पाली विधायक के बगावती तेवर, समर्थक भी उतरे सड़कों पर, कलेक्ट्रेट में नारेबाजी, पुलिसकर्मियों से भी उलझे
मारवाड़ जंक्शन में फूटा विधायक पारख का दर्द, कर्मचारी नहीं सुनते, एसडीएम को हटाया जाए
प्रदर्शन| पाली में सरकार के खिलाफ भाजपाइयों का प्रदर्शन, पुलिस को धमकी और एसडीएम निशाने पर
| पाली
शहरमें अतिक्रमण और मुआवजे के मुद्दे को लेकर अधिकारियों से तनातनी के बाद भाजपा के आला नेता जनप्रतिनिधि ही सड़क पर उतर गए हैं। शुक्रवार को भी बाढ़ पीडितों को मुआवजा नहीं मिलने की मांग को नगरपरिषद के उप सभापति की अगुवाई में संगठन के नेता तथा पार्षदों समेत कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इन नेताओं के निशाने पर एसडीएम सुमित्रा पारीक रही। प्रदर्शन के दौरान कई पार्षद नेता आपा भी खो बैठे। इन लोगों ने मौजूद पुलिस अधिकारियों को भी देख लेने तक की धमकी दे डाली।
इधर, इसी मामले को लेकर मारवाड़ जंक्शन में भाजपा जिला कार्यकारिणी की बैठक में प्रभारी सांसद रामचरण बोहरा, जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल की मौजूदगी में विधायक ज्ञानचंद पारख का दर्द भी झलका। विधायक ने अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा बात नहीं मानने के आरोप लगाए। पारख ने वहां पर भी पाली एसडीएम को तत्काल हटाने की मांग की। उन्होंने चेताया कि अगर कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नहीं समझा तो चुनाव में इसका असर पड़ सकता है। अतिवृष्टि में मुआवजा राशि मिलने और एसडीएम पर एम्पावर्ड कमेटी में मनमानी को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए उपसभापति मूल सिंह भाटी के नेतृत्व में पार्षद और जनप्रतिनिधि कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर चैंबर के बाहर नारेबाजी की। यहां एसडीएम सुमित्रा पारीक पर जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया की वे मुआवजा राशि को लेकर भेदभाव कर रही है। वहीं नगर परिषद अधिकारी कर्मचारी के अलावा जनप्रतिनिधियों के साथ भी उनका व्यवहार सही नहीं है। इसको लेकर कलेक्ट्रेट चैंबर के बाहर नारेबाजी की और एसडीएम को हटाने की मांग को लेकर कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा को ज्ञापन सौंपा। इधर, इस पूरे मामले को लेकर शुक्रवार को मारवाड़ जंक्शन में हुई भाजपा की जिला संगठन बैठक में विधायक ज्ञानचंद पारख ने बगावती तेवर दिखाए। बैठक में उनको कहना था कि अब तक कार्यकर्ताअोंं के साथ दुर्व्यवहार तथा उनकी सुनवाई नहीं करने पर सरकार ने कलेक्टर एसपी तक को हटाया है। अब हालात विपरीत है। इससे कार्यकर्ताआें का मनोबल गिर रहा है। यहां तक की उनको भी वाजिब काम के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। पारख के निशाने पर एसडीएम ही रही। उन्होंंने चेताया कि अगर 7 दिन में उनको नहीं हटाया तो कार्यकर्ता फिर से विरोध-प्रदर्शन करेंगे और इसके लिए भले ही उनको लाठीचार्ज का सामना करना पड़े। दोएमएलए के वर्चस्व की लड़ाई में अधिकारी टारगेट पर, अवैध फैक्ट्री का मामला भी
दरअसल,यह पूरा मामला विधायक ज्ञानचंद पारख और मदन राठौड़ के वर्चस्व को लेकर है, जिसमें अधिकारी निशाने पर गए हैं। पहला मामला एम्पॉवर्ड कमेटी में एसडीएम को चेयरमैन बनाने और अवैध इमारतों को अनुमति नहीं मिलने का है। वहीं दूसरा मामला शहर में एक भूखंड पर मंदिर के नाम पर हुए अतिक्रमण को लेकर है। जिसे एक विधायक चाहते हैं वह हटे वहीं दूसरे एमएलए इस पक्ष में नहीं है। कुछ दिनों पूर्व भाजपा नेता की अवैध फैक्ट्री पर हुई कार्रवाई है जो एसडीएम ने की थी। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों में तल्खी बढ़ी है।
उपसभापति और जनप्रतिनिधियों के आरोप
{मुआवजा : जुलाईमें आई अतिवृष्टि की वजह से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए। एसडीआरएफ के नियमानुसार सभी को 3 हजार 200 रुपए मुआवजा देना था। आरोप था कि एसडीएम की ओर से जरूरतमंदों को वंचित रखा जा रहा है। जबकि, मामला यह था कि पूरे शहर में 15 हजार लोगों को मुआवजा राशि देने के फार्म जमा कराए गए थे। प्रभारी मंत्री के निर्देश पर तहसीलदार, पीडब्ल्यूडी एईएन ने जांच की तो सामने आया कि 470 ही नियमों में रहे हैं।
{एम्पावर्डकमेटी : एसडीएमएम्पावर्ड कमेटी की अध्यक्ष है। उपसभापति का कहना था कि कमेटी में आदेश्वर रियेलेट्स का मामला जो एजेंडे में शामिल नहीं था उसे भी शामिल किया और अायुक्त को फटकार लगाई। जबकि संबंधित प्रार्थी की फाइल दो महीने से नगर परिषद में अटकी थी। सरकार तक इसकी शिकायत पहुंची तो डीएलबी की रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने फाइलें तलब की। गौरतलब है कि इस कमेटी में नगर परिषद आयुक्त, चेयरमैन, लीगल एडवाइजर, टीए और एईएन के साथ विशिष्ट आमंत्रित सदस्य में पाली विधायक भी शामिल है।
सत्ता के जोश में पुलिसकर्मियों पर बरपा गुस्सा, पहली बार कलेक्ट्रेट चैंबर के बाहर नारेबाजी
विरोधप्रदर्शन के दौरान सत्ता के जोश में भाजपा के उपसभापति, सोमनाथ प्रताप मंडल अध्यक्ष समेत पार्षदों ने पुलिसकर्मियों पर अपना गुस्सा बरपाया। पहले कलेक्ट्रेट में जाने की बात को लेकर जमकर तकरार की। पार्षद विकास बुबकिया तो एक पुलिस अधिकारी से उलझते हुए तू -तड़ाके पर उतर गए। धरना-प्रदर्शन में कलेक्ट्रेट में पांच लोगों को अंदर जाने की अनुमति थी इसके बाद भी उपसभापति ने जबरन चैनल गेट खुलवाया और सभी को अंदर ले जाकर चैंबर के बाहर नारेबाजी की। इसके बाद कलेक्ट्रेट चैंबर में जाने की बात को लेकर एक बार फिर से भाजपा नेता पुलिसकर्मियों से उलझ पड़े।
इनकाकहना है
^पिछलेकई दिनों से एसडीएम की कार्यप्रणाली व्यवहार को लेकर शिकायतें रही थी। इसी को लेकर संगठन की बैठक में यह मामला रखा। पार्टी कार्यकर्ता के साथ किसी प्रकार दुर्व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा। इनको निलंबित करने की मांग को लेकर मैं खुद सीएम को ज्ञापन दूंगा। अतिक्रमण के मामले से कोई लेना-देना नहीं है। -ज्ञानचंदपारख, विधायक, पाली
^मैनेकिसी भी जनप्रतिनिधि के साथ अभ्रदता नहीं की। एंपावर्ड कमेटी ने भी सदस्य नियमानुसार जिन मामलों की अनुशंषा करते हैं वे ही स्वीकृत या अस्वीकृत होते हैं। -सुमित्रापारीख, एसडीएम पाली
पाली. ज्ञापन देने के दौरान पुलिस ने रोका तो भाजपा कार्यकर्ता उनसे उलझ गए।
पार्षदों ने पुलिस अधिकारियों को दी देख लेने की धमकी
उपसभापतिमूल सिंह भाटी के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन को लेकर पार्षद और शहर के मंडल अध्यक्ष समेत भाजयुमो के पदाधिकारियों की वहां तैनात पुलिसकर्मियों से कलेक्ट्रेट में जाने को लेकर बहस हो गई। इतना ही नहीं कलेक्टर चैंबर में जाने की बात को लेकर
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