बुधवार, 9 अगस्त 2017

भाजपा बाड़मेर में बदलाव की बयार*बालोतरा और बाड़मेर होंगे अलग अलग अध्यक्ष *

*भाजपा बाड़मेर में बदलाव की बयार*बालोतरा और बाड़मेर होंगे अलग अलग अध्यक्ष * *

*एक दो दिन में नए अध्यक्षो की होगी घोषणा,बाड़मेर में आएगा नया चेहरा*


*बाड़मेर पिछले तीन सालों से भाजपा संगठन की सत्ता में होते हुए हुई बुरी दुर्गति से सबक लेकर भाजपा प्रदेश संगठन पार्टी संगठन में आमूल चूल परिवर्तन करने जा रही है।पार्टी आलाकमान पिछले चार अध्यक्षीय कार्यकला से खुश नही थे।स्वार्थ की राजनीति पार्टी में हावी होने के साथ बिखरे संगठन में भी गुटबाज़ी शुरू हो गई।।प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के बाड़मेर दौरे से एक दिन पहले तक जिला अध्यक्ष नदारद थे जिला प्रभारी प्रो महेंद्र सिंह राठौड़ ने आकर कमान संभाली।तैयारियो मुक्कममल करवाई।जिला अध्यक्ष के प्रदेश अध्यक्ष के दौरे के दौर इस तरह रूखापन स्पष्ट कर रहा है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नही हैं।पार्टी के जिला संगठन के काम से प्रदेश के पदाधिकारी खुश नही थे।पार्टी की मीटिंगों में कार्यकर्ताओं की कमी साफ दिखती थी।कल रात को भी नगर अध्यक्ष,जिला प्रमुख ,युवा मोर्चा अध्यक्ष अकेले चौराहों पर झंडे लगा रहै थे।इनके पास जमीनी कार्यकर्ता भी नही जो काम को अंजाम दे सक्के।प्रदेश अध्यक्ष के दौरे की तैयारियों के लिए जिला अध्यक्ष के पास टाइम नही था।वो आज सुबह जल्दी पहुंचने का कहते रहे।कार्यक्रताओं के नाम पर जमा दस् लोग निजी होटल में जुटे थे।एक महामंत्री पूरे कार्यक्रम को हैंडल कर रहे थे।जिला अध्यक्ष की अनुपस्बीटी में उनके नाम से प्रदेश अध्यक्ष के बाड़मेर विजिट की प्रेस नोट जारी कर दी।।यह बात प्रदेश पदाधिकारितो को नागवार गुजरी।चूंकि संगठन में बदलाव को लेकर लम्बे सैम से अटकलें लग रही थी।संभवत एक दो दिन में बाड़मेर बालोतरा के जिला अध्यक्षो की घोषणा हो जाएगी।पार्टी में आपसी स्वार्थ के चलते आये बिखराव को गंभीर मानते हुए जिला प्रभारी ने अपनी कवायद शुरू कर दी।तीन सालो से उपेक्षित भाजपा के मूल कार्यकर्ताओ की फिर पूछ हो रही हैं।बात साफ है पार्टी संगठन अपने जमीनी कार्यकर्ताओ को साथ जिदने चाहती है मगर स्थानी संगठन के लोग अपना वर्चस्व कम न हो जाये इसके लिए इन अनुभवी कार्यकर्ताओ की निरन्तर अनदेखी कर रहा था।।सबसे बड़ी बात की मुस्लिम वोट लेने और उन्हें लुभाने के लिए उर्दू अकादमी बोर्ड के अध्यक्ष की जिमेदारी बाड़मेर को दी मगर इन्होंने एक भी सिंधी मुस्लिम को आगे आने नही दिया।।आप पुराने जमीनी कार्यकर्ताओ से बात करने की जिमेदारी खुद महेंद्र सिंह ने अपने हाथ मे ले ली।पार्टी संगठन में बदलाव के साथ पार्टी की रणनीति के बारगी सामने आ जायेगी।।*

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