जोधपुर भगत की कोठी से बिना पायलट 3 किमी दौड़ा इंजन, क्राॅसिंग पर रखे पत्थर तोड़ बढ़ा, बासनी स्टेशन पर खड़ी हमसफर एक्सप्रेस से भिड़ंत
एकआश्चर्यजनक घटनाक्रम के तहत शुक्रवार रात भगत की कोठी स्टेशन से एक रेल इंजन बिना लोको पायलट ही लुढ़कना शुरु हो गया। यह देख वहां खड़े रेलकर्मियों के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने बिना समय गंवाए बासनी स्टेशन पर सूचना दी।
यहां से मिली सूचना पर बासनी इंडस्ट्रियल एरिया रेलवे फाटक पर तैनात कर्मचारी ने तत्काल वाहनों को रुकवाकर फाटक बंद किया। इंजन को रोकने के लिए उसने पटरियों पर पत्थर भी रखे। ढलान होने के कारण यहां पहुंचने तक इंजन की गति काफी तेज हो गई। इंजन पत्थरों को तोड़ता हुआ आगे निकल गया। बासनी स्टेशन पर हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन खड़ी थी। देखते ही देखते इंजन इसी ट्रैक पर खड़ी एक्सप्रेस ट्रेन से जा टकराया। इससे ट्रेन में बैठे यात्रियों को तेज झटका लगा, कई यात्रियों का ऊपर रखा सामान नीचे गिर गया। गनीमत यह रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई
जानकारी के अनुसार इंदौर-जोधपुर ट्रेन संख्या 14802 में मारवाड़ जंक्शन से एक खराब इंजन को जोड़कर भगत की कोठी लाया गया। यहां 7:37 बजे पहुंचने के बाद इसे दूसरी लाइन पर खड़ा कर दिया गया। रात करीब 8:20 पर यह इंजन अपने आप ही लुढ़कता हुआ बासनी की ओर बढ़ गया। काफी आगे निकल जानूे पर भगत की कोठी स्टेशन से बासनी स्टेशन को अलर्ट किया गया।
रात
यह इंजन बासनी स्टेशन की लाइन नंबर-4 की ओर बढ़ गया। यह लाइन प्लेटफार्म संख्या 2 पर जाती है। यहां 8:25 बजे हमसफर एक्सप्रेस आकर रुकी थी। कायदे से इसे रन थ्रू निकलना था, लेकिन एक मालगाड़ी को पास करवाने के लिए इसे रोक लिया गया था। 2 मिनट बाद ही बिना लोको पायलट का इंजन आकर इससे भिड़ गया। ट्रेन में बैठे यात्रियों को तेज आवाज के साथ जोरदार झटका लगा। कोच बी-16 के यात्री सतपाल ने बताया कि उन्हें ऐसा लगा जैसा ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगाए गए हों।
बासनी रेलवे फाटक ढलान के कारण बंद इंजन दौड़ा, बासनी क्रॉसिंग तत्काल बंद करने यात्री गाड़ी के खड़े रहने से बड़ा हादसा टला
भगत की कोठी स्टेशन बासनी स्टेशन पर बांद्रा-जैसलमेर हमसफर एक्सप्रेस आकर रुकी थी। यह इस ट्रेन का पहला फेरा था। बासनी स्टेशन मास्टर ने तत्काल इंडस्ट्रियल एरिया स्थित क्रॉसिंग के गेटमैन रमेश को गेट बंद कर, वाहनों की आवाजाही रोकने को कहा। गेट बंद करने तक इंजन गेट के बहुत करीब गया था। गेटमैन ने पटरी पर पत्थर रख इंजन को रोकने की नाकाम कोशिश की।
पटरी बदलने के लिए 2 मिनट भी नहीं मिले बासनी से भगत की कोठी के बीच दो ट्रैक हैं। हमसफर एक्सप्रेस को भगत की कोठी की ओर रवाना करने के लिए रूट बनाया हुआ था, बस सिगनल देने की देर थी। इसी बीच बेकाबू इंजन नजदीक पहुंच गया, बासनी स्टेशन मास्टर को दो मिनट का भी समय नहीं मिला। अन्यथा एक्सप्रेस का रूट बंदकर इस इंजन के लिए 1 या 2 नंबर लाइन के लिए रूट सेट किया जा सकता था। सूचना पर रेल अफसर मौके पर पहुंचे। ट्रेन को पीछे लेकर दूसरी लाइन से रवाना किया। जांच के लिए इंजन के डाटा लॉगर (ब्लैक बॉक्स) की जांच की जा रही है
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एकआश्चर्यजनक घटनाक्रम के तहत शुक्रवार रात भगत की कोठी स्टेशन से एक रेल इंजन बिना लोको पायलट ही लुढ़कना शुरु हो गया। यह देख वहां खड़े रेलकर्मियों के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने बिना समय गंवाए बासनी स्टेशन पर सूचना दी।
यहां से मिली सूचना पर बासनी इंडस्ट्रियल एरिया रेलवे फाटक पर तैनात कर्मचारी ने तत्काल वाहनों को रुकवाकर फाटक बंद किया। इंजन को रोकने के लिए उसने पटरियों पर पत्थर भी रखे। ढलान होने के कारण यहां पहुंचने तक इंजन की गति काफी तेज हो गई। इंजन पत्थरों को तोड़ता हुआ आगे निकल गया। बासनी स्टेशन पर हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन खड़ी थी। देखते ही देखते इंजन इसी ट्रैक पर खड़ी एक्सप्रेस ट्रेन से जा टकराया। इससे ट्रेन में बैठे यात्रियों को तेज झटका लगा, कई यात्रियों का ऊपर रखा सामान नीचे गिर गया। गनीमत यह रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई
जानकारी के अनुसार इंदौर-जोधपुर ट्रेन संख्या 14802 में मारवाड़ जंक्शन से एक खराब इंजन को जोड़कर भगत की कोठी लाया गया। यहां 7:37 बजे पहुंचने के बाद इसे दूसरी लाइन पर खड़ा कर दिया गया। रात करीब 8:20 पर यह इंजन अपने आप ही लुढ़कता हुआ बासनी की ओर बढ़ गया। काफी आगे निकल जानूे पर भगत की कोठी स्टेशन से बासनी स्टेशन को अलर्ट किया गया।
रात
यह इंजन बासनी स्टेशन की लाइन नंबर-4 की ओर बढ़ गया। यह लाइन प्लेटफार्म संख्या 2 पर जाती है। यहां 8:25 बजे हमसफर एक्सप्रेस आकर रुकी थी। कायदे से इसे रन थ्रू निकलना था, लेकिन एक मालगाड़ी को पास करवाने के लिए इसे रोक लिया गया था। 2 मिनट बाद ही बिना लोको पायलट का इंजन आकर इससे भिड़ गया। ट्रेन में बैठे यात्रियों को तेज आवाज के साथ जोरदार झटका लगा। कोच बी-16 के यात्री सतपाल ने बताया कि उन्हें ऐसा लगा जैसा ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगाए गए हों।
बासनी रेलवे फाटक ढलान के कारण बंद इंजन दौड़ा, बासनी क्रॉसिंग तत्काल बंद करने यात्री गाड़ी के खड़े रहने से बड़ा हादसा टला
भगत की कोठी स्टेशन बासनी स्टेशन पर बांद्रा-जैसलमेर हमसफर एक्सप्रेस आकर रुकी थी। यह इस ट्रेन का पहला फेरा था। बासनी स्टेशन मास्टर ने तत्काल इंडस्ट्रियल एरिया स्थित क्रॉसिंग के गेटमैन रमेश को गेट बंद कर, वाहनों की आवाजाही रोकने को कहा। गेट बंद करने तक इंजन गेट के बहुत करीब गया था। गेटमैन ने पटरी पर पत्थर रख इंजन को रोकने की नाकाम कोशिश की।
पटरी बदलने के लिए 2 मिनट भी नहीं मिले बासनी से भगत की कोठी के बीच दो ट्रैक हैं। हमसफर एक्सप्रेस को भगत की कोठी की ओर रवाना करने के लिए रूट बनाया हुआ था, बस सिगनल देने की देर थी। इसी बीच बेकाबू इंजन नजदीक पहुंच गया, बासनी स्टेशन मास्टर को दो मिनट का भी समय नहीं मिला। अन्यथा एक्सप्रेस का रूट बंदकर इस इंजन के लिए 1 या 2 नंबर लाइन के लिए रूट सेट किया जा सकता था। सूचना पर रेल अफसर मौके पर पहुंचे। ट्रेन को पीछे लेकर दूसरी लाइन से रवाना किया। जांच के लिए इंजन के डाटा लॉगर (ब्लैक बॉक्स) की जांच की जा रही है
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