटो छपनी तय हैं | दरअसल आलोक तोमर जैसा बेबाक़ हर कोई बन नहीं सकता और ऐसे मैं पत्रकारिता के बुरे दिन तो आने हैं ही ,  यही नहीं बड़ी से बड़ी खबरें अब यहाँ 'मोल-भाव' माफ़ करें नाप-तोल के बाद ही प्रकाशित और प्रसारित होती हैं अब अंदाज़ा लगाना शायद आसान हो जायेगा कि क्या हश्र पत्रकार और पत्रकारिता का हो चुका है | इस प्रकार से मिडिया का निस्तेज़ होना यहाँ के पत्रकारों को अमीर तो बना रहा है साथ ही गुटबाजी भी हावी हैं ! आये दिन पत्रकार बाड़मेर की पुलिस , असामाजिक तत्वों से अपमानित होते है तो कई बार पिट भी जाते हैं | और उसके बाद यहाँ पर होता हैं पुलिस का पत्रकारों को उनकी 'औकात' दिखाने का दौर शुरू | मामले दर्ज़ तक नहीं होते और जो होते हैं वो नेताओं की सिफारिश के बाद होते हैं | बाड़मेर में ऐसे कई पत्रकार हैं जो बेवजह राजकार्य में बाधा और मारपीट के झूठे मामलो में पुलिस के द्वारा फसाए जाने के बाद अब पेशियों पर कौर्ट के चक्कर काट रहे है और पत्रकार उनका साथ देने की बजाय उनके मज़े लूटते नज़र आते हैं | ऐसी स्थिति के बाद कभी-कभी कोई मामला निपट भी जाए तो वो भी नेताओं के आशीर्वाद से | अब आप ही सोचिये की क्या असली पत्रकारिता का यही चेहरा हैं जिसे बड़े गर्व से हम 'संविधान का चौथा स्तम्भ ' कहा करते हैं !

दुर्ग सिंह राजपुरोहित
जिला प्रभारी
न्यूज़ एक्सप्रेस एवं एचबीसी न्यूज़ राजस्थान
बाड़मेर (राजस्थान)

बाड़मेर में प्रस्तावित रिफाइनरी का मार्ग प्रशस्त















केयर्न इंडिया व वेदांता के बीच डील को आर्थिक मामलों की केबिनेट कमेटी से हरी झंडी मिलने से बाड़मेर में प्रस्तावित रिफाइनरी का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसके अलावा ओएनजीसी के बाड़मेर में तेल दोहन पर 18 हजार करोड़ रुपए की रॉयल्टी का मसला भी निपटने से तेल उत्पादन बढ़ाने में आ रही अड़चनें खत्म होने की संभावना है।

गौरतलब है कि बाड़मेर बेसिन में पिछले दस महीने से रोजाना सवा लाख बैरल तेल का उत्पादन अटका हुआ है। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल पिछले साल बाड़मेर में प्रस्तावित रिफाइनरी में भागीदारी का ऐलान कर चुके हैं, इसलिए केयर्न-वेदांता के बीच डील होते ही राजस्थान में औद्योगिक निवेश के साथ ही रिफाइनरी के मार्ग में आ रही अड़चनें भी खत्म होने की उम्मीद है।

रिफाइनरी में उत्पादित होने वाले प्रोडक्ट की मार्केटिंग का अनुबंध हो चुका है, लेकिन उसमें भागीदारी को लेकर मसला अटका हुआ था। संभवतया अब डील होते ही पेट्रोलियम मंत्रालय के रिफाइनरी का ऐलान करने की उम्मीद है। रिफाइनरी में ओएनजीसी के अलावा राजस्थान सरकार 26 प्रतिशत इक्विटी शेयर और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी पांच प्रतिशत भागीदारी की सहमति दे चुकी है।

सरकार को तीन सौ करोड़ का नुकसान: रॉयल्टी विवाद की वजह से पेट्रोलियम मंत्रालय ने बाड़मेर में तेल उत्पादन बढ़ाने की अनुमति अटका रखी थी, अब विवाद सुलझते ही उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। बाड़मेर बेसिन में पिछले दस महीने से तेल उत्पादन रोजाना सवा लाख बैरल पर अटका हुआ है जबकि अभी तक पौने दो लाख बैरल उत्पादन का लक्ष्य था। उत्पादन बढ़ने पर देश में रोजाना 50 हजार बैरल तेल कम आयात करना पड़ता और प्रतिदिन 50 से 55 लाख डॉलर की बचत होने से तेल की कीमत में इतनी बढ़ोतरी नहीं होती। साथ ही राज्य सरकार को लगभग 300 करोड़ रु. का नुकसान नहीं होता।

क्या है मामला: देश में रोजाना करीब 31 लाख बैरल पेट्रोलियम उत्पादों की खपत होती है। सरकार इसमें से करीब 24 लाख बैरल कच्चा तेल आयात कर रही है, जबकि देश भर में कुल सात लाख बैरल तेल का उत्पादन हो रहा है। पिछले पौने दो सालों में बाड़मेर बेसिन में करीब सवा तीन करोड़ बैरल तेल का दोहन हो चुका है।

यहां उत्पादित होने वाले तेल की लागत 7 से 8 डॉलर प्रति बैरल पड़ रही है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की औसत कीमत करीब 102 डॉलर प्रति बैरल है। तेल पर आयात व परिवहन शुल्क 7 से 8 डॉलर प्रति बैरल अदा करना पड़ रहा है। बाड़मेर बेसिन में तेल उत्पादन बढ़ाने की अनुमति मिलते ही रोजाना डेढ़ लाख बैरल और अगले तीन महीनों में पौने दो लाख बैरल तेल का उत्पादन होने लगेगा। अगले साल दो लाख चालीस हजार बैरल तेल का उत्पादन होगा।
 

‘दायरे’ से बाहर प्रेम पर बवाल लेकिन हो गया 'न्याय'


जयपुर.शादी के बारह दिन बाद घर से गायब होकर कथित प्रेमी से शादी करके परिजनों का विरोध झेल रही युवती को हाई कोर्ट ने राहत दी है। न्यायाधीश आरएस राठौड़ व बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने गुरुवार को आदेश दिया कि युवती बालिग है और फिलहाल अपनी मर्जी से जहां चाहे रह सकती है।
मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। हालांकि विवाद के मद्देनजर उसे पुलिस की मौजूदगी में नारी निकेतन भेज दिया गया। जयपुर में एसटीसी की छात्रा और गुर्जर की थड़ी इलाके में किराये के मकान में रह रही मधु (काल्पनिक नाम) की हिंदू रीति-रिवाज से शादी पांच मई को सागवाड़ा (डूंगरपुर) में भावेश पाटीदार के साथ हुई थी। वह 17 मई को घर से गायब हो गई और 25 मई को कांशीराम नगर (उत्तर प्रदेश) में उसका कथित प्रेमी अजमत अली से निकाह हुआ।
शक के आधार पर परिजनों ने 21 मई को सागवाड़ा थाने में अजमत, उसके भाई रहमत और छह अन्य लोगों के खिलाफ मधु के अपहरण का मामला दर्ज करवाया। कुछ दिन बाद मधु व अजमत की ओर से पुलिस व कोर्ट में प्रोटेक्शन की अर्जी दाखिल करवाई गई, जिसमें उल्लेख था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में निकाह कर लिया है। इस पर मधु के परिजनों ने राजस्थान हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई के दौरान मधु कोर्ट में पेश हुई।
कोर्ट व थाने के बाहर हंगामा:गुरुवार दोपहर 3 बजे करीब जब मधु हाई कोर्ट से बाहर आई तो परिजनों ने उसे समझाया। नहीं मानी तो उसे जबर्दस्ती ले जाने का प्रयास किया। मधु के शोर मचाने पर पुलिस उसे अशोक नगर थाने ले आई। मामले का विरोध करते हुए एबीवीपी, विहिप, बजरंग दल आदि के कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर चार घंटे तक नारेबाजी की।
उनका आरोप था कि मधु को बहला-फुसलाकर जबरन उसकी शादी करवाई गई है, इसलिए उसे माता-पिता को सौंपा जाए। इधर, दूसरे पक्ष के लोग भी थाने के बाहर पहुंच गए और एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के तीन-चार लोगों से मारपीट भी की। डीसीपी जोस मोहन भी अशोक नगर थाने पहुंच गए। बाद में हाई कोर्ट के आदेश को देखते हुए मधु की सहमति से उसे नारी निकेतन भेजा गया। जैसे ही मधु पुलिस की गाड़ी से थाने से बाहर निकली वहां मौजूद सैकड़ों आंदोलनकारियों ने गाड़ी घेर ली। पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ना पड़ा।
जबरन शादी करवाई: परिजन
मधु के परिजनों ने बताया कि सागवाड़ा से आरोपी मधु को नशीली वस्तु खिलाकर उसे गाड़ी में डालकर ले गए और जबरन उसकी शादी करवाई है। आरोपियों ने मधु पर दबाव बना रखा है।
कानूनी पेंच क्या:मधु की यह दूसरी शादी है और पहले पति से तलाक नहीं हुआ है। हाई कोर्ट के वकील अनूप ढंड के मुताबिक कोई विवाहित बिना तलाक दूसरी शादी करता है तो वह भादसं 494 का दोषी माना जाता है। सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। हालांकि यह साबित करना होता है कि दो शादियां हुई हैं।