राजस्थान पहली बार सभी राजयमंत्री केबिनेट की बैठक में भाग ले सकेंगे
जयपुर . कांग्रेस की गहलोत सरकार में बने मंत्रियो के विभागों का बंटवारा दिल्ली से होने के बाद सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है. दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान राहुल गांधी के साथ हुई मैराथन बैठक के बाद मंत्रियों को मिलने वाले विभागों पर सहमति बन गई. खास बात यह है कि सीएम से लेकर मंत्रालयों के बंटवारे तक हर जगह गहलोत का प्रभाव दिखाई दिया है.
कांग्रेस सरकार के दौरान हुए इस मंत्रालय के बंटवारे के दौरान गहलोत ने एक नई परंपरा की भी शुरुआत की है. उन्होंने इस बार हर राज्य मंत्री को भी स्वतंत्र प्रभार दिया है. उनके इस कदम के बाद अब कैबिनेट की बैठक के दौरान सभी राज्यमंत्री भी भाग ले सकेंगे. दरअसल अब तक प्रदेश में मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक होती थी. मंत्रिमण्डल की बैठक में केवल कैबिनेट मंत्री और वो मंत्री शामिल होते थे, जिन्हें किसी विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया होता था. लेकिन मंत्रिमण्डल की बैठक में वो राज्य मंत्री शामिल नहीं होते थे जिनके पास कोई स्वतंत्र प्रभार नही होता था. ऐसे में राज्य मंत्री केवल मंत्रिपरिषद की बैठक में ही शामिल हो सकते थे.
इसके चलते राज्य मंत्रियों को हमेशा शिकायत भी रहती थी कि उनके महकमे के कैबिनेट मंत्री उन्हें ना तो फाइलें भिजवाते हैं और ना ही उन्हे ज्यादा अधिकार होते है. लेकिन, इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी10 राज्य मंत्रियों को कम से कम एक विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया है. ऐसे में हर राज्य मंत्री प्रदेश में होने वाली कैबिनेट की बैठक में शामिल रहेगा. अब प्रदेश में मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाने की आवश्यकता नहीं रहेगी. गहलोत की ओर से उठाए गए इस कदम की चर्चा हर तरफ बनी हुई है. साथ ही यह भी माना जा रहा है कि देश में संभवतः गहलोत सरकार में ही ऐसा कदम पहली बार उठाया गया है.
जयपुर . कांग्रेस की गहलोत सरकार में बने मंत्रियो के विभागों का बंटवारा दिल्ली से होने के बाद सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है. दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान राहुल गांधी के साथ हुई मैराथन बैठक के बाद मंत्रियों को मिलने वाले विभागों पर सहमति बन गई. खास बात यह है कि सीएम से लेकर मंत्रालयों के बंटवारे तक हर जगह गहलोत का प्रभाव दिखाई दिया है.
कांग्रेस सरकार के दौरान हुए इस मंत्रालय के बंटवारे के दौरान गहलोत ने एक नई परंपरा की भी शुरुआत की है. उन्होंने इस बार हर राज्य मंत्री को भी स्वतंत्र प्रभार दिया है. उनके इस कदम के बाद अब कैबिनेट की बैठक के दौरान सभी राज्यमंत्री भी भाग ले सकेंगे. दरअसल अब तक प्रदेश में मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक होती थी. मंत्रिमण्डल की बैठक में केवल कैबिनेट मंत्री और वो मंत्री शामिल होते थे, जिन्हें किसी विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया होता था. लेकिन मंत्रिमण्डल की बैठक में वो राज्य मंत्री शामिल नहीं होते थे जिनके पास कोई स्वतंत्र प्रभार नही होता था. ऐसे में राज्य मंत्री केवल मंत्रिपरिषद की बैठक में ही शामिल हो सकते थे.
इसके चलते राज्य मंत्रियों को हमेशा शिकायत भी रहती थी कि उनके महकमे के कैबिनेट मंत्री उन्हें ना तो फाइलें भिजवाते हैं और ना ही उन्हे ज्यादा अधिकार होते है. लेकिन, इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी10 राज्य मंत्रियों को कम से कम एक विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया है. ऐसे में हर राज्य मंत्री प्रदेश में होने वाली कैबिनेट की बैठक में शामिल रहेगा. अब प्रदेश में मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाने की आवश्यकता नहीं रहेगी. गहलोत की ओर से उठाए गए इस कदम की चर्चा हर तरफ बनी हुई है. साथ ही यह भी माना जा रहा है कि देश में संभवतः गहलोत सरकार में ही ऐसा कदम पहली बार उठाया गया है.
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