बेंगलूरु। यह देश्ा भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है। उस पर आरोप लगता है भारत में आतंकवाद फैलाने का। आरोप लगता है मासूम भारतीयों को मौत के घाट उतारने का। इस बार इस देश ने इसके उलट एक ऐसा काम किया है जो दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को सुधारने की ओर कदम हो सकता है।
ये बात लगभग 1 साल पुरानी है जब 2 अगस्त को एमवी स्वेज नाम के जहाज को सोमालियाई लुटेरों ने अपने कब्जे में ले लिया था। इस जहाज में 6 भारतीयों के साथ 4 पाकिस्तानी नागरिक भी थे। सोमालियाई लुटेरों ने बंधंकों की रिहाई के लिए पौने सात करोड़ की फिरौती की मांग की थी।
इस फिरौती का इंतजाम पाकिस्तान की एक ट्रस्ट अंसार बर्नी ट्रस्ट ने किया। उसने जहाज पर बंधंक लोगों को छुड़ाने के लिए लगभग 4 करोड़ की फिरौती की रकम इन लुटेरों को दी। बंधंकों की रिहाई के लिए उनके परिवार कई बार सरकार से मिलने पहुंचे थे लेकिन उन्हें वहां से कोई मदद नहीं मिली थी।
बंधंकों को छुड़ाने के लिए इस रकम को चंदें के माध्यम से जुटाया गया था। इसमें पूरे पाकिस्तान के लोगों का योगदान रहा था। इस बात से यह तो साफ हो गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी राजनैतिक है न कि आवाम की। वहां के लोग यहां के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखना चाहते हैं।
ये बात लगभग 1 साल पुरानी है जब 2 अगस्त को एमवी स्वेज नाम के जहाज को सोमालियाई लुटेरों ने अपने कब्जे में ले लिया था। इस जहाज में 6 भारतीयों के साथ 4 पाकिस्तानी नागरिक भी थे। सोमालियाई लुटेरों ने बंधंकों की रिहाई के लिए पौने सात करोड़ की फिरौती की मांग की थी।
इस फिरौती का इंतजाम पाकिस्तान की एक ट्रस्ट अंसार बर्नी ट्रस्ट ने किया। उसने जहाज पर बंधंक लोगों को छुड़ाने के लिए लगभग 4 करोड़ की फिरौती की रकम इन लुटेरों को दी। बंधंकों की रिहाई के लिए उनके परिवार कई बार सरकार से मिलने पहुंचे थे लेकिन उन्हें वहां से कोई मदद नहीं मिली थी।
बंधंकों को छुड़ाने के लिए इस रकम को चंदें के माध्यम से जुटाया गया था। इसमें पूरे पाकिस्तान के लोगों का योगदान रहा था। इस बात से यह तो साफ हो गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी राजनैतिक है न कि आवाम की। वहां के लोग यहां के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखना चाहते हैं।