जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले के आदेशों की पालना करते हुए आहोर पुलिस थाना अधिकारी बुद्धा राम विश्नोई मंगलवार को गुड़ा बालोतान से एक माह पूर्व भगाई गई लड़की को लेकर सरकारी वकील बरकत खां मेहर के साथ पेश हुए। न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी व अवकाश कालीन न्यायाधीश संदीप मेहता की खंडपीठ के समक्ष पेश हुई लड़की ने कैमरा प्रोसीडिंग्स में अपने पेरेंट्स के साथ जाने की इच्छा जताई इस पर खंडपीठ ने लड़की को उसके माता पिता के साथ भेजने के आदेश दिए।
खंडपीठ ने मंगलवार को 12 बजे बाद से अपराह्न साढ़े तीन बजे तक चली लंबी सुनवाई में जहां जालोर जिला पुलिस को लड़की व उसके पेरेंट्स को पुलिस सुरक्षा में उनके घर तक पहुंचाने के आदेश दिए। साथ ही खंडपीठ ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी असंतोष जताते हुए मामले के आदेश की प्रति सेक्रेट्री होम अफेयर्स तथा आईजी पुलिस जोधपुर रेंज को भी भेजने के आदेश दिए।
एक महीने तक पुलिस ने खोज नहीं की
याचिकाकर्ता गुड़ा बालोतान निवासी लीलाधर खत्री के अधिवक्ता मनोज पारीक के अनुसार 7 मई 2010 को उसकी की पुत्री रेखा को उसी के गांव में रहने वाला एक लड़का राजू छीपा भगा कर ले गया। प्रार्थी के बार बार आग्रह पर पुलिस थाना आहोर ने 12 मई 2011 को गुमशुदगी की रिपोर्ट तो दर्ज कर ली,मगर तफ्तीश में आनाकानी करते रहे। इस पर प्रार्थी ने 3 जून 2011 को हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। जिसमें हाईकोर्ट ने पुलिस को 7 जून को भगाई गई लड़की को पेश करने के आदेश दिए थे।
7 जून को आहोर थानाधिकारी बुधराम ने जालोर एसपी राहुल बारहठ को भी बुला लिया जिसके समक्ष खंडपीठ ने पुलिस की जांच प्रणाली पर रोष प्रकट करते हुए दो दिन में लड़की पेश करने अथवा अदालत में एसपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे।
पूना में लड़की व लड़के को बरामद किया
याचिका की सुनवाई के दौरान चार दिनों में लगातार तीसरी बार गत शुक्रवार को पेश हुए जालोर एसपी राहुल बारहठ ने भगाई गई लड़की के गुरुवार देर रात पुलिस दल द्वारा पुणे के पास चाखण गांव में एक लड़के के साथ बरामद करने तथा उसे लेकर जोधपुर रवाना होने का दावा किया। इस पर खंड पीठ ने इस बाबत पुलिस की ओर से लिखित में अंडरटेकिंग लेने के बाद आदेश दिए कि लड़की के आहोर पहुंचने पर संबंधित मजिस्ट्रेट के सामने बयान करवाए जाएं। बाद में उसे 14 जून को खंडपीठ के समक्ष पेश किया जाए।