आरसीए में मोदी युग का अंत,सी.पी.जोशी नए अध्यक्ष बने -जयपुर। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए)में पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी युग का शुक्रवार को अंत हो गया। आरसीए के चुनाव में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.सी.पी.जोशी ने ललित मोदी के बेटे रूचिर मोदी को हराकर अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया।जोशी पहले भी आरसीए के अध्यक्ष रह चुके है। एक दशक से भी अधिक समय तक आरसीए पर ललित मोदी का प्रभुत्व रहा। विदेश में रह कर भी वे लम्बे समय से आरसीए की गतिविधियां संचालित कर रहे थे। चुनाव अधिकारी पूर्व आईएएस ए.के.पांडे ने शुक्रवार दोपहर चुनाव परिणाम घोषित कर दिए। इनमें कुल 33 जिला संघों के मतों में से 19 सी.पी.जोशी को मिले,वहीं रूचिर मोदी को 14 मत मिले। ऐसे में जोशी ने मोदी को 5 मतों से हराया।
हालांकि अध्यक्ष पद गंवाने के बावजूद मोदी गुट ने आरसीए के दो महत्वपूर्ण सचिव एवं कोषाध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। इनमें सचिव पद पर मोदी गुट के आर.एस.नांदू ने जोशी गुट के महेन्द्र शर्मा को एक मत से हराया। नांदू को 17 और शर्मा का 16 मत मिले। इसी तरह कोषाध्यक्ष पद पर मोदी गुट के पिंकेश कुमार जैन ने जोशी गुट के आजाद सिंह को 3 मतों से हराया। जैन को 18 और सिंह को 15 मत मिले। उपाध्यक्ष पद पर जोशी गुट के मो.इकबाल निर्वाचित हुए है,उन्होंने मोदी गुट के रामप्रकाश चौधरी को हराया।
सचिव पद पर महेन्द्र नाहर ओर कार्यकारिणी सदस्य कृष्ण कुमार निमावत को निर्वाचित घोषित किया गया। उल्लेखनीय है कि आरसीए चुनाव को लेकर करीब दो माह से उठापटक चल रही थी। ललित मोदी अपने बेटे रूचिर मोदी को चेहरा बनाकर आरसीए की सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते थे। इसके लिए पिछले वर्ष उन्होंने अपने बेटे को अलवर जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनवाया। रूचिर करीब एक वर्ष से लगातार जयपुर आकर यहां मोदी गुट के सम्पर्क में रहते थे। काफी तैयार के साथ चुनाव की तारीख तय होते ही मोदी गुट ने रूचिर को चुनाव लड़ाने की घोषणा कर दी।
वहीं जोशी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख तक चुनाव जीतने की संभावनाओं को तलाशते रहे। अंतिम दिन जब उन्हे यह महसूस हुआ कि उनकी जीत सुनिश्चित है तब उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इससे पहले जोशी गुट की ओर से रामपाल शर्मा ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया था जो वापस ले लिया। इसी तरह भाजपा भी इस खेल में उतरना चाहती थी,इसी के तहत राज्यसभा सदस्य हर्षवर्द्धन सिंह ने नामांकन पत्र दाखिल किया।
लेकिन जब भाजपा नेताओं को लगा कि वोटों का गणित उनके पक्ष में नहीं है तो हर्षवर्द्धन सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पिछले सोमवार को आरसीए के चुनाव हुए और शुक्रवार को मतगणना हुई। उल्लेखनीय है कि ललित मोदी के कारण बीसीसीआई ने आरसीए पर प्रतिबंध लगाया था,इस कारण प्रदेश में क्रिकेट गतिविधियां ठप्प पड़ी थी।
बीसीसीआई से बैन हटाना पहली प्राथमिकता:जोशी
आरसीए का अध्यक्ष बनने के बाद डॉ.सी.पी.जोशी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि सभी को साथ लेकर राजस्थान में क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम करेंगे। पहली प्राथमिकता बीसीसीआई द्वारा लगाए गए बैन को हटवाना होगा। राज्य में फिर से आईपीएल मैच कराने के साथ ही जयपुर में राज्य स्तरीय बड़ा स्टेडियम बनाएंगे। जिलों में भी आरसीए के स्टेडियम बनाए जाएंगे।
इधर जोशी की जीत पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्ििवट कर बधाई दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी जोशी को आरसीए अध्यक्ष बनने पर बधाई दी।
हालांकि अध्यक्ष पद गंवाने के बावजूद मोदी गुट ने आरसीए के दो महत्वपूर्ण सचिव एवं कोषाध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। इनमें सचिव पद पर मोदी गुट के आर.एस.नांदू ने जोशी गुट के महेन्द्र शर्मा को एक मत से हराया। नांदू को 17 और शर्मा का 16 मत मिले। इसी तरह कोषाध्यक्ष पद पर मोदी गुट के पिंकेश कुमार जैन ने जोशी गुट के आजाद सिंह को 3 मतों से हराया। जैन को 18 और सिंह को 15 मत मिले। उपाध्यक्ष पद पर जोशी गुट के मो.इकबाल निर्वाचित हुए है,उन्होंने मोदी गुट के रामप्रकाश चौधरी को हराया।
सचिव पद पर महेन्द्र नाहर ओर कार्यकारिणी सदस्य कृष्ण कुमार निमावत को निर्वाचित घोषित किया गया। उल्लेखनीय है कि आरसीए चुनाव को लेकर करीब दो माह से उठापटक चल रही थी। ललित मोदी अपने बेटे रूचिर मोदी को चेहरा बनाकर आरसीए की सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते थे। इसके लिए पिछले वर्ष उन्होंने अपने बेटे को अलवर जिला क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनवाया। रूचिर करीब एक वर्ष से लगातार जयपुर आकर यहां मोदी गुट के सम्पर्क में रहते थे। काफी तैयार के साथ चुनाव की तारीख तय होते ही मोदी गुट ने रूचिर को चुनाव लड़ाने की घोषणा कर दी।
वहीं जोशी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख तक चुनाव जीतने की संभावनाओं को तलाशते रहे। अंतिम दिन जब उन्हे यह महसूस हुआ कि उनकी जीत सुनिश्चित है तब उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इससे पहले जोशी गुट की ओर से रामपाल शर्मा ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया था जो वापस ले लिया। इसी तरह भाजपा भी इस खेल में उतरना चाहती थी,इसी के तहत राज्यसभा सदस्य हर्षवर्द्धन सिंह ने नामांकन पत्र दाखिल किया।
लेकिन जब भाजपा नेताओं को लगा कि वोटों का गणित उनके पक्ष में नहीं है तो हर्षवर्द्धन सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पिछले सोमवार को आरसीए के चुनाव हुए और शुक्रवार को मतगणना हुई। उल्लेखनीय है कि ललित मोदी के कारण बीसीसीआई ने आरसीए पर प्रतिबंध लगाया था,इस कारण प्रदेश में क्रिकेट गतिविधियां ठप्प पड़ी थी।
बीसीसीआई से बैन हटाना पहली प्राथमिकता:जोशी
आरसीए का अध्यक्ष बनने के बाद डॉ.सी.पी.जोशी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि सभी को साथ लेकर राजस्थान में क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम करेंगे। पहली प्राथमिकता बीसीसीआई द्वारा लगाए गए बैन को हटवाना होगा। राज्य में फिर से आईपीएल मैच कराने के साथ ही जयपुर में राज्य स्तरीय बड़ा स्टेडियम बनाएंगे। जिलों में भी आरसीए के स्टेडियम बनाए जाएंगे।
इधर जोशी की जीत पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्ििवट कर बधाई दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी जोशी को आरसीए अध्यक्ष बनने पर बधाई दी।
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