सोमवार, 6 नवंबर 2017

बाड़मेर दिन से गायब बेटे के लिए आया फोन, पिता को कहा आपका बेटा तिरुपति है, परिजन से रुपए मांगे तो हुआ शक, जांच में फोन करने वाला फर्जी निकला



बाड़मेर दिन से गायब बेटे के लिए आया फोन, पिता को कहा आपका बेटा तिरुपति है, परिजन से रुपए मांगे तो हुआ शक, जांच में फोन करने वाला फर्जी निकला
छठे दिन उम्मीद जगी, लेकिन फेक कॉल निकला

50 हजार के इनाम के लिए गढ़ी झूठी कहानी

  बाड़मेर   घरसे स्कूल के लिए निकले पंद्रह वर्षीय बच्चे के गुमशुदा होने के 5 दिन बाद परिजनों के पास एक कॉल आया और बताया कि आपका बेटा तिरुपति बालाजी बैठा है, कॉल करने वाले ने खुद की वहां दुकान बताई। कॉलर ने खुद का नाम अर्जुनसिंह निवासी मुंदड़ा जालोर बताया। परिजन बच्चे को लाने के लिए बाड़मेर से अहमदाबाद पहुंच गए और अहमदाबाद से चेन्नई के लिए फ्लाइट की टिकटें भी बुक करवा दी। इस बीच फोन आया और 100 रुपए का रिचार्ज करने का बोला। परिजनों ने रिचार्ज भी करवाया। इतना ही नहीं फिर से फोन आया तो बताया कि फ्लाइट की टिकटें बुक मत करवाना वह खुद फ्लाइट की टिकटें रियायत दर पर करवा देगा। इस पर परिजनों को कॉलर का शक हुआ। पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद कॉलर की लोकेशन ट्रेस की गई तो जोधपुर से कॉल करना सामने आया। परिजन अहमदबाद में ही कॉल के इंतजार में बैठे रहे। इधर पुलिस फेक कॉल करने वाले की तलाश में जुट गई। गौरतलब है कि उत्तरलाई रोड निवासी जोगाराम ने मामला दर्ज करवाया था कि उसका 15 वर्षीय बेटा देवराज 30 अक्टूबर को सुबह स्कूल के लिए निकला था। लेकिन उस दिन स्कूल नहीं गया। बच्चे की स्कूल यूनिफार्म घर के पास ही बाड़े में मिली थी।

5 हजार रुपए जोधपुर में देने को बोला:कॉलर ने5 हजार रुपए जोधपुर में राजू नामक व्यक्ति को देने को बोला। इस पर परिजनों ने ऐतराज किया कि जोधपुर में किस बात के पैसे दे? शक होने पर पुलिस को पूरी कहानी बताई, जिसके बाद फेक कॉल होना सामने आया है।

पुलिस ने की जांच, जोधपुर मिली लोकेशन

इधरसूचना पर साइबर सेल की टीम को भी सक्रिय किया गया। वहीं फेक कॉलर की तलाश के लिए सदर थानाधिकारी राजेंद्र चौधरी के नेतृत्व में टीम बनाई गई। कॉल लोकेशन में जोधपुर से कॉल किया जाना सामने आया। इस पर पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की। देर रात तक युवक का कोई सुराग नहीं लगा।

बच्चे के पिता जोगाराम लेगा के पास रविवार दोपहर 11.48 बजे अर्जुनसिंह नामक व्यक्ति ने कॉल किया। बताया कि आपका बेटा तिरुपति बालाजी है। कॉलर ने वहां खुद की दुकान बताई। इसके बाद परिजन सदर थाना पहुंचे, जहां थानाधिकारी राजेंद्र चौधरी को कॉल के बारे में पूरी जानकारी दी। थानाधिकारी ने भी कॉलर से बात की। इसके बाद परिजन गाड़ी लेकर अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। इस बीच कॉलर का फोन आया कि उसके फोन में 100 रुपए का रिचार्ज करवाओ। परिजनों ने रिचार्ज भी करवाया। परिजनों ने अहमदाबाद से चेन्नई के लिए चार लोगों के फ्लाइट टिकट भी बुक करवा दिए। कॉलर ने बताया था कि चेन्नई एयरपोर्ट पर रमेश नामक गाड़ी का ड्राइवर लेने के लिए आएगा। इस बीच फिर से फोन आया कि टिकट बुक मत करवाना। वह खुद वीआईपी कोटे से टिकट बुक करवा देगा। परिजनों ने कहा कि उन्होंने टिकट बुक करवा दिए है। इस पर कॉलर नाराज हो गया। उसने चेन्नई आने से उनको मना कर दिया। रविवार देर रात 10 बजे तक अहमदाबाद में परिजन बैठे रहे।

कॉलर ने गुमशुदा बच्चा चैन्नई होने की परिजनों को दी सूचना,पुलिस ने लोकेशन ट्रेस की तो जोधपुर से कॉल करना आया सामने,पुलिस जांच में जुटी

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