कार्यकारी अध्यक्ष राज्य वरिष्ठ नागरिक बोर्ड गालव 30 नवंबर को जैसलमेर आएगें
1 दिसंबर को लेगें बैठक
जैसलमेर, 28 नवंबर। राजस्थान राज्य वरिष्ठ नागरिक बोर्ड जयपुर कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमनारायण गालव 30 नवंबर को सांय जैसलमेर आएगें। सहायक निदेषक हिम्मतसिंह कविया ने बताया कि वे 1 दिसंबर को प्रातः 11 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में जिला समन्वय समिति की बैठक में भाग लंेगें।
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राजस्व, उपनिवेषन अधिकारियों की बैठक 30 नवंबर को
जैसलमेर, 28 नवंबर। राजस्व, उपनिवेषन अधिकारियों के साथ ही अवैध खनन रोकथाम के संबंध में बैठक जिला कलक्टर कैलाष चन्द मीना की अध्यक्षता में गुरूवार, 30 नवंबर को दोपहर 3 बजे बैठक रखी गई है। पूर्व में यह बैठक 29 नवंबर को प्रातः 11 बजे निर्धारित थी उसकी जगह अब 30 नवंबर को होगी।
मतदाता जागरूकता के लिए जिला स्तरीय प्रतियोगिता गुरूवार को
जैसलमेर, 28 नवंबर। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) के.एल.स्वामी के निर्देषानुसार मतदाता जागरूकता हेतु म्ब्प् छंजपवदंस फनप्र 2017-18 की जिला स्तरीय प्रतियोगिता गुरूवार, 30 नवंबर को अपराह् 12ः00 बजे अमर शहीद सागरमल गोपा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जैसलमेर में आयोजित की जायेगी।
अतिरिक्त जिला षिक्षा अधिकारी कमल किषोर व्यास ने समस्त संस्था प्रधानों को निर्देषित किया जाता है जिला स्तरीय राष्ट्रीय क्विज प्रतियोगिता में जिला षिक्षा अधिकारी माध्यमिक षिक्षा विभाग जैसलमेर द्वारा चयनित विद्यार्थियों को उक्त प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 30 नवंबर को अमर शहीद सागरमल गोपा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जैसलमेर में अपराह् 12ः00 बजे भिजवाना सुनिष्चित करेंगे।
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अमरसागर ग्राम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बाल विवाह अभियान के तहत शिविर आयोजित
जैसलमेर, 28 नवंबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) जैसलमेर मदनलाल भाटी के निर्देशानुसार पूर्णकालिक सचिव डाॅ महेन्द्र कुमार गोयल की अध्यक्षता में बाल विवाह रोको अभियान के तहत अमरसागर गांव में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। शिविर में पूर्णकालिक सचिव डाॅ गोयल द्वारा बाल विवाहों के आयोजन की सम्भावनाओं को देखते हुए गांव के सभी वर्गों से भावभरी अपील की है कि बाल विवाह से बालकों का विकास रूकता है, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होती है। बाल वर-वधु परिवार व समाज पर बोझ बनते हैं। बाल विवाह किसी के हित में नहीं है अतः हम सबका दायित्व है कि बाल विवाह की जानकारी मिलते ही उसे रोकने के सामाजिक अभियान में भागीदार बनें।
शिविर में विधिक कार्यक्रमों एवं लोक अदालत की बारे में भी जानकारी दी गई, बताया गया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 के तहत व्यक्ति विधिक सेवा प्राप्त कर सकते हैं जो कि अनुसूचित जाति या जन जाति का सदस्य, संविधान के अनुच्छेद 23 में यथानिर्दिष्ट मानव दुव्र्यवहार या बेगार का सताया हुआ व्यक्ति, स्त्री या बालक, मानसिक रूप से अस्वस्थ या अन्यथा असमर्थ व्यक्ति, अनपेक्षित अभाव जैसे बहुविनाश, जातीय हिंसा, अत्याचार, बाढ़, सूखा, भूकम्प या औद्योगिक विनाश की दशाओं के अधीन सताया हुआ व्यक्ति, ऐसा व्यक्ति जो अभिरक्षा में है, ऐसा व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 150000 से कम है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत पूरे जिले में बाल विवाह रोकने का अभियान चला रखा है। तुलनात्मक रूप से अधिक बाल विवाह वाले गांवों और ढाणियों में विधिक शिविरों द्वारा बाल विवाह की रोकथाम हेतु जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। सभी जिलों की भांति इस जिले में भी विधिक सेवा संस्थाओं के प्रतिनिधि, जिला प्रशासन जन प्रतिनिधिगण एवं स्वयं सेवी संगठन आपस में समन्वय करते हुए सघन कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। हलवाई, टेंट, बैंड बाजा, पंडित आदि को बाल विवाह में सहयोग नहीं करने के लिए पाबंद किया जा रहा है।
शिविर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक हिम्मतसिंह कविया ने बाल विवाह की रोकथाम के बारे में बताते हुए कहा कि टोल फ्री हैल्प लाईन नम्बर 1098 पर बाल विवाह की सूचना आने पर भी तुरंत बाल विवाह रोके जाएंगे और न्यायालय से स्थगन भी प्राप्त किया जावेगा। यदि फिर भी लुक छिप कर किसी ने बाल विवाह किया तो संज्ञेय एवं गैर जमानतीय अपराध के लिए मुकदमा दर्ज होगा। विवाह करने एवं कराने वाले सभी लोग गिरफतार होंगे, उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा और जेल की सजा भी हो सकेगी। ऐसा विवाह शून्य भी कराया जा सकेगा। शिविर में समग्र समाज विकास समिति के किशनाराम चैहान तथा सवेरा संस्थान के चेतन पालीवाल ने सहयोग किया।
प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के जरिए बाल विवाह के नुकसान के बारे में अवगत कराते हुए पेम्फलेट बांटकर इस सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करने की अपील की गई।
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