अपनी ताकत दिखाओं, ऊपर बैठे नेताओं की कुर्सी हिलेगी: चित्रासिंह
बाड़मेर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह की पुत्रवधु चित्रासिंह ने रविवार को जिले के विभिन्न इलाकों का दौरा कर स्वाभिमान रैली में आने के लिए लोगों को न्यौता दिया। चित्रासिंह ने कहा कि यह अपनी ताकत दिखाने का समय है। जब हम अपनी ताकत दिखाएगें, तो ऊपर बैठे नेताओं की कुर्सी हिल जाएगी। उन्होनें कहा कि ताकत दिखाने के लिए जरूरी है कि सारे स्वाभिमानी लोग अधिक से अधिक संख्या में 22 तारीख को पचपदरा पहुंचे।
सुराज संकल्प यात्रा का जिक्र करते हुए चित्रासिंह ने कहा कि पिछली बार सुराज यात्रा निकाली गयी थी, लेकिन लोग आज तक सुराज का इंतजार कर रहे है। उन्होनें कहा कि नेता वादे करते है, लेकिन चुनाव के बाद गायब हो जाते है। गरीब की कोई नहीं सूनता। उन्होनें कहा कि अपना आदमी, अपने बीच रहने वाला आदमी ही आपका दु:ख दर्ज समझेगा।
बैठकों को संबोधित करते हुए चित्रासिंह ने कहा कि यह रैली मानवेन्द्रसिंह या एक परिवार की लड़ाई नहीं है। यह किसी जाति, पार्टी की लड़ाई नहीं है।
सुराज संकल्प यात्रा का जिक्र करते हुए चित्रासिंह ने कहा कि पिछली बार सुराज यात्रा निकाली गयी थी, लेकिन लोग आज तक सुराज का इंतजार कर रहे है। उन्होनें कहा कि नेता वादे करते है, लेकिन चुनाव के बाद गायब हो जाते है। गरीब की कोई नहीं सूनता। उन्होनें कहा कि अपना आदमी, अपने बीच रहने वाला आदमी ही आपका दु:ख दर्ज समझेगा।
बैठकों को संबोधित करते हुए चित्रासिंह ने कहा कि यह रैली मानवेन्द्रसिंह या एक परिवार की लड़ाई नहीं है। यह किसी जाति, पार्टी की लड़ाई नहीं है।
उन्होनें कहा कि यह 36 कौम के स्वाभिमान की लड़ाई है और उन्हें इस बात की खुशी है कि मरू भूमि में स्वाभिमान आज भी जिंदा है। उन्होनें कहा कि स्वाभिमान किसी का भी हो सकता है, चाहे वो कांग्रेस में हो या भाजपा में या किसी और पार्टी में। जाट हो या राजपूत या कोई और। बच्चा हो या बूढ़ा, स्वाभिमान सभी का होता है।
चित्रासिंह ने कहाकि लोग भ्रम फैला रहें है कि यह एक जाति या एक परिवार की लड़ाई है। उन्होनें कहा कि हनुमानगढ़ से जाट समुदाय के लोग बसें भरकर आ रहे है। दुसरे इलाकों से भी अलग-अलग जाति, धर्म के लोग आ रहे है। जिनका स्वाभिमान जिंदा है, वह सभी इस रैली में आ रहे है।
चित्रासिंह ने कहाकि लोग भ्रम फैला रहें है कि यह एक जाति या एक परिवार की लड़ाई है। उन्होनें कहा कि हनुमानगढ़ से जाट समुदाय के लोग बसें भरकर आ रहे है। दुसरे इलाकों से भी अलग-अलग जाति, धर्म के लोग आ रहे है। जिनका स्वाभिमान जिंदा है, वह सभी इस रैली में आ रहे है।
बैठकों को संबोधित करते हुए चित्रासिंह ने कहा कि इस रैली को पूरें मारवाड़ ही नहीं पूरे प्रदेश में भारी उत्साह है। लोग कह रहें है, यह स्वाभिमान की रैली नहीं, यह क्रांति की रैली है। चित्रासिंह ने कहा कि राजस्थान से ही नहीं गुजरात के कई इलाकों से हजारों की तादाद में लोग इस रैली में आ रहे है।
चित्रासिंह ने कहा कि उनके परिवार ने कभी जात पात की राजनीति नहीं की। उनका परिवार सभी को साथ लेकर चलने वाला परिवार है। चित्रासिंह ने कहाकि बीते लोकसभा चुनावों में 4 लाख लोगों ने जसवंतसिंह को वोट दिया, वो किसी एक जात एक धर्म के लोग नहीं थे, वे सभी स्वाभिमानी थे।
बाड़मेर जैसलमेर को जसवंत परिवार का परिवार बताते हुए बाड़मेर जैसलमेर चित्रासिंह ने कहा कि 22 सिंतबर को जनता जो भी निणर्य करेगी, वो उन्हें मंजूर है। उन्होनें कहा कि बाड़मेर जैसलमेर की जनता ही फैसला लेगी कि उन्हें राजनीति करनी है या नही करनी है।
चित्रासिंह ने कहा कि उनके परिवार ने कभी जात पात की राजनीति नहीं की। उनका परिवार सभी को साथ लेकर चलने वाला परिवार है। चित्रासिंह ने कहाकि बीते लोकसभा चुनावों में 4 लाख लोगों ने जसवंतसिंह को वोट दिया, वो किसी एक जात एक धर्म के लोग नहीं थे, वे सभी स्वाभिमानी थे।
बाड़मेर जैसलमेर को जसवंत परिवार का परिवार बताते हुए बाड़मेर जैसलमेर चित्रासिंह ने कहा कि 22 सिंतबर को जनता जो भी निणर्य करेगी, वो उन्हें मंजूर है। उन्होनें कहा कि बाड़मेर जैसलमेर की जनता ही फैसला लेगी कि उन्हें राजनीति करनी है या नही करनी है।
पिछले चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होनें कहा कि चुनाव हारे तो क्या हुआ, लोगों का मन जीत लिया, और यही सबसे बड़ी जीत है। चित्रासिंह ने कहा कि बीते लोकसभा चुनावो के बाद 9 अगस्त से जसवंतसिंह धन्यवाद यात्रा निकालने वाले थे, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।
उन्होनें कहा कि तब से जसवंतसिंह अस्वस्थ् है और उनकी सेवा के कारण परिवार के दुसरे लोग भी उनके साथ रहे और आपके बीच नहीं आ सके। चित्रासिंह ने कहा कि पिछले चार साल में, उन लोगों को, जिन्होनें उनका साथ दिया था, को प्रताडि़त किया गया। यह उनका निणर्य है, जिसके बाद स्वाभिमान रैली का निणर्य लिया गया।
लोगों के कहने पर ही हमें आना पड़ा। बाड़मेर-जैसलमेर जसवंत परिवार का परिवार है और पूरे परिवार को साथ लेकर चलना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होनें कहा कि 22 सितंबर को 36 कौम के लोगों को साथ लेकर अधिक से अधिक संख्या में आपको पचपदरा आना है।
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