बाड़मेर। धर्म का विकास शिक्षा के बिना अधुरा- आचार्यश्री
बाड़मेर। खरतरगच्छाचार्य जिनपीयुषसागरसूरिश्वर म.सा. ने जैसलमेर से उग्र विहार करते हुए झांख नगर प्रवेश किया। जैन श्री संघ झांख ने उनके स्वागत में ढोल ढमाके के साथ वरघोड़ा निकाला ओर सोमेया करते हुए उनका अभिनन्दन किया। जैन श्री संघ के कैलाश मालू झांख ने बताया कि इस वरघोड़ा गांव के मुख्य मार्गो से होता हुआ उपाश्रय स्थल पहुंचा जहां आचार्यश्री का अभिनन्दन किया गया। स्वागत समारोह को सम्बोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि वर्तमान में धर्म आराधना के साथ साथ शिक्षा की भी आवश्यकता है। उन्होने कहा कि झांख में युवाओं का धर्म के प्रति उत्साह देखते हुए कहा कि युवा जैन धर्म प्रचार व प्रसार में भी अपना योगदान दे। उन्होने उपस्थित लोगो से कहा कि शिक्षा से ही समाज का विकास सम्भव है। उन्होने कहा कि वो बेटियों को भी उच्च शिक्षा से जोडे़ कहते है एक बेटी देा परिवारो का नाम रोशन करती है वो एक पढेगी तो कई पिढिया पढेगी। आचार्य श्री ने 07 फरवरी को नाकोड़ा तीर्थ पर होने वाली ऐतिहासिक प्रतिष्ठा में आने का आहावान किया। इससे पहले स्वागत भाषण देते हुए कैलाश मालू झांख ने कहा कि झांख की इस धरा पर आचार्य श्री का प्रवेश हमारे पुण्य का नतीजा है। आचार्य श्री के प्रथम बार झांख पधारे है। उन्होने कहा कि बाड़मेर चार्तुमास के दौरान उन्होने तप ओर आराधना का नया प्रकल्प तैयार किया। मालू ने कहा कि जैन श्री संघ की ओर से धर्म प्रचार प्रसार के हर सम्भव सहयोग करने ओर धर्म के प्रति उत्साह बनाये रखेगे। इस अवसर पर झांख मठाधीश पारसनाथ,लूणकरण गोलेच्छा,भूरचन्द मालू,सरूपचन्द,कैलाश मालू,प्रकाश गोलेच्छा, महावीर , अरविन्द तातेड ,अशोक मालू, बांकीदास गुलेच्छा आदि कई ग्राम वासी उपस्थित थे।
आचार्यश्री का हुआ झांख नगरी में भव्य प्रवेश
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