रविवार, 30 सितंबर 2018

*तीस हजार से अधिक मतों से हारे उम्मीदवारों को टिकट नही* *बाड़मेर शिव से अमीन खान और पोकरण से साले मोहम्मद हारे तीस हजार से अधिक*

*तीस हजार से अधिक मतों से हारे उम्मीदवारों को टिकट नही*

*बाड़मेर शिव से अमीन खान और पोकरण से साले मोहम्मद हारे तीस हजार से अधिक*

*नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनावों की चहल ओहले शुरू ही गई। टिकट के दावेदार जनसंपर्क में जुटे है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ठोक बजाके उम्मीदवार उतारने के मूड में है ।सचिन गहलोत राहुल गांधी के निर्देशानुसार राजस्थान में सरकार बनाने को लेकर हर सम्भव प्रयास कर रहे। कांग्रेस की राजनीति में आने वाले दिन खास होंगे।।चुनावी प्रक्रिय  में इस बार कांग्रेस किसी भी विधानसभा से दावेदारी  नही ले रहे।।कांग्रेस द्वारा दो सौ विधानसभा क्षेत्रों में कराए सर्वे के आधार पर जो नाम प्राथमिकता और जितने की संभावना वाले आये है उन पर भरोसा करेंगे।।कांग्रेस ने जो मानदंड तय किये उसमे तीस ज
हजार से अधिक मतों से चुनाव हारे पार्टी प्रत्यासियो को टिकट नही देने के संकेत आने के बाद राजस्थान भर से को दो दर्जन नेताओ को टिकट से वंचित होना पड़ सकता है।बाड़मेर जेसलमेर में शिव से पार्टी प्रत्यासी अमीन खान और पोकरण से साले मोहम्मद तीस हजार से अधिक मतों से चुनाव हारे थे।।अब कांग्रेस के पाश मुस्लिम मतों के ध्रुवीकरण के लिए जैसलमेर में गाज़ी फ़क़ीर और बाड़मेर में अमीन खान और गफूर अहमद प्रमुख नेता है।।तीस हजार का मानदंड तय अगर पार्टी द्वारा  तय किया गया तो अमीन खान और साल मोहम्मद की उम्मीदवारी खतरे में पड़ सकती है।वैसे भी  शिव विधानसभा क्षेत्र से दिग्गक अब्दुल हादी की बहू शम्मा बानो अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रही है।।शम्मा की दावेदारी से अमीन खान पहले जरा विचलित हुए थे मगर कुछ दिन पूर्व उन्होंने सार्वजनिक बयान जारी कर दिया कि पार्टी जिसको टिकट देगी उनको जिताया जाएगा। इस बयान के साथ ही बीकानेर में राहुल गांधी ने अमीन खान को खास तौर से बोला कि बाबा आप चाहोगे वैसा ही होगा।।अब कयास लगाए जा  रहे।।इधर साले मोहम्मद 2 अक्टूबर को सद्भावना रैली का आयोजन कर अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे । जेसलमेर विधान सभा से रूपाराम धनदे और सुनीता भाटी अपनी दावेदारी को लेकर मजबूती से मैदान में डटे है।।अलबत्ता राजनीति है इसकी शतरंज के प्यादे इन वक़्त ओर किसी को भी मात दे सकते है।।कांग्रेस में बन रहे नए समीकरणों की संभावनाओं ने कई नेताओं के माथे पे बल पैदा कर दिए।।फिर भी लगे है।।राजनीति इसी का नाम है सतत प्रयास  करते रहो सफलता अवश्य मिलेगी।।

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