मोदी की नई योजना, हर महीने आपको सैलरी देगी सरकार!
नोटबंदी के बाद मोदी सरकार देश भर के लोगों को यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना लागू करने जा रही है। मोदी सरकार के इस नियम के तहत देश के हर नागरिक को आमदनी के तौर पर एक तयशुदा रकम मिलेगी। सरकार यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना लागू कर सकती है। आर्थिक सर्वे और आम बजट में इस बाबत घोषणा हो सकती है। ये योजना मध्य प्रदेश के लिए इसलिए खास है, क्योंकि इसके पायलय प्रोजेक्ट के लिए मध्य प्रदेश के एक गांव को चुना गया था। मध्य प्रदेश में ये पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा।
हर महीने 500 रुपए देने पर विचार
सरकारी सूत्र बताते हैं कि जिनके पास कमाई का जरिया नहीं है उन्हें पैसा दिया जा सकता है। हर अकाउंट में 500 रुपए डाल कर योजना की शुरुआत हो सकती है। इससे करीब 20 करोड़ जरूरतमंदों को फायदा मिल सकता है।
प्रस्ताव है तैयार
लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गायस्टैडिंग ने इस प्रस्तााव को तैयार किया है। उनका दावा है कि मोदी सरकार ने इस प्रस्ताफ को मंजूरी दे दी है और बहुत जल्द सभी देशवासियों को इसका लाभ मिल सकेगा। प्रोफेसर गाय ने यह भी संकेत दिया कि सरकार इसे फेज वाइज लागू करेगी। प्रोफेसर गाय पूरी दुनिया में यूनिवर्सल बेसिक इनकम की वकालत कर रहे हैं।
इंदौर में सफल रहा प्रयोग
इंदौर के 8 गांवों की 6,000 आबादी के बीच साल 2010 से 2016 के बीच इस स्कीम का प्रयोग किया गया। पुरुष-महिला को 500 और बच्चे को हर महीने 150 रुपए दिए गए। इन 5 सालों में इनमें अधिकतर ने इस स्कीम का लाभ मिलने के बाद अपनी आय बढ़ा दी। इसके अलावा राजधानी दिल्ली में लगभग 200 लोगों के बीच प्रयोग सफल रहा। प्रोफेसर गाय स्टैंडिंग के अनुसार, इनकी केस स्टडी को सरकार ने देखने-समझने के बाद ही आगे बढऩे का मन बनाया है। वहीं, आर्थिक जानकारों का मानना है कि योजना तभी सफल होगी जब अमीर-गरीब का भेद किए बिना हर नागरिक को खास इनकम हर महीने मिले। इसमें भेद किया तो फिर स्कीम अपने मूल रूप में नहीं रहेगी, भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
जीडीपी का 3 से 4 फीसदी खर्च
स्कीम को पूरे देश में लागू किया जाता है तो जीडीपी का 3 से 4 फीसदी खर्च आएगा। अभी जीडीपी का 4 से 5 फीसदी सरकार सब्सिडी में खर्च कर रही है। स्कीम को लागू करने के बाद सरकार को चरणबद्ध तरीके से सब्सिडी समाप्त करने की दिशा मे भी कदम उठाना पड़ेगा। यूनिवर्सल बेसिक इनकम स्कीम और सब्सिडी दोनों साथ-साथ नहीं चल सकती। इसके अलावा इस स्कीम के लिए सरकार माइनिंग और बड़े प्रॉजेक्ट पर अलग से सरचार्ज निकालकर राशि जुटा सकती है।
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