जयपुर.शादी के बारह दिन बाद घर से गायब होकर कथित प्रेमी से शादी करके परिजनों का विरोध झेल रही युवती को हाई कोर्ट ने राहत दी है। न्यायाधीश आरएस राठौड़ व बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने गुरुवार को आदेश दिया कि युवती बालिग है और फिलहाल अपनी मर्जी से जहां चाहे रह सकती है।
मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। हालांकि विवाद के मद्देनजर उसे पुलिस की मौजूदगी में नारी निकेतन भेज दिया गया। जयपुर में एसटीसी की छात्रा और गुर्जर की थड़ी इलाके में किराये के मकान में रह रही मधु (काल्पनिक नाम) की हिंदू रीति-रिवाज से शादी पांच मई को सागवाड़ा (डूंगरपुर) में भावेश पाटीदार के साथ हुई थी। वह 17 मई को घर से गायब हो गई और 25 मई को कांशीराम नगर (उत्तर प्रदेश) में उसका कथित प्रेमी अजमत अली से निकाह हुआ।
शक के आधार पर परिजनों ने 21 मई को सागवाड़ा थाने में अजमत, उसके भाई रहमत और छह अन्य लोगों के खिलाफ मधु के अपहरण का मामला दर्ज करवाया। कुछ दिन बाद मधु व अजमत की ओर से पुलिस व कोर्ट में प्रोटेक्शन की अर्जी दाखिल करवाई गई, जिसमें उल्लेख था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में निकाह कर लिया है। इस पर मधु के परिजनों ने राजस्थान हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई के दौरान मधु कोर्ट में पेश हुई।
कोर्ट व थाने के बाहर हंगामा:गुरुवार दोपहर 3 बजे करीब जब मधु हाई कोर्ट से बाहर आई तो परिजनों ने उसे समझाया। नहीं मानी तो उसे जबर्दस्ती ले जाने का प्रयास किया। मधु के शोर मचाने पर पुलिस उसे अशोक नगर थाने ले आई। मामले का विरोध करते हुए एबीवीपी, विहिप, बजरंग दल आदि के कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर चार घंटे तक नारेबाजी की।
उनका आरोप था कि मधु को बहला-फुसलाकर जबरन उसकी शादी करवाई गई है, इसलिए उसे माता-पिता को सौंपा जाए। इधर, दूसरे पक्ष के लोग भी थाने के बाहर पहुंच गए और एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के तीन-चार लोगों से मारपीट भी की। डीसीपी जोस मोहन भी अशोक नगर थाने पहुंच गए। बाद में हाई कोर्ट के आदेश को देखते हुए मधु की सहमति से उसे नारी निकेतन भेजा गया। जैसे ही मधु पुलिस की गाड़ी से थाने से बाहर निकली वहां मौजूद सैकड़ों आंदोलनकारियों ने गाड़ी घेर ली। पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ना पड़ा।
जबरन शादी करवाई: परिजन
मधु के परिजनों ने बताया कि सागवाड़ा से आरोपी मधु को नशीली वस्तु खिलाकर उसे गाड़ी में डालकर ले गए और जबरन उसकी शादी करवाई है। आरोपियों ने मधु पर दबाव बना रखा है।
कानूनी पेंच क्या:मधु की यह दूसरी शादी है और पहले पति से तलाक नहीं हुआ है। हाई कोर्ट के वकील अनूप ढंड के मुताबिक कोई विवाहित बिना तलाक दूसरी शादी करता है तो वह भादसं 494 का दोषी माना जाता है। सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। हालांकि यह साबित करना होता है कि दो शादियां हुई हैं।
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