शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

जैसलमेंर में वरदान साबित हो रहे है राजस्व लोक अदालत अभियान



जैसलमेंर में वरदान साबित हो रहे है राजस्व लोक अदालत अभियान

प्रथम चरण में जिले में 83 राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार षिविरेां का आयोजन

वर्षों पुराने राजस्व मामलों के निस्तारण से कई लोगों को मिली राहत,

2829 नामांकरण खोले गये, 475 खाता विभाजन के प्रकरण निस्तारित किये गये


जैसलमेर 8 जुलाई। राज्य सरकार द्वारा दूसरी बार बकाया राजस्व प्रकरणों एवं राजस्व न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के लिए जिले में 9 मई से प्रारम्भ किये गये ’’राजस्व लोक अदालत अभियान-न्याय आपके द्वार’’ कार्यक्रम 2016 के अन्तर्गत प्रथम चरण में 30 जून तक आयोजित हुए षिविर जिलेवासियों के लिए बहुत ही लाभदायी सिद्ध हुए। इन राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से जहां कई लोगों को वर्षों बाद खातेदारी भूमि का हक मिला वहीं शुद्धिकरण के माध्यम से कई काष्तकारों के नाम सही करके उन्हे हमेषा-हमेषा के लिए असली भूमि का मालिक बनाया गया। जिलें में 83 ग्राम पंचायतों में षिविरों का आयोजन किया जाकर राजस्व के मामलों का निस्तारण कर लोगों को राहत दी गई।

2829 नामांतकरण खोले गए

जिला कलक्टर मातादीन शर्मा ने बताया कि जिले की तहसील जैसलमेर, पोकरण, फतेहगढ एवं भणियाणा में 83 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर षिविर का आयोजन किया जाकर आस-पड़ोस की पंचायतों के भी इन षिविरों में राजस्व प्रकरणों का निस्तारण करके काष्तकारों को बहुत बड़ी राहत प्रदान की गई। लोक अदालत अभियान षिविरों के अन्तर्गत धारा-135 के तहत राजस्व अधिकारियों द्वारा कुल 2829 नामांतरकरण खोलकर लोगों को बहुत बडी राहत प्रदान की गई इन नामांतकरण खोलने से लोगों के राजस्व रिकार्ड में इनके नाम दर्ज हुए है। इसके अन्तर्गत तहसील जैसलमेर में 1051, पोकरण में 537, भणियाणा में 851 तथा तहसील फतेहगढ़ में 390 नामांतकरण खोलकर लोगों के नाम राजस्व रिकार्ड में अमल-दरामद किये गये।

खाता विभाजन के 475 मामलों तथा खाता दुरुस्ती के 208 मामलों का निस्तारण

उन्हांेने बताया कि इन षिविरों के माध्यम से जिन लोगों के राजस्व रिकार्ड में खाते सही रूप से दर्ज नहीं थे उन खातों की षिविरों में मौके पर ही राजस्व अधिकारियों द्वारा खाता दूरस्ती करके उनके खाते सही नाम से दर्ज कर उन्हें लाभान्वित किया गया। इसके अन्तर्गत जिले में 208 खाता दुरस्तीकरण प्रकरण मौके पर ही सही करके उनको दूरस्त किया गया। इसके अन्तर्गत तहसील जैसलमेर में 64, तहसील पोकरण में 24,भणियाणा में 71 तथा तहसील फतेहगढ में 49 खाता दुरस्ती के मामलों का निस्तारण किया जाकर सम्बन्धित व्यक्ति को राहत दी गई।

षिविरों के अन्तर्गत वर्षाें से लम्बित खाता विभाजन के मामलों का भी निस्तारण किया जाकर अनेकों किसानों को इसका लाभ दिया गया। सामलाती संयुक्त खाता होने से व्यक्तिगत रूप से किसान उनकी भूमि होते हुए भी उस भूमि पर केसीसी का पूरा लाभ नहीं उठा पाते थे वहीं वे उस जमीन को विकसित करने में उतनी रुची भी नहीं दिखाते थे। षिविरों में जिले में 475 खाता विभाजन के प्रकरण निस्तारित करके उनके अलग-अलग किये जाकर उनके हिस्से की असली भूमिका मालिकाना हक प्रदान किया गया एवं राजस्व रिकार्ड में भी उनके नाम से खातेदारी भूमि दर्ज की गई। इसमें तहसील जैसलमेर में 154, तहसील पोकरण मंे 65,भणियाणा में 149 एवं तहसील फतेहगढ में 107खाता विभाजन के प्रकरणों को निस्तारित करके खातेदारों को बहुत बडी राहत ग्राम पंचायत मुख्यालय पर उपलब्ध कराई गई। ऐसे मामलो के निस्तारण के लिए खातेदारों को तहसील एवं उपखण्ड मुख्यालय पर खाता विभाजन करने के लिए हजारों रूपये खर्च करने पड़ते थे एवं उनका समय भी लगता था लेकिन इन षिविरों के परिणाम स्वरूप मौके पर ही खातेदारों की सहमति से बिना पैसे खर्च किये खातों का विभाजन हुआ है।

97 लोगों को मिले खातेदारी अधिकार

उन्होंने बताया कि लोक अदालत षिविरों में वर्षों से गैर खातेदार को खातेदारी अधिकारी प्रदान करके उनको भी बहुत बड़ी राहत प्रदान की गई। खातेदारी अधिकार मिलने से अब उन्हे आसानी से कृषि के विकास के लिए ऋण भी मिलेगा वहीं केसीसी का लाभ भी मिलेगा। पूर्व में गैर खातेदारी होने से वे इन सुविधाओं से महरूम थे। जिले में आयोजित हुए इन षिविरों के दौरान कुल 97 गैर खातेदारों को खातेदारी का अधिकार प्रदान करके उनको असली भूमि का मालिक बनाया गया। इसमें तहसील जैसलमेर 93 तथा तहसील पोकरण में व में भणियाणा में 2-2 गैर खातेदार को खातेदारी अधिकार प्रदान किया गया।

2801 राजस्व नकलें प्रदान की गई

शर्मा ने बताया कि षिविरों के अन्तर्गत कुल 2801 राजस्व नकलें लोगों को मौके पर ही प्रदान की गई इसका भी किसानों को लाभ मिला है। इसके अन्तर्गत तहसील जैसलमेर में 1134, तहसील पोकरण मंें 447,भणियाणा में 681 एवं तहसील फतेहगढ़ में 539 राजस्व नकलें प्रदान की गई। इसी प्रकार धारा-251 के अन्तर्गत 6 मामले निस्तारित किये गये वहीं कुल 2192 अन्य प्रकरण निस्तारित किये गये जिसमें तहसील जैसलमेर में 1555,तहसील पोकरण में 18,भणियाणा में 313 एवं तहसील फतेहगढ़ में 306 अन्य प्रकरण निस्तारित किये गये।

इस प्रकार इन राजस्व लोक अदालत षिविरों में कुल 8638 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इसमें तहसील जैसलमेर 4083, तहसील पोकरण में 1094,भणियाणा में 2065 एवं तहसील फतेहगढ़ में 1396प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

उपखंड अधिकारियों द्वारा 194 खातों की दुरस्ती

राजस्व लोक अदालत अभियान षिविरों में उपखण्ड अधिकारियों द्वारा भी धारा-136 में खाता दुरस्ती के प्रकरणों का निस्तारण करके सम्बन्धित खातेदार को बहुत बड़ी राहत दी गई। वहीं खाता विभाजन, खातेदारी अधिकार आदि के मामले भी निस्तारित किये गये। इसमें उपखण्ड अधिकारियों द्वारा जिले में धारा-136 के अन्तर्गत 194 खाता दूरस्ती के मामलों का निस्तारण किया गया। इसमें उपखण्ड अधिकारी जैसलमेर द्वारा 48, उपखण्ड अधिकारी पोकरण द्वारा 35, फतेहगढ द्वरा 48 तथा भणियाणा द्वारा 63 खाता दुरस्ती के मामले निपटाये गये।

इसी प्रकार उपखण्ड अधिकारियों द्वारा धारा 53 के अन्तर्गत 14 खाता विभाजन के मामलों का निस्तारण किया गया जिसमें उपखण्ड पोकरण/भणियाणा में 9 व फतेहगढ़ में 3 व जैसलमेर में 2 खाता विभाजन के मामले निपटाये गये। इसी प्रकार खातेदारी घोषणा में धारा-88 के तहत् 48 लोगों को खातेदारी अधिकार प्रदान किया गया। जिसमें उपखण्ड फतेहगढ़ 43 व पोकरण/भणियाणा में 5 खातेदारी अधिकार प्रदान किया गया। षिविरों में धारा-188 के तहत् 35 प्रकरण निस्तारित किये गये वहीं 6 नामान्तकरण अपील के मामलों को निपटाए गया। इनके द्वारा 145 पुराने एवं 205 नये प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इस प्रकार जिले में अब तक आयोजित हुए राजस्व लोक अदालत षिविर ग्रामीणों व किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी एवं लाभदायी सिद्ध हुए है।



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