बाड़मेर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में सहयोग के लिए आगे आएंः शर्मा
कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे आयोजित हुई बैंकर्स,धार्मिक ट्रस्टांे के पदाधिकारियांे एवं स्वयंसेवी संगठनांे के प्रतिनिधियांे की कार्यशाला।
, 11 जनवरी। प्रत्येक नागरिक मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में किसी न किसी रूप में अपनी भागीदारी दर्ज करवाकर इसको सफल बनाएं। उसके लिए जन सहयोग के साथ विभिन्न विभागों एवं संगठनांे को भी सम्मिलित किया गया है। इस अभियान से तन-मन-धन से सहयोग किया जाए। जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने बुधवार को कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे बैंकर्स, धार्मिक ट्रस्टांे के पदाधिकारियांे एवं स्वयंसेवी संगठनांे के प्रतिनिधियांे की एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान यह बात कही।
जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के जरिए प्रत्येक गांव को जल के लिहाज से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जल की एक-एक बूंद को सहेजने में अपना सक्रिय योगदान दें। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से जल संरक्षण के लिए अनेक स्थानों पर कुएं, बावड़ी, तालाबांे आदि का निर्माण करवाया था, उन्हें भी आज सार-सम्भाल करने की आवश्यकता है। उन्हांेने कहा कि लोगों को इस अभियान की अहमियत समझाए और अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़े। राज्य सरकार की मंशा के मुताबिक इस अभियान को जन आंदोलन बनाएं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के क्रांतिकारी परिणाम आएंगे और गिरते भू-जल स्तर में सुधार होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम सभी इस अभियान में दिल से जुटे और अपना सहयोग दें। यदि सभी लोग इस पहल पर साथ जुटेंगे तो जिले की तस्वीर ही बदल जाएगी और पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता जागरूकता और जन सहभागिता पर निर्भर है। इस दौरान अधीक्षण अभियंता आइडब्ल्यूएमपी बलवीरसिंह ने कहा कि एमजेएसए में द्वितीय चरण में जिले की 37 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं उसके उपयोग का संदेश जन-जन तक पहुंचाने व जन-जन को इस अभियान से जोड़ने में सबके सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है। कार्यशाला के दौरान प्रजेन्टेशन के माध्यम से पूरे जिले की भौगोलिक स्थति एवं जल संरक्षण क्षेत्रों में करवाए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई।
जिला कलक्टर सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के जरिए प्रत्येक गांव को जल के लिहाज से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जल की एक-एक बूंद को सहेजने में अपना सक्रिय योगदान दें। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से जल संरक्षण के लिए अनेक स्थानों पर कुएं, बावड़ी, तालाबांे आदि का निर्माण करवाया था, उन्हें भी आज सार-सम्भाल करने की आवश्यकता है। उन्हांेने कहा कि लोगों को इस अभियान की अहमियत समझाए और अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़े। राज्य सरकार की मंशा के मुताबिक इस अभियान को जन आंदोलन बनाएं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एल.नेहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के क्रांतिकारी परिणाम आएंगे और गिरते भू-जल स्तर में सुधार होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम सभी इस अभियान में दिल से जुटे और अपना सहयोग दें। यदि सभी लोग इस पहल पर साथ जुटेंगे तो जिले की तस्वीर ही बदल जाएगी और पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता जागरूकता और जन सहभागिता पर निर्भर है। इस दौरान अधीक्षण अभियंता आइडब्ल्यूएमपी बलवीरसिंह ने कहा कि एमजेएसए में द्वितीय चरण में जिले की 37 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं उसके उपयोग का संदेश जन-जन तक पहुंचाने व जन-जन को इस अभियान से जोड़ने में सबके सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है। कार्यशाला के दौरान प्रजेन्टेशन के माध्यम से पूरे जिले की भौगोलिक स्थति एवं जल संरक्षण क्षेत्रों में करवाए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई।
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