जालोर/चितलवाना
दूसरी पत्नी की हत्या के लिए पति ने ही रचा था हादसे का ड्रामा, हालात ऐसे बने कि पहली को भी जिंदा जलने दिया
चितलवानाथाना क्षेत्र के सेसावा गांव से 1 किमी दूर मंगलवार दोपहर में खड़ी कार में लगी आग से दो महिलाओं की हुई मौत हादसा नहीं बल्कि हत्या थी। जलाकर इनको दर्दनाक मौत देने वाला कोई और नहीं बल्कि उन दोनों महिलाओं का पति सेसावा निवासी दीपाराम जो इसे हादसे का रूप देना चाहता था। पुलिस पूछताछ में देर रात पति ने गृह क्लेश के चलते हत्या करने की बात कबूल ली। दोनों पत्नियों के बीच रोज-रोज के झगड़े से परेशान होकर वह 15 दिनों से हत्या की प्लानिंग बना रहा था। पुलिस के अनुसार मंगलवार को सेसावा स्थित स्वयं के घर से दीपाराम ने दोनों पत्नियों को अरणियाली गांव में गहने बनवाने का कहकर कार में बिठाया। दूसरी पत्नी दौली अगली सीट पर तो पहली पत्नी मालू पीछे की सीट पर बैठी। दूसरी पत्नी के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर दीपाराम को गिरफ्तार कर लिया।
पहली पत्नी मंदबुद्धि थी तो दूसरी शादी की, लेकिन दूसरी भी आए दिन तंग करने लगी तो पहली के प्रति वापस उमड़ा प्यार। यही दूसरी पत्नी को बर्दाश्त नहीं हुआ और बढ़ता गया गृह क्लेश : दीपारामने पहली पत्नी के मंदबुद्धि होने के कारण दूसरी शादी की थी। लेकिन वह भी तेज निकली। दोनों में आए दिन झगड़ा होने लगा तो दीपाराम का झुकाव वापस पहली पत्नी के प्रति हुआ। इससे दौली और भड़क गई। उनमें इस बात पर आए दिन झगड़ा होने लगा। दोनों के बीच कई बार हाथापाई की जानकारी भी सामने आई।
पालनपुरमें साथ रहते हुए आए दिन होता था झगड़ा, एक माह पहले ही दूसरी पत्नी का सास से भी हुआ था झगड़ा : घरमें आए दिन के झगड़ों को देखते हुए दीपाराम दूसरी पत्नी को अपने साथ ही पालनपुर में रखता था। वह भवन निर्माण के ठेके लेता था और उसकी आर्थिक स्थिति काफी ठीक थी। लेकिन वहां भी दोनों आए दिन झगड़ते थे। एक माह पहले सेसावा आए तो दौली का अपनी सास के साथ भी झगड़ा हुआ था। इसके बाद से ही दीपाराम ने उसे रास्ते से हटाने की ठान ली थी।
पहली पत्नी को मारना नहीं चाहता था, लेकिन हालात ऐसे बने कि उसे भी नहीं बचाया
दीपारामपहली पत्नी मालू देवी को नहीं मारना चाहता था। दूसरी से झगड़े के कारण उसके प्रति वापस लगाव हो गया था। सोच यह भी थी कि जैसे-तैसे वह तीनों बच्चों को पाल लेगी। लेकिन दूसरी पत्नी को मारने का जुनून इस कदर सवार था कि उसने पहली की मौत भी स्वीकार कर ली। इसी कारण उसे भी नहीं बचाया।
शीशोंपर काली फिल्म गैस टंकी देखकर लोग नहीं गए करीब और दोनों पत्नियां जिंदा ही जल गई
दीपारामके चिल्लाने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। कार के शीशों पर काली फिल्म चढ़ी थी इसलिए अंदर बैठी दोनों पत्नियां दिखी नहीं। लोगों को सिर्फ आग ही दिखी। लोगों को इस बीच गैस टंकी दिखी तो विस्फोट होने के डर से भी कार के करीब नहीं गए। दूर से ही पानी डालते रहे। कार के शीशे टूटे तो पता चला कि दो महिलाएं जिंदा जल गईं।
पुलिस और समाज को हादसा ही लगे, इसलिए बनाई पूरी प्लानिंग
गहनेबनवाने का बहाना- दूसरी पत्नी कईदिन से गहनों की मांग कर रही थी। इसलिए उसने यही बहाना काम लिया। इस बात पर वह भी राजी हो गई। हालांकि इसी बीच पहली पत्नी भी कार में सवार हो गई। लेकिन यहां उसने बच्चों को साथ नहीं लिया इस कारण उस पर संदेह हुआ।
{पितासे बात करवाई- घटनासे पहली रात को दीपाराम ने दूसरी पत्नी की उसके पीहर में बात करवाई। वहां बताया कि सुबह वह उसके गहने बनवाने के लिए सुनार के यहां जाएगा। ताकि उसके पीहर पक्ष को भी पूरा घटनाक्रम स्वाभाविक लगे।
{दूसरी पत्नी को साथ ले गया- घरसे निकलते वक्त पहली पत्नी भी कार में बैठ गई। यह उसकी प्लानिंग से अलग था। लेकिन उसको उसने पीछे की सीट पर बैठाया ताकि वह सुरक्षित रहे।
{जाते समय आगे बैठाया और उसी तरफ से पत्थरों से टक्कर मारी - दूसरीपत्नी को ठिकाने लगाने के इरादे से ही उसने उसको आगे बैठाया। उसी तरफ से टक्कर भी मारी। सोच यह थी कि वह चोटिल भी होगी। बच भी गई तो कार पलटने से मरेगी। फिर भी बची तो कार में आग लगा देगा।
जालोर में चितलवाना के निकट सेसावा गांव में कार में जिंदा जली दो महिलाओं के मामले में भास्कर के बाद पुलिस ने किया खुलासा
अपनी दूसरी पत्नी का चौथा पति था दीपाराम, 15 लाख से ज्यादा खर्च किए थे शादी के लिए, 10 लाख की एफडी करवानी पड़ी थी पहली पत्नी के नाम
जानकारीके अनुसार दौली देवी दीपाराम की दूसरी पत्नी थी। लेकिन दीपाराम उसका चौथा पति था। पहले एक शादी के बाद उसके दो जगह और नाते हुए। दीपाराम से तीसरा नाता हुआ। इसके लिए दीपाराम ने करीब 10 लाख रुपए समाज की पंचायत में जुर्माना भरा, 5 लाख से ज्यादा पंच पटेलों खाने पर खर्च किए। पहली पत्नी को नहीं छोड़ने के आश्वासन के साथ उसके नाम 10 लाख रुपए की एफडी करवानी पड़ी थी।
सीएनजी किट में गैस नहीं थी, पेट्रोल से चल रही थी कार
कार गैस से चल रही होती तो बड़ा विस्फोट होता। पुलिस पूछताछ में दीपाराम ने यह बात स्वीकार की। गैस टैँक में गैस नहीं थी।
पत्थरों से टक्कर के वक्त ही मारना चाहता था, सफल नहीं हुआ तो घर लौटते समय जिंदा जलाया
दीपारामकेवल दूसरी पत्नी को ही मारना चाहता था इसलिए जाते समय उसने उसे आगे बैठाया। उसी साइड से उसने जानबूझकर पत्थरों से गाड़ी टकराई कि इसके बाद कार पलट जाएगी और वह हालात का फायदा उठा दौली देवी काे मार देगा। लेकिन गाड़ी नहीं पलटी और दौली देवी भाग निकली। मौके पर दो-तीन महिलाएं पहुंचने से वह उसके मंसूबे पूरे नहीं हुए और उसे वापस घर की और लौट गया।
फ्यूल टैंक के अलावा खुला पेट्रोल भी था कार में
कार में खुला पेट्रोल भी था। दीपाराम ने स्वीकार किया कि वह दो लीटर की कोल्ड ड्रिंक की बोतल में पालनपुर से ही पेट्रोल भरवाकर लाया था।
कार में दोनों पत्नियां जिंदा जलती रहीं वह बाहर खड़ा देखता रहा
कारमें आग लगाकर दीपाराम खुद नीचे उतर गया। कार स्टार्ट छोड़ दी जिससे वह ऑटो लॉक हो गई। वह बाहर खड़ा देखता रहा। करीब पांच मिनट बाद एक बाइक सवार उधर से गुजरा तो वह दिखावे के लिए चिल्लाने लगा।
कार को जानबूझकर ही लॉक किया था
पेट्रोलकी बोतल ड्राइवर सीट के नीचे रखी थी। वापस घर लौटते समय चलती कार में पेट्रोल की बोतल का ढक्कन खोला ताकि पूरा बिखर जाए। इसके बाद तिल्ली फेंक कर वह कार को स्टार्ट छोड़कर ही नीचे उतर गया और गेट वापस बंद कर दिया। इससे कार ऑटो लॉक हो गई। चूंकि कार में दो लीटर पेट्रोल फैला था इसलिए उसने तेजी से आग पकड़ ली।
विवाद कार में बैठते ही शुरू हो गया था
दूसरीपत्नी को अंदेशा था कि उसके साथ कुछ गलत हो सकता है। कार में बैठते ही दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया था। पत्थर से टक्कर के बाद उसका अंदेशा पुख्ता हो गया और वह निकलकर भागी। दीपाराम उसे जबरन बैठाकर लाया। वापस घर लौटते समय भी दोनों आपस में झगड़ रहे थे।
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