बाड़मेर कबीर यात्रा का चौहटन में समागम
चौहटन (बाड़मेर) 27 अक्टूबर राजस्थान पुलिस लोकायन संस्थान बीकानेर, जिला एवं पुलिस प्रशासन बाड़मेर और ग्रामीण विकास एवम चेतना संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान कबीर यात्रा 2017 भक्ति संगीत संध्या का आयोजन चैहटन में जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदान नकाते, पुलिस अधीक्षक डाॅ. गगनदीप सिंगला, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) जोधपुर डाॅ. अमनदीप सिंह कपूर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा के मुख्य आतिथ्य में हुआ।
कार्यक्रम मे जिला कलेक्टर महोदय का स्वागत डूंगरपूरी जी मठ के महंत जगदीशपुरी ने किया । इससे पूर्व विरात्रा माता मंदिर के ट्रस्टी भैरसिंह शाल ओढाकर जगदीशपुरी महाराज का अभिनंदन किया।
ग्रामीण विकास एवम चेतना संस्थान के सचिव विक्रमसिंह ने बताया कि खत्म हो रही वाणी गायन परम्परा को पूर्नजीवन प्रदान करने और कलाकारों को बढावा देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें बाड़मेर के गुमनाम कलाकारों को देश के ख्यातिनाम कलाकारों के साथ मंच प्रदान किया जाता है। ताकि इन कलाकारों को भी आगे बढ़ने का मौका मिल सके। इसी के तहत चौहटन की पावन धरा पर बाड़मेर के वाणी कलाकार दानसिंह ने वीणा पर अपनी सुरीली आवाज में ‘‘उगे जोही छिप जाय डूंगरपूरी कहे हंसराजा, जोगवा होऐ जूग ढूढीयो आरी वाणियों की प्रस्तुति देकर उपस्थित हजारों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जैसलमेर के अन्तराष्ट्रीय गायक महेशाराम ने कबीर वाणी से सभी का मन मोह लिया।
देश - विदेश में ख्याति बटोर रहे कच्छ गुजरात के कलाकार मुरालाला मारवाड़ा ने अपनी विविधता भरे भजनों रचनाओं से श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। उनकी संगीत-वाणी रचनाओं का जादू देखते ही बन रहा था। कबीर यात्री स्वतः ही उनको भक्ति रचना पर नाचने लगे। ऐसे लगने लगा जैस भजन भजते हुए गायक - श्रोता वर्ग के मध्य संवाद चल पड़ा हो। मूरालाला मारवाड़ा के सहयोगी संगतकार कानजी भाई, भीखा भाई, सुखदेव और शंकर भाई ने लाइव प्रस्तुति को सच में जीवन्त बना दिया।
मुम्बई से आयी भक्ति रचनाओं के लिए प्रसिद्ध माटी-बाणी ग्रुप के कलाकारों ने अपने नाम के अनुकूल अपनी भूमि - वाणी आधारित भजनों की सरिता ही बहा दी। गायिका निराली, कार्तिक और कार्तिक शाह ग्रुप ने राजस्थानी लोकवाणी, सन्तवाणी को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। शास्त्रीय संगीत पर आधारित राग-मल्हार बेस्ड रचना ‘बूंदन - बूंदन बरसे मेधा’’ श्रोताओं ने खूब पंसद की। बनारस घराने के तबला वादक अमित मिश्रा जानदार संगत की। अपनी तबला वादन कला का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। निराली कार्तिक ने भजन ‘‘वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे /म्हारा सतगुरू आंगन आया/मैं वारी जाऊं रे’’ से भक्ति का रंग जमा दिया। ‘‘हीरे काया में बर्तन माटी रो’’ भी इक्कीस रहा।
पश्चिम बंगाल के बाऊल शैली के कलाकार लक्ष्मण दास बाऊल ने दो तारा और आनंदलहरी वाद्यों पर भजन प्रस्तुत कर वाह - वाह लूटी। श्रोताओं ने उनकी गायकी को खूब सराहा।
लोक कलाकार मंडली बाड़मेर के कलाकारों ने तन्मय होकर गुरू वंदना प्रस्ुतत की। लोक भजनों ने श्रोताओं को आनंदित किया।
चैहटन के डूंगरपूरी मठ के महंत श्री श्री 1008 जगदीशपूरी जी ने गुरू वंदना की प्रस्तुति देकर डूंगरपूरी जी की वाणियों से श्रोताओं को लाभान्वित किया।
बाड़मेर की अन्य वाणी कलाकारों ने कुम्भाराम धनाऊ ने ‘‘दर्शन हुआ दुरमत भागी, सतनी चक्कर हेरया, केहराराम ने ‘‘ लख चैरासी घणो दुख पायो सतगुरू कर मेरा भाई आदि वाणियों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी।
राजस्थान कबीर यात्रा के निदेशक गोपालसिंह चौहान ने बताया कि सौभाग्य का विषय है इस तीसरे आयोजन का आज तीसरा दिन है। इन वाणी समागम में कबीर रहीम, बुल्लेशाह, शाह हुसैन, गोरखनाथ सहित तमाम सन्तों की वाणी को गायन स्वरूप में प्रस्तुत किया। हर्ष का विषय है कि बाड़मेर में जहाॅ - जहाॅ भी कबीर यात्रा सत्संग - संगीत आयोजन हुए, वहां के नागरिक - जनसमूह ने आशा से अधिक सहयोगी की भूमिका निभायी। इससे पूरी टीम का हौंसला बढ़ा है। कलाकारों की कला को सराहा है। ग्रामीण विकास एवम चेतना संस्थान बाड़मेर की अध्यक्ष रूमादेवी ने कहा कि सत्संग संध्या में संत पधारने लगे है। यह कबीर यात्रा की सफलता का संकेत है। भक्ति संगीत संध्या अवसर पर रघुनाथ विश्नोई उप-प्रधान सेड़वा, रहीम खान ब्लाक अध्यक्ष सेड़वा सहित अनके गणमान्य लोगों ने भजनों का आनंद उठाया। सीएलजी सदस्य भामाशाह लूणकरण जी ने व्यवस्था में सहयोग किया।
राजस्थान कबीर यात्रा 2017 के अन्तर्गत संगीतमय वाणी का आयोजन सीमा सुरक्षा बल बाड़मेर के डीआईजी प्रतुल गौतम के मुख्य आतिथ्य में बी.एस.एफ. परिसर गडरारोड़ में आयोजित किया गया। इस प्रातःकालीन कबीर वाणी सत्संग में पश्चिम राजस्थान के लोकप्रिय लोक कलाकारों ने अपने प्रसिद्ध भजन प्रस्तुत किए। बी.एस.एफ. जवानों ने भक्ति रचनाओं का खूब आनंद उठाया। दिल्ली के अतिथि कलाकारों युक्त मंजिल - मिस्टिक ग्रुप ने एक के बाद चुनींदा रचनाएं प्रस्तुत कर जवानों को झूमने - नाचने का वातावरण दिया। डीआईजी प्रतुल गौतम ने कहा कि सीमा प्रहरी इन जवानों को ऐसे आयोजन तनावमुक्त करने की भूमिका निभाते है। यह कार्यक्रम और प्रयास सराहनीय है। कबीर यात्रियों ने सुरक्षा के लिए जवानों को धन्यवाद दिया।
राजस्थान कबीर यात्रा का गाॅव धोक में पूर्व सरपंच रामजीवन विश्नोई, जगदीश विश्नोई और जनसमूह द्वारा स्वागत किया गया। राजस्थानी भव अतिथि देवः भवः परम्परा के अनुसार वरिष्ठ यात्रियों का साफा पहनाकर - तिलक लगाकर भाव भीना अभिनंदन किया।
28 अक्टूबर को राजस्थान कबीर यात्रा का आगमन गाॅव - सिवाना में होगा। सायं सात बजे वाणी - संगीत आयोजन में कबीर वाणी और सुफियाना कलाम सिवाना श्रोताओं को सुनने का अवसर मिलेगा।
चौहटन (बाड़मेर) 27 अक्टूबर राजस्थान पुलिस लोकायन संस्थान बीकानेर, जिला एवं पुलिस प्रशासन बाड़मेर और ग्रामीण विकास एवम चेतना संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान कबीर यात्रा 2017 भक्ति संगीत संध्या का आयोजन चैहटन में जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदान नकाते, पुलिस अधीक्षक डाॅ. गगनदीप सिंगला, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) जोधपुर डाॅ. अमनदीप सिंह कपूर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा के मुख्य आतिथ्य में हुआ।
कार्यक्रम मे जिला कलेक्टर महोदय का स्वागत डूंगरपूरी जी मठ के महंत जगदीशपुरी ने किया । इससे पूर्व विरात्रा माता मंदिर के ट्रस्टी भैरसिंह शाल ओढाकर जगदीशपुरी महाराज का अभिनंदन किया।
ग्रामीण विकास एवम चेतना संस्थान के सचिव विक्रमसिंह ने बताया कि खत्म हो रही वाणी गायन परम्परा को पूर्नजीवन प्रदान करने और कलाकारों को बढावा देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें बाड़मेर के गुमनाम कलाकारों को देश के ख्यातिनाम कलाकारों के साथ मंच प्रदान किया जाता है। ताकि इन कलाकारों को भी आगे बढ़ने का मौका मिल सके। इसी के तहत चौहटन की पावन धरा पर बाड़मेर के वाणी कलाकार दानसिंह ने वीणा पर अपनी सुरीली आवाज में ‘‘उगे जोही छिप जाय डूंगरपूरी कहे हंसराजा, जोगवा होऐ जूग ढूढीयो आरी वाणियों की प्रस्तुति देकर उपस्थित हजारों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जैसलमेर के अन्तराष्ट्रीय गायक महेशाराम ने कबीर वाणी से सभी का मन मोह लिया।
देश - विदेश में ख्याति बटोर रहे कच्छ गुजरात के कलाकार मुरालाला मारवाड़ा ने अपनी विविधता भरे भजनों रचनाओं से श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। उनकी संगीत-वाणी रचनाओं का जादू देखते ही बन रहा था। कबीर यात्री स्वतः ही उनको भक्ति रचना पर नाचने लगे। ऐसे लगने लगा जैस भजन भजते हुए गायक - श्रोता वर्ग के मध्य संवाद चल पड़ा हो। मूरालाला मारवाड़ा के सहयोगी संगतकार कानजी भाई, भीखा भाई, सुखदेव और शंकर भाई ने लाइव प्रस्तुति को सच में जीवन्त बना दिया।
मुम्बई से आयी भक्ति रचनाओं के लिए प्रसिद्ध माटी-बाणी ग्रुप के कलाकारों ने अपने नाम के अनुकूल अपनी भूमि - वाणी आधारित भजनों की सरिता ही बहा दी। गायिका निराली, कार्तिक और कार्तिक शाह ग्रुप ने राजस्थानी लोकवाणी, सन्तवाणी को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। शास्त्रीय संगीत पर आधारित राग-मल्हार बेस्ड रचना ‘बूंदन - बूंदन बरसे मेधा’’ श्रोताओं ने खूब पंसद की। बनारस घराने के तबला वादक अमित मिश्रा जानदार संगत की। अपनी तबला वादन कला का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। निराली कार्तिक ने भजन ‘‘वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे /म्हारा सतगुरू आंगन आया/मैं वारी जाऊं रे’’ से भक्ति का रंग जमा दिया। ‘‘हीरे काया में बर्तन माटी रो’’ भी इक्कीस रहा।
पश्चिम बंगाल के बाऊल शैली के कलाकार लक्ष्मण दास बाऊल ने दो तारा और आनंदलहरी वाद्यों पर भजन प्रस्तुत कर वाह - वाह लूटी। श्रोताओं ने उनकी गायकी को खूब सराहा।
लोक कलाकार मंडली बाड़मेर के कलाकारों ने तन्मय होकर गुरू वंदना प्रस्ुतत की। लोक भजनों ने श्रोताओं को आनंदित किया।
चैहटन के डूंगरपूरी मठ के महंत श्री श्री 1008 जगदीशपूरी जी ने गुरू वंदना की प्रस्तुति देकर डूंगरपूरी जी की वाणियों से श्रोताओं को लाभान्वित किया।
बाड़मेर की अन्य वाणी कलाकारों ने कुम्भाराम धनाऊ ने ‘‘दर्शन हुआ दुरमत भागी, सतनी चक्कर हेरया, केहराराम ने ‘‘ लख चैरासी घणो दुख पायो सतगुरू कर मेरा भाई आदि वाणियों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी।
राजस्थान कबीर यात्रा के निदेशक गोपालसिंह चौहान ने बताया कि सौभाग्य का विषय है इस तीसरे आयोजन का आज तीसरा दिन है। इन वाणी समागम में कबीर रहीम, बुल्लेशाह, शाह हुसैन, गोरखनाथ सहित तमाम सन्तों की वाणी को गायन स्वरूप में प्रस्तुत किया। हर्ष का विषय है कि बाड़मेर में जहाॅ - जहाॅ भी कबीर यात्रा सत्संग - संगीत आयोजन हुए, वहां के नागरिक - जनसमूह ने आशा से अधिक सहयोगी की भूमिका निभायी। इससे पूरी टीम का हौंसला बढ़ा है। कलाकारों की कला को सराहा है। ग्रामीण विकास एवम चेतना संस्थान बाड़मेर की अध्यक्ष रूमादेवी ने कहा कि सत्संग संध्या में संत पधारने लगे है। यह कबीर यात्रा की सफलता का संकेत है। भक्ति संगीत संध्या अवसर पर रघुनाथ विश्नोई उप-प्रधान सेड़वा, रहीम खान ब्लाक अध्यक्ष सेड़वा सहित अनके गणमान्य लोगों ने भजनों का आनंद उठाया। सीएलजी सदस्य भामाशाह लूणकरण जी ने व्यवस्था में सहयोग किया।
राजस्थान कबीर यात्रा 2017 के अन्तर्गत संगीतमय वाणी का आयोजन सीमा सुरक्षा बल बाड़मेर के डीआईजी प्रतुल गौतम के मुख्य आतिथ्य में बी.एस.एफ. परिसर गडरारोड़ में आयोजित किया गया। इस प्रातःकालीन कबीर वाणी सत्संग में पश्चिम राजस्थान के लोकप्रिय लोक कलाकारों ने अपने प्रसिद्ध भजन प्रस्तुत किए। बी.एस.एफ. जवानों ने भक्ति रचनाओं का खूब आनंद उठाया। दिल्ली के अतिथि कलाकारों युक्त मंजिल - मिस्टिक ग्रुप ने एक के बाद चुनींदा रचनाएं प्रस्तुत कर जवानों को झूमने - नाचने का वातावरण दिया। डीआईजी प्रतुल गौतम ने कहा कि सीमा प्रहरी इन जवानों को ऐसे आयोजन तनावमुक्त करने की भूमिका निभाते है। यह कार्यक्रम और प्रयास सराहनीय है। कबीर यात्रियों ने सुरक्षा के लिए जवानों को धन्यवाद दिया।
राजस्थान कबीर यात्रा का गाॅव धोक में पूर्व सरपंच रामजीवन विश्नोई, जगदीश विश्नोई और जनसमूह द्वारा स्वागत किया गया। राजस्थानी भव अतिथि देवः भवः परम्परा के अनुसार वरिष्ठ यात्रियों का साफा पहनाकर - तिलक लगाकर भाव भीना अभिनंदन किया।
28 अक्टूबर को राजस्थान कबीर यात्रा का आगमन गाॅव - सिवाना में होगा। सायं सात बजे वाणी - संगीत आयोजन में कबीर वाणी और सुफियाना कलाम सिवाना श्रोताओं को सुनने का अवसर मिलेगा।
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