राजस्थान में सीमा क्षेत्र से सटे गांवों का होगा विकास, दिए गए निर्देश
राजस्थान के मुख्य सचिव ओ.पी. मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत बाड़मेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और जैसलमेर जिलों में पानी, बिजली, अस्पताल, शिक्षा, सड़क जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को प्रमुखता से पूरा किया जाए.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को शासन सचिवालय में सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम की 31वीं राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक आयोजित की गई.
बैठक में अन्तरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित इन चार जिलों के 16 विकास खण्डों में रह रहे लोगों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए किए गए कार्यों पर चर्चा की गई.
उन्होंने स्पष्ट किया कि नरेगा, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन जैसी योजनाओं में किए जा रहे कार्यों को इस योजना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. मीणा ने इस बात पर बल दिया कि इन सभी गांवों के संतुलित विकास की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कार्यक्रम के तहत किसी भी कार्य को करवाने से पहले भली-भांति जांच परख कर उसकी उपयोगिता को सुनिश्चित अवश्य किया करें ताकि उसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके.उन्होंने बताया कि सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम में जालोर जिले के चीतलवाना ब्लॉक को शामिल करने के संबंध में भी भारत सरकार को प्रस्ताव किए गए हैं.
मुख्य सचिव ने बैठक में वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वीकृत कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की और वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए इन चार जिलों से प्राप्त वार्षिक कार्य योजना के अन्तर्गत प्राप्त प्रस्तावों का अनुमोदन भी किया.
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