बुधवार, 7 सितंबर 2016

मंगलोर कॉलेज में लड़कों को न छुएं लड़कियां, लिपस्टिक और काजल पर लगाया बैन



मंगलोर कॉलेज में लड़कों को न छुएं लड़कियां, लिपस्टिक और काजल पर लगाया बैनकॉलेज में लड़कों को न छुएं लड़कियां, लिपस्टिक और काजल पर लगाया बैन


कर्नाटक के मंगलोर के एक कॉलेज में लड़कियों पर लगे बैन के नए फरमान से हंगामा खड़ा हो गया है। हालांकि इससे छात्र भी अछूते नहीं हैं, लेकिन इससे लड़कियां ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। राज्य के नामी कॉलेज ने लड़कियों के उठने बैठने से लेकर उनके मेकअप तक के लिए गाइडलाइन जारी की है।




सेंट एलॉयसिस पीयू कॉलेज मंगलोर की पूर्व छात्रा सतश्या थारिएन ने इन नियमों के विरोध में एक ब्लॉग पोस्ट लिखी है। नए नियम के तहत कई तरह की बंदिशें लगाई गई हैं। इसमें लड़कियों के मेकअप करने पर मनाही है। साथ ही उन्हें ड्रेस कोड फॉलो करने पर भी मजबूर किया जा रहा है। और तो और लड़के-लड़कियां आपस में बात तक नहीं कर सकते।




कॉलेज ने जारी किए ये नियम

-लड़कियां लड़कों के करीब नहीं जाएंगी

-लड़के-लड़कियां एक दूसरे को छुएंगे नहीं

-कॉलेज कैंपस में गले मिलने पर पूरी तरह पाबंदी

-पेड़ों के नीचे, पार्क, पार्किंग एरिया, बुक स्टोर और दूसरे स्थानों पर लड़कों के साथ दिखने पर रोक

-लंच के लिए लड़कियां नहीं जा सकेंगी कैंपस से बाहर

-ब्रेक के दौरान दूसरी क्लास के लड़कों से नहीं होगी कोई बातचीत

-पब और पार्टियों में जाने पर रोक

-लड़के-लड़कों के बीच किसी तरह के शारीरिक संपर्क पर पूरी तरह रोक।

-लड़कियों लिपिस्टिक नहीं लगा सकेंगी, सिर्फ कलरलैस ग्लॉस की इजाजत

- मेकअप पर रोक, मेकअप का सामान बैग में मिलने पर किया जाएगा जब्त

-आई मेकअप, गाढ़े काजल की इजाजत नहीं

-रंगबिरंगे जूते पहनने पर भी रोक। सिर्फ काले फुटवियर पहनने की इजाजत

-सिर्फ हथेलियों पर मेंहदी लगाने की छूट। लगाने से पहले लेनी होगी इजाजत

- बाल खुले रखने पर सख्त पाबंदी। बालों में कलर करने पर भी रोक।

-लड़के-लड़कियों के बीच दूरी जरूरी




जुर्माना लगेगा, कॉलेज से हो जाएंगे बाहर

इन नियमों को न मानने की सजा भी तय कर दी गई है। कॉलेज ने नियमों के साथ जुर्माना 500 रुपये तय किया है। दोबारा नियम तोडऩे पर राशि दोगुनी हो जाएगी। बार-बार कोई नियम तोड़ता है, तो परिजनों से शिकायत के साथ कॉलेज से निष्कासित कर दिया जाएगा।




प्रबंधन का गोलमोल जवाब

प्रिंसिपल का कहना है कि ऐसा कोई नियम जारी नहीं किया गया। लड़कियों के लिए कॉलेज में सिर्फ एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम कराया गया था। उन्होंने कहा, जिस पेज पर नियम लिखे गए हैं, उसमें कॉलेज की मुहर या अधिकारिक लेटर नहीं है।

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