जैसलमेर,अंतर्राष्ट्रीय मनोदशा दिवस की पूर्व संध्या पर दी विधिक सेवा के बारे में जानकारी
जैसलमेर,10 अक्टूम्बर। अंतर्राष्ट्रीय मनोदशा दिवस की पूर्व संध्या पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जैसलमेर के तत्वावधान में दलाला पाडा ( मिलन चैक) पर मानसिक रूगणता ध् मंदबुद्धि ता ध् विकलांगता से ग्रसित व्यक्तियों के अधिकार के संबंध में उपस्थित आमजन को जानकारी दी गई । इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव व सी जे एम पूर्णिमा गौड नें भी विधिक सेवा के बारें में जानकारी दी द्य पैनल अधिवक्ता गिरिराज गज्जा ने इस के बारे में उपस्थित जन समूह को इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रति वर्ष 10 अक्टूबर को यह दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाता है. भारत सरकार ने मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों के कल्याण हेतू वर्ष 1987 में मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम बनाया,गज्जा ने भारतीय संविदा अधिनियम 1872 की धारा 11 व 12 के प्रावधानों, संपत्ति अंतरण अधिनियम 1872 की धारा 7, हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 5 व धारा 13 (1)व (3) के प्रावधानों, मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम 1939 की घारा 2(6) में यह प्रावधान है कि, यदि विवाह का कोई पक्षकार दो वर्ष तक उन्मुक्तता की स्थिति में रहता है तो दूसरे पक्षकार के लिए यह विवाह विच्छेद का एक आधार है, दीवानी प्रकिया संहिता 1908 के आदेश 32 के अंतर्गत मंद बुध्दि वाले वादी की ओर से किसी अन्य व्यक्ति को वाद पेश करने की अनुमति दी जाती है जिसे वाद मित्र कहा जाता है तथा यदि कोई प्रतिवादी है तो न्यायालय उसकी प्रतिरक्षा हेतु संरक्षक की नियुक्ति कर सकता है द्य. उसके साथ एडवोकेट गज्जा ने इस संबंध में प्राधिकरण के द्वारा चल रही नालसा की योजना के बारें में भी जानकारी दी और इससे संबंधित पत्रक बांटे, नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाऐं) योजना 2015 की जानकारी दी,उसके साथ साथ उन्होने बताया कि मानसिक रोग उपचार योग्य है ,नयायालयीन कार्यवाहियों के दौरान मानसिक बीमार व्यक्तियों के अधिकारों को शासित करने हेतु दो अधिनियम बनाये गये हैं, मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम ॄ1987 और राष्ट्रीय कल्याण ट्रस्ट अधिनियम 1999 द्य. कार्यक्रम के अंत में एडवोकेट गज्जा ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया, परिचर्चा में लीलाधर राठी, राणजी,मुरलीधर थानवी,मांगीलाल शारदा,डी डी संावल, गणेश जगाणी राजू सेवक ,रितेश कुमार, भवेश सांवल सहित कई महिलाओं व पुरूषों के साथ बच्चे
जैसलमेर,10 अक्टूम्बर। अंतर्राष्ट्रीय मनोदशा दिवस की पूर्व संध्या पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जैसलमेर के तत्वावधान में दलाला पाडा ( मिलन चैक) पर मानसिक रूगणता ध् मंदबुद्धि ता ध् विकलांगता से ग्रसित व्यक्तियों के अधिकार के संबंध में उपस्थित आमजन को जानकारी दी गई । इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव व सी जे एम पूर्णिमा गौड नें भी विधिक सेवा के बारें में जानकारी दी द्य पैनल अधिवक्ता गिरिराज गज्जा ने इस के बारे में उपस्थित जन समूह को इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रति वर्ष 10 अक्टूबर को यह दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाता है. भारत सरकार ने मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों के कल्याण हेतू वर्ष 1987 में मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम बनाया,गज्जा ने भारतीय संविदा अधिनियम 1872 की धारा 11 व 12 के प्रावधानों, संपत्ति अंतरण अधिनियम 1872 की धारा 7, हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 5 व धारा 13 (1)व (3) के प्रावधानों, मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम 1939 की घारा 2(6) में यह प्रावधान है कि, यदि विवाह का कोई पक्षकार दो वर्ष तक उन्मुक्तता की स्थिति में रहता है तो दूसरे पक्षकार के लिए यह विवाह विच्छेद का एक आधार है, दीवानी प्रकिया संहिता 1908 के आदेश 32 के अंतर्गत मंद बुध्दि वाले वादी की ओर से किसी अन्य व्यक्ति को वाद पेश करने की अनुमति दी जाती है जिसे वाद मित्र कहा जाता है तथा यदि कोई प्रतिवादी है तो न्यायालय उसकी प्रतिरक्षा हेतु संरक्षक की नियुक्ति कर सकता है द्य. उसके साथ एडवोकेट गज्जा ने इस संबंध में प्राधिकरण के द्वारा चल रही नालसा की योजना के बारें में भी जानकारी दी और इससे संबंधित पत्रक बांटे, नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाऐं) योजना 2015 की जानकारी दी,उसके साथ साथ उन्होने बताया कि मानसिक रोग उपचार योग्य है ,नयायालयीन कार्यवाहियों के दौरान मानसिक बीमार व्यक्तियों के अधिकारों को शासित करने हेतु दो अधिनियम बनाये गये हैं, मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम ॄ1987 और राष्ट्रीय कल्याण ट्रस्ट अधिनियम 1999 द्य. कार्यक्रम के अंत में एडवोकेट गज्जा ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया, परिचर्चा में लीलाधर राठी, राणजी,मुरलीधर थानवी,मांगीलाल शारदा,डी डी संावल, गणेश जगाणी राजू सेवक ,रितेश कुमार, भवेश सांवल सहित कई महिलाओं व पुरूषों के साथ बच्चे
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