पोकरण आइसोलेसन वार्ड से फरार हुए भर्ती चार संदिग्ध वापस आइसोलेसन में लौटे
जैसलमेर सरहदी जिले जैसलमेर में मंगलवार को कर्णाटक से आये स्थानीय 38 लोगो को एहतियात के चलते पोकरण स्थित अम्बेडकर छात्रावास आईसोलेशन सेंटर पर भर्ती किया ।इनमे पोकरण के अम्बेडकर छात्रावास स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 4 मरीजों के फरार हो जाने के कारण पूरा प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। चारो फरार मरीज बुधवार सुबह खुद ही वापस लौट आये ,उन्हें आइसोलेसन में रखा गया हैं बाहरी राज्यों से आए मजदूरों को प्रशासन द्वारा क्वारेंटाइन के लिए समाज कल्याण विभाग के छात्रावास में रखा गया था। लेकिन इनमें से चार मरीज मंगलवार को बिना किसी की अनुमति से वहां से फरार हो गए। इस संबंध में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने उपखंड अधिकारी को सूचित किया था । साथ ही स्थानीय प्रशासन द्वारा इन मरीजों की तलाश भी शुरू कर दी गई थी । कोरोना वायरस को लेकर बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए अलग अलग स्थानों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। आइसोलेशन वार्ड में स्थानीय प्रशासन द्वारा मरीजों को क्वारेंटाइन किया जा रहा है। जिसके चलते चिकित्सा विभाग ने कर्नाटक से आए मजदूरों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। इसी बीच ईशाक खां पुत्र आरब खां निवासी हिरानियों की ढाणी ऊजलां, मजीद खां पुत्र रईस खां निवासी माड़वा, सबीर पुत्र रहमतुल्ला निवासी पंचपिपली रामदेवरा, इलियास पुत्र रहमतुल्ला निवासी माड़वा को क्वारेंटाइन करने के लिए भर्ती किया गया था। जो नासाझी के कारन चले गए बुधवार सुबह वापस लौट आये ,
गायब हुए युवक खुद लौट आये
खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लोंग मोहम्मद राजड़ ने बताया कि कर्नाटक से आए इन चाराें मजदूरों की मंगलवार सुबह चिकित्सकों की टीम ने स्क्रीनिंग थी। इसमें सभी सामान्य थे। इस आइसोलेशन वार्ड में तीन टीचर नियुक्त थे। लेकिन दोपहर में यह चारों छात्रावास की दीवार दीवार फांद कर वहां से फरार हो गए।बुधवार सुबह ये चारो वापस लौट आये अभी आइसोलेसन में हैं
क्वारेंटाइन को एकांतवास समझें न की अज्ञातवास
जिला कलेक्टर नामित मेहता ने भर्ती लोगों से अपील कि क्वारेंटाईन में आए लोग इस समय को एकांतवास समझे न की अज्ञातवास। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और बाहरी राज्यों से आए लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में चिकित्सकों द्वारा मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया की जा रही है। इसमें अलग अलग जगहों पर लोगों को रखा जा रहा है। लेकिन इन दिनों आइसोलेशन वार्ड में भर्ती यह लोग क्वारेंटाइन को किसी अज्ञातवास से कम नहीं समझ रहे हैं।
जैसलमेर सरहदी जिले जैसलमेर में मंगलवार को कर्णाटक से आये स्थानीय 38 लोगो को एहतियात के चलते पोकरण स्थित अम्बेडकर छात्रावास आईसोलेशन सेंटर पर भर्ती किया ।इनमे पोकरण के अम्बेडकर छात्रावास स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती 4 मरीजों के फरार हो जाने के कारण पूरा प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। चारो फरार मरीज बुधवार सुबह खुद ही वापस लौट आये ,उन्हें आइसोलेसन में रखा गया हैं बाहरी राज्यों से आए मजदूरों को प्रशासन द्वारा क्वारेंटाइन के लिए समाज कल्याण विभाग के छात्रावास में रखा गया था। लेकिन इनमें से चार मरीज मंगलवार को बिना किसी की अनुमति से वहां से फरार हो गए। इस संबंध में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने उपखंड अधिकारी को सूचित किया था । साथ ही स्थानीय प्रशासन द्वारा इन मरीजों की तलाश भी शुरू कर दी गई थी । कोरोना वायरस को लेकर बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए अलग अलग स्थानों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। आइसोलेशन वार्ड में स्थानीय प्रशासन द्वारा मरीजों को क्वारेंटाइन किया जा रहा है। जिसके चलते चिकित्सा विभाग ने कर्नाटक से आए मजदूरों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। इसी बीच ईशाक खां पुत्र आरब खां निवासी हिरानियों की ढाणी ऊजलां, मजीद खां पुत्र रईस खां निवासी माड़वा, सबीर पुत्र रहमतुल्ला निवासी पंचपिपली रामदेवरा, इलियास पुत्र रहमतुल्ला निवासी माड़वा को क्वारेंटाइन करने के लिए भर्ती किया गया था। जो नासाझी के कारन चले गए बुधवार सुबह वापस लौट आये ,
गायब हुए युवक खुद लौट आये
खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लोंग मोहम्मद राजड़ ने बताया कि कर्नाटक से आए इन चाराें मजदूरों की मंगलवार सुबह चिकित्सकों की टीम ने स्क्रीनिंग थी। इसमें सभी सामान्य थे। इस आइसोलेशन वार्ड में तीन टीचर नियुक्त थे। लेकिन दोपहर में यह चारों छात्रावास की दीवार दीवार फांद कर वहां से फरार हो गए।बुधवार सुबह ये चारो वापस लौट आये अभी आइसोलेसन में हैं
क्वारेंटाइन को एकांतवास समझें न की अज्ञातवास
जिला कलेक्टर नामित मेहता ने भर्ती लोगों से अपील कि क्वारेंटाईन में आए लोग इस समय को एकांतवास समझे न की अज्ञातवास। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने और बाहरी राज्यों से आए लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में चिकित्सकों द्वारा मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया की जा रही है। इसमें अलग अलग जगहों पर लोगों को रखा जा रहा है। लेकिन इन दिनों आइसोलेशन वार्ड में भर्ती यह लोग क्वारेंटाइन को किसी अज्ञातवास से कम नहीं समझ रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें