अपने बैच का टॉपर है ये अफसर, वर्दी मिलते ही शुरू कर दिया था घूस का खेल
जयपुर. दहेज के केस से नाम हटवाने की एवज में 1.10 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में फंसे प्रोबेशनर आरपीएस महावीर चोटिया ने थाना प्रभारी का जिम्मा मिलते ही दर्ज मुकदमों में परिवादी व आरोपी पक्षों से रिश्वत लेनी शुरू कर दी थी। आरोपी महावीर से पीड़ित कुछ लोगों ने इस संबंध में एसीबी में मंगलवार को शिकायत की है। प्रोबेशन टाइम के दौरान महावीर को सबसे पहले जोबनेर थाना प्रभारी का जिम्मा मिला था। जहां पर एक नवविवाहित जोड़े से उसने 1.45 लाख की नकदी, सोने की अंगूठी व कपड़ों से भरा बैग छीन लिया था।
- पीड़ित झोटवाड़ा निवासी दीपक शर्मा ने पैसे व अंगूठी मांगी तो अपहरण के केस में फंसाने की धमकी दे डाली। इसके बाद पीड़ित ने जयपुर ग्रामीण एसपी को शिकायत की थी, लेकिन तब मामले को दबा दिया गया। दरअसल दीपक ने जोबनेर की युवती से लव मैरिज की थी।
- युवती के परिजनों ने जोबनेर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दी थी। दीपक ने शिकायत में बताया कि तब महावीर उसके परिजनों व दोस्तों को थाने ले आया और मारपीट की। दीपक शादी करने के बाद युवती के साथ खुद थाने पर आ गया।
- आरोप है कि महावीर ने दीपक को युवती के अपहरण केस में फंसाने की धमकी दी और मारपीट कर दी। इस दौरान उसने दीपक का बैग ले लिया। जिसमें 1.45 लाख रुपए व सोने की अंगूठी थी। एसीबी ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
घर पर मिले सोने-चांदी के जेवर, जेल भेज दिया
- एसीबी ने सोमवार को महावीर चोटिया को हाईकोर्ट जज के गनमैन से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कार्रवाई के बाद एसीबी सीकर की टीम ने आरोपी के घर पर सर्च किया। जहां पर 400 ग्राम सोना व दो किलो से ज्यादा की चांदी मिली है। महावीर को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसको जेल भेज दिया गया।
- पूछताछ में सामने आया कि शिक्षा विभाग में 22 साल तक महावीर ने नौकरी की थी। इसके बाद 2012 में प्रशासनिक अधिकारी बनकर नौकरी करने के लिए आरपीएस की तैयारी की थी।
- आरोपी महरोली स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसिपल था। महावीर चोटिया ने नवंबर 2015 में ज्वाइन किया था। इसके बाद उसकी अलग-अलग जगह ट्रेनिंग हुई है।
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