शुक्रवार, 25 अगस्त 2017

बाड़मेर धरना-प्रदर्शन संवैधानिक अधिकार, रोक नहीं लगा सकते: एसीजेएम कोर्ट



बाड़मेर धरना-प्रदर्शन संवैधानिक अधिकार, रोक नहीं लगा सकते: एसीजेएम कोर्ट
 


राजवेस्टठेका श्रमिक यूनियन एवं उसके पदाधिकारियों को धरना-प्रदर्शन करने से रोकने के लिए राजवेस्ट (जेएसडब्ल्यू) कंपनी ने एसीजेएम कोर्ट बाड़मेर में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने कहा है कि अपने हक के लिए धरना-प्रदर्शन करना संवैधानिक अधिकार है, इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। राजवेस्ट कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया।

राजवेस्ट कंपनी के अधिकृत पदाधिकारी आदित्य अग्रवाल ने अतिरिक्त सिविल न्यायालय बाड़मेर में स्थगन प्रार्थना पत्र दायर किया था। इसमें बताया कि यूनियन के बैनर पर पदाधिकारी कभी भी धरना प्रदर्शन आदि के लिए उतारू हो जाते हैं, इससे कंपनी के 8 हजार करोड़ के कीमती बिजली प्लांट को नुकसान पहुंच सकता है। यूनियन के पदाधिकारी ब्लैकमेल कर परेशान करते हैं तथा मारपीट भी कर देते हैं। राजवेस्ट कंपनी राज्य सरकार को बिजली आपूर्ति करती है।

ऐसे में यूनियन एवं उसके पदाधिकारियों को धरना-प्रदर्शन एवं प्लांट का क्षति पहुंचाने से रोका जाए। अदालत में श्रमिक यूनियन के अधिवक्ता मुकेश जैन ने तर्क दिया कि धरना प्रदर्शन जैसा विरोध करना संवैधानिक अधिकार है, इसे रोका नहीं जा सकता। कंपनी के क्षति पहुंचाने एवं ब्लैकमेल करने जैसे आरोप गलत है।

अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश अनुराधा दाधीच ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के बाद राजवेस्ट कम्पनी की ओर से दायर स्थगन याचिका को खारिज कर दिया। राजवेस्ट की ओर से अधिवक्ता संपत राज बोथरा एवं श्रमिक यूनियन की ओर से अधिवक्ता मुकेश जैन ने पैरवी की।

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