सोमवार, 11 सितंबर 2017

छात्रा को पुरुष टॉयलेट मेें खड़ा करने के मामले ने पकड़ा तूल

छात्रा को पुरुष टॉयलेट मेें खड़ा करने के मामले ने पकड़ा तूल

छात्रा को पुरुष टॉयलेट मेें खड़ा करने के मामले ने पकड़ा तूल
हैदराबाद: तेलंगाना नगर प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के. टी. रामाराव ने हैदराबाद के निकट रामचन्द्रपुरम में एक निजी स्कूल में पांचवी कक्षा की छात्रा को सजा के तौर पर पुरुष टॉयलेट में खड़ा करने के मामले को उप-मुख्यमंत्री (शिक्षा) कड़यिम श्रीहरी के समक्ष उठाने का पीड़तिों को आश्वासन दिया है। रामाराव ने ट्विटर पर कहा कि इतनी भद्दी और अमानवीय घटना को लेकर वह स्कूल प्रबंधन के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिये यह मामला उपमुख्यमंत्री (शिक्षा) के संज्ञान में लाएंगे। गौरतलब है कि एक निजी स्कूल में निर्धारित यूनीफॉर्म में नहीं आने पर 11 वर्षीय छात्रा को पुरुष टॉयलेट में खड़े होने की सजा दी गयी थी।




छात्रा के परिजनों ने पीड़तिा के बयान का एक वीडियो बना लिया है जिसमें उसने कहा है कि वह स्कूल में परपरागत यूनीफॉर्म में गयी थी। उसकी शारीरिक शिक्षा विषय की शिक्षिका ने उससे निर्धारित यूनीफॉर्म में नहीं आने का कारण पूछा। छात्रा ने शिक्षिका से कहा कि उसकी मां ने यूनीफॉर्म धो दी थी जिसके कारण वह निर्धारित यूनीफॉर्म में नहीं आ सकी। जवाब से नाराज शिक्षिका ने कक्षा पांच की छात्रा को सजा के तौर पर पुरुष टॉयलेट में खड़ा कर दिया।




शिक्षिका ने छात्रा को यह गलती नहीं दोहराने की धमकी दी। लड़की ने शिक्षिका को उसकी डायरी देखने के लिये कहा जिसमें उसके परिजनों ने यूनीफॉर्म धुलने का उल्लेख किया था। शिक्षिका ने डायरी देखने से इन्कार कर दिया। इस दौरान अन्य शिक्षक भी उसकी डायरी देखने या छात्रा की मदद करने नहीं आये। छात्रा ने बताया कि टॉयलेट इस्तेमाल करने आ रहे छात्र उसे देखकर हंस रहे थे। कुछ समय बाद उसकी शिक्षिका ने उसे कक्षा में जाने की अनुमति दी।




यह घटना जब लोगों के संज्ञान में आयी तब विभिन्न बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने विद्यालय प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। उसके बाद से इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें