मंगलवार, 29 नवंबर 2016

Cabinet meeting: सरकारी भर्ती और पदोन्नती को लेकर बड़ा फैसला

Cabinet meeting: सरकारी भर्ती और पदोन्नती को लेकर बड़ा फैसला
Cabinet meeting: सरकारी भर्ती और पदोन्नती को लेकर बड़ा फैसला
राजस्थान में आडियाे-वीडियो के जरिए अदालतों में कैदी की पेशी की जाएगी। इसके लिए नियम में संशोधन किया जा रहा है। इसकी शुरूआत भी राज्य के झुझूनू जिले से की जा चुकी है।

- कैबिनेट की बैठक में राज्य की प्रथम सड़क सुरक्षा नीति का किया अनुमोदन किया गया। इसके तहत कई फेज में पुराने वाहनों को सड़कों से हटाया जाएगा।

- अगले चार महीनों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य रखा है।

- 2015 में 8733 मौत हुई दुर्घटनाओं में हुई है। प्रतिदिन 67 सड़क दुर्घटनाएं होती है, जिनमें औसतन 28 मौत हो रहीं।

डेडिकेटेड रोड सेफ्टी फण्ड का भी किया गया है गठन

- कैबिनेट बैठक में राजस्थान वाणिज्य कर अधीनस्थ सेवा नियम में बदलाव कर सहायकों को प्रमोट करने का रास्ता साफ किया गया है।

- कैबिनेट ने मृत आश्रित कर्मचारियों को भी राहत दी है। आश्रितो के कंप्यूटर सीखने की अवधि को 2 साल तक बढ़ााया गया है।

- सीआरपीसी में भी संशोधन का अनुमोदन राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा गया है।

- सहायक सांख्यिकी अधिकारी और संगणक के 650 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ किया गया है। वहीं भर्ती के नियम में भी संशोधन किया गया है।

- होम्योपैथी डाक्टरों के पंजीकरण शुल्क में भी बदलाव किया गया है। गैर पंजीकृत डाक्टरों पर 10 हजार जुर्माना या दो साल की कैद निर्धारित की गई है।

- राजस्थान कारागार सेवा नियमों में भी बदलाव किया गया है। सहायक कारापाल,महामुख्य प्रहरी,उपकारापाल की भी सामान वेतन श्रृंखला होगी। अब उप जेलर के नाम से जाने जायेंगे तीनों पद।

- सेशन न्यायालय खुद या हाइकोर्ट की इजाजत से सुनवाई के स्थान में बदलाव कर सकेगा। बिना अभियोजन या अभियुक्त की सहमति के भी स्थान को परिवर्तित कर सकेगा।

- 300 चुंगी कर्मियों को भी मिली राहत दी गई है।

- अशोक गहलोत सरकार के फैसले पर मुहर।

- पिछली सरकार की ओर से 25 पीएचसी को सीएचसी बनाने का फैसला रहेगा बरकरार। 50 नई पीएचसी भी नहीं होंगी बंद।




राज आबकारी सेवा नियमों में भी बदलाव




- राजस्थान रेंट कंट्रोल एक्ट में भी संशोधन। राज्य के शहरों से अब पूरे राज्य के सभी शहरों में लागू। अब फिक्स राशि का प्रावधान हटाया ,अब कम किराये में भी लागू होगा एक्ट। एसडीएम होंगे अधिकारी।

- मकान मालिक 1 माह का एडवांस लेगा किराया। किराया सहमति के आधार पर तय होगा। मकान दुकानों को किरायों पर देने वाले विवाद होंगे कम।

- अभियोजन स्वीकृति के बाद ही लोक सेवकों के खिलाफ चल पाएगा मुकदमा

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