बाडमेर दस फीसदी परिणाम से नाराज महाबार स्कूल और तालाबंदी की ग्रामीणों ने
चंद दिनों पहले आये माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के दशवी के परिणामो के बाद बाड़मेर के निकटवर्ती महाबार गाँव के लोगो मे जबरदस्त आक्रोश है। यह आक्रोश यहाँ के उच्च माध्यमिक विद्यालय के उच्च कक्षा के अध्यापकों के खिलाफ है। इसी आक्रोश के चलते सोमवार की रोज से विद्यालय की तालाबंदी कर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। एक रिपोर्ट
बाड़मेर जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर स्थित महाबार ग्राम के बाशिंदों ने यहाँ के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल दिया है और सोमवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है। दरअसल इस साल इस विद्यालय में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की कक्षा दस में 50 बच्चे बैठे थे जिसमें से महज 6 बच्चे ही पास हो पाए हैं। पास 6 बच्चे बाई ग्रेस पास हुए है। ग्रामीणों ने विद्यालय के ताला लगाकर अपना विरोध शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के मुताबित बीते 3 साल से विद्यालय का शैक्षणिक स्तर गिर रहा है ऐसे में जरूरी है सख्त कदम उठाना।
एक तरफ जहां महज 10 फीसदी परीक्षा परिणाम आने के बाद विद्यालय प्रबंधन शिक्षा विभाग के सवालों के घेरे में है वही दूसरी तरफ अब ग्रामीणों के हल्ला बोल के बाद अब विधालय प्रबंधन के साथ साथ शिक्षा विभाग पर भी दबाव बढ़ गया है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने सोमवार को ही अपना प्रतिनिधि मंडल ग्रामीणों के बीच भेजा। यह मंडल ग्रामीणों की मांग को उच्च अधिकारियों के सामने रखेगा।
एक तरफ जहां हर घर शिक्षा की बात सरकार बुलंद करती है वही दूसरी तरफ बच्चो के बोर्ड परीक्षा की कसौटी में नकारा साबित होने से साफ है कि विद्यालय प्रबंधन की तरफ से बहुत कुछ साल भर ऐसा रहा जोकि बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाला था। अब देखने वाली बात यह है कि महाबार के ग्रामीणों की मांग पर शिक्षा विभाग क्या कदम उठाता है।
चंद दिनों पहले आये माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के दशवी के परिणामो के बाद बाड़मेर के निकटवर्ती महाबार गाँव के लोगो मे जबरदस्त आक्रोश है। यह आक्रोश यहाँ के उच्च माध्यमिक विद्यालय के उच्च कक्षा के अध्यापकों के खिलाफ है। इसी आक्रोश के चलते सोमवार की रोज से विद्यालय की तालाबंदी कर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। एक रिपोर्ट
बाड़मेर जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर स्थित महाबार ग्राम के बाशिंदों ने यहाँ के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ हल्ला बोल दिया है और सोमवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है। दरअसल इस साल इस विद्यालय में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की कक्षा दस में 50 बच्चे बैठे थे जिसमें से महज 6 बच्चे ही पास हो पाए हैं। पास 6 बच्चे बाई ग्रेस पास हुए है। ग्रामीणों ने विद्यालय के ताला लगाकर अपना विरोध शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के मुताबित बीते 3 साल से विद्यालय का शैक्षणिक स्तर गिर रहा है ऐसे में जरूरी है सख्त कदम उठाना।
एक तरफ जहां महज 10 फीसदी परीक्षा परिणाम आने के बाद विद्यालय प्रबंधन शिक्षा विभाग के सवालों के घेरे में है वही दूसरी तरफ अब ग्रामीणों के हल्ला बोल के बाद अब विधालय प्रबंधन के साथ साथ शिक्षा विभाग पर भी दबाव बढ़ गया है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने सोमवार को ही अपना प्रतिनिधि मंडल ग्रामीणों के बीच भेजा। यह मंडल ग्रामीणों की मांग को उच्च अधिकारियों के सामने रखेगा।
एक तरफ जहां हर घर शिक्षा की बात सरकार बुलंद करती है वही दूसरी तरफ बच्चो के बोर्ड परीक्षा की कसौटी में नकारा साबित होने से साफ है कि विद्यालय प्रबंधन की तरफ से बहुत कुछ साल भर ऐसा रहा जोकि बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाला था। अब देखने वाली बात यह है कि महाबार के ग्रामीणों की मांग पर शिक्षा विभाग क्या कदम उठाता है।
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