रविवार, 28 जनवरी 2018

IPL Auction: तूफानी 'बाड़मेर एक्सप्रेस' पर किंग खान की टीम ने लगाया करोड़ों का दांव

IPL Auction: तूफानी 'बाड़मेर एक्सप्रेस' पर किंग खान की टीम ने लगाया करोड़ों का दांवइंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2018 की नीलामी शनिवार को बेंगलुरु में हुई. अंडर 19 विश्वकप में 149 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करके विरोधी बल्लेबाजों के होश उड़ाने वाले कमलेश नागरकोटी का आईपीएल नीलामी में जलवा देखने को मिला. 'बाड़मेर एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर नागरकोटी को कोलकाता नाइटराइडर्स ने 3 करोड़ 20 लाख में खरीदा. कमलेश नागरकोटी के पिता लच्छम सिंह भारतीय सेना से मानद कैप्टन (Honorary Captain) पद से दिसंबर 2014 में रिटायर हुए थे. एक सैनिक का बेटा होने के नाते कमलेश आर्मी स्कूल से पढ़े हैं. आर्मी बैकग्राउंड का होने की वजह से कमलेश में अनुशासन भी काफी है. कमलेश नागरकोटी तीन भाई-बहन हैं, जिनमें कमलेश सबसे छोटे हैं. कमलेश के बड़े भाई विनोद सिंह नागरकोटी भी क्रिकेट खेलते हैं और एक एकेडमी में कोचिंग भी देते हैं.


IPL Auction: तूफानी 'बाड़मेर एक्सप्रेस' पर किंग खान की टीम ने लगाया करोड़ों का दांव

यहां से सीखी क्रिकेट की ABCD

कमलेश के पिता ने बताया कि शुरुआत में वह राजस्थान के बाड़मेर से खेलता था, लेकिन 2004 में पोस्टिंग जयपुर हो गई तो वे पूरे परिवार के साथ यहीं आ गए. कमलेश फिर यहीं जयपुर में खेलने लगा. कमलेश आर्मी स्कूल से पढ़े हैं. इसके साथ ही कमलेश ने संस्कार क्रिकेट एकेडमी में दाखिला लिया और यहां से क्रिकेट खेलने लगा. क्रिकेट की पहली एबीसीडी उन्होंने इसी एकेडमी में सीखी है. लच्छम सिंह नागरकोटी बताते हैं, ''कमलेश ने सात साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था. उस वक्त कमलेश के कोच सुरेंद्र सिंह राठौड़ आर्मी कैंट में आए थे. उन्होंने कमलेश को खेलते हुए देखा और कहा कि यह लड़का चटख है. यह कुछ बन सकता है. इस तरह कमलेश ने संस्कार क्रिकेट एकेडमी में दाखिला किया.'' उन्होंने बताया कि कमलेश का ज्यादा झुकाव यूं तो शुरू से ही गेंदबाजी की तरफ ही रहा है. हालांकि, वह बल्लेबाजी भी करता था, लेकिन गेंदबाजी में शुरू से ही स्पीड अच्छी रही इसलिए उसने तेज गेंदबाजी पर ही अपना ज्यादा ध्यान लगाया.कमलेश नागरकोटी ने अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया है. कमलेश ने राहुल द्रविड़ को खासा प्रभावित किया है. राहुल से कमलेश इतना प्रभावित थे कि उन्होंने उसे बांग्लादेश का दौरा करने वाली अंडर-23 टीम में भी शामिल किया था.




पेड़ से गेंद लटका दिनभर धूप में क्रिकेट खेलता थे नागरकोटी

कमलेश के पिता का कहना है, ''क्रिकेट का जुनून कमलेश को बचपन से ही रहा है. गर्मियों में सड़ी धूम में भी कमलेश दिनभर खेलता रहता था. कोई साथी मिल जाए तो ठीक नहीं तो पेड़ से गेंद बांधकर ही दिनभर खेलता रहता था. साथ में एक पानी की बोतल ले जाता था और जब वह खत्म हो जाती थी तब घर आता. पानी की बोतल भरता और फिर खेल में लग जाता था.''




आशीष नेहरा जैसा बनना चाहते हैं कमलेश

कमलेश आशीष नेहरा और मोहम्मद शमी को अपना आदर्श मानते हैं. अपने हर इंटरव्यू में कमलेश यही बताते हैं कि आशीष नेहरा ने जो स्पीड शुरुआती दौर में बनाई थी. वही स्पीड 36 साल में रिटायर हुए तब तक उनकी स्पीड वही बनी रही. कमलेश नेहरा की सिर्फ स्पीड ही नहीं, बल्कि उनकी फिटनेस से भी खासे प्रभावित हैं. मोहम्मद शमी की स्पीड के साथ उनकी लाइन और लैंथ को भी कमलेश काफी पसंद करता है. अगर भारत के बाहर के गेंदबाजों की बाद करें तो कमलेश पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम से काफी प्रभावित हैं.




बेटे को सीनियर टीम इंडिया में खेलते देखना चाहते हैं पिता

मैं भगवान से यही दुआ करता हूं मेरा बेटा टीम इंडिया में खेले और देश और राज्य दोनों का नाम रोशन करे. कमलेश को हम यही कहते हैं कि तुम वर्ल्ड कप में अच्छा कर रहे हो और ऐसे ही आगे भी करते रहो.




विराट कोहली के साथ खेलने की है तमन्ना

कमलेश नागरकोटी के पिता बताते हैं कि जब भी वह उससे बात करते हैं तो कमलेश सिर्फ एक ही बात करता है. पिता लच्छम सिंह नागरकोटी बताते हैं कि कमलेश की बस एक ही तमन्ना है कि वह बस विराट कोहली के साथ खेलें. राहुल द्रविड़ से कमलेश को काफी सीखने को मिलता है. वह छोटी-छोटी बारिकियां बताते हैं, जिनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है.




कमलेश नागरकोटी ने 149 किलोमीटर की रफ्तार से फेंकी गेंद

कमलेश नागरकोटी ने अंडर-19 विश्वकप के पहले ही मैच में अपनी गेंदबाजी की एक अलग छाप छोड़ी है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप के अपने पहले ही मैच में कमलेश ने 149-150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी और दिग्गजों को हैरान करके रखा दिया. इस मैच में कमलेश ने कई गेंदें 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ऊपर की फेंकी. मैच के दौरान नागरकोटी ने सबसे तेज गेंद 149 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फेंकी.

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