बाड़मेर। महंत हत्या कांड का खुलासा, 3 शातिर बदमाश गिरफ्तार
बाड़मेर। जिले में बीते दिनों मोकलसर क्षेत्र के वाल्मीकि रूचि मन्दिर के पुजारी धन्नापुरी हत्याकाण्ड मामले में पुलिस ने राजफाश करते हुए तीन लोगो को गिरफ्तार किया है। ये तीनो शातिर बदमाश है और लम्बे समय से मन्दिरों एव अन्य धार्मिक स्थानों पर नकबजनी की वारदातों को अंजाम देते थे। तीनो के खिलाफ कई थानों में नकबजनी के कई मामले नामजद दर्ज है। पुलिस अधीक्षक गगनदीप सिंगला ने प्रेस वार्ता आयोजित कर इस पुरे मामले का राजफाश किया। सिंगला ने बताया की 14 जून को वाल्मीकि रूचि मन्दिर में आज्ञात लोगो द्वारा महंत की हत्या की सुचना मिली जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अलग अलग टीमें बनाकर जांच शुरू की।
पुलिस ने एसएफएल एव अन्य टीमो ने पद चिन्हों के आधार पर जांच को आगे बढाया जिसके बाद पास ही के अन्य मन्दिर में हुई चोरी के मामले में एसएफएल टीम को महंत की हत्या में मिले पद चिन्हों से मिलते जुलते पद चिन्ह मिले जिसके बाद पुलिस जांच का नजरिया नकबजनी की वारदातों की तरफ रखा गया और इलाके के कई नकबजनी की वारदातों को अंजाम दे चुके लोगो से पूछताछ की गयी। इसके बाद जालोर के विशनगढ़ के एक मन्दिर में हुई चोरी की वारदात के बाद सामने आए सीसीटीवी फुटेज में ओमाराम पुत्र उकाराम निवासी मंगला का चेहरा सामने आया जिसके बाद पुलिस ने इस शातिर नकबजन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी पुलिस द्वारा गहनता और सख्त पूछताछ में ओमाराम ने महंत की हत्या करना स्वीकार किया पुलिस ने इस मामले में ओमाराम की गेंग के दो अन्य सदस्य जालाराम पुत्र हेमाराम निवासी कुड़ी और जस्साराम पुत्र ईश्वरलाल निवासी कुड़ी को गिरफ्तार किया है।
यु दिया वारदात को अंजाम-
बाड़मेर। जिले में बीते दिनों मोकलसर क्षेत्र के वाल्मीकि रूचि मन्दिर के पुजारी धन्नापुरी हत्याकाण्ड मामले में पुलिस ने राजफाश करते हुए तीन लोगो को गिरफ्तार किया है। ये तीनो शातिर बदमाश है और लम्बे समय से मन्दिरों एव अन्य धार्मिक स्थानों पर नकबजनी की वारदातों को अंजाम देते थे। तीनो के खिलाफ कई थानों में नकबजनी के कई मामले नामजद दर्ज है। पुलिस अधीक्षक गगनदीप सिंगला ने प्रेस वार्ता आयोजित कर इस पुरे मामले का राजफाश किया। सिंगला ने बताया की 14 जून को वाल्मीकि रूचि मन्दिर में आज्ञात लोगो द्वारा महंत की हत्या की सुचना मिली जिसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अलग अलग टीमें बनाकर जांच शुरू की।
पुलिस ने एसएफएल एव अन्य टीमो ने पद चिन्हों के आधार पर जांच को आगे बढाया जिसके बाद पास ही के अन्य मन्दिर में हुई चोरी के मामले में एसएफएल टीम को महंत की हत्या में मिले पद चिन्हों से मिलते जुलते पद चिन्ह मिले जिसके बाद पुलिस जांच का नजरिया नकबजनी की वारदातों की तरफ रखा गया और इलाके के कई नकबजनी की वारदातों को अंजाम दे चुके लोगो से पूछताछ की गयी। इसके बाद जालोर के विशनगढ़ के एक मन्दिर में हुई चोरी की वारदात के बाद सामने आए सीसीटीवी फुटेज में ओमाराम पुत्र उकाराम निवासी मंगला का चेहरा सामने आया जिसके बाद पुलिस ने इस शातिर नकबजन को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी पुलिस द्वारा गहनता और सख्त पूछताछ में ओमाराम ने महंत की हत्या करना स्वीकार किया पुलिस ने इस मामले में ओमाराम की गेंग के दो अन्य सदस्य जालाराम पुत्र हेमाराम निवासी कुड़ी और जस्साराम पुत्र ईश्वरलाल निवासी कुड़ी को गिरफ्तार किया है।
यु दिया वारदात को अंजाम-
पुलिस जांच के अनुसार 14 जून की रात्रि को ओमाराम और उसकी गेंग ने मन्दिर में चोरी की नियत से प्रवेश किया इस दौरान जिस मोटरसाइकल पर सवार होकर पहुंचे थे उस मोटरसाईकल को मन्दिर के पीछे के दरवाजे पर खड़ा कर दिया मन्दिर में प्रवेश करने के बाद चोरी के लिए इधर उधर हाथ पैर मारने के बाद चोरो को कुछ हाथ नहीं आया जिसके बाद चोरो ने महंत के कमरे में जाने का मानस बनाया लेकिन कमरे की चाबी पुजारी की कमर पर लटकी हुई थी ऐसे में चोरो द्वारा मन्दिर की चाबी पुजारी की कमर से निकालते वक्त पुजारी की नीदं खुल गयी पुजारी के जगने के बाद तीनो लोगो ने सरिए और लाठी से कई प्रहार कर दिए और पुजारी के शव को घसीटकर मन्दिर परिसर के बाहर फेंक दिया इस दौरान चोरो ने पुजारी के कान में पहने गोखरू को भी नहीं छोड़ा हत्या के बाद उसको भी निकालकर ले गए.
महंत की हत्या का राज उजागर करने के लिए बाड़मेर पुलिस अधीक्षक ने कई टीमो का गठन किया था इन टीमो में केलाश दान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोतरा राजेश माथुर उप अधीक्षक बालोतरा जुल्फिकार थानाधिकारी सिवाना देवीचंद ढाका थानाधिकारी नागाणा रामनिवास थानाधिकारी सिणधरी की टीम को सफलता मिली है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें