गुरुवार, 22 जून 2017

बाड़मेर। मृतक खेताराम भील के परिवार की भुख हड़ताल जारी , जिला मुख्यालय पर 21 वे दिन भी दिया धरना

बाड़मेर। मृतक खेताराम भील के परिवार की भुख हड़ताल जारी , जिला मुख्यालय पर 21 वे दिन भी दिया धरना 

बाड़मेर। दलित आदिवासी संघर्ष समिति के बैनर तले जिला मुख्यालय पर खेताराम भील के हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर 21 वे दिन भी धरना जारी रहा। संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को खेताराम हत्याकाण्ड प्रकरण के नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर पिडि़त परिवार को न्याय व आर्थिक सहायता दिलाने की मांग को लेकर प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बाड़मेर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपकर पीडि़त परिवार को सही न्याय नहीं मिलने की उम्मीद होने पर तथा जांच अधिकारी तथा स्थानीय पुलिस प्रषासन बाड़मेर का मुलजिम पक्ष से मिलीभगत है। यहां न्याय मिलने की आषा नहीं है। इस हेतू जोधपुर संभाग के किसी निष्पक्ष व इमानदार पुलिस अधिकारी से जांच करने का आदेष दिलाने हेतु निवेदन किया तथा समय रहते जांच को रफा दफा कर एफआर देने की जुगत में है। इस हेतू एम एल नेहरा ने उचित कार्यवाही करवाने का आष्वासन दिया, गुरूवार को 21 वें दिन हड़ताल तथा मृतक के माता पिता व पत्नी दूसरे दिन लगातार भूख हड़ताल पर रहे। गर्मी व शारीरिक कमजोरी से मृतक के माता पिता व पत्नी की स्थिति खराब होती जा रही है। उक्त परिवार खेताराम को पूर्व में खो चुका है तथा समय पर न्याय नहीं मिला तो इन सदस्यों का कुछ भी हो सकता है। दिन में करीब 2 बजे मेडिकल टीम व पुलिस टीम मौके पर आकर भूख हड़ताल पर रहे तीनों सदस्यों की मेडिकल जांच की गई।




आज धरने पर भील समाज जिलाध्यक्ष भूराराम भील, जेठाराम मकवाना, राजूदास, किषनलाल, जिला परिषद सदस्य, उदाराम पूर्व प्रधान, मूलाराम मेघवाल,, सोनाराम पोषाल, मगाराम पूर्व सरपंच दानाराम रेडाणा, मजनाराम, फूसाराम, अषोक वाघेला, सवाईराम मेघवाल, चौखाराम बक्से का तला, अमोलख, रूपाराम महात्मा उपस्थित रहे।




दानाराम वाघेला ने बताया कि पिडि़त परिवार को न्याय दिलाने हेतूु उक्त जांच अधिकारी को बदलकर जोधपुर संभाग के किसी अन्य जिले के ईमानदार निष्पक्ष पुलिस अधिकारी को दी जावें नही ंतो उग्र आन्दोलन किया जायेगा। तथा भूख हड़ताल से मृतक की माता पिता व पत्नी का कुछ भी हो सकता है। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार व जिला प्रषासन व पुलिस प्रषासन की होगी। पिडि़त परिवार व भील समाज को समय रहते उचित न्याय नहीं मिला तो इसका खामीयाजा सरकार को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा।

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