अजमेर राज्य सरकार द्वारा संचालित अथवा पंजीकृत सम्प्रेषण एवं बालगृहों का निरीक्षण
अजमेर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (बच्चों के मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 के अन्तर्गत गठित सम्प्रेषण एवं किषोर गृह समिति द्वारा जिले में स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित अथवा पंजीकृत सम्प्रेषण एवं बालगृहों का निरीक्षण दिनांक 21.12.2016 को किया गया। निरीक्षण टीम में (सीनियर सिविल जज) पूर्णकालिक सचिव एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल लाॅयर श्रीमती पूनम मेहरा थी।
समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह-बाल अधिकारिता विभाग, अपचारी बालिका/किषोरी गृह एवं नारी निकेतन, दयानन्द सदन, अल्लारिप्पु खिलती कलियां का निरीक्षण किया। निरीक्षण में इन गृहों/सदन में बालक-बालिकाओं के संबंध में विभिन्न बिन्दुओं का निरीक्षण किया गया जिनमें मुख्यतः भवन की स्थिति, भोजन, वस्त्र, रात्रि विश्राम, षिक्षा, सफाई-धुलाई, खेल एवं मनोरंजन, पुस्तकालय/वाचनालय, चिकित्सा सुविधाएं, व्यावसायिक प्रषिक्षण, प्रषासनिक ढांचा, बालक/बालिकाओं की संख्या इत्यादि है। निरीक्षण के दौरान पाई जाने वाली कमियों को दुरूस्त कराने बाबत मौके पर निर्देष प्रदान किये गये। इस प्रकार के निरीक्षण प्रत्येक माह में निरन्तर होते है जिनकी सम्पूर्ण रिपोर्ट माननीय अध्यक्ष-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजमेर को प्रेषित की जाती है।
उल्लेखनीय है कि समिति पूरे जिले में स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित या पंजीकृत संप्रेषण गृह, किशोर गृह, विशेष गृह, आश्रय गृह एवं अन्य किसी भी नाम से संचालित होने वाले बालक गृहों की सूचियां तैयार कर माह में कम से कम एक बार विजिट करती है। उक्त गृहों में सड़कों पर रहने वाले उपेक्षित बच्चे, अनाथ बच्चे विभिन्न माध्यमों से बाल कल्याण समिति तक पहुंचते हैं, बाल कल्याण समिति द्वारा इन बच्चों की वर्गीकरण कर अलग-अलग प्रकार के गृहों में पहुंचाया जाता है। सरकार द्वारा इन बच्चों के समग्र विकास हेतु भवन, भोजन, वस्त्र, रात्रि विश्राम, षिक्षा, सफाई-धुलाई, खेल एवं मनोरंजन, पुस्तकालय/वाचनालय, चिकित्सा सुविधाएं, व्यावसायिक प्रषिक्षण की व्यवस्था कराती है। इन सभी व्यवस्थाओं का मासिक निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजमेर द्वारा किया जाता है। इनमे पाई जाने वाली कमियां को दुरूस्त करने बाबत प्राधिकरण उत्तरोत्तर प्रयासरत है। उपेक्षित/अनाथ बच्चों की सूचना पुलिस को किसी के भी माध्यम से प्राप्त होती है इसके साथ ही चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098 पर भी इनकी सूचना प्राप्त होने पर इन बच्चोें को संप्रेषण गृहों में पहुंचाया जाता है।
अजमेर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (बच्चों के मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं) योजना 2015 के अन्तर्गत गठित सम्प्रेषण एवं किषोर गृह समिति द्वारा जिले में स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित अथवा पंजीकृत सम्प्रेषण एवं बालगृहों का निरीक्षण दिनांक 21.12.2016 को किया गया। निरीक्षण टीम में (सीनियर सिविल जज) पूर्णकालिक सचिव एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल लाॅयर श्रीमती पूनम मेहरा थी।
समिति द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह-बाल अधिकारिता विभाग, अपचारी बालिका/किषोरी गृह एवं नारी निकेतन, दयानन्द सदन, अल्लारिप्पु खिलती कलियां का निरीक्षण किया। निरीक्षण में इन गृहों/सदन में बालक-बालिकाओं के संबंध में विभिन्न बिन्दुओं का निरीक्षण किया गया जिनमें मुख्यतः भवन की स्थिति, भोजन, वस्त्र, रात्रि विश्राम, षिक्षा, सफाई-धुलाई, खेल एवं मनोरंजन, पुस्तकालय/वाचनालय, चिकित्सा सुविधाएं, व्यावसायिक प्रषिक्षण, प्रषासनिक ढांचा, बालक/बालिकाओं की संख्या इत्यादि है। निरीक्षण के दौरान पाई जाने वाली कमियों को दुरूस्त कराने बाबत मौके पर निर्देष प्रदान किये गये। इस प्रकार के निरीक्षण प्रत्येक माह में निरन्तर होते है जिनकी सम्पूर्ण रिपोर्ट माननीय अध्यक्ष-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजमेर को प्रेषित की जाती है।
उल्लेखनीय है कि समिति पूरे जिले में स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित या पंजीकृत संप्रेषण गृह, किशोर गृह, विशेष गृह, आश्रय गृह एवं अन्य किसी भी नाम से संचालित होने वाले बालक गृहों की सूचियां तैयार कर माह में कम से कम एक बार विजिट करती है। उक्त गृहों में सड़कों पर रहने वाले उपेक्षित बच्चे, अनाथ बच्चे विभिन्न माध्यमों से बाल कल्याण समिति तक पहुंचते हैं, बाल कल्याण समिति द्वारा इन बच्चों की वर्गीकरण कर अलग-अलग प्रकार के गृहों में पहुंचाया जाता है। सरकार द्वारा इन बच्चों के समग्र विकास हेतु भवन, भोजन, वस्त्र, रात्रि विश्राम, षिक्षा, सफाई-धुलाई, खेल एवं मनोरंजन, पुस्तकालय/वाचनालय, चिकित्सा सुविधाएं, व्यावसायिक प्रषिक्षण की व्यवस्था कराती है। इन सभी व्यवस्थाओं का मासिक निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अजमेर द्वारा किया जाता है। इनमे पाई जाने वाली कमियां को दुरूस्त करने बाबत प्राधिकरण उत्तरोत्तर प्रयासरत है। उपेक्षित/अनाथ बच्चों की सूचना पुलिस को किसी के भी माध्यम से प्राप्त होती है इसके साथ ही चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098 पर भी इनकी सूचना प्राप्त होने पर इन बच्चोें को संप्रेषण गृहों में पहुंचाया जाता है।
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