सेवारत चिकित्सकों के असहयोग आंदोलन का आगाज आज से
गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष माल्यापर्ण कर 11 बजे से होगी शुरूआत
चिकित्सकीय कार्य के अलावा अन्य कार्यों का करेंगे बहिष्कार
सेवारत चिकित्सकों ने "बाबूगिरी" नहीं करने का लिया निर्णय
जयपुर, 01 अक्टूबर। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आव्हान पर प्रदेश स्तर पर चल रहे आंदोलन के दूसरे चरण के तहत सोमवार दो अक्टूबर गांधी जयंती पर असहयोग आंदोलन चलाया जाएगा। असहयोग आंदोलन में प्रदेष के 10 हजार सेवारत चिकित्सक चिकित्सकीय कार्य के अलावा अन्य कार्यों का बहिष्कार करेंगे।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेषाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि अहसयोग आंदोलन के तहत सेवारत चिकित्सक अब बाबूगिरी का काम नहीं करेंगे। चिकित्सक पीड़ित,बीमार व रूग्ण व्यक्ति को चिकित्सा उपलब्ध करवाएंगे।19 अक्टूबर को सेवारत चिकित्सक अपने साथ हो रहे अन्याय का इज़हार करते हुए प्रदेश भर में काली दीपावली मनाएंगे।
इन कार्यों का करेंगे सेवारत चिकित्सक बहिष्कार
विडियो कांफ्रेसिंग- राज्य स्तर से आयोजित होने वाली समस्त वीसी का समस्त सेवारत चिकित्सक बहिष्कार करेंगे। हालांकि इसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मुक्त रखा गया है।
मीटिंग व प्रशिक्षण- निदेषालय व प्रशासन की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय सभी मीटिंग व प्रशिक्षण तथा राज्य स्तरीय जिला स्तरीय, खण्ड स्तरीय बैठकों को बहिष्कार किया जाएगा।
रिपोर्टिंग-सभी प्रकार की खण्ड, सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर एवं सीएमएचओ कार्यालय से भेजी जाने वाली रिपोर्ट जो चिकित्सक के हस्ताक्षर से भेजी जाती है पूर्णतया बहिष्कार किया जाएगा।
शिविर- परिवार कल्याण का कार्य केवल स्टेटिक सेंटर पर किया जाएगा आउट्डोर शिविरों का पूर्णतया बहिष्कार किया जाएगा। स्वास्थ्य शिक्षा सम्बंधित वर्कशोप का भी बहिष्कार किया जाएगा।
दिव्यांग को नहीं होने देंगे कोई कष्ट
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश संघठन महामंत्री डॉ.राकेश हिरावत ने बताया कि प्रदेश के दिव्यांग व निशक्त व्यक्तियों के दर्द को समझते हुए प्रदेश में चल रहे दिव्यांग शिविरों में प्रमाण पत्र के लिए सेवारत चिकित्सकों की सुविधा निरंतर जारी रखी जाएगी।
जनता के नाम संदेश पत्र में सौंपेंगे जन प्रतिनिधियों को
असहयोग आंदोलन के आगाज के साथ ही प्रथम सप्ताह में प्रदेश के सभी जिलों में चिकित्सक जनप्रतिनिधियों को जनता के नाम संदेष पत्र विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, सरपंच को समर्थन मांग पत्र जिलाध्यक्षों के माध्यम से राज्य इकाई को भेजें जाएंगे। और जनप्रतिनिधियो से अपनी माँगो के पक्ष में समर्थन पत्र लेंगे !!
16 अक्टूबर को सत्याग्रह धरना
प्रदेश में 16 अक्टूबर को प्रदेश के सभी सेवारत चिकित्सक एक दिवसीय धरना देंगे। सत्याग्रह धरना दोपहर एक बजे से चार बजे तक जिला कार्यकारिणी की ओर से निर्धारित स्थान पर होगा। इससे पहले चिकित्सक प्रदेष में सामूहिक अवकाष पत्रों का भी संकलन करेंगे।
डेढ़ माह से चल रहा है आंदोलन
गौरतलब है कि प्रदेष के 33 जिलों का 33 सूत्रीय मांग पत्र चिकित्सा मं़त्री को सौपा गया था। मांगपत्र की प्रमुख मांगों को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में 29 अगस्त को सैद्वांतिक सहमति बनी थी। इसके बाद मांगों के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने 15 दिन की समयावधि चाही गई थी। सेवारत चिकित्सकों ने 30 अगस्त के सामूहिक अवकाष को स्थगित कर मांगों के क्रियान्वयन के लिए 15 सितम्बर तक का समय तय किया। राज्य सरकार की ओर से मांगो पर 15 दिन बाद भी सकारात्मक रूख नहीं अपनाने पर अब 18 सितम्बर को सेवारत चिकित्सक एक दिन के सामूहिक अवकाष रखा था। 27 सितम्बर को निदेषक (जनस्वास्थ्य) की ओर से राज्य स्तरीय विडियो कांफ्रेसिंग का भी चिकित्सकों ने बहिष्कार किया था।
गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष माल्यापर्ण कर 11 बजे से होगी शुरूआत
चिकित्सकीय कार्य के अलावा अन्य कार्यों का करेंगे बहिष्कार
सेवारत चिकित्सकों ने "बाबूगिरी" नहीं करने का लिया निर्णय
जयपुर, 01 अक्टूबर। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आव्हान पर प्रदेश स्तर पर चल रहे आंदोलन के दूसरे चरण के तहत सोमवार दो अक्टूबर गांधी जयंती पर असहयोग आंदोलन चलाया जाएगा। असहयोग आंदोलन में प्रदेष के 10 हजार सेवारत चिकित्सक चिकित्सकीय कार्य के अलावा अन्य कार्यों का बहिष्कार करेंगे।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेषाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि अहसयोग आंदोलन के तहत सेवारत चिकित्सक अब बाबूगिरी का काम नहीं करेंगे। चिकित्सक पीड़ित,बीमार व रूग्ण व्यक्ति को चिकित्सा उपलब्ध करवाएंगे।19 अक्टूबर को सेवारत चिकित्सक अपने साथ हो रहे अन्याय का इज़हार करते हुए प्रदेश भर में काली दीपावली मनाएंगे।
इन कार्यों का करेंगे सेवारत चिकित्सक बहिष्कार
विडियो कांफ्रेसिंग- राज्य स्तर से आयोजित होने वाली समस्त वीसी का समस्त सेवारत चिकित्सक बहिष्कार करेंगे। हालांकि इसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मुक्त रखा गया है।
मीटिंग व प्रशिक्षण- निदेषालय व प्रशासन की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय सभी मीटिंग व प्रशिक्षण तथा राज्य स्तरीय जिला स्तरीय, खण्ड स्तरीय बैठकों को बहिष्कार किया जाएगा।
रिपोर्टिंग-सभी प्रकार की खण्ड, सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर एवं सीएमएचओ कार्यालय से भेजी जाने वाली रिपोर्ट जो चिकित्सक के हस्ताक्षर से भेजी जाती है पूर्णतया बहिष्कार किया जाएगा।
शिविर- परिवार कल्याण का कार्य केवल स्टेटिक सेंटर पर किया जाएगा आउट्डोर शिविरों का पूर्णतया बहिष्कार किया जाएगा। स्वास्थ्य शिक्षा सम्बंधित वर्कशोप का भी बहिष्कार किया जाएगा।
दिव्यांग को नहीं होने देंगे कोई कष्ट
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश संघठन महामंत्री डॉ.राकेश हिरावत ने बताया कि प्रदेश के दिव्यांग व निशक्त व्यक्तियों के दर्द को समझते हुए प्रदेश में चल रहे दिव्यांग शिविरों में प्रमाण पत्र के लिए सेवारत चिकित्सकों की सुविधा निरंतर जारी रखी जाएगी।
जनता के नाम संदेश पत्र में सौंपेंगे जन प्रतिनिधियों को
असहयोग आंदोलन के आगाज के साथ ही प्रथम सप्ताह में प्रदेश के सभी जिलों में चिकित्सक जनप्रतिनिधियों को जनता के नाम संदेष पत्र विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, सरपंच को समर्थन मांग पत्र जिलाध्यक्षों के माध्यम से राज्य इकाई को भेजें जाएंगे। और जनप्रतिनिधियो से अपनी माँगो के पक्ष में समर्थन पत्र लेंगे !!
16 अक्टूबर को सत्याग्रह धरना
प्रदेश में 16 अक्टूबर को प्रदेश के सभी सेवारत चिकित्सक एक दिवसीय धरना देंगे। सत्याग्रह धरना दोपहर एक बजे से चार बजे तक जिला कार्यकारिणी की ओर से निर्धारित स्थान पर होगा। इससे पहले चिकित्सक प्रदेष में सामूहिक अवकाष पत्रों का भी संकलन करेंगे।
डेढ़ माह से चल रहा है आंदोलन
गौरतलब है कि प्रदेष के 33 जिलों का 33 सूत्रीय मांग पत्र चिकित्सा मं़त्री को सौपा गया था। मांगपत्र की प्रमुख मांगों को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में 29 अगस्त को सैद्वांतिक सहमति बनी थी। इसके बाद मांगों के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने 15 दिन की समयावधि चाही गई थी। सेवारत चिकित्सकों ने 30 अगस्त के सामूहिक अवकाष को स्थगित कर मांगों के क्रियान्वयन के लिए 15 सितम्बर तक का समय तय किया। राज्य सरकार की ओर से मांगो पर 15 दिन बाद भी सकारात्मक रूख नहीं अपनाने पर अब 18 सितम्बर को सेवारत चिकित्सक एक दिन के सामूहिक अवकाष रखा था। 27 सितम्बर को निदेषक (जनस्वास्थ्य) की ओर से राज्य स्तरीय विडियो कांफ्रेसिंग का भी चिकित्सकों ने बहिष्कार किया था।
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