बाड़मेर रोटा वायरस वैक्सीन के लिऐ जिला स्तरीय कार्यषाला
डा0 हेमराज सोनी मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी बाडमेर ने बताया कि रोटावायरस एक अत्यधिक संक्रमण वायरस है यह बच्चेा मे दस्त उत्पन्न करने का सबसे बडा कारण है अैार रोटा वायरस यह दुषित पानी,दुषित खाने एवं गंदे हाथो के सम्पर्क में आने से बच्चो में फैलता है। यह वायरस कई धंटो तक बच्चेा के हाथेंा मे और अन्य सख्त सतहो पर जीवित रह सकता है। रोटा वायरस संक्रमण और दस्त पूरे साल मे कभी भी हो सकते ह। रोटा वायरस दस्त का काई सटीक इलाज नहीं होने की वजह से इसका उपचार भी अन्य दस्त की तरह ही होता है ।रोटा वायरस दस्त का उपचार ओआरएस एवं 14 दिन जिंक टेबलेट के द्वारा किया जाता है। गंभीर दस्त होने पर बच्चे को अस्पलात मे भर्ती भी करवाना पड्रता है ।
रोटा वायरस की पहचान लेबोरेट्ररी जाच के पष्चात ही हो सकती है ।
डा0 पंकज खुराना जिला प्रजनन एव षिष्ुा स्वास्थ्य अधिकारी बाडमेर ने बताया कि रोटा वायरस से होने वाले दस्त रोग की रोकथाम हेतु एवं गम्भीर दस्त रोग से 5 वर्ष तक के बच्चो की होने वाली मृत्यु की रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा रोटा वायरस वैक्सीन को टीकाकरण कार्यक्रम मे षामिल किया गया है ।
माह मार्च 2017 से राजस्थान मे सभी जिलेा मे रोटा वायरस वैक्सीन टीकाकरण मे सामिल किया जाऐगा एवं नियमित टीकाकरण पेन्टावेलेन्ट वैक्सीन के साथ 6सप्ताह ,10 सप्ताह, 14 सप्ताह की उम्र में रोटा वायरस वैक्सीन की पांच बूंद की खुराक पिलाई जाऐगी ।
जिला स्तरीय कार्यषाला मे मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी ,जिला प्रजनन एव षिषु स्वास्थ्य अघिकारी ,डा0 पीसी दीपन उप मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी ( स्वा0) बाडमेर, योगेष षर्मा टीकाकरण समन्वयक जोन जोधपंुर,डा संगमित्रा एसएमओ डब्ल्यू एच ओ मुख्यालय बाडमेर ,डा एस माहेष्वरी पीओ यूएनडीपी मुख्यालय जोधपुर, आदित्य अग्रिहोत्री यूनिसेफ एफडीसी ,राकेष भाटी डीएसी,डा मुकेष गर्ग आईडीएसपी यूनिट,बीसीएमओ,चिकित्सा अधिकारी, मूलषंकर दवे अरबन हेल्थ मेनेजर आदि उपस्थित रहे।
बीसीएमओ एव चिकित्सा अधिकारीयो द्वारा खण्ड स्तर पर एएनएम व आषा सहयोगिनियो को प्रषिक्षण दिया जाऐगा तत्पष्चात रोटा वायरस वैक्सीन का प्रारम्भ किया जायेगा ।
डा0 हेमराज सोनी मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी बाडमेर ने बताया कि रोटावायरस एक अत्यधिक संक्रमण वायरस है यह बच्चेा मे दस्त उत्पन्न करने का सबसे बडा कारण है अैार रोटा वायरस यह दुषित पानी,दुषित खाने एवं गंदे हाथो के सम्पर्क में आने से बच्चो में फैलता है। यह वायरस कई धंटो तक बच्चेा के हाथेंा मे और अन्य सख्त सतहो पर जीवित रह सकता है। रोटा वायरस संक्रमण और दस्त पूरे साल मे कभी भी हो सकते ह। रोटा वायरस दस्त का काई सटीक इलाज नहीं होने की वजह से इसका उपचार भी अन्य दस्त की तरह ही होता है ।रोटा वायरस दस्त का उपचार ओआरएस एवं 14 दिन जिंक टेबलेट के द्वारा किया जाता है। गंभीर दस्त होने पर बच्चे को अस्पलात मे भर्ती भी करवाना पड्रता है ।
रोटा वायरस की पहचान लेबोरेट्ररी जाच के पष्चात ही हो सकती है ।
डा0 पंकज खुराना जिला प्रजनन एव षिष्ुा स्वास्थ्य अधिकारी बाडमेर ने बताया कि रोटा वायरस से होने वाले दस्त रोग की रोकथाम हेतु एवं गम्भीर दस्त रोग से 5 वर्ष तक के बच्चो की होने वाली मृत्यु की रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा रोटा वायरस वैक्सीन को टीकाकरण कार्यक्रम मे षामिल किया गया है ।
माह मार्च 2017 से राजस्थान मे सभी जिलेा मे रोटा वायरस वैक्सीन टीकाकरण मे सामिल किया जाऐगा एवं नियमित टीकाकरण पेन्टावेलेन्ट वैक्सीन के साथ 6सप्ताह ,10 सप्ताह, 14 सप्ताह की उम्र में रोटा वायरस वैक्सीन की पांच बूंद की खुराक पिलाई जाऐगी ।
जिला स्तरीय कार्यषाला मे मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी ,जिला प्रजनन एव षिषु स्वास्थ्य अघिकारी ,डा0 पीसी दीपन उप मुख्य चिकित्सा एव स्वास्थ्य अधिकारी ( स्वा0) बाडमेर, योगेष षर्मा टीकाकरण समन्वयक जोन जोधपंुर,डा संगमित्रा एसएमओ डब्ल्यू एच ओ मुख्यालय बाडमेर ,डा एस माहेष्वरी पीओ यूएनडीपी मुख्यालय जोधपुर, आदित्य अग्रिहोत्री यूनिसेफ एफडीसी ,राकेष भाटी डीएसी,डा मुकेष गर्ग आईडीएसपी यूनिट,बीसीएमओ,चिकित्सा अधिकारी, मूलषंकर दवे अरबन हेल्थ मेनेजर आदि उपस्थित रहे।
बीसीएमओ एव चिकित्सा अधिकारीयो द्वारा खण्ड स्तर पर एएनएम व आषा सहयोगिनियो को प्रषिक्षण दिया जाऐगा तत्पष्चात रोटा वायरस वैक्सीन का प्रारम्भ किया जायेगा ।
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