सोमवार, 11 सितंबर 2017

मोडासा किडनी कांड: 7 युवा दलालों के चंगुल से निकल भागने में कामयाब

मोडासा किडनी कांड: 7 युवा दलालों के चंगुल से निकल भागने में कामयाब

मोडासा किडनी कांड: 7 युवा दलालों के चंगुल से निकल भागने में कामयाब
मोडासा। यहां हुए किडनी कांड के शिकार बने दो मुस्लिम युवाओं को पुलिस ने 8 घंटे तक थाने में बिठाए रखा और पूछताछ की। युवाओं को किडनी के बदले 12 लाख रुपए देने की बात हुई थी, पर उन्हें केवल 2 लाख 40 हजार रुपए ही दिए गए। दलालों के खिलाफ रिपोर्ट लिखने में पुलिस पसोपेश में दिखाई दी। इससे उसकी भूमिका भी शक के दायरे में है। इस मामले में दलालों के चंगुल से 7 युवाओं के भाग निकलने की जानकारी है। पुलिस केस दाखिल ही नहीं करना चाहती थी…

जिनकी किडनी ली गई है, उनसे धोखाधड़ी की गई है। किडनी कांड का शिकार हुए लोगों से एक किडनी के 12 लाख रुपए देने का समझौता हुआ था, पर उन्हें केवल दो लाख 40 हजहार रुपए ही दिए गए। इस मामले में दो मुस्लिम युवाओं को पुलिस ने 8 घंटे तक थाने में बिठाए रखा। उनसे पूछताछ कर पुलिस ने संतोष कर लिया। दूसरी ओर दलालों के चंगुल से 7 लोग भागने में कामयाब रहे।

किडनी कांड को सामान्य माना पुलिस ने

मोडासा के रसिलाबाद सोसायटी में रहने वाला सलाउद्दीन मोयुद्दीन पीराने मोडासा और मुम्बई के दलालों द्वारा किडनी के 12 लाख रुपए देने का वादा कर किडनी निकाल ली। इसके बाद उन्हें 2 लाख 40 हजार रुपए देकर उन्हें रास्ते पर छोड़ दिया। इन लोगों ने जब पुलिस थाने में जाकर दलालों के खिलाफ रिपोर्ट लिखानी चाही, तो पुलिस ने इस मामले को सामान्य माना और शिकायतकर्ताओं को काफी समय तक थाने में बिठाए रखा। थोड़ी पूछताछ की। पुलिस की इस तरह की कार्रवाई से उसकी भूमिका भी शक के दायरे में आ गई है।

दोनों दलाल भाई फरार

एयरलाइंस नगर में रहने वाले और दर्जी का काम करने वाले इकबाल रसूल शेख भी किडनी दलालों के चंगुल में आ गया था। दिल्ली में किडनी निकालकर उसे केवल 3 लाख रुपए दिए गए। इसने पुलिस को बता दिया कि किडनी कांड का मास्टर माइंड मोडासा की जमजम सोसायटी में रहने वाले दो सगे भाई मोसीन और इमरान उर्फ जावेद हैं। इसके बाद भी पुलिस ने इन पर कोई कार्रवाई नहीं की। उनके खिलाफ एफआईआर लिखने में भी हीलाहवाला करती रही। अब उनके घर पर ताला लगा हुआ है, दोनों भाई कहीं फरार हो गए हैं।

सबूत के लिए मेडिकल आफिसर के बयान लिए जाएंगे

मोडासा किडनी कांड की जांच टाउन पीएसआई एनएम चौधरी को सौंपी गई है। उन्होंने टेलिफोन पर बताया कि बहरहाल इस मामले की जांच जारी है। इसके लिए पहले किडनी कांड के शिकार युवाओं का मेडिकल चेकअप होगा, उसके बाद मेडिकल आफिसर के बयान लिए जाएंगे।

7 युवा बच गए

एक जाग्रत नागरिक ने बताया कि शहर के सात युवा इन दलालों के चंगुल से बच गए हैं। मोडासा के सलाउद्दीन को 12 ला रुपए के बदले केवल दो लाख 40 हजार रुपए दिए गए। इस क्षेत्र के 7 युवा दलालों के चंगुल से बच निकले हैं।

दलालों की मां बच्चों की करतूतों से थी परेशान

किडनी कांड के खुलासे के साथ दोनों भाई फरार हो गए हैं। उनकी मां अपने दोनों बेटों की इस तरह की करतूत से तंग आ चुकी थी, इसलिए वह अलग ही अकेले रह रही थी। बच्चों का भांडा फूटने पर अब वह भी अपने घर पर नहीं है। उसके घर पर ताला लगा है। लोगों की कहना है कि इस किडनी कांड की निष्पक्ष जांच की जाए, तो कई और भी लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।

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