*गैंगस्टर राजू ठेहट और मोहन मांडेता को आजीवन कारावास*
सीकर:/ शेखावाटी के गैंगवार पर सोमवार को कानून का कड़ा प्रहार हुआ है. प्रदेश के बड़े गैंगस्टर राजू ठेहट और उसके साथी मोहन मांडेता को जिले के बहुचर्चित विजय पाल हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. दोनों बदमाशों को 13 साल पुराने इस मामले में सजा हुई है.
सीकर के अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रम 4 सुरेंद्र पुरोहित ने सजा सुनाई है. अपर लोक अभियोजक रमेश पारेख ने बताया कि 22 जून 2005 को कुख्यात बदमाश राजू ठेठ और उसके साथी मोहन मांडेता और अन्य ने मिलकर गोठड़ा तगेलान निवासी विजयपाल और भंवर लाल का अपहरण कर लिया था. इन बदमाशों ने दोनों के साथ पूरी तरह मारपीट की थी. जिससे विजयपाल की मौत हो गई थी. इस मामले में मुख्य चश्मदीद गवाह भंवर लाल जिंदा बच गया था. करीब 13 साल तक मामला कोर्ट में चला और अब राजू ठेहट और मोहन मांडेता सजा सुनाई गई है.
गैंगस्टर राजू ठेहट और उसके साथी को पहली बार किसी मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई है. यह तय था कि इस मामले में चश्मदीद गवाह भंवर लाल के बयान बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए राजू ठेहट के गुर्गो ने करीब 5 साल पहले सीकर कोर्ट में बयान देने आए भंवर लाल के अपहरण का प्रयास किया था. बाद में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में उसके बयान करवाए थे उसी के बयानों के आधार पर सजा हुई है.
सीकर:/ शेखावाटी के गैंगवार पर सोमवार को कानून का कड़ा प्रहार हुआ है. प्रदेश के बड़े गैंगस्टर राजू ठेहट और उसके साथी मोहन मांडेता को जिले के बहुचर्चित विजय पाल हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. दोनों बदमाशों को 13 साल पुराने इस मामले में सजा हुई है.
सीकर के अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रम 4 सुरेंद्र पुरोहित ने सजा सुनाई है. अपर लोक अभियोजक रमेश पारेख ने बताया कि 22 जून 2005 को कुख्यात बदमाश राजू ठेठ और उसके साथी मोहन मांडेता और अन्य ने मिलकर गोठड़ा तगेलान निवासी विजयपाल और भंवर लाल का अपहरण कर लिया था. इन बदमाशों ने दोनों के साथ पूरी तरह मारपीट की थी. जिससे विजयपाल की मौत हो गई थी. इस मामले में मुख्य चश्मदीद गवाह भंवर लाल जिंदा बच गया था. करीब 13 साल तक मामला कोर्ट में चला और अब राजू ठेहट और मोहन मांडेता सजा सुनाई गई है.
गैंगस्टर राजू ठेहट और उसके साथी को पहली बार किसी मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई है. यह तय था कि इस मामले में चश्मदीद गवाह भंवर लाल के बयान बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए राजू ठेहट के गुर्गो ने करीब 5 साल पहले सीकर कोर्ट में बयान देने आए भंवर लाल के अपहरण का प्रयास किया था. बाद में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा में उसके बयान करवाए थे उसी के बयानों के आधार पर सजा हुई है.
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